बिगड़ी हुई दिनचर्या और सेहत के प्रति लापरवाही ने आज कई लोगों को बीमार बना रखा है और बीमार पड़ने वालों में फैटी लिवर के मरीजों की एक बड़ी तादात है। फैटी लिवर की बीमारी में लिवर में जरूरत से ज्यादा वसा जमा हो जाती है। दरअसल, लिवर शरीर का दूसरा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण अंग है। लिवर, हम जो भी खाते हैं या पीते हैं, उसे पचाने का काम करता है। लिवर में वसा की मात्रा सामान्य से अधिक होती है तो उसे फैटी लिवर कहते हैं। यह बीमारी दो प्रकार की है-एल्कोहलिक और नॉन-एल्कोहलिक। नॉन-एल्कोहलिक का मुख्य कारण खराब खानपान की आदत हो सकती है। एल्कोहलिक का कारण अधिक शराब का सेवन होता है। बीमारी जिस भी प्रकार की हो, उचित खानपान से इसे ठीक किया जा सकता है।
आमतौर पर फैटी लिवर बीमारी से ग्रसित लोगों को खूब सब्जियां और फलों को खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा हाई फाइबर युक्त चीजों का सेवन करने के लिए कहा जाता है। लो फैट और कम कैलोरी वाला खाना खाने से वजन कम होता है और फैटी लिवर रोग होने का खतरा कम होता है। यदि आप ओवरवेट हैं तो आपको अपने शरीर से 10 प्रतिशत कम वजन करने की जरूरत होती है।
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फैटी लिवर में कौन-सी चीजें खानी चाहिए?
लहसुन (Garlic)
कुछ स्टडीज में पाया गया है कि फैटी लिवर की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए लहसुन बहुत फायदेमंद होता है। लहसुन वसा को कम करने में मदद करता है।
डेयरी प्रोडक्ट्स (Dairy Products)
एक स्टडी के अनुसार, फैटी लिवर वाले लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स को डायट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। डेयरी प्रो़डक्ट्स शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करता है।
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ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ (Omega-3 rich food items)
एक वर्तमान स्टडी की समीक्षा से पता चला है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड, फैटी लिवर रोग से पीड़ित लोगों में लिवर वसा के स्तर और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करता है। इसकी पुष्टि करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है लेकिन, ओमेगा-3 फैटी एसिड में उच्च खाद्य पदार्थ (सार्डिन, अखरोट और अलसी आदि) को आहार में शामिल करने से लिवर फैट कम हो सकता है।
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सूरजमुखी के बीज (Sunflower Seeds)
कॉपर से भरपूर सूरजमुखी के बीज का नियमित रूप से सेवन करने से फैटी लिवर से होने वाली समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
जैतून का तेल (Olive oil)
ऑलिव ऑयल में कैलोरी बहुत कम होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, फैटी लिवर बीमारी से ग्रसित लोगों को अपनी डायट में इसे शामिल करने से फैटी लिवर की समस्या में लाभकारी साबित हो सकता है। हालांकि इसे लेकर अधिक शोध करने की जरूरत है।
टोफू (Tofu)
जिन लोगों को फैटी लिवर की समस्या होती है उन्हें रोजाना टोफू का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा टोफू में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है जो फैटी लिवर के जोखिमों को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
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दलिया (Oatmeal)
एक शोध के मुताबिक, दलिए में पाए जाने वाला बीटा-ग्लूकन पाचन की प्रक्रिया को सक्रिय करता है। इसके साथ ही यह वजन को कम करने में भी मदद करता है। आपको बता दें, मोटापा फैटी लिवर का मुख्य कारण होता है। यही कारण है कि फैटी लिवर से ग्रसित लोगों को डायट में दलिए को शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
कॉफी (Coffee)
एनल्स ऑफ हेपाटोलॉजी में एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो कि एक शक्तिशाली यौगिक है जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप को कम करने में भी मदद करता है। इस लाभकारी यौगिक के कारण फैटी लिवर रोग से बचने में मदद मिलती है। सुबह की दिनचर्या में कॉफी शामिल करना, व्यक्ति के फैटी लिवर के लिए बढ़िया हो सकता है।
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ब्रोकली (Broccoli)
फैटी लिवर की बीमारी से राहत पाने के लिए कई प्रकार की सब्जियों का सेवन करना अच्छा होता है। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के एक लेख में पाया गया कि ब्रोकली का लंबे समय तक सेवन, चूहों के लिवर में वसा को बनने से रोकने में मदद मिली। शोधकर्ताओं को अभी भी मनुष्यों पर अधिक अध्ययन करने की आवश्यकता है।
ग्रीन-टी (Green Tea)
वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में हाल के शोध से पता चलता है कि ग्रीन-टी शरीर और रक्त में वसा को कम करने में मदद कर सकती है। ग्रीन-टी में उच्च मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो लिवर के फैट को भी कम करने में सहायक हैं।
अखरोट (Apricot)
अखरोट में विशेष रूप से ओमेगा-3 उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। 2015 की एक रिपोर्ट में पाया गया कि अखरोट खाने से नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी से ग्रस्त लोगों में लिवर फंक्शन में सुधार होता है।
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एवोकैडो (Avocado)
एवोकैडो में स्वास्थ्यवर्धक वसा पाई जाती है लेकिन, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी पोषक तत्व और घुलनशील फाइबर भी होते हैं, जो शरीर में रक्त शर्करा को कम करने में मदद करते हैं। इसमें एक प्रकार का केमिकल पाया जाता है, जिससे लिवर को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
फिश (Fish)
फैटी फिश जैसे सालमन और टूना फिश में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो लिवर फैट लेवल को सुधारने के साथ सूजन को कम करता है। यदि आप फिश नहीं खाते हैं आप फिश ऑयल कैप्सूल ले सकते हैं। ये फैटी लिवर की समस्या से निजात दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
यदि आपको फैटी लिवर बीमारी है तो निश्चित रूप से आपको ऐसे खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करना चाहिए जो आपके ब्लड शुगर या वजन को कम करने में सहायक हों।
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इन चीजों का गलती से भी न करें सेवन
एल्कोहॉल से रहें कोसों दूर: फैटी लिवर वाले लोगों के लिए एल्कोहॉल का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। यह लिवर को प्रभावित करता है। इससे लिवर के फेल होने का भी खतरा अधिक रहता है।
तले हुए खाने को कहें बाय बाय: अपनी डायट से तले हुए खाने को बाहर कर दें, क्योंकि इससे भी लिवर की समस्या अधिक हो सकती है। फ्राइड फूड में अत्यधिक मात्रा में वसा होती है, जिसका सेवन फैटी लिवर वाले लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
पास्ता: पास्ता में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं। ये फैटी लिवर से ग्रसित लोगों में जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं।
रेड मीट: फैटी लिवर पेशेंट्स को गलती से भी रेड मीट को डायट में शामिल नहीं करना चाहिए। इसमें वसा की मात्रा अधिक होती है, जो हानिकारक साबित हो सकती है।
चावल: फैटी लिवर बीमारी से ग्रसित लोगों को चावल का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। चावल भी कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसलिए इसका सेवन करने से बचें।
एडेड शुगर को कर दें डायट से बाहर: उन सभी चीजों का सेवन बंद कर दें जिसमें एडेड शुगर होता है। क्योंकि इनका सेवन करने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है जिससे वजन बढ़ने के साथ फैटी लिवर से होने वाले जोखिम भी अधिक हो सकते हैं।
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