वेट मैनेजमेंट क्या है?
किसी का भी जरूरत से ज्यादा वजन घटना या बढ़ना, दोनों ही कंडिशन नुकसानदेह साबित हो सकती है। किसी का अत्यधिक वजन हो, तो उसे ओवरवेट कहते हैं और किसी का वजन जरूरत से ज्यादा कम होता है, तो उसे अंडरवेट कहते हैं। ऐसा तब होता है, जब किसी के शरीर को पर्याप्त न्यूट्रीशन नहीं मिल प है। शरीर के वजन को अधिक बढ़ने या अधिक कम होने न होने देने को ही वेट मैनेजमेंट कहते हैं। वेट मैनेजमेंट का मतलब शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए की गई प्रैक्टिस है। वजन को अधिक बढ़ने या अधिक कम न होने देने को ही वेट मैनेजमेंट कहते हैं। जब शरीर का वजन मेंटेन नहीं होता है, तो वेट मैनेजमेंट प्रोसेस की मदद से हम इसे सही कर सकते हैं। इसे कुछ लोग आम भाषा में ‘डायटिंग’ भी कहते हैं।उम्र, जेंडर, लंबाई, बॉडी फैट, मेटाबॉलिक रेट के अकॉर्डिंग आपका वेट जितना होना चाहिए, वेट मैनेजमेंट के अकॉर्डिंग उसे फॉलो किया जाता है।लेकिन हर किसी को वेट मैनेजमेंट का सही अर्थ नहीं पता होता है, इसे लेकर बहुत से लोगों के मन में कुछ सवाल और कुछ मिथक होते हैं। वेट मैनेज करने का मतलब फैट कम करना या फिगर बनाना नहीं है। इसे करने से पहले सही जानकारी का होना जरूरी है।
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सही वजन कैसे पता चलेगा ?
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हम सभी को अपने शरीर का वजन तो पता होता है। लंबाई के हिसाब से सही वजन का पता लगाना बहुत जरूरी है। बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की हेल्प से आप ऐसा कर सकते हैं। शरीर की ऊंचाई (सेमी) और आपका वजन (किग्रा) बीएमआई की सही जानकारी देगा। आप हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ टूल्स में जाकर अपना BMI चेक कर सकते हैं। यदि आपका बीएमआई 24,9 से 29,9 के बीच है तो आपको मोटापे के लेवल 1 पर माना जाता है। अगर आपका बीएमआई 18,5 से 24,9 के बीच है, तो आपका वजन एक आदर्श वजन माना जाता है।
कमर की माप भी है जरूरी
बीएमआई (BMI) की तरह ही कमर की माप भी बताती है कि आप का वजन संतुलन में है या फिर नहीं। महिलाओं और पुरुषों में कमर की माप अलग-अलग होती है।
- आदमी की कमर 40 इंज से अधिक नहीं होनी चाहिए
- यदि आप गर्भवती नहीं हैं, तो यह 35 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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कैसे करें माप
- अपनी कमर के चारों ओर एक टेप (माप के लिए) लपेटें। ध्यान रहे कि ये कूल्हे की हड्डियों के ठीक ऊपर हो।
- टेप को अच्छी तरह से पकड़े, लेकिन दबाएं नहीं।
- मापने से पहले सांस छोड़ें।
मोटापे के कारण होती हैं ये समस्याएं
मोटापे के कारण टाइप-2 डायबिटीज, कार्डियोवास्कुलर डिजीज, स्ट्रेस, थायरॉइड डिसऑर्डर, हार्ट स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं उपत्पन्न हो जाती है। वजन बढ़ने से जॉइंट्स और बोन्स में भी बुरा असर पड़ता है। वजन बढ़ने से लोअर बैक में दर्द की परेशानी हो जाती है। ये मेंटल हेल्थ के लिए भी हानिकारक है। आज के समय में बदल रही जीवलशैली के चलते छोटे बच्चे भी इस घातक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो बच्चों में बढ़ रही मोटापे की समस्या आगे चलकर ब्लड प्रेशर, डायबीटीज, कैंसर से जुड़ीं बीमारियों को जन्म देती हैं।
वेट मैनेजमेंट के प्रमुख घटक( Key components of weight management)
वेट गेन के लिए कई कंपोनेंट जिम्मेदार होते हैं। आहार, फिजिकल एक्टिविटी, जेनेटिक रीजन, इंवायरमेंटल फैक्टर, मेडिसिन्स और बीमारी। इन कारणों की वजह से इंसान के शरीर में मोटापा छा जाता है। कई बार आहार और फिजिकल एक्टिविटी को भी जिम्मेदार माना जाता है।
वेट लॉस है जरूरी
जिन लोगों को मोटापे की समस्या होती है, उनके लिए वजन घटाना बहुत जरूरी होता है क्योंकि मोटापे के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वजन घटाने के लिए सबसे अच्छा तरीका फिजिकल एक्टिविटी के माध्यम से कैलोरी की संख्या को कम करना है। 1 पाउंड वजन को कम करने के लिए, आपको लगभग 3,500 कैलोरी का खर्च करनी पडे़ेरी। आप इसे भोजन की खपत में कटौती करके और फिजिकल एक्टिविटी को रेगुलर बेस करके कम कर सकते हैं।
कीटो डायट का है चलन
वेट मैनेजमेंट के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं। डायट में चेंज करके वजन घटाना लोगों को पसंद आ रहा है। इन्हीं में से एक है कीटो डायट। कीटो डायट (Keto Diet) एक कम कार्ब्स और ज्यादा फैट वाली फूड को शामिल किया जाता है। । कीटो डायट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करके फैट से एनर्जी का उत्पादन किया जाता है। इसी प्रोसेस को कीटोसिस कहा जाता है। कीटो डायट से वेट लॉस, डायबिटीज में कंट्रोल और अधिक मात्रा में एनर्जी मिलती है। वजन बढ़ाने के लिए इस डायट से दूर रहना चाहिए।
इन फूड में रहती है इतनी कैलोरी
- पेपरोनी पिज्जा के एक टुकड़े में- 230 कैलोरी
- वाइट एल्कोहॉल के एक गिलास में – 160 कैलोरी
- कोला की एक बोतल में – 150 कैलोरी
- पनीर के साथ एक चौथाई पाउंड हैमबर्गर में – 500 कैलोरी
- एक जंबो बनाना अखरोट मफिन में – 580 कैलोरी
वेट मैनेजमेंट के लिए खुद में करें ये बदलाव
- सबसे पहले हेल्दी खाना खाने की आदत डालें।
- कैलोरी युक्त और उच्च वसायुक्त जैसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखें।
- खुद को जितना हो सके उतनी शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
- आहार में ऐसी चीजों को शामिल करें जो ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद मिलती हो।
- भूख को संतुष्ट करने के लिए हेल्दी कार्बोहाइड्रेट और फाइबर युक्त खाना खाएं।
- वेट मैनेजमेंट आप चाहे तो अपनी डायट में होलग्रेन को शामिल कर सकते हैं। यह पोषण से भरपूर होता है।
वेट मैनेजमेंट के लिए इन चीजों को करें डायट में शामिल
वेट मैनेजमेंट के लिए रागी (Finger Millets)
रागी को नांची भी कहा जाता है। यह भी वेट लॉस के लिए बेहतर विकल्प है। आप इसकी रोटी, पराठा, चीला कुछ भी बना सकते हैं। यह ग्लूटन फ्री अनाज है जो पोषण से भरपूर होता है। रागी में विटामिन-डी और कैल्शियम होता है जो हमारी हड्डियों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है।
वेट मैनेजमेंट के लिए ब्राउन राइस (Brown Rice)
आपको अपनी डायट से व्हाइट राइस को बाहर कर ब्राउन राइस को शामिल करना चाहिए। ब्राउन राइस में कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं।
वेट मैनेजमेंट के लिए जौ (Barley)
जौ बिना छिला गेहूं है। इसे आप उबालकर सलाद के रूप में या सब्जियों के साथ पकाकर ले सकते हैं। यदि आप छिला हुआ जौ का इस्तेमाल करेंगे तो यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
वेट मैनेजमेंट के लिए क्विनोआ (Quinoa)
क्विनोआ प्रोटीन युक्त अनाज है। यूएसडीए के अनुसार 100 ग्राम क्विनोआ में 14 ग्राम प्रोटीन होता है और इसके साथ ही साथ इसमें 7 ग्राम फाइबर भी होता है। पका हुआ क्विनोआ सलाद में डालकर या अन्य सब्जियों के साथा खाया जा सकता है। वेट मैनेजमेंट के लिए यह अच्छा ऑप्शन है।
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वेट मैनेजमेंट के लिए इन दो बातों का हमेशा रखें ध्यान
- सही खाएं। फास्ट फूड की बजाय हेल्दी फूड को अपनाएं।
- हमारी जीवनशैली व्यायाम, खेल और हमारे द्वारा लिए गए भोजन पर निर्भर करती है। सही खानपान और व्यायाम बहुत जरूरी है।
अपना वेट कैसे मैनेज करें
आप इस तरह के टिप्स अपनाकर अपने वेट मैनेंजमेंट को आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने दिनचार्या में कई तरह के बदलाव लाने होंगे चाहें वो एक्सरसाइज हो या डायट को लेकर, जानें क्या करें-
1. हेल्दी डायट होना है जरूरी
हम क्या खाते हैं और क्या नहीं, ये दोनों ही बाते हमारी फिटनेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। फिटेनस और हेल्टी बॉडी के लिए जरूरी है कि आपका खानपान अच्छा हो। इसके लिए आपको हेल्दी डायट में हरी सब्जियों का, फल, नट्स और दूध का आदि का लेना जरूरी है। एक ऐसी डायट लें, जिससे आपको सभी पोषक तत्व भी मिले और आपका वजन भी नियंत्रित रहे। अपनी डायट में वेट लॉस से लेकर वेट को बैलेंस करने के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) (विटामिन, मिनरल्स) के साथ-साथ मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (कार्ब्स, प्रोटीन, फैट) भी शामिल करें। प्रोसैस्ड फूड्स में फैट्स, सॉल्ट, कार्ब्स और आर्टिफिशियल फ्लेवर्स की मात्रा अधिक होती है। इसलिए डिब्बाबंद और पैकेज्ड फूड्स को अवॉयड करें। ताजा फलों और सब्जियों का सेवन ही करें।
2. एक्सरसाइज नियिमत रूप से करें
डायट के साथ सही से एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है। फिजिकल मूवमेंट भी वजन मेंटेन करने के लिए जरूरी है। इसलिए हर रोज नियमित रूप से 20 से 45 मिनट के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज में आप एरोबिक्स, डांस, योगा, कार्डियो या अन्य तरह के स्पोर्ट्स एक्टिविटीज करें। सप्ताह में कम से कम 3 से 5 बार एक्सरसाइज करना जरूरी है। तब ही आपको सही परिणाम मिलेगा।
3. हाइड्रेशन
शरीर के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हाइड्रेशन भी बहुत जरूरी है, तब ही आपको डायट और एक्सरसाइज का सही परिणाम मिलेगा। हर रोज 8-10 गिलास पानी । पानी की मात्रा आपके शरीर और एक्टिविटी लेवल के अनुसार ज्यादा या कम हो सकती है। सही मात्रा में पानी के सेवन से वजन कम होने में भी मदद मिलती है और अन्य बीमारी भी शरीर से बाहर निकलती है।
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5. मेंटल हेल्थ भी जरूरी
आपके मेंटल हेल्थ का आपके वेट मैनेजमेंट में बहुत प्रभाव पड़ता है। तनाव मुक्त रहें। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक सेहत भी बहुत जरूरी है। अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए मेडिटेशन, योगा और अन्य स्ट्रेस मैनेज करने वाली एक्टिविटी करें।
अगर आप वेट मेनैजमेंट चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें। अगर आपकी लाइफस्टाइल अच्छी है, तो आपका वेट और हेल्थ दोनों ही अच्छा रहेगा। अगर आपको किसी प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम है तो अपने डॉक्टर की सलाह पहले लें।
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