एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि “स्वास्थ्य ही असली धन है’। यानी, अगर आपकी हेल्थ अच्छी नहीं है, तो पूरी दुनिया का धन कोई मायने नहीं रखता। संपूर्ण स्वास्थ्य में दिल की सेहत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारा दिल पूरे शरीर में ब्लड पंप करने का काम करता है। दिल के सही से काम न करने से कई समस्याएं हो सकती हैं। इन्हीं में से एक है कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis)। हालांकि, कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) का उपचार संभव है, लेकिन इससे पहले इसका निदान होना जरूरी है। आइए, जानते हैं इस समस्या के बारे में विस्तार से।
कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस क्या है? (Constrictive pericarditis)
कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis), पेरिकार्डिटिस में होने वाली क्रॉनिक या लॉन्ग टर्म सूजन है। पेरिकार्डिटिस एक सैक के जैसी मेम्ब्रेन है, जो हार्ट के चारों तरफ होती है। हार्ट के इस भाग में सूजन से स्कारिंग, थिकनिंग और मसल्स का टाइट होना या सिकुड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं । समय के साथ पेरीकार्डियम अपनी इलास्टिसिटी खो देता है और कठोर हो जाता है। वयस्कों में यह स्थिति दुर्लभ है, और यह समस्या बच्चों में भी सामान्य नहीं है। लेकिन, यह एक गंभीर हेल्थ इशू बन सकती है। अगर इसका उपचार न किया जाए, तो यह कठोर पेरीकार्डियम, हार्ट फेलियर के लक्षणों का कारण भी बन सकती है, जो एक जानलेवा कंडिशन है। जानिए, कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) के लक्षण क्या हैं?
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कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस के लक्षण (Symptoms of Constrictive pericarditis)
कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस के लक्षण आमतौर पर पहचानना मुश्किल होते हैं। क्योंकि समय के साथ यह बदतर होते जाते हैं। यही नहीं, यह लक्षण अन्य हार्ट डिजीज (Heart Disease) के समान भी हो सकते हैं। इसके सबसे सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- सांस लेने में समस्या जो समय के साथ स्लो और बाद में बदतर हो सकती है (Breathing difficulty)
- थकावट (Fatigue)
- पेट में सूजन (Swollen abdomen)
- टांगों और घुटनों में क्रॉनिक और गंभीर सूजन (Chronic, severe swelling in legs and ankles)
- कमजोरी (Weakness)
- लो ग्रेड फीवर (Low-grade fever)
- छाती में दर्द (Chest pain)
कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) की बीमारी फ्लूइड रिटेंशन (Fluid Retention) का कारण भी बन सकती है, जो काफी गंभीर हो सकती है। आइए जानते हैं क्या हैं इस बीमारी के कारण?
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कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस के कारण (Causes of Constrictive pericarditis)
जब किसी के दिल की कवरिंग क्रॉनिकली सूज जाता है, तो यह कठोर हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप रोगी का हार्ट उस तरह से स्ट्रेच नहीं कर पाता, जितना धड़कते हुए उसे करना चाहिए। इसके कारण रोगी के हार्ट चैम्बर्स में सही मात्रा में रक्त से भरने में समस्या आ सकती है, जिससे हार्ट फेलियर (Heart Failure) के लक्षण पैदा हो सकते हैं। कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) के सही कारणों के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन इसके कुछ कारण इस प्रकार हो सकते हैं:
- हार्ट सर्जरी (Heart surgery)
- छाती की रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy to Chest)
- ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis)
इस समस्या के कुछ दुर्लभ कारण इस प्रकार हो सकते हैं:
- वायरल इंफेक्शन (Viral infection)
- बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection)
- मेसोथेलियोमा (Mesothelioma), जो एक तरह का असामान्य कैंसर है
कुछ मामलों में डॉक्टर सूजन के कारणों का पता लगाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। लेकिन, इस कंडीशन के कारण का पता न होने के बाद भी इस कंडीशन के लिए कई ट्रीटमेंट विकल्प मौजूद हैं। अब जानते हैं कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) के रिस्क फैक्टर्स के बारे में।
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कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस के रिस्क फैक्टर्स (Risk factors of Constrictive pericarditis)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) का उपचार संभव है। लेकिन, इसके कुछ जोखिम भी हो सकते हैं। इस बीमारी के रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- पेरिकार्डिटिस (Pericarditis): अगर पेरिकार्डिटिस का इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति क्रॉनिक हो सकती है।
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर्स (Autoimmune disorders): सिस्टेमिक लूपस (Systemic lupus), रयूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis), और अन्य ऑटोइम्यून डिजीज इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- हार्ट अटैक या हार्ट सर्जरी (Heart Attack or heart surgery) : अगर किसी को हार्ट अटैक हुआ है या हार्ट सर्जरी हुई है, तो इस बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है।
- दवाईयां (Medication): कुछ दवाईयों के साइड इफेक्ट्स के कारण भी इस समस्या का रिस्क बढ़ सकता है।
- ट्रॉमा या हार्ट में होने वाली इंजरी (Trauma or injury to the heart): ट्रॉमा या हार्ट में होने वाली इंजरी के कारण भी इस समस्या का रिस्क बढ़ सकती है।
- लिंग और उम्र (Gender and age): यह समस्या बीस से पचास साल के उम्र के पुरुषों में सामान्य है।
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कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) की संभावित कॉम्प्लिकेशन्स इस प्रकार हैं:
- हार्ट फेलियर (Heart failure)
- पल्मोनरी एडिमा (Pulmonary edema)
- लिवर और किडनी डिस्फंक्शन (Liver and kidney dysfunction)
- हार्ट मसल्स की स्कारिंग (Scarring of the heart muscle)
यह तो थे कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस के कारण। इनके अलावा भी इस स्थिति में कुछ अन्य कारण हो सकते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से भी सम्पर्क कर सकते हैं। अब जानिए कि इस हार्ट डिजीज (Heart Disease) का निदान किस तरह से संभव है?
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कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस का निदान कैसे किया जा सकता है? (Diagnosis of Constrictive pericarditis)
कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी के लक्षणों के बारे में जाना जाएगा। इसके साथ ही रोगी की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी पूछा जा सकता है। डॉक्टर रोगी की शारीरिक जांच भी करते हैं। जैसे स्टेथोस्कोप की मदद से हार्ट साउंड को सुनना आदि। मेडलायनप्लस (MedlinePlus) के अनुसार कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस का निदान करना बेहद मुश्किल है। क्योंकि, इसके लक्षण अन्य हार्ट स्थितियों के जैसे हो सकते हैं। यह स्थितियां इस प्रकार हो सकती हैं:
- रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy): यह समस्या तब होती है, जब हार्ट के सख्त होने के कारण हार्ट चैम्बर्स में ब्लड नहीं भर पाता है।
- कार्डिएक टैम्पोनेड (Cardiac tamponade): यह समस्या तब होती है, जब हार्ट मसल और पेरीकार्डियम के बीच का फ्लूइड हार्ट को संकुचित करता है।
इसके अलावा डॉक्टर रोगी को अन्य टेस्ट्स के लिए भी कह सकते हैं। यह टेस्ट्स इस प्रकार हैं:
- इमेजिंग टेस्ट (Imaging Test): इमेजिंग टेस्ट (Imaging Test) जैसे चेस्ट मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Chest Magnetic resonance imaging) यानि MRI, कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन(Computed tomography) यानि सीटी स्कैन और एक्स रे (X-ray) आदि की मदद से हार्ट और पेरिकार्डिटिस (Pericarditis) की विस्तृत इमेज बनाई जा सकती है। सीटी स्कैन (CT Scan) और MRI से पेरिकार्डिटिस (Pericarditis) और ब्लड क्लॉट्स की थिकनेस का भी पता चल सकता है।
- कार्डिएक कैथेटेराइजेशन (Cardiac catheterization): कार्डिएक कैथेटेराइजेशन में डॉक्टर मरीज के हार्ट में एक पतली ट्यूब इंसर्ट करते हैं। इस ट्यूब के माध्यम से वो ब्लड सैंपल कलेक्ट किया जाता है। इस टेस्ट से डॉक्टर बायोप्सी के लिए टिश्यू को रिमूव करते हैं और इससे हार्ट के अंदर का माप भी लिया जा सकता है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram): इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट दिल की इलेक्ट्रिकल इम्पल्स को मापता है। इस टेस्ट से यह पता चल सकता है कि रोगी को कंस्ट्रक्टिव पेरिकार्डिटिस या अन्य कोई हार्ट डिजीज (Heart Disease) है या नहीं।
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram): इकोकार्डियोग्राम की मदद से साउंड वेव का प्रयोग कर के हार्ट की पिक्चर बनाई जा सकती है । इससे पेरिकार्डिटिस (Pericarditis) के अंदर के फ्लूइड और थिकनेस का भी पता चल सकता है।
कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) के निदान के बाद डॉक्टर इस समस्या के उपचार को निर्धारित करते हैं। आइए जानते हैं कि इस समस्या का उपचार किस तरह से हो सकता है?
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कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस का उपचार (Treatment of Constrictive pericarditis)
कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) के उपचार का उद्देश्य हार्ट फंक्शन को इम्प्रूव करना है। इस रोग के कारणों को पहचानना और इसका उपचार करना बेहद जरूरी है। पेरिकार्डिटिस की शुरुआती स्टेज में इस समस्या के उपचार के लिए यह तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- वाटर पिल्स (Water Pills) का सेवन ताकि शरीर से अतिरिक्त फ्लूइड को रिमूव किया जा सके। इन दवाईयों को डाययूरेटिक्स (Diuretics) कहा जाता है।
- दर्द को कंट्रोल करने के लिए दवाईयां जैसे एनाल्जेसिक (Analgesics)
- डॉक्टर द्वारा रोगी को डायट मेंनमक की मात्रा को कम करने के लिए कहा जाता है
- ओवर द काउंटर एंटी- इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Anti-inflammatory Drugs) की सलाह दी जाती है जैसे आइबुप्रोफेन (Ibuprofen)
- डॉक्टर कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) की सलाह भी दे सकते हैं
- अगर डॉक्टर इस बात का निदान कर लेते हैं कि आपको कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) की समस्या है और इसके लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर पेरिकार्डियक्टोमी (Pericardiectomy) के लिए भी कह सकते हैं। यह एक सर्जरी है, जिसमें हार्ट के आसपास के डैमेज्ड सैक रिमूव किया जाता है। यह एक कॉम्प्लिकेटेड सर्जरी है, जिसके कुछ रिस्क भी हो सकते हैं। लेकिन आमतौर पर इसे बेहतरीन विकल्प माना जाता है।
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यह तो थी कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) के बारे में जानकारी। अगर इसका उपचार न किया जाए, तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। यही नहीं इसके कारण हार्ट फेलियर की संभावना भी बढ़ सकती है। हालांकि, इस बीमारी से पीड़ित अधिकतर लोग हेल्दी लाइफ जीते हैं, लेकिन कई बार इसका बचाव संभव नहीं हो पाता है। यही नहीं ,अगर रोगी इस समस्या या अन्य हार्ट डिजीज (Heart Disease) को मैनेज करना चाहता है, तो उसे हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करने की सलाह दी जाती है जैसे सही आहार का सेवन करना, व्यायाम, अपने सही वजन को मेंटेन रखना, तनाव से बचाव और पर्याप्त नींद लेना आदि।
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