अनुनाद विकार तब होता है जब नाक या मौखिक गुहाओं में नियमित रूप से वायु प्रवाह की रुकावट या आवाज की गुणवत्ता के कंपन को बदल देती है। ये आवाज की पिच, मात्रा या गुणवत्ता के साथ समस्या के कारण होती है। इस प्रकार के विकार बच्चे के लिए दर्द या परेशानी का कारण हो सकते हैं।
संज्ञानात्मक-संचार विकार
संज्ञानात्मक संचार विकार वो है जिसमें मस्तिष्क के उस हिस्से पर चोट लगने के कारण संचार करने में कठिनाई होती है जो आपके सोचने की क्षमता को नियंत्रित करता है, जिसे संज्ञानात्मक-संचार विकार कहा जाता है। इसका परिणाम मेमोरी इश्यू, प्रॉब्लम सॉल्विंग और बोलने में दिक्कत या सुनने में दिक्कत हो सकती है। यह कई समस्याओं जैसे, असामान्य मस्तिष्क विकास, कुछ न्यूरोलॉजिकल स्थितियों, मस्तिष्क की चोट या स्ट्रोक के कारण हो सकता है।
एक्सप्रेसिव विकार
इस विकार में बच्चे अपने अंदर की बाते किसी के सामने पूरी तरह से एक्सप्रेस करके उसे समझा नहीं पाते है। स्पीच थेरेपी इसमें बच्चों की बहुत मदद कर सकती है।
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ऑटिज्म डिसऑर्डर
यह बच्चों में होने वाली एक बीमारी है,जिसमें बच्चे सही रूप से बात नहीं कर पाते हैं। ऑटिज्म बच्चों में भी स्पीच थेरेपी का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के कई अन्य कारणों से स्पीच थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है।
वाचाघात विकार
यह एक संचार विकार है जो किसी व्यक्ति की दूसरों के सामने बोलने और समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह अक्सर किसी व्यक्ति की पढ़ने और लिखने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। स्ट्रोक वातस्फीति का सबसे आम कारण है, हालांकि मस्तिष्क के अन्य विकार भी इसका कारण बन सकते हैं।
ग्रहणशील विकार
यह तब हो सकता है जब आप किसी को बोल रहे हैं,और वो आपकी बात पर कोई भाव नहीं प्रकट कर रहा है। ग्रहणशील भाषा विकार वाले व्यक्ति को दूसरों की कही बात को समझने में परेशानी होती है।
स्पीच थेरेपी के दौरान क्या होता है?
भाषण चिकित्सा यानि स्पीच थेरेपी आमतौर पर एक एसएलपी द्वारा निदान के साथ शुरू होती है जो संचार विकार के प्रकार और इसके इलाज में मदद करता है।
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बच्चों के लिए भाषण चिकित्सा
बच्चों के लिए स्पीच थेरेपी (Speech therapy for babies) का उपयोग करने से पहले यह जानना आवश्यक होता है, की आपके बच्चे को बोलने में समस्या किस कारण से ही रही है। बच्चों के भाषण विकार के आधार पर, स्पीच थेरेपी तय कि जाती है। स्पीच थेरेपी और बाकी गतिविधियां आपके बच्चे के विकार, उम्र और जरूरतों के आधार पर भिन्न होती हैं। बच्चों के लिए भाषण चिकित्सा के दौरान, एसएलपी हो सकता है।
- बच्चों की स्पीच थेरेपी में बातचीत और खेल के माध्यम से उन्हें बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- बच्चों की स्पीच थेरेपी में बच्चों से बात करने के लिए उन्हें आसानी से अपनी बात समझाने के लिए चित्रों का उपयोग भी किया जाता है।
- बच्चों में स्पीच थेरेपी के दौरान उनकी पसंद के खेल द्वारा भी थेरेपी की जाती है। उनके साथ ऐसे खेल खेलने से वो आपके साथ इनवॉल्व होने लगते हैं।
- स्पीच की प्रैक्टिस कराई जाती है।
- बच्चों के साथ उनके हिसाब से फन करते हुए भी उनकी थेरेपी सेशन ली जाती है।
- शब्दों का सही उच्चारण कराया जाता है।
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