शिशु के दांतों का समय से पहले गिरना, दांतों की सड़न, चोट या जबड़े के लिए पर्याप्त जगह की कमी की वजह से हो सकता है। स्थाई दांतों के आने से पहले ही दांतों का टूटना पास के दांत टिप या शिफ्ट हो सकते हैं। इससे नए परमानेंट दांतों के लिए बहुत कम जगह बचती है और जगह की कमी के कारण परमानेंट दांत टेढ़ा-मेढ़ा हो सकता है। एक टेढ़ा दांत अन्य समस्याओं को बढ़ा देता है। स्पीच संबंधी समस्याओं के अलावा, यह चबाने की समस्या और टेम्पोरोमैंडिबुलर (temporomandibular) जॉइंट इशू का कारण भी बन सकता है। जानिए दांतों की देखभाल करना-
उपाय
बच्चों की दांतों की देखभाल करना आसान नहीं होता। इसके लिए समय-समय पर बच्चे को डेंटिस्ट के पास ले जा सकते हैं ताकि उसके लिए स्पेस मेंटेनर मिल सके; इससे दांतों के जल्दी खराब होने की स्थिति में मदद मिलेगी। स्पेस मेंटेनर प्लास्टिक से बना होता है और यह टूटे हुए दांत की जगह को भर देता है। एक बार जब नया परमानेंट दांत आने लगता है, तो डेंटिस्ट स्पेस मेंटेनर को हटा देता है।
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दांतों का पीलापन
दांतों का साफ न होना भी एक सामान्य डेंटल प्रॉब्लम है जो कि अधिकांश बच्चों में पाई जाती है। आपने अपने बच्चों के दांतों की सतह पर पीले, सफेद या भूरे रंग के पैच देखे होंगे। यह मुख्य रूप से सही तरीके से ब्रश न करने की वजह या हर खाना खाने के बाद मुंह को अच्छी तरह से साफ न करने की वजह से हो सकता है। ऐसे में पेरेंट्स सुनिश्चित करें कि अगर बच्चे की दांतों की देखभाल करना है तो उन्हें सही से ब्रश करना सिखाएं।
पीले दांतों की देखभाल करना है, तो करें ये उपाय
डेंटल हेल्थ की देखभाल के लिए अच्छे ब्रश का उपयोग करें। उसे अपने दांतों पर पीले धब्बे से छुटकारा पाने में मदद करने के लिए नियमित रूप से ब्रशिंग करने के लिए कहें। दिन में दो बार ब्रश करना, एक बार सुबह और फिर रात के खाने के बाद की सलाह दी जाती है।
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