मौसम में बदलाव सेहत में भी बदलाव ला देती है। दरअसल बदलते मौसम की वजह से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इंफेक्शन की वजह से सबसे पहले सर्दी-जुकाम की परेशानी होती है और टॉन्सिल में समस्या शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में जब वायरल इंफेक्शन बढ़ने की वजह से टॉन्सिल में सूजन भी हो जाता है। इस परेशानी को टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) की समस्या बड़ों की तुलना में ज्यादा होती है।
बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children)
क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस- बच्चों में क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस होने पर गले में सूजन की समस्या एक महीने से ज्यादा वक्त तक रहता है।
रिकरेंट टॉन्सिलाइटिस- अगर किसी बच्चे को बार-बार टॉन्सिलाइटिस की समस्या होने लगे तो इस परेशानी को रिकरेंट टॉन्सिलाइटिस कहते हैं।
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बच्चों में टॉन्सिलाइटिस के कारण (Causes of Tonsillitis in children)
बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- बैक्टीरिया या वायरस की वजह से बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) हो सकता है। दरअसल जब बच्चा किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उसे टॉन्सिलाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति छींकता है या उसे खांसी होती है, तो ऐसी स्थिति में भी इंफेक्शन होने की संभावना बनी रहती है। छींकने या खांसने की वजह से संक्रमण वातावरण में फैल जाता है। बैक्टीरियल टॉन्सिलिटिस प्रायः स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है।
- बच्चे को बुखार आने के कारण भी टॉन्सिलाइटिस हो सकता है। दरअसल बुखार भी स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण ही होता है। 15 से 30 प्रतिशत टॉन्सिलाइटिस बैक्टीरिया के कारण ही होता है। यह 5 से 15 आयु वर्ग के बच्चों में ज्यादा होता है।
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बच्चों में टॉन्सिलाइटिस के लक्षण (Symptoms of tonsillitis in children)
बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) या टॉन्सिल में सूजन के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल है:
- गले में खराश होना
- गले में दर्द होना
- बच्चे को बुखार आना
- लिम्फ नोड्स में सूजन होना
- खाना खाने में परेशानी होना
- बच्चे को खाना खाने की इच्छा न होना
- बच्चे के पेट में दर्द होना
- बच्चे को सिरदर्द होना
- सांस से बदबू आना
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बच्चों में टॉन्सिलाइटिस का इलाज (Treatment of Tonsillitis in children)
बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) का इलाज कारणों को समझकर किया जाता है। अगर टॉन्सिल में सूजन या टॉन्सिलाइटिस बैक्टीरिया की वजह से हुआ है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स देते हैं। । वहीं अगर टॉन्सिलाइटिस वायरस की वजह से हुआ हो तो प्रायः अपने आप ठीक हो जाता है। अगर परेशानी गंभीर होती है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते हैं।
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बच्चों में टॉन्सिलाइटिस होने पर क्या हैं घरेलू उपचार?
बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) की समस्या दूर करने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचार किये जा सकते हैं। जैसे:-
तुलसी – तुलसी औषधि के श्रेणी में आता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-पायरेटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर गुण होते हैं। इसके साथ ही तुलसी में विटामिन-ए, विटामिन-के, कैल्शियम, आयरन और मैगनीज होता है। शारीरिक परेशानियों को दूर करने के लिए इसका उपयोग दवा में किया जाता है। तुलसी का उपयोग पेट की ऐंठन, भूख न लगना, गैस, किडनी, फ्लूइड रिटेंशन, सिरदर्द, जुकाम और पेट में कीड़ों के लिए किया जाता है। थ्रोट से जुड़ी परेशानी को दूर करने के लिए इसका सेवन बच्चों को करवाना चाहिए।
तुलसी का सेवन कैसे करें?
बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) को दूर करने के लिए गर्म पानी में तुलसी के पत्ते को चाय बनाने की तरह गर्म पानी में उबालें। आप चाहें तो तुलसी (काढ़ा) चाय में शहद मिलाकर बच्चे को दें। शहद में फ्रुक्टोज की मात्रा ज्यादा होती है जिस कारण यह चीनी से भी ज्यादा मीठा होता है। बच्चे को मीठा पसंद भी होता है। मीठे की वजह से बच्चे बिना नाराज हुए तुलसी चाय का सेवन कर सकते हैं।
शहद- तुलसी के साथ शहद को मिलाकर इस चाय का सेवन करने के साथ ही सिर्फ शहद का भी सेवन लाभकारी हो सकता है। शहद में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। जो गले के संक्रमण से राहत दिलाने में मदद करते हैं। टॉन्सिलाइटिस की वजह से बच्चे न खाना खा पाते हैं और न ही अच्छी नींद ले पाते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे को एक-एक टी सपून दो बार शहद दे सकते हैं। हालांकि अगर आपका बच्चा 12 महीने से कम का है तो ऐसे में उसे शहद न दें और डॉक्टर से संपर्क करें।
गरारे- टॉन्सिलाइटिस की परेशानी दूर करने के लिए बच्चों के साथ-साथ बड़े भी अगर टॉन्सिलाइटिस की समस्या से परेशान हैं, तो वो भी इस घरेलू नुस्खे को अपना सकते हैं। गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर गरारे करने से टॉन्सिलाइटिस की वजह से होने वाली परेशानी धीरे-धीरे ठीक हो सकती है। गरारे सुबह और रात के वक्त सोने से पहले करें।
इन घरेलू उपायों के साथ-साथ अगर मौसम ठंड का है, तो बच्चे के गर्दन में गर्म कपड़े लपटें। बच्चे को हल्दी दूध का सेवन भी करवाया जा सकता है। इसके साथ ही नीचे दिए टिप्स फॉलो करें।
- बच्चे को पौष्टिक आहार का सेवन करवाएं। जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
- बच्चे के ओरल हाइजीन का ख्याल रखें।
- बर्फ, आईस्क्रीम जैसे अन्य ठंडे पेय पदार्थों या खाद्य पदार्थों का सेवन न करने दें।
- ऐसे बच्चों के संपर्क में न आने दें जिन्हें सर्दी-जुकाम हो और अगर आपके बच्चे को भी सर्दी-जुकाम हो तो दूसरे बच्चों से दूरी बनाये रखें।
- बच्चे को सर्दी, खांसी या टॉन्सिलाइटिस होने पर टिशू पेपर से मुंह कवर कर के खांसना या छींकना समझाएं। यूज्ड टिशू पेपर को डस्टबिन में फेंकने को कहें।
- घर में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और बच्चे जिन खिलौनों से खेलते हैं उसकी सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।
- बच्चे को मुंह में उंगली डालने से मना करें और खाना खाने के पहले हाथ धोना सिखाएं।
इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर इंफेक्शन से बचा जा सकता है और बच्चे हेल्दी रह सकते हैं।
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डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
- अगर बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) जैसे खराश दो दिन से ज्यादा रहने पर।
- अगर बच्चे को खाना खाने या खाना निगलने में परेशानी या दर्द महसूस हो।
- बच्चा कमजोरी महसूस करे।
- बच्चे को सांस लेने में कठनाई हो।
- बच्चे को पेय पदार्थों पीना में भी परेशानी हो।
गले दर्द की समस्या होने पर बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाएं। क्योंकि खाने-पीने में परेशानी होने की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और बच्चा कमजोर हो सकता है। ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही किसी दवा का इस्तेमाल करिए। इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis in children) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंग।
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