शिशु की स्किन पर होने वाले स्पॉट और एक्ने को मिटाता है ब्रेस्ट मिल्क बाथ
ब्रेस्ट मिल्क बाथ एक्ने (acne) को भी मिटाने में मददगार साबित होता है। बता दें कि ब्रेस्ट मिल्क में लॉरिक एसिड होता है, वहीं दूध में मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्वों के कारण यह एक्ने को दूर करता है। वहीं यह शिशु के स्किन पर मौजूद स्पॉट और डिसकलर को भी मिटाकर सामान्य करने में मदद करता है। ब्रेस्ट मिल्क बाथ का इस्तेमाल शिशु की ड्राई स्किन को सामान्य करने के लिए भी किया जा सकता है। वैसेनिक एसिड (vaccenic acid), लिनोलेइक एसिड (linoleic acid), पालमिटिक एसिड (palmitic acid), ओलिक एसिड (oleic acid) जैसे तत्व मां के दूध में होते हैं। यह सूजन को कम करने में भी यह मददगार है।
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ब्रेस्ट मिल्क बाथ छोटे घाव और कीड़े के काटने को भी करता है ठीक
ब्रेस्ट मिल्क बाथ के फायदों में एक यह भी है कि यह छोटे घाव जैसे कटने और जलने को ठीक करने के साथ कीड़े मकौड़े के काटने पर होने वाले घाव को भी ठीक करता है। क्योंकि इंंसानों के शरीर में पाया जाने वाला इम्युनोग्लोबिन काफी खास है। इसमें एंटीबॉडीज होती हैं। जो बैक्टीरिया से लड़ने में काफी मददगार साबित होता है। यही वजह है कि इन प्रकार की दिक्कतों को ब्रेस्ट मिल्क बाथ देकर शिशु को सुरक्षित रखा जा सकता है।
डायपर के रैशेज को किया जा सकता है कम
ब्रेस्ट मिल्क बाथ का एक और फायदा यह भी है कि इसके इस्तेमाल से शिशु को डायपर पहनाने से होने वाले रैशेज को भी कम किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडीज होती हैं। ऐसे में ब्रेस्ट मिल्क बाथ देने से ये डायपर पहनाने के कारण होने वाले रैशेज और उसके कारण पैदा हुए बैक्टीरिया को तुरंत खत्म कर देता है। साल 2013 में जरनल पिडिएट्रिक डर्मेटोलॉजी के शोध में पाया गया कि डायपर के रैशेज को हटाने में मां का दूध कारगर है।
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शिशु को कैसे दें ब्रेस्ट मिल्क बाथ?
ब्रेस्ट मिल्क बाथ के लिए जरूरी है कि गर्म पानी लें। इसमें लगभग 170 ग्राम तक ब्रेस्ट मिल्क मिला लें। अब इसे 5-10 मिनटों के लिए छोड़ दें। अब पानी को शिशु की गर्दन के साथ ही मुंह और पांव पर धीरे-धीरे गिराएं। जरूरत पड़ने पर सिर पर भी इस पानी को डाल सकते हैं। शिशु को टब से निकालने के बाद उसे सूती कपड़े से ना रगड़ें, उसे ऐसे ही सूखने दें। इसके बाद तुरंत शिशु के शरीर पर मॉश्चराइजर लगाएं। वहीं शिशु को सूखी जगह पर ले जाकर कम वजनी कपड़े पहनाएं, ताकि स्किन और हवा का संपर्क बना रहे।