शरीर को फिट रखने के लिए कई तरह की एक्सरसाइज की जाती हैं। एक्सरसाइज की लंबी लिस्ट में एरोबिक वर्कआउट (Aerobic Exercise) भी शामिल है। एरोबिक एक्सरसाइज एक शाररिक गतिविधि है, जिसे करने के दौरान शरीर में ब्लड का फ्लो तेजी से होता है। इस एक्सरसाइज में मांसपेशियों का समूह एक साथ कार्य करता है। एरोबिक का अर्थ ऑक्सिजन की उपस्थिति है। इसलिए इसे कॉर्डियोवैस्कुलर एक्टिविटी (cardiovascular activity) भी कहा जाता है। टहलना, जॉगिंग करना, डांसिंग, स्विमिंग आदि एरोबिक एक्सरसाइज के अंतर्गत आते हैं। इस वर्कआउट को कार्डियो के अंतर्गत रखा जाता है। इससे दिल भी स्वस्थ रहता है। जानिए कैसे की जाती है एरोबिक एक्सरसाइज।
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कैसे करें एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise)?
एरोबिक एक्सरसाइज न केवल फिटनेस में सुधार करता है, बल्कि यह शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी होता है। एरोबिक वर्कआउट कैंसर, डायबिटीज, डिप्रेशन (अवसाद), हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 5 दिन आधे-आधे घंटे मॉडरेट एरोबिक (Moderate aerobic) एक्सरसाइज करना चाहिए। तेज चलना, सीढ़ियां उतरना चढ़ना आदि मध्यम एक्टिविटी के उदाहरण हैं, जबकि दौड़ना, साइकिल चलाना आदि तेज गतिविधि (vigorous activity) के उदाहरण हैं।
एरोबिक कई तरह के एक्सरसाइजों का समूह है। लेकिन आमतौर पर वजन घटाने और शरीर को फिट रखने के लिए ज्यादातर लोग एरोबिक एक्सरसाइज करना पसंद करते हैं।
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एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise) के अंतर्गत आने वाले वर्कऑउट्स
- डांसिंग (Dancing)- डांसिंग सबसे बेहतर एरोबिक है। डांस करने से शरीर से काफी तेजी से पसीने निकलता है। इससे शरीर का फैट तो कम होता ही है साथ में शरीर के विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल आते हैं। जिससे वजन कम होने में मदद मिलता है।
- जॉगिंग (Jogging)- जॉगिंग हाई कॉर्डियो एक्टिविटी है, जिससे शरीर में फैट कम हो सकता है। इसके साथ शरीर का पर्याप्त स्टैमिना भी बढ़ सकता है। प्रतिदिन जॉगिंग करने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
- रस्सी कूदना– यह भी एक तरह की एरोबिक एक्सरसाइज है। रस्सी कूदने से शरीर के पूरे हिस्सों की एक्सरसाइज एक साथ हो सकती है। यह शरीर को टोन करने और बॉडी में जमा एक्स्ट्रा फैट को घटाने में मदद कर सकता है।
- स्विमिंग (Swimming)- स्विमिंग एरोबिक एक्सरसाइज कि श्रेणी में शामिल है। स्विमिंग से पूरे शरीर की एक साथ एक्सरसाइज हो जाती है। तैराकी करने से कंधों, कमर, पीठ, पेट और पैर को एकसाथ टोन होने में मदद मिलता है। एक्स्ट्रा कैलोरी घटाने के लिए यह एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।
- जुंबा (Zumba) – जुंबा एक डांस फॉर्म है, जो वजन घटाने और शरीर को बेहतर आकृति प्रदान करने में मदद कर सकता है। वजन कम करने के लिए महिलाओं के बीच जुंबा डांस बहुत लोकप्रिय है।
- वेट ट्रेनिंग (Weight training)- यह ऐसी एरोबिक एक्सरसाइज है, जिसे उपकरणों की सहायता से किया जा सकता है। आमतौर पर वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज जिम सेंटर के अंदर ही किया जाता है। यह एक्सरसाइज बॉडी को सही शेप प्रदान करने और फैट कम करने में सहायक हो सकती है।
- बरपीस (Burpese)- वजन कम करने के लिए सबसे सही और सफल तरीका माना जाता है बरपीस। फिटनेस एक्सपर्ट के अनुसार बरपीस हर रोज कम से कम 10 बार किया जा सकता है। इस वर्कआउट से वजन कम करने में सहायता मिलेगी।
- सीढ़ियों पर वर्कआउट- यह वर्कआउट शरीर को फिट रखने के लिए सबसे सही माना जाता है। आप रोजाना अपने घर की या बिल्डिंग की सीढ़ियों पर 15 से 20 मिनट तक कर सकते हैं। धीरे-धीरे इस वर्कआउट को बढ़ाकर आप आधे घंटे भी कर सकते हैं। यदि आपके पास वक्त की कमी है, तो आप घर से ऑफिस, ऑफिस से या फिर किसी भी जगह जहां आप जा रहे हैं, वहां लिफ्ट की जगह सीढ़ियों से आने-जाने की कोशिश करें।
- स्क्वॉट्स (Squats)- स्क्वॉट्स एक्सरसाइज शरीर की ज्यादातर मसल्स को प्रभावित करती हैं। इस वर्कआउट से कंधों, कमर और पैर की सभी मसल्स मजबूत होती हैं। इस एक्सरसाइज से मसल्स का विकास होने के साथ-साथ स्ट्रॉन्ग भी होती है।
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एरोबिक किसी भी समय किया जा सकता है। एरोबिक करना बेहद आसान भी होता है। इस एक्सरसाइज को किसी भी उम्र के लोग यहां तक कि बच्चे भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं। एरोबिक सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। एरोबिक करने के क्या फायदे हो सकते हैं ?
एरोबिक एक्सरसाइज के फायदे (Benefits of aerobic exercise)
- एरोबिक स्ट्रेस को कम करने में बहुत सहायक होती है। एक स्टडी में पाया गया है कि यदि हफ्ते में तीन से पांच दिन आधे घंटे तक एरोबिक एक्सरसाइज किया जाए तो डिप्रेशन की समस्या दूर हो सकती है और मूड भी अच्छा हो सकता है।
- हाय ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने के लिए एरोबिक बहुत फायदेमंद वर्कआउट है। इस एक्सरसाइज को करने से ब्लड वेसल्स (blood vessels) अधिक कठोर बनती हैं। इसलिए हृदय रोगों के खतरे से बचने के लिए एरोबिक एक्सरसाइज करना फायदेमंद है।
- हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार तीस साल की उम्र के बाद व्यक्ति के मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं। रिसर्च के अनुसार इस स्थिति से बचने के लिए और कोशिकाओं को टूटने से बचाने के लिए एरोबिक करना फायदेमंद हो सकता है। यह मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के साथ ही यादाश्त को बढ़ाने और भूलने की बीमारी को दूर करने में मदद करती है।
- यह एक्सरसाइज अस्थमा के पेशेंट के लिए काफी लाभकारी होता है। दरअसल एरोबिक वर्कआउट के दौरान फेफड़ों तक हवा पहुंचती है। जिससे फेफड़ों में मौजूद विषाक्त बाहर निकलते हैं। हालांकि अस्थमा के पेशेंट को इस वर्कआउट से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए की उन्हें यह वर्कआउट करना है या नहीं।
- इस वर्कआउट को नियमित रूप से करने पर इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होता है। यह वर्कआउट महिलाओं में कोर्टिसोल हॉर्मोन को बढ़ाने में मदद करता है। इससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। अगर आपको सूजन से समस्या होती है, तो इस परेशानी को भी दूर करने में सहायक होता है। महिलाओं में ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है।
- एरोबिक एक्सरसाइज करने से नींद की परेशानी दूर हो सकती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के रिसर्च के अनुसार जिन लोगों ने 4 महीने तक एरोबिक एक्सरसाइज की उनकी नींद से जुड़ी परेशानी दूर हुई।
- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार जिन लोगों को स्मोकिंग की आदत है और वह अपनी इस आदत या लत को छोड़ने में असमर्थ हैं, तो एरोबिक एक्सरसाइज उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
एरोबिक एक्सरसाइज के बारे में पहले एक्सपर्ट से समझ लें और फिर करना शुरू करें। ऐसा करने से एक्सरसाइज के दौरान अनजाने में करने वाली गलतियों से बचा जा सकता है। अगर आप एरोबिक एक्सरसाइज से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic exercise) के दौरान किन बातों का रखें ध्यान?
एरोबिक एक्सरसाइज के दौरान निम्नलिखित बातों का रखें ध्यान। जैसे:
- अगर आपके पैर में चोट लगी है या दर्द रहता है, तो ऐसी स्थिति में इस वर्कआउट को करने से डॉक्टर से सलाह लें।
- स्विमिंग के दौरान ध्यान रखें कि मसल्स में खिंचाव न आये।
- अगर रस्सी कूदते समय पैर, घुटनों या हाथ में चोट लग जाए या दर्द महसूस होने पर रस्सी न कूदें।
- अगर आपकी सर्जरी हुई है, तो ऐसे में वर्कआउट न करें।
- गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह के वर्कआउट से अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
एरोबिक एक्सरसाइज के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
एरोबिक एक्सरसाइज या किसी भी व्यायाम को ठीक तरह से नहीं करने पर निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:
- मांसपेशियों में थकान या दर्द महसूस होना
- लोअर बैक में दर्द होना
- अपर बैक में भी दर्द की परेशानी हो सकती है।
इन साइड इफेक्ट्स के अलावा अन्य तकलीफ मासूस होने पर लापरवाही न बरतें और डॉक्टर सलाह लें।
अगर आप एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
इस वीडियो के माध्यम से जानिए कैसे योग की मदद से शरीर के दर्द को दूर किया जा सकता है।
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