सिरदर्द को आमतौर पर हम सामान्य समस्या मानते हैं। आपने सिरदर्द से जुडी एक अन्य बीमारी के बारे में भी सुना होगा, जिसे माइग्रेन कहा जाता है। जब आप सिर में दर्द या दबाव महसूस करते हैं तो यह बताना मुश्किल हो जाता है कि यह सामान्य सिरदर्द है या आप माइग्रेन से पीड़ित हैं। लेकिन आपको यह बात सुनकर हैरानी होगी कि माइग्रेन और सामान्य सिरदर्द में बहुत फर्क होता है। अगर आपको इन दोनों के बीच का अंतर पता होगा, तो आप सही उपचार से जल्दी ठीक हो सकते हैं। इसके साथ ही, भविष्य में भी आप इस समस्या से बच सकते हैं। जानिए, सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraine) के बारे में विस्तार से। शुरुआत करते हैं इनके बीच के अंतर से।
सिरदर्द और माइग्रेन में क्या अंतर है? (Difference between Headache and Migraine)
सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraine) के बीच में सबसे सामान्य और बड़ा अंतर यह है कि सिरदर्द के कारण सिर, चेहरे, गर्दन के ऊपरी हिस्से में दर्द होती है और इनकी फ्रीक्वेंसी व तीव्रता में अंतर हो सकता है। लेकिन, माइग्रेन की समस्या सिरदर्द से बढ़कर है। यह बहुत अधिक दर्दभरा हेडेक डिसऑर्डर (Headache Disorder) है। माइग्रेन आमतौर पर ऐसे लक्षण उत्पन्न करता है जो सिरदर्द की तुलना में अधिक तीव्र और कमजोरी लाने वाले होते हैं। आइए समझते हैं दोनों के बारे में, ताकि सही लक्षणों को जानकर हम सही उपचार करा सकें।
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क्या है सिरदर्द? (What is Headache)
सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) में आपने हो सकता है कि माइग्रेन का नाम न सुना हो या सुना भी होगा तो आपको भी यही लगता होगा कि सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) एक ही हैं हालांकि ऐसा नहीं है। आइए, सबसे पहले जानते हैं, सिरदर्द के बारे में। सिरदर्द को दो भागों में बांटा गया है – प्राइमरी और सेकेंडरी।
प्राइमरी सिरदर्द (Primary Headache)
प्राइमरी सिरदर्द उन इंडिपेंडेंट कंडीशंस को बताती है, जो सिर, चेहरे या गर्दन में दर्द का कारण बनती हैं। प्राइमरी सिरदर्द के उदाहरणों में टेंशन हेडेक (Tension Headache) शामिल हैं। प्राइमरी सिरदर्द के प्रकार इस तरह से हैं:
टेंशन सिरदर्द (Tension Headache) : इस प्रकार की सिरदर्द में सिर के आसपास अधिक प्रेशर महसूस किया जा सकता है। डॉक्टर इस तरह की सिरदर्द को एपिसोडिक (Episodic) या क्रोनिक (Chronic) मानते हैं। यह एपिसोडिक टेंशन (Episodic Tension) टाइप सिरदर्द हर महीने दस से पंद्रह दिन के बीच होती है। जबकि, क्रोनिक टेंशन टाइप सिरदर्द बार-बार हो सकती है। टेंशन सिरदर्द के होने के कई कारण हैं जैसे:
- भूख (Hunger)
- डिप्रेशन या एंग्जायटी (Depression and Anxiety)
- कम सोना (Lack of Sleep)
- स्लीप एपनिया (Sleep Apnea)
- आर्थराइटिस (Arthritis)
- गर्दन का मुड़ना या इसमें दर्द होना (Bending or Straining the Neck)
- पोस्चर का सही न होना (Poor Posture)
साइनस सिरदर्द (Sinus Headache)
इस तरह की सिरदर्द तब होती है जब आप बीमार महसूस करते हैं। यह साइनस पैसेज (Sinus Passage) में सूजन होने के कारण हो सकती है। इसके कारण गालों, नाक या आंखों के पीछे भी दर्द होती है। यह दर्द तब सबसे अधिक होती है जब आप सुबह उठते हैं या आगे की तरफ झुकते हैं।
क्लस्टर सिरदर्द (Cluster Headache)
यह सिरदर्द बहुत दर्दनाक होती है और रोजाना हो सकती है। क्लस्टर सिरदर्द कई महीनों तक हर दिन कई बार होती है। ऐसा माना जाता है कि यह वे सेरोटोनिन (Serotonin) और हिस्टामाइन (Histamines) कंपाउंड के शरीर से निकलने के कारण मस्तिष्क की ब्लड वेसल्स (Blood Vessels) में फैलने का परिणाम हैं। यह सिरदर्द अधिक काम, रोशनी या यहां तक की ऊंचाई के कारण भी हो सकती है। क्लस्टर सिरदर्द के कई लक्षण हैं जैसे आंखों के पीछे दर्द, लाल आंखें, पसीना आना, कब्ज, बेचैनी, हेमीक्रेनिया (Hemicrania) आदि।
सेकेंडरी सिरदर्द (Secondary Headache)
सेकेंडरी सिरदर्द किसी मेडिकल स्थिति के कारण हो सकती है जैसे इंफेक्शन, स्ट्रेस या किसी दवाई के अधिक आदि उपयोग से।
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माइग्रेन क्या है? (What is Migraine)
माइग्रेन को बहुत अधिक सिरदर्द भी कहा जाता है। लेकिन, सिरदर्द माइग्रेन का केवल एक लक्षण है। इसकी गंभीरता और आवृत्ति अधिक हो सकती है। दिमागी गतिविधि में परिवर्तन दिमाग और आसपास के ऊतकों में खून के प्रवाह को प्रभावित करते हैं, जिससे इसके कई लक्षण नजर आ सकते हैं। सिर में गंभीर दर्द के अलावा, माइग्रेन पीड़ित व्यक्ति को कुछ अन्य लक्षणों का अनुभव भी हो सकता है, जैसे:
- जी मिचलाना (Nausea)
- रोशनी, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशीलता (Increased sensitivity to Light, Sound or Smells)
- सिर चकराना (Dizziness)
- अधिक थकावट (Extreme Fatigue)
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माइग्रेन के चरण (Phases of Migraine)
माइग्रेन के एपिसोड चार विभिन्न चरणों में होते हैं यानी माइग्रेन चार चरणों में होती है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति इसके हर चरण का सामना करे। लेकिन माइग्रेन के फेज इस प्रकार हैं:
- प्रोड्रोम चरण (Prodrome Phase): इसे कभी-कभी प्री-हेडेक फेज (Preheadache Phase) कहा जाता है। इस चरण में दर्द रहित लक्षण होते हैं, जो माइग्रेन के आने से घंटों या दिनों पहले होते हैं। इनमें मूड स्विंग, फूड क्रेविंग और गर्दन की अकड़न शामिल हैं।
- ऑरा फेज (Aura Phase): ऑरा का यहां मतलब है सेंसरी डिस्टर्बेंस (Sensory Disturbance), जो माइग्रेन से पहले या उसके दौरान होती है। यह फेज व्यक्ति की दृष्टि, स्पर्श या स्पीच को प्रभावित कर सकता है, हालांकि हर कोई जो माइग्रेन से पीड़ित है, वो औराज का अनुभव नहीं करता है। ऑराज के उदाहरणों में धुंधला दिखाई देना, ब्लाइंड स्पॉट, बांह का सुन्न होना और बोलने में समस्या शामिल हैं।
- हेडेक फेज (Headache Phase) :माइग्रेन के दौरान जब आमतौर पर दर्द होता है तो उसे हेडेक फेज कहा जाता है। यह फेज माइल्ड से कम आवृत्ति का हो सकता है। शारीरिक गतिविधि, रोशनी, ध्वनि और गंध के संपर्क में आने से दर्द बढ़ सकता है। हालांकि, कुछ लोगों को सिरदर्द के बिना भी माइग्रेन हो सकता है।
- पोस्टड्रोमल चरण (Postdromel Phase): पोस्टड्रोमल चरण वह चरण वह है, जब दर्द कम हो जाता है। लोग इस चरण के दौरान थका हुआ, भ्रमित या आम तौर पर बीमार महसूस कर सकते हैं
माइग्रेन के कारण (Causes of Migraine)
सिरदर्द के कारण आमतौर पर पहचाने जा सकते हैं। माइग्रेन को कुछ कारक बढ़ा सकते हैं या ट्रिगर कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई कारण नहीं होता। यदि आप माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो आप यह महसूस कर सकते हैं कि कुछ कारक माइग्रेन का कारण बन सकते हैं। यह कारक हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकते हैं, जैसे
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में माइग्रेन
महिलाएं पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक माइग्रेन का सामना करती हैं। ऐसा मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) या हॉर्मोन्स में परिवर्तन (Change in Hormones) के कारण हो सकता है।
एलर्जी (Allergies)
इसे एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic rhinitis) भी कहा जाता है। एलर्जी से शरीर में जलन और सूजन होती है। क्योंकि, माइग्रेन ब्लड वेसल्स (blood Vessels) की सूजन से जुड़ा हुआ है।
पारिवारिक इतिहास और आनुवंशिकी (Family History and Genetics)
अगर आपकी परिवार में किसी को माइग्रेन की समस्या तो आपको यह रोग होने की संभावना अधिक होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार (Genetic Mutation) माइग्रेन का आम प्रकार है।
पर्यावरण (Environment)
इस कारक में कई चीजें आती हैं जो माइग्रेन की समस्या को बढ़ा देती हैं जैसे मौसम में बदलाव, तनाव, भोजन, बदबू और नींद की कमी आदि।
तनाव (Depression)
ऐसा माना जाता है कि जो लोग तनाव जैसी समस्या से पीड़ित होते हैं, उनमे भी माइग्रेन होने की संभावना अधिक होती है ऐसे में ही अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों में भी यह प्रॉब्लम हो सकती है।
नींद और माइग्रेन के बीच क्या संबंध है?
क्या आप जानते हैं कि नींद और माइग्रेन का भी गहरा रिश्ता है? अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती या आपको अच्छे से नींद नहीं आती है तो भी आप माइग्रेन का शिकार हो सकते हैं। शोध से यह बात साबित हो चुकी है कि अगर आपकी रात को नींद खराब होती रहती है तो आपको अन्य समस्याओं के साथ ही माइग्रेन होने की संभावना भी रहती है। इसके साथ यह भी माना जाता है कि रात को अगर नींद पूरी न हुई हो तो अगली सुबह माइग्रेन का जोखिम ज्यादा होता है। लेकिन, दूसरे या तीसरे दिन भी यह समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए अपनी नींद को खराब न होने दें ताकि आप बिना किसी समस्या के पूरी और आरामदायक नींद लें।
सिरदर्द और माइग्रेन का उपचार (Treatment of Headache and Migraines)
हालांकि, सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) का कोई खास उपचार नहीं है। लेकिन, दवाइयां और लाइफस्टाइल में बदलाव इसके लक्षणों को कम करने और भविष्य में इसके एपिसोड को कम करने में प्रभावी है। जानिए इसके उपचारों के बारे में विस्तार से।
ओवर द काउंटर दवाइयां (Over the Counter Medicines)
सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) को दूर करने के लिए कुछ ओवर द काउंटर दवाइयां जैसे एसिटामिनोफेन (Acetaminophen), आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) और एस्पिरिन (Aspirin) ली जाती है, जो सिरदर्द और कम माइग्रेन में सहायक हैं। इसके अलावा मेलाटोनिन (Melatonin) भी माइग्रेन और क्लस्टर सिरदर्द को रोकने में मदद कर सकती है। हालांकि, हर स्थिति और व्यक्ति के अनुसार सही खुराक बदलती है, इसलिए इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लें।
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डॉक्टर की सलाह के बाद ली जाने वाली दवाईयां (Prescription drugs)
अगर आपको गंभीर माइग्रेन रोजाना हो रही है तो ओवर द काउंटर ट्रीटमेंट (Over the Counter Treatment) आपकी काम नहीं आने वाले। ऐसे में आप के लिए डॉक्टर की सलाह और उनकी बताई दवाई लेना जरूरी है। ताकि माइग्रेन की गंभीरता को कम किया जा सके। इसमें यह दवाइयां शामिल हैं
- ब्लड प्रेशर की दवाईयां जैसे बीटा ब्लॉकर्स (beta Blockers)
- एंटीडिप्रेसेंट्स दवाईयां(Antidepressants)
- एंटी-सीजर (Anti-Seizure Medicines)
- बोटुलिनम टोक्सिन A इंजेक्शंस (Botulinum Toxin A (Botox) Injections)
जीवनशैली में बदलाव
इसमें कोई संदेह नहीं है कि सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) दोनों ही बेहद दर्द भरी और बेचैन करने वाली स्थितियां हैं। इसके लिए कुछ खास उपचार नहीं हैं और हर बार सिरदर्द होने पर दवा लेना भी उचित नहीं है। ऐसे में आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने होंगे। इन बदलावों से आप अपनी सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) की समस्या में भी परिवर्तन महसूस करेंगे। यह बदलाव इस प्रकार हैं:
रोजाना व्यायाम करें (Exercise Daily)
रोजाना एरोबिक्स (Aerobics) या अन्य व्यायाम करने से आप तनाव से मुक्ति पाएंगे, जो सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) का मुख्य कारण है। व्यायाम करने से आपका वजन भी कम होगा। रोजाना कुछ समय सैर, स्विमिंग, साइकिलिंग आदि के लिए निकालें। इसके बारे में आप अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
संतुलित आहार (Balanced Diet)
सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) से बचने के लिए आपको ऐसा आहार ग्रहण करना चाहिए जो इस समस्या के कारणों को ट्रिगर न करे। इसलिए, जितना हो सके सादा और हल्का भोजन लें। इसके साथ ही अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन भी जरूरी है।
पर्याप्त नींद (Enough Sleep)
जैसे भोजन और व्यायाम सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraine) को दूर करने के लिए जरूरी है वैसे ही जरूरी है पर्याप्त नींद। सही नींद आपको स्वस्थ रखती है और तनाव से भी छुटकारा दिलाती है। इसलिए दिन में कम से कम आठ घंटे की नींद जरूरी है।
“इस बारे में डॉ. प्रीतम मून, सलाहकार चिकित्सक, वॉकहार्ट अस्पताल, कहना है कि अपनी नींद के लेकर अक्सर लोग गलती करते हैं। अनिद्रा होने के कई कारण हो सकते हैं।अनिद्रा एक आम बीमारी है जिससे किसी भी उम्र के लोग पीड़ित हो सकते हैं। इस बीमारी से वयस्क पुरुषों की अपेक्षा वयस्क महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। दुनिया भर में लाखों लोग अनिद्रा से पीड़ित हैं और सबके अपने अलग कारण हैं। भारी संख्या में वयस्क अनिद्रा से पीड़ित हैं जिससे उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।’
अन्य तरीके अपनाएं (Try Other Things)
कुछ तरीके जैसे योग (Yoga) और मेडिटेशन (Meditation) करने से आप न केवल सकारात्मक महसूस करेंगे बल्कि इस समस्या से भी आपको छुटकारा मिलेगा।
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इसके साथ ही जब माइग्रेन या सिरदर्द शुरू हो, किसी अंधेरी जगह पर शांति से बैठ जाएं। अपनी आंखों को बंद कर लें या कुछ देर सो जाएं। इसके अलावा आपको अपने सिर पर कोई ठंडा कपड़ा या आइस पैक लगाने से भी आराम मिलेगा। अगर इसका कारण स्ट्रेस है तो आप अपने थेरेपिस्ट से भी सलाह ले सकते हैं। इन दवाईयों या तरीकों के बाद भी अगर आपको इस सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraine) से छुटकारा नहीं मिलता है तो यह किसी और समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में, डॉक्टर से सलाह लें और उचित उपचार कराएं।
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