इलेक्ट्रो थेरिपी दर्द निवारक चिकित्सा में से एक है। यह एंडोर्फिन हॉर्मोन को प्रमोट करती है जो शरीर को दर्द से लड़ने में मदद करता है। जब आप नर्व पेन महसूस करते हैं तो डैमेज नर्व से मस्तिष्क तक इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजा जाता है। ये दिमाग में दर्द के सिग्नल को ब्लॉक करते हैं जिससे दर्द कम हो जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल फिजिकल थेरिपी और रिहेबिलेशन सेंटर में किया जाता है।
इलेक्ट्रो थेरिपी (Electrotherapy) क्या है?
इलेक्ट्रो थेरिपी में इलेक्ट्रिकल मशीन का इस्तेमाल करके पेशेंट के शरीर में इलेक्ट्रिकल इम्पल्स भेजे जाते हैं। ऐसा मांसपेशियों के उपचार और ऊतक पुनर्जनन को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। इलेक्ट्रो थेरिपी न सिर्फ एक लोकप्रिय साधन है, बल्कि इसका उपयोग अन्य पुनर्वास चिकित्सकों द्वारा भी किया जा सकता है क्योंकि इसके कई चिकित्सीय लाभ हैं। निम्नलिखित परेशानियों में इलेक्ट्रो थेरिपी का इस्तेमाल किया जाता है:
- मांसपेशियों की ऐंठन में राहत पहुंचाने के लिए (Relaxation of muscle spasms)
- बेहतर रक्त परिसंचरण और प्रवाह में सुधार (Improved local blood circulation and flow)
- दर्द का प्रबंधन (क्रोनिक, पोस्ट-ट्रॉमेटिक और पोस्ट-सर्जिकल) (Management and reduction of pain chronic, post-traumatic, and post-surgical acute)
- सर्जरी के बाद गहरी शिरा घनास्त्रता की रोकथाम (Prevention of deep vein thrombosis post-surgery)
- घाव भरने के लिए (Facilitation of wound healing)
- स्कायटिका और कमर के नीचले हिस्से में दर्द (Sciatica & Low Back Pain)
- मधुमेह और गठिया दर्द (Diabetic & Arthritis Pain)
- प्लांटार फासिसाइटिस (Plantar Fasciitis)
दर्द को दूर करने के लिए कैसे काम करती है इलेक्ट्रो थेरिपी? (Electrotherapy)
शरीर पर इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल सुनने में दर्दभरा लगता है, लेकिन लोगों को यह थेरिपी काफी आरामदायक लगती है। इसमें झुनझुनाहट या कंपन सेंसेशन महसूस होता है। इलेक्ट्रिकल स्टिम्युलेशन सीधे नसों के साथ दर्द संकेतों के संचरण को अवरुद्ध कर सकती है। इसके अलावा यह शरीर द्वारा उत्पादित प्राकृतिक दर्द निवारक एंडोर्फिन के उत्पादन को बढ़ावा देती है। इलेक्ट्रिकल स्टिम्युलेशन के मैकेनिज्म को लेकर कोई पर्याप्त जानकारी नहीं है।
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किन लोगों को इलेक्ट्रो थेरिपी (Electrotherapy) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?
इलेक्ट्रो थेरिपी में इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल दर्द को दूर, सर्कुलेशन में सुधार, टिश्यू रिपेयर, मसल्स को मजबूत बनाने और बोन ग्रोथ को प्रमोट करने के लिए किया जाता है। नीचे बताए गए लोगों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए:
- प्रेग्नेंट महिलाओं को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए (Pregnant women)।
- एपिलेप्सी से ग्रसित लोग इसका इस्तेमाल न करें ( People with epilepsy)।
- जिन लोगों को हृदय रोग है या इलेक्ट्रिकल या मेटल इम्पलांट है ( People with heart problems or any type of electrical or metal implant)।
- स्किन पर इंफेक्शन है या स्किन फटी है वहां न लगाएं ( Not to be applied over organs or infectious area of the skin)।
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इलेक्ट्रो थेरिपी (Electrotherapy) कितनी तरह की होती है?
सारे इलेक्ट्रो थेरिपी यंत्र लगभग मिलते-जुलते होते हैं जैसे इलेक्ट्रोड को करेंट देने के लिए बैटरी पावर का उपयोग करना। ये थेरिपी अलग-अलग फ्रीक्वेंसी, वेवफॉर्म्स और उपचार के लिए होती हैं। नीचे बताई इलेक्ट्रो थेरिपी सबसे अधिक इस्तेमाल होती है:
- ट्रांसक्यूटेनस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन (Transcutaneous electrical nerve stimulation): यह थेरिपी दर्द के संकेतों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोककर दर्द को कम करने का काम करती है। इसके अलावा यह एंडोर्फिन के उत्पादन को प्रोत्साहित करती है। गर्दन और पीठ के दर्द के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
- पर्सुटेनस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन (Percutaneous electrical nerve stimulation)
- इलेक्ट्रिकल मसल्स स्टिमुलेशन (Electrical muscle stimulation)
- इंटरफेरेंशियल करंट (Interferential current): इसे आईएफसी (IFC) के नाम से भी जाना जाता है। यह क्रोनिक, पोस्ट-सर्जिकल और पोस्ट-ट्रॉमा के तीव्र दर्द का इलाज करते समय उपयोग करने वाली तरंग है। यह उच्च फ्रीक्वेंसी एनर्जी को निकालता है जो दर्द के क्षेत्रों में गहरी पहुंच के लिए त्वचा की बाधा को आसानी से पार करता है।
- पल्सड इलेक्ट्रोमेगनेटिक फील्ड थेरिपी (Pulsed electromagnetic field therapy)
- गैल्वेनिक स्टिमुलेशन (Galvanic stimulation)
अल्ट्रासाउंड और लेजर थेरिपी को अक्सर इलेक्ट्रो थेरिपी या इलेक्ट्रो फिजिकल एजेंट की श्रेणी के साथ वर्गीकृत किया जाता है। अल्ट्रासाउंड के साथ इसका इस्तेमाल ध्वनि तरंगों के जरिए प्रभावित क्षेत्र में हीलिंग प्रक्रिया को तेज करने के लिए निर्देशित किया जाता है। लेजर थेरिपी में टिश्यू हील और गहन उपचार प्रदान करता है।
कितनी सुरक्षित है इलेक्ट्रो थेरिपी (Electrotherapy)?
दर्द से राहत के लिए इलेक्ट्रो थेरिपी एक नॉन-इनवेसिव विधि है। यूएस एफडीए से मंजूर इस थेरिपी के कई फायदे हैं। यह दर्द से राहत दिलाती है। इसके अलावा यह मसल्स को टाइट करती है। कमर और गर्दन दर्द के लिए भी इसे फायदेमंद माना जाता है। माइग्रेन के दर्द से भी यह निजात दिलाती है। खास बात यह है इसमें शरीर के अंदर कुछ प्रवेश नहीं करता है। न ही इसे करते समय किसी तरह का दर्द होता है। इसके उपकरण पोर्टेबल होते हैं जिन्हें घर के साथ-साथ कार्यालय में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। करंट रूमेटोलॉजी (Current Rheumatology) में छपे एक शोध के अनुसार, 30 मिनट रोजाना इस थेरिपी को 10 दिन तक करने से एक्यूट और पोस्ट-ओपरेटिव दर्द में आराम पाया गया।
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इलेक्ट्रो थेरिपी (Electrotherapy) के क्या साइड-इफेक्ट्स हैं?
इलेक्ट्रो थेरिपी से होने वाला सबसे आम साइड इफेक्ट है स्किन इरिटेशन और रैशेज, जो इलेक्ट्रोड पर लगी टेप के चिपकने के कारण होता है। इस थेरिपी का अत्यधिक इस्तेमाल करने से त्वचा में जलन महसूस हो सकती है। इस थेरिपी से होने वाले किसी भी साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए चिकित्सा की अवधि और इससे जुड़े दिशा निर्देशों का बारीकी से पालन करना चाहिए।
इलेक्ट्रिकल स्टिम्युलेशन को कभी भी फटी स्किन या संक्रमित त्वचा वाली जगहों पर नहीं लगाना चाहिए। इलेक्ट्रो थेरिपी के प्रकार जो त्वचा में प्रवेश करते हैं उनसे नील, ब्लीडिंग या इंफेक्शन हो सकता है।
दिल या पेसमेकर के ऊपर पैड रखने से कार्डियक एरिथिमिया (Cardiac arrhythmia) हो सकता है। प्रेग्नेंट महिला को भ्रूण की क्षति हो सकती है। यही कारण है कि पेसमेकर और गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर इलेक्ट्रो थेरिपी से पूरी तरह से बचने की सलाह दी जाती है। पैड को गले के ऊपर रखने से ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। ड्राइविंग करते समय इलेक्ट्रो थेरिपी का उपयोग करने से मना किया जाता है।
यदि आप इलेक्ट्रो थेरिपी लेने का प्लान कर रहे हैं तो इसके फायदे और जोखिमों को अच्छे से जान लें। इसे कराने से पहले अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जरूर चिकित्सक को बताएं। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।
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