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क्या माइग्रेन की समस्या सिर्फ घरेलू उपचार से ठीक हो सकता है?

क्या माइग्रेन की समस्या सिर्फ घरेलू उपचार से ठीक हो सकता है?

माइग्रेन (Migraine) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। माइग्रेन प्रायः 18 से 19 साल के लोगों में ज्यादा होता है। तेज सिरदर्द, मतली, उलटी, तेज रौशनी से तकलीफ (फोटोफोबिया), तेज आवाज से तकलीफ (फोनोफोबिया) माइग्रेन के लक्षण हैं। अक्सर लोगों को माइग्रेन की तकलीफ महीने में 3-4 बार हो सकती है। पुरषों की तुलना में माइग्रेन की समस्या से महिलाएं ज्यादा पीड़ित होती हैं।

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सवाल

मुझे माइग्रेन की समस्या है पिछले 5 सालों से माइग्रेन की दवा खा रही हूं लेकिन, अब मैं दवा नहीं खाना चाहती हूं। क्या माइग्रेन से बचने के लिए कोई घरेलू उपाय हैं?

जवाब

दरअसल बदलती लाइफ स्टाइल के कारण शारीरिक परेशानी बढ़ती जा रही है। माइग्रेन बढ़ते तनाव के कारण या अन्य परेशानियों के कारण हो सकते हैं। इसलिए आपको अपने सिरदर्द के कारण को समझना होगा। सिरदर्द की इंटेंसिटी और फ्रीक्वेंसी का ख्याल रखें। सामान्य भाषा में कब, कीतनी बार और सिरदर्द कितनी तेज होती है इसका ध्यान रखें। अपने आहार या डायट में कैफीन, चॉकलेट और चीज जैसे खाद्य पदार्थों से परहेज करें। बीजी शिड्यूल होने के बाद भी रिलैक्स करने का समय निकालें। इसलिए पसंदीदा गाना सुने, योगा करें, एक्सरसाइज करें या फिर आपकी कोई हॉबी। इन सभी बातों का मतलब है खुश रहें। हर किसी को थोड़े तनवा में रहना पड़ सकता है क्योंकि परिवार संभालने की हो बात या ऑफिस में नंबर वन बनने की चाह।  

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नीचे दिए गए घरेलू टिप्स को फॉलो करें और पाएं माइग्रेन की समस्या से राहतः

आइस पैक का करें इस्तेमाल

तेज रोशनी और आवाज से माइग्रेन अटैक आ सकता है। इसलिए शांत और अंधेरी जगह ढूंढकर वहां शांति से बैठ जाएं और मेडिटेशन करें। माथे, स्कैल्प और गर्दन पर आइस पैक (बर्फ) लगाएं। इससे माइग्रेन की समस्या से तुरंत राहत मिलेगी। लेकिन, अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि आइस पैक किस तरह से काम करता है।

कॉफी से दूर करें माइग्रेन की समस्या

एक से दो कप कॉफी पीने से माइग्रेन की समस्या से कुछ हद तक राहत मिल सकती है।

हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें

अपनी डायट में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। गहरी हरे रंग की सब्जियों में मिनरल्स की अधिक मात्रा होती है, जो माइग्रेन की समस्या को कम करने में सहायक हो सकता है।

दालचीनी का पेस्ट लगाएं

दालचीनी ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि ये माइग्रेन की समस्या से राहत भी दिला सकती है। दालचीनी के पाउडर को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और उस पेस्ट को माथे पर लगाएं। आधे घंटे बाद इसे गुनगुने पानी से माथा धो लें। इससे आपको तुरंत लाभ मिलेगा।

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साबूत अनाज खाएं

अपनी डायट में साबूत अनाज, नट्स आदि शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ गंभीर माइग्रेन अटैक से बचने में मदद कर सकते हैं।

सोने की आदत बदलें

माइग्रेन का अटैक आने पर सो जाएं और अपनी सोने की आदत भी सुधारें। कम से कम 7-8 घंटे की नींद अवश्य लें

सोंठ का पेस्ट लगाएं

सोंठ के पेस्ट को सिर पर लगाएं ने भी माइग्रेन में राहत मिलती है।

अदरक वाली चाय

अदरक वाली चाय पीएं। इससे दर्द में आराम मिलेगा। साथ ही, पेट भी साफ रहेगा।

मालिश करें

माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए मालिश भी कर सकते हैं। इससे अच्छी नींद भी आएगी और दर्द भी दूर हो जाएगा।

स्ट्रेच करें

मालिश के साथ-साथ गर्दन को स्ट्रेच करने से रक्त प्रवाह मजबूत होता है और आपको दर्द से राहत मिलती है।

अंगूर का जूस पीएं

अंगूर में कई डायटरी फाइबर, विटामिन ए और विटामिन सी के साथ-साथ जरूरी कार्बोहाइड्रेट्स भी होते हैं, जो माइग्रेन के दर्द का उपचार कर सकते हैं। जब भी माइग्रेन का दर्द शुरू हो तो अंदरू का जूस पी सकते हैं।

लौंग का पाउडर

माइग्रेन के लक्षण होने पर तुरंत एख गिलास दूध में लौंग का पाउडर और नमक मिलाकर उसे पी लें। ऐसा करने से सिर के दर्द में राहत मिलती है।

एक्सरसाइज करें

मांसपेशियों को आराम देने वाले व्यायाम करें। इस तरह के एक्सरसाइज करने से माइग्रेन के के दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।

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ध्यान और योग से माइग्रेन की समस्या करें दूर

ध्यान या योग से भी माइग्रेन के के दर्द को कम किया जा सकता है। माइग्रेन हर साल लगभग 7 में से 2 भारतीयों को प्रभावित करता है। रिसर्च से यह पता चलता है कि योग माइग्रेन से लड़ने में सहायक ट्रीटमेंट का बेहतर विकल्प है। लगभग 60 मरीजों पर किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि जिनका इलाज योगा के साथ किया गया उनके सिर दर्द की तीव्रता में पारंपरिक चिकित्सा वाले रोगियों की तुलना में बहुत कमी आयी। इसलिए योगा माइग्रेन में पारंपरिक इलाज साथ एक बेहतर सहायक विकल्प साबित हो सकता है।

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माइग्रेन का कारण क्या है?

हमारे ब्रेन में सेरोटोनिन (Serotonin) नामक रसायन होता है, जो कि नर्वस सिस्टम में दर्द की रोकथाम करने में मदद करता है। हालांकि, अगर यह रसायन असंतुलित हो जाए तो माइग्रेन की समस्या होने लगती है। महिलाओं में यह हॉर्मोनल बदलाव या पीरियड्स (मासिक धर्म), गर्भावस्था या मेनोपॉज के कारण भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है की माइग्रेन कुछ सेंसेटिव खाद्य पदार्थों जैसे चॉकलेट, चीज, कॉफी, सिट्रस फ्रूट या रेड वाइन के सेवन से भी हो सकता है।

माइग्रेन की समस्या होने का कोई सटीक कारण अभी भी पता नहीं है। हालांकि, कुछ जेनेटिक और पर्यावरणीय कारण माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। ऐसे ही कुछ कारण नीचे हैं:

  • ट्राइजेमिनल नर्व (Trigeminal Nerve) में परिवर्तन और प्रभाव पड़ना
  • मस्तिष्क में सेरोटोनिन (Serotonin) नामक रसायन, जो कि नर्वस सिस्टम में दर्द नियंत्रण में मदद करता है असंतुलित हो जाता है
  • महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन (मासिक धर्म, गर्भावस्था, मेनोपॉज)
  • कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि पनीर, नमकीन और प्रॉसेस्ड फूड माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते है
  • मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) या एस्पार्टेम (मीठा) जैसे फूड कांपाउंड
  • एल्कोहल और अत्यधिक कैफीन युक्त पेय
  • तनाव भी एक माइग्रेन का कारण बन सकता है
  • मौसम में बदलाव
  • नींद के पैटर्न में बदलाव
  • गर्भ निरोधक गोलियां या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी की दवाओं का सेवन।

अगर आप माइग्रेन की समस्या से जुड़ी किसी तरह के अन्य सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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Accessed on 11 January, 2020v

Migraine Headache https://www.narayanahealth.org/migraine-headaches/

Headache remedies to help you feel better https://www.health.harvard.edu/staying-healthy/headache-remedies-to-help-you-feel-better

Natural Remedies to Get Rid of a Headache https://selecthealth.org/blog/2020/04/natural-remedies-headache

natural remedies for a migraine https://www.artofliving.org/in-en/meditation/meditation-for-you/meditation-to-cure-migraine

Migraines: Simple steps to head off the pain. https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/migraine-headache/in-depth/migraines/art-20047242. Accessed on 11 January, 2020.

Current Version

09/11/2021

Dr. Shruthi Shridhar द्वारा लिखित

Updated by: Toshini Rathod


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Dr. Shruthi Shridhar द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

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