मूड खराब है, काम में मन नहीं लग रहा या किसी के साथ अनबन हुई है.. जब भी कोई बात बिगड़ती है, तो लोग मूड बनाने के लिए कहते हैं ‘कुछ मीठा हो जाए!’ लेकिन उन लोगों के बारे में जरा सोचिए, जो डायबिटीज के चलते मीठे से न चाहते हुए भी कोसों दूर रहते हैं! डायबिटीज की तकलीफ जब भी किसी की जिंदगी में दस्तक देती है, तो डॉक्टर्स उन्हें खास तौर पर अपनी सेहत का ख्याल रखने की हिदायत देते हैं। जिसके कारण उन्हें अपनी जिंदगी में कई बड़े बदलाव करने पड़ते हैं। लेकिन आप बिलकुल ना घबराएं, क्योंकि इस वर्ल्ड डायबिटीज डे पर हम आपके लिए लेकर आ रहे हैं डायबिटीज का एक ऐसा इलाज, जिसे अपना कर आप इस तकलीफ से छुटकारा पा जाएंगे। जानिए शुगर लेवल (Sugar level) के बढ़ जाने पर क्या उपाय कर सकते हैं।
दरअसल डायबिटीज मेटाबॉलिज्म से जुड़ी हुई बीमारियों में से एक है। जब् शरीर में ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) लंबे समय तक बढ़ा रहता है, तो डायबिटीज की दिक्कत हो जाती है। नैशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार जब शरीर में इंसुलिन (Insulin) का सिक्रीशन ठीक तरह से नहीं होता और जब ये ठीक तरह से काम करना बंद कर देता है, तो समझ जाना चाहिए कि आप डायबिटीज की गिरफ्त में आ गए हैं। लेकिन इससे बचने के लिए एक रास्ता है! और ये रास्ता है आयुर्वेद का। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर मधुमेह का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Diabetes) क्या है? और क्या डायबिटीज के मरीज को इन्सुलिन और सिंथेटिक मेडिसिन्स से छुटकारा मिल सकता है? तो जान लीजिए कि ये मुमकिन है! आज हम आपके लिए इन्ही से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। लेकिन सबसे पहले जानते हैं आखिर डायबिटीज है क्या!
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मधुमेह (Diabetes) – तकलीफ ऐसी कि दिन का चैन भुला दे
आयुर्वेदिक इलाज से पहले आइए समझते हैं अपने शरीर को। दरअसल हमारे शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे दोष होते हैं। हर व्यक्ति इन तीनों में से किसी एक दोष से घिरा होता है। जब बात आती है मधुमेह के मरीजों की, तो उनमें खास तौर पर कफ की परेशानी देखी जाती है। लाइफस्टाइल डिजीज में शामिल डायबिटीज एक ऐसी तकलीफ है, जो ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) और इंसुलिन पर खास तौर से निगेटिव असर डालती है। अगर इसे मेडिकली समझा जाए, तो जब पैनक्रियाज जरूरी मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाती, तब बॉडी इसका ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाती है और इसी के करण आपको डायबिटीज होता है। क्या आप ये जानते हैं कि मधुमेह (Diabetes) हमारी बदलती लाइफस्टाइल, बढ़ते वजन, स्ट्रेस या जेनेटिक कारणों से हो सकता है। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि डायबिटीज हो और उसका इलाज न हो। डायबिटीज (मधुमेह) का इलाज ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) को ठीक करके किया जा सकता है। साथ ही साथ डायबिटीज के साथ चलनेवाली बाकी बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
तो अब आप समझे कैसे डायबिटीज हमारी बॉडी में बदलाव लाकर हमें दवाइयां लेने पर मजबूर कर देता है! लेकिन जब बात हो इन दवाइयों की, तो डायबिटीज में आम तौर पर लोग सिंथेटिक मेडिसिन लेने लगते हैं, जिसका बुरा असर हमारी बॉडी पर होने लगता है। तो ऐसा क्या करें कि हमें ये सिंथेटिक दवाएं लेने की जरूरत ना पड़े? इसका जवाब जानने से पहले आइए जान लेते हैं कि ये दवाएं डायबिटीज में काम कैसे करती हैं।
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सिंथेटिक दवाओं का साथ, कुछ ना आए हाथ!
जैसा कि आपने जाना, डायबिटीज में कोई भी सबसे पहले सिंथेटिक दवाओं का हाथ थामता है। ऐसे में लोग दूसरे बेहतर इलाजों के बारे में सोचते तक नहीं। जब डायबिटीज की तकलीफ में पेशेंट्स का ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) बढ़ता है, तो इस बढ़े हुए शुगर (Sugar level) लेवल को कम करने के लिए सिंथेटिक मेडिसिन का रास्ता अपनाया जाता है। कई बार बॉडी में इंसुलिन बनने के बाद भी ग्लूकोज लेवल बैलेंस नहीं हो पाता, ऐसे में डॉक्टर्स आपके लिए दवा प्रिस्क्राइब करते हैं। लेकिन यहां एक बात ना भूलनेवाली ये है कि इन दवाओं को खाने से बॉडी पर पॉजिटिव इफेक्ट कम और निगेटिव इफेक्ट ज्यादा पड़ता है। इसलिए डायबिटीज में हमें सिंथेटिक मेडिसिन के बदले एक बेहतर और कारगर इलाज ढूंढने की जरूरत है।
क्या अब आप ये सोच रहे हैं कि सिंथेटिक मेडिसिन से बेहतर डायबिटीज का इलाज कैसे किया जा सकता है? तो इसमें सोचने की नहीं, भरोसा करने की जरूरत है। हम बात कर रहे हैं हमारे भारतीय सभ्यता के सबसे पुराने, लेकिन सटीक इलाज की – जो है आयुर्वेद। मधुमेह (Diabetes) का आयुर्वेदिक इलाज हमारी सभ्यता की ही देन है, जिसे हम अब भूलते जा रहे हैं। आयुर्वेद न सिर्फ डायबिटीज की तकलीफ को दूर करता है, बल्कि हमारे शरीर को साइड इफेक्ट की तौर पर नुकसान भी नहीं पहुंचाता। तो अब आप क्या ये नहीं जानना चाहेंगे कि सिंथेटिक दवाएं कैसे हमारे शरीर को तकलीफ देती हैं? चलिए हम आपको बताते हैं..
सिंथेटिक दवाएं – नहीं! नहीं! बिलकुल नहीं!
दरसल डायबिटीज में सिंथेटिक दवाएं खाने से आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिसमें से खास तौर पर लोगों को जी मिचलाना (Nausea), हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia), वजन बढ़ना (Weight gain), हाइपरसेंसिटिविटी (Hypersensitivity) या पेट से जुड़ी हुई परेशानी (Upset stomach) उठानी पड़ती है। यही वो प्रॉब्लम्स हैं, जो सिंथेटिक दवाओं की वजह से आपको भुगतनी पड़ती है। ऐसे में आपके पास एक अच्छा ऑप्शन जो बच जाता है, वो है आयुर्वेद। जिसका न तो कोई साइड इफेक्ट होता है, ना ही इन दवाओं को खाने से पहले आपको सोचने की जरूरत होती है। अगर आप आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्ट (e-consultation) करते हैं, तो आप आसानी से डायबिटीज के इलाज का रास्ता ढूंढ सकते हैं। अब जरा हमें ये बताइए कि डायबिटीज में इन्सुलिन कैसे काम करता है? नहीं जानते? तो चलिए पहले ये जान लेते हैं!
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आखिर ये इन्सुलिन है क्या चीज?
हमारी बॉडी में पाया जानेवाला इंसुलिन एक हॉर्मोन होता है, जो बॉडी में ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) या कहें ग्लूकोज लेवल को बैलेंस करने में मदद करता है। ये इन्सुलिन ही डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए बेनिफिशियल माना जाता है। लेकिन जब यही इन्सुलिन डायबिटीज में डॉक्टर के हाथों ऊपरी तौर पर दिया जाता है, तो इसके कई साइड इफेक्ट भी हमें दिखाई देते हैं। इन्सुलिन के उपयोग से किसी भी डायबिटिक व्यक्ति को चक्कर आना, थकान महसूस होना, स्किन से जुड़ी तकलीफ, ज्यादा पसीना आने जैसी तकलीफ हो सकती है। तो ऐसे में क्या किया जाए कि इन सभी तकलीफों से पाला ही ना पड़े?
आप बिलकुल ठीक सोच रहे हैं, आयुर्वेद ही आपको वो रास्ता दिखाएगा, जिस पर चल कर आप डायबिटीज और उससे जुड़ी ऐसी ही तकलीफों से छुटकारा पा सकते हैं। तो कैसे हो आयुर्वेदिक इलाज? क्या करें कि हमें सिंथेटिक मेडिसिन लेनी ही ना पड़े! इलाज है हमारे आसपास की रोजमर्रा की चीजों में, जिसे खाने से आपको डायबिटीज की तकलीफ में आराम मिल सकता है। मधुमेह का आयुर्वेदिक इलाज तब मुमकिन है, जब इन उपायों को आयुर्वेदिक डॉक्टर से कंसल्ट कर फॉलो किया जाए। आइए अब जानते हैं इन उपायों के बारे में..
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अब समझे बात? डायबिटीज के लिए सिर्फ आयुर्वेदिक इलाज!
अब जब हमने बात छेड़ी है मधुमेह (Diabetes) के आयुर्वेदिक इलाज की, तो बता दें कि जब आप आयुर्वेद के एक्सपर्ट से बात करते हैं, तो वे सब से पहले आपके खान-पान में बदलाव करने की सलाह देते हैं। ऐसा क्यों है आप जानते हैं? दरअसल हमारे खान-पान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। ऐसे में जब खान-पान सुधरेगा, तब ही हम डायबिटीज से दो-दो हाथ कर सकेंगे। तो चलिए अब जानते हैं हमारे खाने से जुड़े कुछ ऐसे फूड आयटम्स के बारे में, जो डायबिटीज में हमारी मदद कर सकते हैं।
नीम (Neem), चाहे कड़वा हो – पर मीठा फल ही देता है!
इंटरनैशनल जर्नल ऑफ डायबिटीज एंड क्लिनिकल रिसर्च की माने, तो नीम का इस्तेमाल मधुमेह के पेशेंट्स को काफी फायदा पहुंचाता है। अगर आप मधुमेह (Diabetes) की तकलीफ से जूझ रहे हैं या आपकी जिंदगी में अभी-अभी इस तकलीफ ने दस्तक दी है, तो नीम के पत्तों का जूस बना कर पीना आपके लिए फायदेमंद माना जा सकता है। नीम के पत्ते से बने जूस को पीने से ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) कंट्रोल में रहता है। अगर आयुर्वेद एक्सपर्ट्स की मानें, तो खाली पेट (Empty stomach) नीम का जूस पीना आपके लिए बेहतर माना जाएगा।
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दालचीनी (Cinnamon) – सुगंध नहीं, सेहत भी
इंडियन स्पाइस की शान दालचीनी का इस्तेमाल सिर्फ किचन में ही नहीं, बल्कि मधुमेह के आयुर्वेदिक इलाज के तौर पर भी किया जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दालचीनी खाने से इन्सुलिन की सेंसिटिविटी तो बढ़ती ही है, साथ ही ये ब्लड ग्लूकोज लेवल और कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) को भी बैलेंस्ड बनाए रखता है। इसका सीधा असर टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के पेशेंट्स की सेहत पर पड़ता है और वह बेहतर महसूस करता है। आप चाहें, तो दालचीनी के पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर पी सकते हैं। ये हम नहीं कह रहे, ये आयुर्वेद के एक्सपर्ट का कहना है!
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गुडूची (Guduchi) – एक पंथ, दो काज
ये एक ऐसा नुस्खा है, जो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है! इसमें गिलोय की जड़ और तने से गुडूची बनाई जाती है। जब आप गुडूची खाते हैं, तो इससे ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) तो बैलेंस्ड होता ही है, साथ ही डायजेशन (Diagestion) भी बेहतर बनता है। भले ही इसका स्वाद कड़वा हो, लेकिन डायबिटीज पेशेंट्स की सेहत में ये मिठास घोल देता है। गुडूची का जूस या पाउडर पानी के साथ लेना आसान तरीका माना जाता है।
शुगर लेवल: सदाबहार फूल (Catharanthus) – सेहत के लिए भी है सदाबहार
सदाबहार फूल दिखने में जितने खूबसूरत होते हैं, आपकी सेहत को भी ये उतना ही खूबसूरत बनाते हैं। इस पौधे के फूल और पत्ते दोनों ही डायबिटीज के पेशेंट्स (Diabetic) के लिए हेल्दी माने जाते हैं। मधुमेह के आयुर्वेदिक इलाज के लिए इन दोनों का ही इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के एक्सपर्ट्स की माने, तो इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) को बैलेंस रखा जा सकता है। यदि आप सदाबहार फूलों की पंखुड़ियों को खाली पेट चबा कर खाते हैं, तो ये आपकी सेहत में चार चांद लगा सकते हैं। अगर आप चाहें, तो इन फूलों को पानी के साथ उबाल कर उस पानी को भी पी सकते हैं।
शुगर लेवल: नीलबदरी (Blueberry) – ब्ल्यूबेरी की मिठास, देगी आपको सेहत का तोहफा
आपको जान कर हैरानी होगी कि आयुर्वेद में नीलबदरी, यानी कि ब्ल्यूबेरी के पत्तों से मधुमेह (Diabetes) का इलाज किया जाता है। रिसर्च की माने, तो इसकी पत्तियों में एंथोसाइनिडाइन्स लेवल ज्यादा होता है, न सिर्फ बॉडी में ग्लूकोज लेवल मेंटेन रहता है, बल्कि डायजेशन भी ठीक होता है।
अब तो आप जान ही गए होंगे कि कैसे इन आसानी से मिलनेवाली चीजों से डायबिटीज का इलाज किया जा सकता है! लेकिन इन चीजों को दवा के तौर पर खाने से पहले आपको आयुर्वेद के एक्सपर्ट से ऑनलाइन कंसल्टेशन (e-consultation) ले लेना चाहिए, जिससे आप अपनी हेल्थ से जुड़ी सभी बातें एक्सपर्ट के साथ शेयर कर सकें। इससे होगा ये कि ये इलाज आपकी सेहत नुकसान नहीं, बल्कि फायदा पहुंचाएगे। साथ ही यदि आप डायबिटीज रिवर्सल के पांच सिक्रेट्स जानना चाहते हैं, तो आपको जल्द ही होनेवाले वेबिनार में फ़्री रजिस्टर करना चाहिए।
लेकिन अब ये बताइए कि क्या आप जानते हैं, आयुर्वेदिक इलाज आपकी सिंथेटिक मेडिसिन और इंसुलिन के रिप्लेसमेंट के तौर पर काम कर सकता है? नहीं! नहीं! हम मजाक नहीं कर रहे, ये बिलकुल मुमकिन है! अब आपके मन में बात आ रही होगी – कैसे? तो चलिए, आपकी परेशानी को अब हम दूर करते हैं और आपको बताते हैं कि ये कैसे मुमकिन है!
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सिंथेटिक दवाओं का रिप्लेसमेंट? देखें ऑल्टरनेटिव मेडिसिन की ओर
सिंथेटिक मेडिसिन और इंसुलिन का रिप्लेसमेंट आयुर्वेद से बिलकुल मुमकिन है। आयुर्वेद में कई ऐसे इलाज मौजूद हैं, जो डायबिटीज को जल्द से जल्द दूर कर सकते हैं। अब समय है इन आयुर्वेदिक चीजों के बारे में जानने का, जो आपको मधुमेह (Diabetes) में आराम दिला सकते हैं, और वो भी सिंथेटिक मेडिसिन और इंसुलिन के इस्तेमाल के बगैर!
- फलत्रिकादि क्वाथ (Phaltrikadi Kvath)
आयुर्वेद में डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज फलत्रिकादि क्वाथ से किया जाता है। दरअसल फलत्रिकादि क्वाथ एक आयुर्वेदिक मेडिसिन है, जिसे आयुर्वेद एक्सपर्ट्स कई हर्ब्स को मिलाकर तैयार करते हैं।
- निशा-अमलकी (Nisha-amalki)
डायबिटीज की आयुर्वेदिक दवाओं में शामिल निशा-अमलकी आपको तब दी जाती है, जब डायबिटीज ने आपका चैन-सुकून छीन लिया हो। निशा-अमलकी हल्दी और आंवलें को मिला कर तैयार की जाती है। इससे ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) तो कंट्रोल में रहता ही है, साथ ही आर्टरीज भी हेल्दी बनी रहती है।
- निशा कतकादिकषाय (Nisha katkadikshay)
ये एक ऐसी दवा है, जो आम के बीज, बैरी, समंग और हरीतकी जैसे 12 अलग-अलग हर्ब्स को मिला कर बनाई जाती है। निशा कतकादिकषाय का इस्तेमाल डायबिटीज में आम तौर पर किया जाता है। इस आयुर्वेदिक मेडिसिन से डायबिटीज की तकलीफों, जैसे बार-बार टॉयलेट जाना, पैरों में जलन, बार-बार प्यास लगना या थकावट में जल्द से जल्द रिलीफ मिल सकता है। लेकिन इन आयुर्वेदिक दवाओं को लेने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करना चाहिए।
- समय पर हेल्दी डायट (Healthy diet) फॉलो करना चाहिए
- रात के वक्त अच्छी नींद लें (दिन में न सोएं तो बेहतर है)
- एक्सरसाइज रोजाना करें (अगर किसी कारण आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहें हैं, तो ऐसे में वॉकिंग जरूर करें)
- पेशेंट का बॉडी स्ट्रक्चर कैसा है
- डायबिटीज की तकलीफ कितनी पुरानी है
- ब्लड शुगर लेवल (Sugar level) कितना रहता है
- और पेशेंट्स की लाइफस्टाइल (Lifestyle) कैसी है।
तो अब आप समझे कि कैसे बगैर सिंथेटिक मेडिसिन और इन्सुलिन के इस्तेमाल के बिना आप कैसे डायबिटीज को मात दे सकते हैं! ये सभी आयुर्वेदिक दवाएं आपको एक हेल्दी जिंदगी दे सकती हैं, बस आपके लिए जरूरी है एक परफेक्ट आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से बात करना, जिससे आप ऑनलाइन कंसल्टेशन (e-consultation) के जरिए इलाज करवा सकें। एक्सपर्ट आपकी तकलीफों को जान कर उसका सटीक इलाज देते हैं, जिससे आप आसानी से डायबिटीज जैसी तकलीफ से भी छुटकारा पा सकते हैं। तो देर किस बात की है! आज ही, अभी सिंथेटिक मेडिसिन और इन्सुलिन से छुटकारा पाएं और अपनाएं आयुर्वेद की राह, क्या पता आप भी अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाएं!
अगर आपकी विल पवार स्ट्रॉन्ग हो, तो किसी भी बीमारी से लड़ना आसान हो सकता है। नीचे दिए इस वीडियो लिंक में मिलिए मिसेज पुष्पा तिवारी रहेजा से। मिसेज रहेजा ने कभी न ठीक होने वाली बीमारियों की लिस्ट में शामिल डायबिटीज यानि शुगर लेवल (Sugar level) को कंट्रोल कर पाईं हैं।
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