मलेरिया एक मौसमी बीमारी है, जो कि आमतौर पर एक संक्रमित एनाफिलीज मच्छर के काटने पर होती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक हर 2 मिनट में एक बच्चे की मौत मलेरिया की वजह से होती है हर साल इसके 20 करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए जाते हैं। हालांकि, वर्ष 2000 के बाद प्रभावशाली दवाइयों और उपचार की वजह से हर देश ने मलेरिया के मामलों और उसकी वजह से होने वाली मौतों में गिरावट दर्ज की है। लेकिन, अभी भी लोगों में मलेरिया से जुड़ी जानकारी में कमी है या फिर साफ-सफाई का स्तर कम है, जिससे मलेरिया बिल्कुल खत्म नहीं हो पाया है। इसी वजह से हम मलेरिया से जुड़े मिथ और फैक्ट्स के बारे में बात कर रहे हैं और इसके साथ ही हम जानेंगे कि मलेरिया से बचाव के लिए क्या करना चाहिए।
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मलेरिया से जुड़े मिथ से पहले जानें यह कैसे होता है?
सामान्य भाषा में कहें तो मलेरिया मच्छरों के काटने से होता है। अब अगर हम विस्तार से जानेंगे तो पता चलेगा कि हर मच्छर के काटने से आपको मलेरिया नहीं होता। बल्कि, सिर्फ प्लाज्मोडियम पैरासाइट से संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से किसी व्यक्ति को मलेरिया होता है। जब संक्रमित मच्छर आपको काटता है, तो यह पैरासाइट आपके खून में फैलने लगता है। मनुष्य में मलेरिया का कारण बनने वाले पैरासाइट के 5 प्रकारों में से पी. फाल्सीपेरम सबसे जानलेवा प्रकार है, जो कि सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण गंभीर बीमारी का कारण और यहां तक कि जान भी ले सकता है।
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मलेरिया के लक्षण
संक्रमित मच्छर के मनुष्य को काटने पर व्यक्ति में सात दिन के बाद मलेरिया के लक्षण दिखने या विकसित होने शुरू हो जाते हैं। इसके सामान्य या आम लक्षणों निम्नलिखित लक्षण शामिल हैं।
- बुखार, सिरदर्द, उल्टी व फ्लू के अन्य लक्षण
- शारीरिक थकान
- एनीमिया
- बेहोश होना
- अधिक पसीना आना
- छाती या पेट दर्द
- खांसी
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मलेरिया कैसे फैलता है?
मलेरिया ट्रांसमिशन का एक चक्र होता है, जिसमें सबसे पहले किसी संक्रमित मच्छर के आपको काटने पर आप में मलेरिया विकसित होने लगता है और पैरासाइट आपके लिवर तक पहुंच जाता है, जहां पर पैरासाइट के कुछ प्रकार एक साल तक निष्क्रिय पड़े रह सकते हैं। जब पैरासाइट मैच्योर हो जाता है, तो वह लिवर से निकलकर आपके रक्त की रेड ब्लड सेल्स को संक्रमित करने लगता है और इस समय व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण दिखने शुरू होते हैं। अगर इस समय कोई मच्छर आपको काटता है, तो वह भी पैरासाइट से संक्रमित हो जाता है और वह भविष्य में जिस भी व्यक्ति को काटेगा, उस व्यक्ति में भी मलेरिया विकसित हो जाता है।
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मलेरिया की जांच
मलेरिया से जुड़े मिथ से पहले इसकी जांच के बारे में जानते हैं। जब आपमें मलेरिया के लक्षण विकसित हो जाते हैं, तो डॉक्टर इन लक्षणों के आधार पर ब्लड टेस्ट्स के जरिए इसकी जांच कर सकता है। इस टेस्ट की मदद से पता चलता है कि, आपको मलेरिया है या नहीं, आप में कौन से प्रकार का मलेरिया है, मलेरिया की वजह से कहीं एनीमिया तो नहीं हुआ आदि।
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मलेरिया से जुड़े मिथ और फैक्ट्स
निम्नलिखित मलेरिया से जुड़े मिथ पर लोग अभी भी विश्वास करते हैं। आइए, इनसे जुड़े फैक्ट्स जानते हैं।
- मलेरिया से जुड़े मिथ में सबसे पहला मिथ यह होता है कि, मैं पोश एरिया में रहता/रहती हूं और मुझे मलेरिया नहीं हो सकता। लेकिन, अगर आपके घर के आसपास का एरिया पोश भी है, तो भी किसी संक्रमित मच्छर के उड़ के वहां आने पर और आपको काटने पर मलेरिया हो सकता है।
- इसके अलावा, लोग मलेरिया और डेंगू को एक ही समझते हैं। लेकिन, फैक्ट यह है कि हालांकि दोनों बीमारी ही मच्छरों के काटने से होती हैं, मगर इनके कारणों, लक्षणों और इलाज में काफी अंतर है।
- मलेरिया से जुड़े मिथ में माना जाता है कि इसका मच्छर एक बार काटने के बाद मर जाता है, लेकिन यह भी गलत अवधारणा है। क्योंकि, इन पैरासाइट से संक्रमित मच्छर कई लोगों को अपना शिकार बना सकता है।
- मलेरिया की जांच में नेगेटिव आने पर मलेरिया हो ही नहीं सकता। दरअसल, कई बार शरीर में पैरासाइट का काउंट कम होने पर वह टेस्ट में नहीं आ पाता, लेकिन कुछ समय में वह अपनी संख्या में बढ़ोतरी कर लेता है और टेस्ट के जरिए पकड़ में आ सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान खतरनाक हो सकता है मलेरिया
- गर्भपात
- समय से पहले डिलीवरी
- जन्म के वक्त शिशु के वजन मे कमी होना
- जन्मजात संक्रमण
- बच्चे के जन्म के बाद मृत्यु हो जाना
मलेरिया से जुड़े मिथ- इससे बचाव करने के टिप्स
- मलेरिया मच्छर के काटने से होता है। इसलिए सबसे पहले इससे बचाव करने के लिए आपको मच्छरों को पनपने या उनके संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- मलेरिया से जुड़े मिथ के अलावा आपको अपने आस-पास सफाई रखनी चाहिए। मच्छरों को पनपने का माहौल न दें। घर के आस-पास पानी न ठहरा हो। ऐसी जगह अक्सर मच्छर पनपते हैं।
- हमेशा पूरे कपड़े पहनें जिससे कि आपका शरीर पूरी तरह ढका रहे। मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूर करें।
- मच्छर गहरे रंग की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं। इसलिए गहरे रंग के कपड़े एवॉइड करें। हल्के रंग के कपड़े पहनें।
- शाम होते ही घर की खिड़कियां बंद कर दें ताकि बाहर से मच्छर अंदर न आ सकें और अगर आप बाहर जाएं तो शरीर पर मच्छर दूर रखने वाली क्रीम या जेल लगाकर जाएं।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें। दिनभर तरल पदार्थ का सेवन करें। अपनी दिनचर्या में जूस और नारियल पानी को शामिल करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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