आजकल हिप्स में दर्द (Hip Pain) यानी कूल्हों में दर्द की समस्या सामान्य तकलीफ मानी जाती है, लेकिन अगर हिप्स में दर्द की परेशानी को नजरअंदाज किया जाए तो आपकी परेशानी कम होने की बजाए और ज्यादा बढ़ सकती है। रिसर्च के मुताबिक 100 में से 10 लोगों को हिप्स में दर्द की शिकायत रहती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार अगर इस परेशानी को ज्यादा दिनों तक अनदेखा किया जाए या ध्यान न देने पर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है। इस आर्टिकल में समझेंगे कूल्हों में दर्द से निजात कैसे पाया जा सकता है।
- हिप्स में दर्द की तकलीफ क्या है?
- हिप्स में दर्द के कारण क्या हैं?
- हिप्स में दर्द के लक्षण क्या हैं?
- हिप्स में दर्द का निदान कैसे किया जाता है?
- हिप्स में दर्द की तकलीफ को दूर करने के लिए इलाज कैसे किया जाता है?
इन सवालों के साथ-साथ कूल्हों में दर्द से जुड़े अन्य सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे।
हिप्स में दर्द (Hip Pain) की तकलीफ क्या हैं?
हिप्स में दर्द यानी कूल्हों में दर्द की समस्या ज्यादातर बुजुर्गों को होती है। लेकिन यह तकलीफ सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है। हिप्स पेन की समस्या के पीछे हड्डियों में फ्लूइड की कमी होना भी है, जिस वजह से कूल्हे में दर्द (Hip Pain) लगातार बना रहता है। दरअसल फ्लूइड की कमी के कारण हड्डियों में रगड़ शुरू हो जाती है, जिस वजह हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। अगर ऐसी शुरू हो जाए तो हड्डियों के टूटने की संभावना ज्यादा रहती है और तकलीफ भी बनी रहती है।
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हिप्स में दर्द का कारण क्या है? (Cause of Hip Pain)
कूल्हों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। जैसे:
- हिप्स की हड्डियों के बीच में एक तरह का तरल पदार्थ (फ्लूइड) होता है, जिसकी मदद से हड्डियां ठीक तरह से फंक्शन करती हैं। अगर इस फ्लूइड की कमी हो जाए तो हिप्स में दर्द की परेशानी शुरू हो सकती है।
- अगर किसी व्यक्ति को ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या है, तो उन्हें हिप्स पेन की परेशानी हो सकती है।
- जिन लोगों को आर्थराइटिस यानी गठिया की तकलीफ रहती है, तो उन्हें हिप्स पेन की तकलीफ हो सकती है।
- अगर कोई पुरानी चोट लगी हो या गिरने की वजह से फ्रैक्चर हुआ हो, तो कूल्हों में दर्द होने की संभावना बनी रहती है।
- अगर किसी भी कारण आपको हिप्स जॉइंट्स में इंफेक्शन होने पर हिप्स पेन की तकलीफ भी शुरू हो सकती है।
- स्मोकिंग करना या लंबे वक्त से स्टेरॉइड्स के सेवन की वजह से हिप्स में दर्द की परेशानी हो सकती है।
- महिलाओं में प्रायः 40 साल की उम्र के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिसे मेडिकल टर्म में बोन डेंसिटी कहते हैं। सामान्य भाषा में इसे समझें, तो इसे हड्डियों के घनत्व में कमी भी कहा जाता है। ऐसी स्थिति भी हिप्स में दर्द का कारण बन सकती है।
- नस का दबना या अत्यधिक टाइट कपड़े पहनने की वजह से भी हिप्स में दर्द की समस्या हो सकती है।
- शरीर में विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी भी हिप्स पेन का कारण बन सकती है।
- बैठने का पॉश्चर ठीक नहीं होना।
- अत्यधिक चीनी या मीठे का सेवन करना।
- कुछ रिसर्च के अनुसार हर्निया के पेशेंट्स को भी हिप पेन की शिकायत हो सकती है।
इन ऊपर बताये कारणों के अलावा अन्य कारण भी कूल्हों में दर्द की समस्या हो सकती है। लेकिन कई बार महिलाओं और पुरुषों में हिप्स में दर्द के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
महिलाओं में हिप्स में दर्द के कारण- (Cause of Hip Pain in women)
महिलाओं में हिप्स पेन पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखा जाता है। रिसर्च के अनुसार 30 से 60 साल एज ग्रुप की महिलाओं में कई कारणों की वजह से हिप्स पेन की परेशानी शुरू होती है। दरअसल जिन महिलाओं का वजन ज्यादा रहता और डायबिटिक महिलाओं में हिप्स पेन की तकलीफ ज्यादा होती है। यंग एज ग्रुप की महिलाओं में मिसकैरिज की वजह से भी हिप्स पेन की समस्या बनी रहती है। वहीं प्रेग्नेंसी या फिर शिशु के जन्म के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी की वजह से कूल्हे में दर्द की शिकायत होती है। इसके अलावा जो महिलाएं शारीरिक क्षमता से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करती हैं, एक जगह घंटों-घंटों बैठे रहती हैं या फिर ठीक तरह से बैठने की आदत ना होने की वजह से भी हिप्स पेन की तकलीफ से पीड़ित हो जाती हैं।
पुरुषों में हिप्स में दर्द के कारण- (Cause of Hip Pain in men)
अत्यधिक श्रम करने वालों पुरुषों को हिप्स में दर्द की शिकायत रहती है। रिसर्च के अनुसार 20 से 50 साल के पुरुषों में हिप्स पेन की समस्या सामान्य बनती जा रही है, जिसका कारण ज्यादा से ज्यादा देर तक डेस्क जॉब करना या एक ही पुजिशन (पोजीशन) में लगातार बैठे रहना। वहीं जिन पुरषों की हड्डियों में फ्लूड सूखने लगते हैं, उनमें हिप्स में दर्द की परेशानी ज्यादा देखी जाती है।
इस आर्टिकल में आगे समझेंगे हिप्स पेन (Hips pain) के लक्षण क्या हो सकते हैं। क्योंकि शरीर में होने वाले नेगेटिव बदलाव हमें सतर्क करने के लिए काफी हैं।
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हिप्स पेन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Hip Pain)
कूल्हों में दर्द या हिप्स में होने वाली तकलीफ को समझने के लिए निम्नलिखित लक्षण महसूस किये जा सकते हैं। जैसे:
- जांघों में तेज दर्द होना
- कुल्हे के जॉइंट्स में या अंदुरुनी हिस्से में पेन महसूस होना
- कूल्हे का दर्द कमर (Back pain) तक पहुंचना या महसूस होना
- तेजी से काम करने, चलने या झुकने के दौरान तकलीफ महसूस होना
- कमर या हिप्स में सूजन आना
इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण महसूस किये जा सकते हैं। इसलिए अगर आपको कोई भी लक्षण समझ आये तो देर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
हिप्स में दर्द का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Hip Pain)
कूल्हे में दर्द की परेशानी को दूर करने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट निम्नलिखित बॉडी चेकअप या टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। इनमें शामिल है:
- एक्स-रे (X-rays)
- सीटी स्कैन (CT scans)
- एमआरआई स्कैन (MRI scans)
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasounds)
- ब्लड टेस्ट (Blood test)
इन ऊपर बताये गए टेस्ट के अलावा डॉक्टर पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री पूछ सकते हैं और आवश्यकता अनुसार अन्य जांच की सलाह भी दे सकते हैं।
कूल्हे में दर्द की परेशानी को दूर करने के लिए क्या है इलाज? (Treatment for Hip Pain)
- हिप्स में दर्द का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। अगर व्यायाम से संबंधित दर्द हुआ है, तो यह आमतौर पर आराम करने पर ठीक हो जाता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको रेस्ट करने की सलाह देते हैं।
- अगर आपको अर्थराइट्स की समस्या है, तो हेल्थ एक्सपर्ट आपको पेन किलर जैसी दवाओं को प्रिस्क्राइब करते हैं।
- फिजिकल थेरिपी लेने की सलाह दी जाती है।
- अगर किसी इंजूरी की वजह से हिप्स पेन हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में बेड रेस्ट और नेप्रोक्सिन (Naproxen) जैसी दवाएं हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा प्रिस्क्राइब की जाती हैं।
- हिप फ्रेक्चर (कूल्हे की हड्डी टूटना) या किसी मेजर इंजूरी होने पर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जा सकती है।
इन ऊपर बताये अनुसार हिप्स पेन का इलाज किया जाता है। लेकिन कई बार पेशेंट की स्थिति या बीमारी की गंभीरता को देखते हुए इलाज किया जाता है पर ध्यान रखें ज्यादातर मामलों में तकलीफ आराम करने से ही ठीक हो जाती है। यह भी समझें इलाज से दर्द में तुरंत राहत मिल सकती है, लेकिन तकलीफ दूर होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। इसलिए परेशान न हों और इलाज ठीक से करवाएं और जो सलाह आपके डॉक्टर आपको दें उसका ठीक तरह से पालन करें। क्योंकि लापरवाही बरतने से तकलीफ कम होने के बजाये बढ़ सकती है।
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कूल्हे में दर्द की परेशानी को दूर करने के लिए क्या करें?
हिप्स में दर्द से राहत पाने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
हिप्स में दर्द है, तो अपनाएं ये घरेलू उपाय-
आराम करें- ऐसे कार्यों को ना करें जिनमें आपको झुकना पड़े और आराम करें। इस दौरान ध्यान रखें की सोने के दौरान करवट लेकर ना लेटें। क्योंकि करवट लेकर सोने से हिप्स पर भाड़ बढ़ेगा और आपकी तकलीफ भी। इसलिए पीठ के बल सोने की आदत डालें।
ओटीसी दवाएं- दर्द से राहत पाने के लिए मेडिकल स्टोर से दवा ली जा सकती है। लेकिन ध्यान रखें इन पेन किलर का सेवन अपनी इच्छा अनुसार न करें, क्योंकि इससे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
कोल्ड एन्ड हीट पैड- हिप्स में दर्द से राहत पाने के लिए हीट पैड या फिर ठंडे पैड का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको जल्द आराम मिल सकता है।
स्ट्रेच करें- आराम से बॉडी को स्ट्रेच करने से हिप्स पेन से राहत दिलाता है।
गुनगुने पानी से करें स्नान- अगर आप नियमित एक्सरसाइज करते हैं, तो एक्सरसाइज के बाद गुनगुने पानी से स्नान करने की आदत डालें। ऐसा करने से मसल्स स्ट्रेच होंगे और मांसपेशियों में दर्द जैसी तकलीफ दूर होंगी।
इन उपायों को अपनाने से हिप्स पेन से जल्द ही राहत मिल सकती है।
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डॉक्टर से कब कंसल्ट करना है जरूरी?
हिप्स में दर्द की परेशानी होने पर अगर आप घरेलू उपाय और हेल्दी टिप्स फॉलो कर चुके हैं, लेकिन आपकी तकलीफ कम नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। इसी के साथ निम्नलिखित शारीरिक स्थितियों में भी डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। जैसे:
- हमेशा कूल्हे में दर्द रहना
- उठने-बैठने या चलने में परेशानी महसूस होना
- सूजन आना
- बुखार होना या इंफेक्शन की समस्या होना
- बॉडी वेट अत्यधिक बढ़ना
इन स्थितियों में डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। अगर आप हिप्स में दर्द (Hip Pain) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।