वैसे तो दुनियाभर में डॉक्टर्स को उनकी सेल्फलेस सर्विसेज के लिए ‘थैंक यू’ बोलने के लिए अलग-अलग दिन पर डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। लेकिन भारत में, डॉक्टर्स डे 1 जुलाई को मनाया जाता है। आपको बता दें सबसे पहले 1991 में देश में डॉक्टर्स डे मनाया गया था। तब से हर साल इसे नेशनल डॉक्टर्स डे के रुप में मनाया जाता है। इसलिए, राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे (National Doctor Day) के खास मौके पर आपको भारत के टॉप 10 डॉक्टर्स के बारे में बता रहे हैं। इनमें से कुछ डॉक्टर्स अपनी सेवा भाव के लिए जाने जाते हैं तो कुछ अपनी कुशलता के देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं।
भारत के टॉप 10 डॉक्टर्स
1. डॉक्टर अशोक सेठ
डॉक्टर अशोक सेठ एक इंडियन इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट (cardiologist) हैं। इन्होंने अभी तक 50 हजार से अधिक एंजियोग्राम और 20 हजार से ज्यादा एंजियोप्लास्टी करके लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। ये फोर्टिस हेल्थकेयर में कार्डिवस्कुलर साइंस और कार्डियोलॉजी कांउसिल के विभाग के अध्यक्ष भी हैं। 2003 में इन्हें इनके सराहनीय काम के लिए पद्म श्री से नवाजा गया जो कि चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार में से एक है। इन्हें भारत सरकार द्वारा 2015 में तीसरा सर्वोच्च भारतीय नागरिक पद्म भूषण पुरस्कार भी मिला।
अशोक सेठ ने 1978 में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मेडिसिन (एमबीबीएस) में स्नातक किया। उसके बाद हायर स्टडीज के लिए वे यूके चले गए। बाद में उन्होंने 1988 तक बर्मिंघम विश्वविद्यालय के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया।
सबसे कठिन थी वो एंजियोप्लास्टी
डॉ. अशोक सेठजी जो कि 25 हजार से भी ज्यादा एंजियोप्लास्टी कर चुके हैं। लेकिन, उनकी लाइफ की सबसे कठिन एंजियोप्लास्टी उनके पिता की थी। दरअसल, उनके पिता की एंजियोग्राफी करने का फैसला खुद ही लिया। डॉक्टर की माने तो जब उन्होंने अपने पिता की एंजियोग्राफी की तब वे उनके दिल की हालत देखकर हैरान-परेशान हो गए। हार्ट-ब्लॉकेज दो जगह था जिससे हार्ट अटैक पड़ सकता था। डॉ. अशोक सेठ ने इससे पहले कई बार एंजियोप्लास्टी की थी। लेकिन, इस बार उनके दिल की धडकनें हर बार से कहीं ज्यादा थीं। हालांकि, एंजियोप्लास्टी सफल रही।
दिल की बीमारी के बारे में डॉक्टर अशोक सेठ का कहना है कि हार्ट पेशेंट्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हार्ट डिजीज से होने वाली 25 प्रतिशत मौतें भारत में होती है। इसका कारण हमारा खराब रहन सहन है। 20 वर्षों के आंकड़ों को देखा जाए तो युवाओं में हार्ट अटैक से मौत का ग्राफ दोगुने से ऊपर पहुंच गया है। इसलिए, समय रहते हमें अपने दिल को दुरुस्त रखने के लिए सचेत होना जरूरी है। स्मोकिंग पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।
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2. डॉक्टर अशोक राजगोपाल
डॉ. अशोक राजगोपाल देश के सफलतम आर्थोपेडिक सर्जन माने जाते हैं। इन्हें घुटने के ऑपरेशन (नी-रिप्लेसमेंट, आर्थ्रोस्कोपी और इंजरी और स्पोर्ट्स इंजरी) में महारत हासिल है। अशोक राजगोपाल एक भारतीय ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं, जिन्हें 20,000 ऑर्थ्रोस्कोपिक और 35,000 से अधिक टोटल नी आर्थ्रोप्लास्टी सर्जरी करने का श्रेय दिया जाता है।
लगभग 32 साल के अनुभव के साथ इन्हें 12 घंटे के अंदर 28 नी रिप्लेसमेंट करने का गौरव हासिल है। भारत के टॉप 10 डॉक्टर्स में से एक अशोक राजगोपाल वर्तमान में दिल्ली एनसीआर के मेदांता अस्पताल में कार्यरत हैं। इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के सदस्य और पद्म श्री अवार्ड पाने वाले डॉक्टर अशोक राजगोपाल को बीसी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया है।
अक्सर लोग जोड़ों के दर्द को थकान समझकर इग्नोर कर देते हैं और बाद में यही बड़ी समस्या बन जाता है। यदि घुटने के दर्द का इलाज शुरुआत में कराया जाए तो समय रहते ऑस्टियोअर्थराइटिस ठीक भी हो सकता है। फेमस डॉ अशोक राजगोपाल का कहना है कि ऑस्टियोअर्थराइटिस से बचाव का सबसे अच्छा तरीका व्यायाम है। व्यायाम और संतुलित आहार के जरिए इससे काफी हद तक बचा जा सकता है।
उपलब्धि
डॉक्टर राजगोपाल को केआर नारायणन के कार्यकाल के दौरान 1997 में भारत के राष्ट्रपति का आनरेरी सर्जन नियुक्त किया गया था। स्पोर्ट्स मेडिसिन में एक विशेषज्ञ के रूप में, उन्होंने कई स्पोर्ट्स पर्सन का भी इलाज किया है। ये पुलेला गोपीचंद के इलाज के लिए प्रसिद्ध हैं। पुणे में 1994 के राष्ट्रीय खेलों में युगल खेल के दौरान बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद की नी इंजरी को सही करके उन्हें करियर में वापस लाए।
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3. योगी एरोन
योगी एरोन भारत के एक फेमस प्लास्टिक सर्जन हैं। 2020 में, उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में उनके काम के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से स्नातक करने के बाद प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) में स्पेशलाइजेशन के लिए ये संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए थे।
उपलब्धि
डॉक्टर योगी एरोन पिछले 25 वर्षों से जले हुए गरीब लोगों का इलाज फ्री में कर रहे हैं। साल 2006 से, योगी एरोन साल में दो बार 2 सप्ताह का एक कैम्प आयोजित करते हैं जिसमें गरीबी रेखा से नीचे के रोगियों का इलाज होठों, गालों, नाक और चेहरे के अन्य हिस्सों के लिए किया जाता है जिन्हें उपचार की आवश्यकता होती है। जनवरी तक लगभग इन्होने 500 सर्जरी कर डाली हैं। इनकी वेटिंग लिस्ट में लगभग 10,000 मरीज अभी भी हैं।
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4. डॉक्टर मंजुला अनागानी
पद्मश्री से सम्मानित डॉ मंजुला गयनेकोलॉजिक सर्जन है। इन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, उस्मानिया मेडिकल कॉलेज, हैदराबाद, से एमबीबीएस और एमडी (प्रसूति एवं स्त्री रोग) किया। जिसके बाद उन्होंने स्त्री रोग में रोबोटिक सर्जरी, प्रीनेटल जेनेटिक इवैल्यूएशन (prenatal genetic evaluation) और लैप्रोस्कोपिक ट्रेनिंग (laparoscopic training) में भी भाग लिया।
उपलब्धि
उनकी उपलब्धियों में लैप्रोस्कोपी में नई तकनीकों को विकसित करना और सर्जरी को कम जटिल बनाने के लिए न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी शामिल है। इन्होंने 10,000 से अधिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की हैं और यह उपलब्धि हासिल करने वाले कुछ डॉक्टरों में से ये एक हैं। प्राथमिक अमीनोरिया (अनुपस्थित मेंस्ट्रुएशन साइकिल) पर अपने काम के लिए उन्हें व्यापक रूप से जाना जाता है।
इसके अलावा 40 वर्षीय मरीज के 84 फाइब्रॉएड को सफलतापूर्वक निकाला, जिनका वजन लगभग 4 किलोग्राम था। एक ऑपरेशन में इसे पूरा करके डॉक्टर ने अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया।
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5. डॉक्टर एस.एस. बद्रीनाथ
सेंगामेडु श्रीनिवास बद्रीनाथ चेन्नई के शंकर नेत्रालय के चेयरमैन एमेरिटस हैं, जो भारत के सबसे बड़े चैरिटेबल आई हॉस्पिटल्स में से एक है। इनको नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के द्वारा एक फेलो के रूप में चुना गया है। डॉक्टर बद्रीनाथ ने मद्रास मेडिकल कॉलेज से स्नातक किया। उसके बाद न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी मेडिकल स्कूल से नेत्र विज्ञान (Ophthalmology) के बारे में पढ़ाई की। इसके बाद ब्रुकलिन आई एंड इयर इन्फर्मरी, न्यू यॉर्क में नेत्र विज्ञान में अपना रेजिडेंसी किया।
उपलब्धि
डॉक्टर बद्रीनाथ ने कुछ लोगों के साथ मिलकर मेडिकल एंड विजन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की। शंकरा नेत्रालय, मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की एक इकाई है। हर दिन अस्पताल में औसतन 1200 मरीज आते हैं और हर दिन लगभग 100 सर्जरी की जाती हैं।
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6.डॉक्टर सुधांशु भट्टाचार्य
डॉ सुधांशु भट्टाचार्य भारत के टॉप 10 डॉक्टर्स में से एक सफल कार्डियोवस्कुलर सर्जन हैं। इन्होंने कार्डियोवस्कुलर सर्जरी की विशेषज्ञता हासिल करने के लिए दुनिया के अग्रणी कार्डिएक सर्जन डॉ. डेडली जॉनसन के अंतर्गत यूएस फेलोशिप की। ये एशियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोवस्कुलर सर्जन्स के फेलो भी हैं। ये इंडियन एसोसिएशन ऑफ कार्डियोवस्कुलर एंड थोरैसिक सर्जन (2001-2002) के निर्वाचित उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
उपलब्धि
डॉ भट्टाचार्य ने अपने शानदार करियर में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं और इन्हें कार्डियक सर्जरी में उनके योगदान और काम के लिए विश्व स्तर पर पहचाने जाते हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी पेपर्स भी प्रस्तुत किए हैं और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में कई लेख लिखे हैं। इन्हें वर्ष 2013 में इंडियन एसोसिएशन ऑफ कार्डियोवस्कुलर एंड थोरैसिक सर्जन द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी मिला।
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7. डॉ. जे.एम.के. मूर्ति
देश के सबसे बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट में डॉ. जे.एम.के. मूर्ति का नाम शामिल है। 1972 में आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ से मास्टर्स इन मेडिसिन किया। वर्तमान में ये हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी के चीफ हैं, इन्हें जनरल न्यूरोलॉजी, क्रिटिकल केयर न्यूरोलॉजी और सभी प्रकार के मिर्गी के इलाज में विशेषज्ञता हासिल है।
उपलब्धि
क्लिनिकल न्यूरोलॉजी (clinical neurology) और एकेडमिक न्यूरोलॉजी (academic neurology) में लगभग 40 वर्षों का अनुभव रखने वाले डॉक्टर जे.एम.के. मूर्ति ने कई पुस्तकों का पब्लिकेशन भी किया है। ये न्यूरोलॉजी इंडिया के पूर्व संपादक हैं और कई नेशनल जर्नल्स के संपादकीय बोर्ड में भी शामिल रहे हैं, जैसे-जर्नल ऑफ न्यूरोक्रिटिकल केयर सोसाइटी (यूएसए)।
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8. डॉ पी. एस. लांबा
एंडोक्रिनोलॉजी और मधुमेह विज्ञान के क्षेत्र में फेमस डॉ लांबा को को करीबन 41 साल का अनुभव है। इनका इंटरेस्ट एरिया डायबिटीज और थायराइड है। इन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, चंडीगढ़ से एंडोक्रिनोलॉजी की पढ़ाई की। आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पुणे से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। वर्तमान में डॉ पी. एस. लांबा विजिटिंग कंसल्टेंट के रूप में हीरानंदानी अस्पताल, वाशी ए फोर्टिस नेटवर्क अस्पताल और फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड के साथ कार्यरत हैं।
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उपलब्धि
उनके पास राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 40 से अधिक प्रकाशन भी हैं। साथ ही ये महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के साथ रजिस्टर्ड भी हैं।
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9. डॉ. अमित मेदेओ
डॉ. अमित मेदेओ को भारत के टॉप 10 डॉक्टर्स में जाना जाता है। इन्हें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। अमित मेदेओ ने हैम्बर्ग यूनिवर्सिटी से एंडोस्कोपी पर सबसे प्रसिद्ध प्रोफेसर के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग ली है।
उपलब्धि
डॉक्टर मेदेओ को भारत में पहले एंडोस्कोपिक केंद्र, बाल्डोटा इंस्टीट्यूट ऑफ डाइजेस्टिव साइंसेज की स्थापना का श्रेय दिया जाता है, जिसे भारत में सबसे आधुनिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और एंडोस्कोपिक केंद्र माना जाता है। यहां वे डायरेक्टर के रूप में काम करते हैं। भारत में एंडोस्कोपी की अवधारणा को शुरू करने और इस विषय पर पहला शैक्षिक पाठ्यक्रम शुरू करने का श्रेय भी इन्हें दिया जाता है। मेडिसिन और मेडिसिन एजुकेशन के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए इन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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10. डॉक्टर. विजय खेर
करीबन 40 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ डॉ विजय खेर भारत के सर्वश्रेष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट में से एक हैं। उन्होंने शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, श्रीनगर में सफल नेफ्रोलॉजी विभाग स्थापित किया है। इन्हें रीनल एंजियोग्राम, नेफ्रेक्टॉमी (nephrectomy) और किडनी ट्रांसप्लांट में महारत हासिल है।
उपलब्धि
उन्हें इंडियन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी एनुअल कॉन्फ्रेंस, 2009 द्वारा बेस्ट पेपर अवार्ड सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं। डॉ खेर ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं में 350 से अधिक व्याख्यान दिए हैं। इसके साथ ही कई नेशनल और इंटरनेशनल पत्रिकाओं में 180 से अधिक प्रकाशन किए। भारत के टॉप 10 डॉक्टर्स में से एक डा. विजय खेर अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी, इंडियन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी, साइंटिफिक एंड क्रेडेंशियल कमेटी के चेयरमैन, ट्रांसप्लांटेशन सोसायटी और एक्यूट डायलिसिस क्वालिटी इनिशिएटिव के सदस्य हैं।
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