जिंदगी की रफ्तार इतनी तेजी से बढ़ती चली जा रही है कि जबतक आप इसकी स्पीड और ट्रैक को समझेंगे, तबतक समय निकलने को तैयार रहता है। जीवन में सफलता पाने के लिए जरूरी है कि आपको लाइफ में आई हुई चुनौतियों का सामना करना आता हो, तभी लाइफ थोड़ी ईजी हो सकती है। ये गुण पेरेंट्स को बच्चों को बचपन से ही सिखाना चाहिए, ताकि आपका बच्चा बड़ा होने के साथ जीवन में आए अलग—अलग स्थितियों का सामना करने के लिए कभी भी तैयार हो। इसलिए शिक्षा के साथ एक अच्छी जीवन-कौशल भी बहुत आवश्यक है। आज इस आर्टिकल में बच्चों का विकास (Child’s growth) और बच्चों के विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपसे साझा करेंगे।
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बच्चों का विकास (Child’s growth): बच्चों में विकास के लिए उन्हें इस तरह करें तैयार
दो से तीन साल के बच्चे- ये ही वो उम्र होती है जब आपका बच्चा कुछ कुछ सीखने लगता है। तीन साल की उम्र तक आपका बच्चा निम्न कार्यों को करने में सक्षम होना चाहिए:
- खिलौनों (Toys) को दूर रखने में मदद करें
- जब आप उसके कपड़े उतारे या पहनाएं तो उसमें वह आपकी मदद करे।
- भोजन के बाद (After food) अपने बर्तन जगह पर रखें।
- अपने दातों को खुद ब्रश करे।
- आपकी मदद से खुद चेहरे को साफ (Clean face) करे।
4 से 5 साल की उम्र में-
बच्चे को जरूरी नाम और नंबर याद कराएं। बच्चे की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उसे उसका पूरा नाम, पता और एमरजेंसी नंबर याद कराएं। इस उम्र में आप अपने बच्चे को सिखाएं कि खाना खाने के बाद टेबल साफ करनी चाहिए। बच्चे से पालतू जानवरों (Pet animals) को खाना खिलवाएं। बच्चे को साफ और गंदे कपड़ों में फर्क मालूम होना चाहिए। साथ ही वह यह भी जानते हो कि गंदे कपड़ों को कहा रखना है।
6 से 7 साल की उम्र में बच्चे को थोड़ा बहुत खाना तैयार करना सीखाएं। बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें उसे वाइप करने के लिए कहें। सुबह उठकर उन्हें उनका बिस्तर खुद से लगाने के लिए कहें।
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बच्चों में विकास (Child’s growth) के लिए समझाएं उन्हें लाइफ स्किल के बारे में
बच्चों का विकास (Child’s growth): क्रिटिकल थिंकिंग के साथ हो विकास (Development should be done with critical thinking)
जो इंसान दुनिया की भीड़ से अलग सोच रखता है, वही बाद में नई राह दिखाता है। बच्चों के लाइफ स्किल्स में लॉजिकल थिंकिंग (Logical thinking) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। उनका किसी भी पर सवाल करना, मेनस्ट्रीम से अलग हटकर सोचना और हमेशा कुछ नया करने की सोचना आदि, बच्चे के क्रिऐटिव (Creative) होने का संकेत है। इसके अलावा, पेरेंट्स को बच्चों को क्रिएटिव बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के कॉम्पटिशन में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
बच्चों का विकास (Child’s growth): पर्सनल ग्रूमिंग (Personal Grooming)
बच्चों को सही समय पर ग्रूमिंग स्किल सिखा देनी चाहिए। इससे उनमें आगे चलकर दिक्कत नहीं होती। पर्सनल ग्रूमिंग हेल्दी रहने के साथ सोशल और रोमेंटिक लाइफ (Romantic life) के लिए बेहद जरूरी है। अपने बच्चे को हेल्दी आदते (Healthy habits) जैसे रोजाना ब्रश और नहाने के बारे में बताएं। उन्हें बताएं कि शरीर को साफ रखना कितना जरूरी है। लड़कों को बताएं कि कैसे हाइजीन (Hygiene) तरीके से शेव करना चाहिए। वहीं लड़कियों को बताएं कि पीरियड्स (Periods) के दिनों में हाइजीन का कैसे ध्यान रखें।
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बच्चों का विकास (Child’s growth): सोशल बिहेवियर को स्ट्रौंग करना (Strong social behaviour)
आप अपने बच्चों से ऐसी उम्मीद नहीं करते होंगे कि, फैमिली या सोसाइटी में वे अपने बिहेवियर के कारण पसंद न किए जाएं।। इसलिए उसे सोशल बिहेवियर सिखाना बहुत जरूरी है। बच्चे को ये सिखाएं कि उन्हें सोसाइटी के नॉर्म्स का ख्याल रखना चाहिए। इसलिए उनमें बच्चे जीवन-कौशल को बनाए रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखें :
- फैमिली में सबके साथ हेल्दी रिलेशन बनाए रखना,
- आस-पास रहने वालों के विचारों का सम्मान करना,
- किस के साथ उसे कैसे बात करनी है,
- मुश्किल स्थिति में कैसे बात संभालनी होती है।
बच्चों का विकास (Child’s growth): ऑर्गेनाइजेशनल स्किल्स (Organizational skills)
जिन लोगों में ऑर्गेनाइजेशनल स्किल्स की कमी होती है, वे हमेशा कुछ-न-कुछ खोजते रहते हैं। ये सभी उम्र के लोगों के लिए बहुत जरूरी जीवन-कौशल में से एक है। अपने बच्चों को बेहतर तरीके से जीवन जीने के लिए ये उपाय बताएं। ऑर्गेनाइजेशनल स्किल्स की शुरुआत उनके कमरे से करें। जैसे कमरे में उनके कपडें, किताबें, गैजेट्स आदि को व्यवस्थित रखने को सिखाएं। इससे बच्चे शुरू से ही व्यवस्थित ढंग से काम करने का आदि बन जाएगा।
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बच्चों का विकास (Child’s growth): पैसों का सही इस्तेमाल (Right use of money)
पैसा जीवन में सबकुछ नहीं होता, लेकिन, अच्छी लाइफ के लिए पैसों का महत्व समझना बहुत जरूरी होता है। अपने बच्चों को सफल होने के लिए इकोनॉमिकली भी लिट्रेट करें। एक अच्छी लाइफ- स्किल्स के लिए बच्चों को पैसों का महत्व समझाने के लिए यह बातें बताएं :
- उन्हें बजट बनाकर फिर पैसे खर्च करने को बोलें,
- बैंकिंग प्रॉसेस के बारे में एज्यूकेट करें,
- जमा किए हुए पैसों का इमरजेंसी समय के लिए बचाकर रखना सिखाएं।
- मार्केट की चीजों का वैल्यू-ऑब्जरवेशन सिखाएं।
बच्चों का विकास (Child’s growth): बेसिक फर्स्ट-एड की जानकारी (Basic knowledge of first aid kit)
बच्चों को किसी भी इमरजेंसी में खुद की देखभाल के लिए बेसिक फर्स्ट-एड के बारे में जानकारी दें। यह बच्चों के जीवन-कौशल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। नीचे दिए गए कुछ बातों के बारे में सिखाएं, जैसे –
- सामान्य सर्दी (Common cold), बुखार (Fever), खांसी (Coughing) या फ्लू जैसी बीमारियों पर किस तरह की दवा लेनी चाहिए। इसके अलावा, चोट लगने पर सबसे पहले क्या करें और खून बहने से कैसे रोकें। उन्हें ये सब बाते सिखाएं।
- डॉक्टर्स का कॉन्टेक्ट नंबर, ऑफिस का पता आदि उनको बता कर रखें।
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बच्चों का विकास (Child’s growth): कूकिंग स्किल्स (Cooking Skills)
संभव है कि आपका बच्चा घर से दूर रह कर पढ़ रहा हो या फिर किसी जॉब में हो। लगातार, बाहर का खाना खाने से बीमार हो सकता है। कूकिंग उनके लिए एक बेहतरीन जीवन-कौशल साबित होगा। इसलिए दूर जाने से पहले उन्हें किचन और किचन एप्लायंसेज से परिचय कराएं। नॉर्मल खाने की चीजें खुद से बनाना सिखाएं।
बच्चों का विकास (Child’s growth): हाइजीन स्किल्स (Hygiene skills)
जब हम जीवन-कौशल की बात करते हैं तो बच्चों को स्वच्छता और साफ-सफाई को भी विशेष स्थान दिया जाना चाहिए। स्वच्छता से न सिर्फ हम बल्कि हमारे बच्चों के आने वाली जनरेशन को भी फायदा पहुंचेगा।
- आस-पास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखने के लिए मोटीवेट करें,
- डस्टिंग और वैक्युमिंग करना,
- किचन और बाथरूम साफ रखना,
- पेड़-पौधों को नुक्सान नहीं पहुंचाना और गार्डनिंग।
बच्चों में विकास जानकारी के लिए आप डॉक्टर से भी कंसल्टेशन कर सकते हैं।
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