ब्रेस्टफीडिंग नवजात के लिए कितनी जरूरी है यह तो आप जानते ही हैं, लेकिन यह कितने दिनों तक की जानी चाहिए इसे लेकर अलग-अलग मत है। आमतौर पर वर्किंग माएं तो बच्चों को ठीक तरह से 6 महीने तक भी ब्रेस्टफीड नहीं करवा पाती और सालभर के बाद तो अधिकांश माएं स्तनपान बंद करवा देती हैं, कुछ को दूध नहीं आता तो कुछ के पास समय की कमी होती है, लेकिन अन्य माएं भी बच्चों को एक साल के बाद स्तनपान के पक्ष में नहीं रहती हैं। लेकिन बता दें कि, लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे कई हैं। लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे बच्चे के साथ-साथ मां को भी मिल सकते हैं।
यह भी पढ़ें- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कैसी ब्रा पहननी चाहिए?
लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे क्या हैं?
कुछ महिलाओं का मानना है कि लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे नहीं हो सकते हैं। इससे उनकी सेहत पर असर पड़ सकता है और लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे बच्चों के लिए भी ठीक नहीं हो सकता है। मगर एक मत यह भी कहता है कि बच्चा जितना लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग करता है, यह उसके लिए उतना ही फायदेमंद हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं क्या है लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे। अगर आपका बच्चा एक साल का हो गया है और आप इस उलझन में है कि बच्चे को स्तनपान करवाएं या नहीं तो पहले ये आर्टिकल पढ़ लें, उसके बाद शायद आप ब्रेस्टफीडिंग छुड़वाने का अपना इरादा बदल देंगी, क्योंकि लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे कई हैं।
लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे निम्न हैं, जिनमें शामिल हैंः
बच्चे को पोषण देता है लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के फायदे
बहुत से लोगों को लगता है कि एक साल के बाद मां के दूध में पोषक तत्व नहीं रह जाते हैं, जो बिल्कुल गलत है। दरअसल, बच्चे की जरूरतों के मुताबिक, मां के दूध में अपने आप बदलाव होता रहता है। ब्रेस्ट मिल्क में विटामिन ए, प्रोटीन, कैल्शियम, फैट और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो एक साल के बाद भी बच्चों को पोषण देते हैं।
यह भी पढ़ें- ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम करता है स्तनपान, जानें कैसे
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
मां का दूध बच्चे के लिए सुरक्षा कवच की तरह होता है जो कई तरह की बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, कान के संक्रमण, एलर्जी आदि से बचाए रखता है। स्तनपान से बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत होता जिससे बीमारियों की संभावना कम होने के साथ ही शिशु मृत्यु दर भी घटती है। बच्चा जितने लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग करता है उसका इम्यून सिस्टम उतना ही मजबूत होता है।
मां को भी स्वस्थ रखता है
जो मांएं अधिक स्तनपान कराती है उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है। साथ ही यह ओवेरियन कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को भी कम करता है। इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग से वजन भी कम होता है क्योंकि इससे कैलोरी बर्न होती है।
मस्तिष्क का विकास करता है
अध्ययनों के मुताबिक, ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों के मस्तिष्क का विकास अच्छी तरह होता है। कुछ अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक स्तनपान करने से बच्चे स्मार्ट बनते हैं, क्योंकि उन्हें ब्रेस्ट मिल्क से ओमेगा 3 फैटी एसिड और डीएचए मिलता है जो मानसिक विकास में मददगार है।
बच्चे को शांत करता है
ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे का पेट तो भरता ही है साथ ही इसके जरिए वह मां से जुड़ा रहता है और यह बच्चे को शांत भी रखता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब बच्चा गिर जाए या उसे चोट लग जाए तो स्तनपान कराने से उसे आराम मिलता है और उसका ध्यान चोट से हट जाता है यानी ब्रेस्टफीडिंग बच्चे को शांत कराने में मदद करता है।
मां को भी शांत करता है
बच्चे के साथ ही स्तनपान मां के लिए भी बहुत रिलैक्सिंग होता है। घर-ऑफिस के तनाव को वह ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भूल जाती हैं और बस बच्चे का मासूम स्पर्श उन्हें खुशी देता है। क्योंकि यह समय सिर्फ मां और बच्चे का होता है।
यह भी पढ़ें- मां को हो सर्दी-जुकाम तो कैसे कराएं स्तनपान?
पतली कमर
जर्नल ऑफ विमेन हेल्थ में छपे एक अध्ययन के मुताबिक, कम से कम 6 महीने स्तनपान कराने का संबंध भी मां की पतली कमर और कूल्हों से होता है। इसका असर डिलिवरी के 15 साल बात भी होता है।
बड़े होने पर बीमारियों की संभावना कम रहती है
लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे बड़े होने पर भी स्वस्थ रहते हैं। उनका ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल नहीं बढ़ता और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम रहता है। स्तनपान करने वाले बच्चों में मोटापे की भी समस्या नहीं होती है।
ब्रेक टाइम
टोडलर यानी साल भर के बाद बच्चे अपनी नई स्किल डेवलप करने और नई चीजों की खोज में व्यस्त रहते हैं, ऐसे में ब्रेस्टफीडिंग उनके लिए ब्रेक टाइम की तरह होता है जब वह मां की गोद में आराम करते हैं और मां-बच्चे की बॉन्डिंग मजबूत होती है।
लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के नुकसान
यदि आपका बच्चा एक साल के बाद भी स्तनपान करता है, तो आपको कहीं बाहर जाने में दिक्कत होगी और चूंकि बार-बार बच्चा स्तनपान की डिमांड करता है तो आपको अपने लिए कम समय मिलता है। बच्चे को छोड़कर जाना भी आपके लिए मुश्किल हो जाता है, खासतौर पर यदि आप वर्किंग है तो। कुछ लोग इतने लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग के लिए आपकी आलोचना भी करते हैं, लेकिन आपको यदि बच्चे को स्तनपान कराने में कोई परेशानी नहीं है तो बेझिझक जब तक चाहें ब्रेस्टफीड करवा सकती हैं।
यह भी पढ़ें- स्तनपान छुड़ाने के बाद ब्रेस्ट को लूज होने से कैसे बचाएं?
खाने की आदत लगानी है जरूरी
माना कि बच्चा अभी तक ब्रेस्टफीड कर रहा है और उसे मां के दूध का पोषण मिल रहा है, लेकिन बढ़ते बच्चों के सही विकास के लिए सिर्फ मां का दूध ही पर्याप्त नहीं है, उन्हें सामान्य खाना खिलाएं और अलग-अलग तरह का टेस्ट डेवलप करें ताकि बड़े होने पर वह हर तरह का खाना खा सकें और उनमें किसी पोषक तत्व की कमी न हो।
पब्लिक प्लेस में सही बर्ताव करना सिखाएं
एक साल के बाद भी यदि बच्चा स्तनपान करता है तो आपके लिए बाहर जाने पर दिक्कतें हो सकती हैं, यदि बच्चा सबके सामने स्तनपान की जिद्द करने लगे आपके ब्रेस्ट के पास कपड़े खींचने लगे तो यह आपके लिए शर्मिंदगी भरा हो सकता है, इसिलए बच्चे को कोडवर्ड सिखाए जो वह ब्रेस्टफीडिंग की चाहत होने पर आपसे कहे। साथ ही बच्चे को यह भी समझाएं की सबके सामने ममा के कपड़े खिंचना अच्छी आदत नहीं है। यदि कभी ऐसी स्थिति आ जाए कि आप भीड़ वाली जगह पर हैं और बच्चे को ब्रेस्टफीड नहीं करवा सकतीं, तो उसके लिए कुछ टेस्टी और हेल्दी स्नैक्स हमेशा अपने पर्स में रखें।
।
और पढ़ेंः-
शिशु को स्तनपान कैसे और कितनी बार कराएं, जान लें ये जरूरी बातें
स्तनपान में सुधार के लिए सेवन करें सिर्फ 3 हर्बल प्रोडक्ट
ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम करता है स्तनपान, जानें कैसे
जानिए शिशु को स्तनपान या बोतल से दूध पिलाने के फायदे और नुकसान
[embed-health-tool-vaccination-tool]