अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन एक बार फिर से चर्चा में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को अपने प्रोडक्ट के लिए भारी जुर्माना चुकाना पड़ा है।’ आप सोच रहे होंगे कि आखिर अब क्या हो गया जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को? हम आपको बताते चले कि कंपनी अपने प्रोडेक्ट को लेकर कई बार विवादों में घिर चुकी है। इस बार विवाद का कारण प्रोडेक्ट की जानकारी न देना है।
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क्या है जॉनसन एंड जॉनसन का मामला?
एक शख्स ने आरोप लगाया कि उसने जॉनसन एंड जॉनसन की एक मेडिसिन ली थी, जिससे उसके ब्रेस्ट में उभार आ गया। उसने ये भी कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने कभी भी उसे इस बारे में नहीं बताया था। केस दर्ज होने के बाद कंपनी पर 8 बिलियन डॉलर (लगभग 56,881 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है। निकोलस मरे ने आरोप लगाया कि उन्होंने साल 2003 में बीमारी के संबंध में डॉक्टर्स से संपर्क किया था। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism Spectrum Disorder) के कारण डॉक्टर ने रिस्पेरडल (Risperdal) सजेस्ट किया था। दवा खाने के कुछ समय बाद ब्रेस्ट में उभार महसूस हुआ।
जॉनसन एंड जॉनसन आरोपों को नहीं साबित कर पाई झूठा
फिलाडेल्फिया की एक कोर्ट ने याचिका दायर कराने वाले शख्स निकोलस मरे के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था लेकिन, जॉनसन एंड जॉनसन इन आरोपों को झूठा साबित नहीं कर पाई और उस पर जुर्माना लगाया गया। आरोप लगाने वाले शख्स और उसके वकील का कहना है कि कंपनी सुरक्षा मानकों को ताक में रख कर मुनाफा कमा रही है। इस प्रोडेक्ट का इस्तेमाल करोड़ो बच्चे कर रहे हैं।
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अभी भी कंपनी को है भरोसा
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी का कहना है कि ‘ये फैसला हमारे लिए असम्मानजनक है।’ जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को पूरा भरोसा है कि उनकी जीत होगी। जूरी का फैसला बदल जाएगा। अब जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी इस मामले को लेकर उच्च अदालत में अर्जी दाखिल कर सकती है। आपको बताते चले कि कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी बच्चों से जुड़े प्रोडेक्ट्स के लिए विश्वभर में पहचानी जाती है। बच्चों के प्रोडेक्ट के साथ ही इस कंपनी की दवाएं भी मार्केट में उपलब्ध है। गौरतलब है कि ये पहला मामला नहीं है जब कंपनी के प्रोडक्ट में शिकायत मिली है। इससे पहले भी जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के बेबी शैम्पू को लेकर भी शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
जानिए पुरुषों में स्तन आने के कारण क्या हो सकते हैं?
पुरुषों में महिलाओं की तरह स्तन आने की समस्या के कारण उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इस समस्या के कारण उन्हें कई गंभीर बीमारियों का जोखिम भी हो सकता है। गाइनेकोमैस्टिया (Gynacomastia) की बीमारी होने के कारण पुरुषों में पुरुष स्तन के ग्रंथि ऊतक (Gland Tissue) का विकास बढ़ने लगता है, जिसके कारण पुरुषों के स्तन भी महिलाओं की ही तरह बढ़ने लगते हैं। गाइनेकोमैस्टिया की स्थिति किसी भी उम्र के बच्चे और पुरुष में हो सकती है। हालांकि, इसकी स्थिति बहुत गंभीर नहीं होती है, लेकिन समय पर इलाज करवाना भी जरूरी होता है।
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गाइनेकोमैस्टिया के कारण क्या हैं?
पुरुषों के शरीर में भी स्तन ऊतक (Grandular or Breast Tissue) के ऊतक होते हैं। हालांकि, यह बहुत ही छोटी मात्रा में होती है, लेकिन अगर पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन या एस्ट्रोजन हार्मोन (Testosterone or Estrogen Hormones) में असंतुलन होने लगे, तो पुरुषों के स्तर भी महिलाओं की तरह ही बढ़ने लगते हैं, जिसे गाइनेकोमैस्टिया कहा जाता है। गाइनेकोमैस्टिया एक या दोनों ही स्तनों को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण पुरुषों के चेस्ट और ब्रेस्ट में हल्के दर्द का अनुभव भी बना रहता है।
गाइनेकोमैस्टिया के लक्षण क्या हैं?
गाइनेकोमैस्टिया के निम्न लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- पुरुषों के स्तन ग्रंथि ऊतक में सूजन
- पुरुषों के स्तन में सूजन
- पुरुषों के स्तन के विकास की सामान्य प्रक्रिया प्रभावित होना
- पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन या एस्ट्रोजन हार्मोन का असंतुलन होना
- बढ़ती उम्र
- कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स
- हॉर्मोनल समस्याएं
- जिम जाने वालों पुरुषों का स्टेरॉयड का अधिक प्रयोग
- मोटापा
- लाइफ स्टाइल से जुड़े फैक्टर्स
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पुरुषों में स्तन आने के कारण यह दवाएं हो सकती हैं जिम्मेदार
कई दवाओं के कारण भी पुरुषों में स्तन बढ़ सकते हैं यानी गाइनेकोमैस्टिया की समस्या हो सकती है, इसमें शामिल है:
एंटी-एण्ड्रोजन का उपयोग करना
आमतौर पर एंटी-एण्ड्रोजन का उपयोग बढ़े हुए प्रोस्टेट को कम करने और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए किया जाता है। जिसके लिए फ्लूटामाइड, फाइनस्टराइड और स्पिरोनोलैक्टोन जैसे दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
एनाबॉलिक स्टेरॉयड और एण्ड्रोजन का इस्तेमाल करना
एनाबॉलिक स्टेरॉयड और एण्ड्रोजन का इस्तेमाल आमतौर पर डॉक्टरों द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसका इस्तेमाल मांसपेशियों के विकास और निर्माण को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। आमतौर पर इनकी सलाह डॉक्टर्स एथलीट्स को ही देते हैं।
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एड्स की दवाओं का सेवन
एड्स के इलाज के दौरान की इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी गाइनेकोमैस्टिया के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
इसके अलावा निम्न दवाएं भी गाइनेकोमैस्टिया का कारण बन सकती हैंः
- एंटी-डिप्रेशन की दवाएं, जैसे डायजेपाम
- ट्राईसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट
- एंटीबायोटिक्स
- अल्सर की दवाएं, जैसे सिमेटिडाइन
- कैंसर की दवाएं और उपचार की प्रक्रिया
- दिल की दवाएं, जैसे डिगॉक्सिन और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स।
इन दवाओं के अलावा कुछ स्वास्थ्य स्थितियां भी पुरुषों में स्तन के विकास की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः
हाइपोगोनैडिज्म (Hypogonadism)
हाइपोगोनैडिज्म की समस्या सामान्य टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में बाधा डाल सकती है।
बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र के कारण भी शरीर में हार्मोन्स का लेवल असंतुलित हो सकता है, जो मेल ब्रेस्ट के बड़े होने का कारणों में से एक हो सकता है। हालांकि, इसकी संभावना बहुत ज्यादा वजनदार पुरुषों में ही अधिक होती है।
ट्यूमर
ट्यूमर की स्थिति भी पुरुषों में स्तन बढ़ने का कारण हो सकता है।
कुपोषण और भुखमरी
अगर शरीर को उचित मात्रा में पोषण नहीं मिलता है, तो टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है जबकि, एस्ट्रोजन का लेवल समान रहता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है और गाइनेकोमैस्टिया का कारण बन सकता है।
गाइनेकोमैस्टिया का इलाज क्या है?
उचित पोषण और लाइफ स्टाइल में बदलाव की मदद से आप गाइनेकोमैस्टिया का इलाज कर सकते हैं, जैसेः
- उचित वजन बनाए रखें
- ग्रीन टी का सेवन करें
- आहार में दूध का सेवन करें।
ऊपर दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सक द्वारा प्रदान नहीं की जाती। इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
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