मेरे पड़ोस में ‘खुशी’ नाम की एक बच्ची रहती है। वह उसके उम्र के दूसरे बच्चों की तुलना में मुझे काफी एक्टिव लगती है। कई घंटों भागदौड़ करने के बाद भी वह थकती नहीं है और दिमाग एकदम बड़े बच्चों की तरह चलता है। जब मैंने उसकी मां रचना से इसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह अपनी बेटी को ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लिमेंट्स देती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega-3 fatty acids) हेल्दी डायट का महत्वपूर्ण कंपोनेंट है। यह ब्रेन के लिए बेहद जरूरी है और उसे हेल्दी रखता है। यह सेंट्रल और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को डेवलप होने में मदद करता है। साथ ही बॉडी को पोषक तत्वों को एब्जॉर्ब करने में हेल्प करता है। यह आंखों के लिए भी बेहद जरूरी है। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega-3 fatty acids) सेल्स को बनने में मदद करते हैं। यह आवश्यक फैट्स खासतौर पर बच्चों के लिए भी बेहद जरूरी है क्योंकि ये ग्रोथ और डेवलपमेंट में बड़ा रोल प्ले करते हैं। हालांकि कई सारे पेरेंट्स इस बात को लेकर संशय में रहते हैं कि क्या बच्चों के लिए ओमेगा-3 सप्लिमेंट्स (Omega-3 supplements) आवश्यक और सुरक्षित हैं? इस आर्टिकल में जानेंगे कि बच्चों को ओमेगा-3 सप्लिमेंट्स (Omega 3 Supplements) देना चाहिए या नहीं। बच्चों के लिए ओमेगा-3 के फायदे (Benefit of Omega 3), साइड इफेक्ट्स और डोज से जुड़ी सारी जानकारी भी यहां उपलब्ध होगी।
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ओमेगा-3 क्या है? (What is omega-3)
ओमेगा-3s फैटी एसिड्स हैं जो हमारे अच्छे स्वास्थ्य से कई तरह से जुड़े हुए हैं। जिसमें भ्रूण का विकास, ब्रेन फंक्शन, हार्ट हेल्थ और इम्यूनिटी आदि शामिल हैं। इन्हें आवश्यक फैटी एसिड माना जाता है क्योंकि आपका शरीर इन्हें अपने आप नहीं बना सकता। इन्हें भोजन से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
ओमेगा-3s कितने प्रकार के होते हैं? (Types of omega-3s)
ये प्रमुख तीन प्रकार के होते हैं जिसमें अल्फा लिनोलेनिक एसिड (Alpha-linolenic acid) (ALA) आइकोसापेंटाइनोइक एसिड (EPA) (Eicosapentaenoic acid), डोकोस्हेक्सोनिक एसिड (Docosahexaenoic acid) (DHA) शामिल है। अल्फा लिनोलेनिक एसिड कई प्रकार के प्लांट फूड्स में पाया जाता है। जिसमें वेजिटेबल ऑयल, नट्स, सीड्स और कुछ सब्जियां शामिल हैं। यह बॉडी में एक्टिव नहीं होता। बॉडी इसे एक्टिव फॉर्म जैसे डोकोस्हेक्सोनिक एसिड और आइकोसापेंटाइनोइक एसिड में कंवर्ट करती है। इपीए और डीएचए फैटी फिश जैसे कि साल्मन, टूना में आसानी से मिल जाते हैं। इसके साथ ही ये सप्लिमेंट्स के तौर पर भी उपलब्ध हैं। कई प्रकार के सप्लिमेंट्स मार्केट में उपलब्ध हैं जिसमें सबसे कॉमन फिश ऑयल (Fish oil), क्रिल ऑयल (Krill oil) शामिल हैं।
बच्चों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के फायदे (Benefits of omega-3)
बच्चों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के कई फायदे बताए गए हैं। कुछ विशेष फायदों के बारे में जानते हैं।
एडीचडी ADHD (Attention deficit hyperactivity disorder) के लक्षणों में सुधार
एडीएचडी बच्चों में होने वाली कंडिशन है। जिससे कई बच्चे पीड़ित होते हैं। इसके लक्षणों में हायपरएक्टिविटी, फोकस करने में परेशानी, आवेगशीलता आदि शामिल हैं। एनसीबीआई में छपी स्टडीज में ऐसा दावा किया गया है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चों में एडीएचडी के लक्षणों में सुधार कर सकता है। एक स्टडी में ऐसा दावा किया गया है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड मेमोरी में सुधार, फोकस बढ़ाने, याद रखने और हायपरएक्टिविटी और इमपल्सिविटी में सुधार करता है जो कि एडीचडी से पूरी तरह संबंधित हैं। यानी कोई बच्चा अगर एडीएचडी से पीड़ित है तो उसके लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बेहद मददगार हो सकता है, लेकिन सप्लिमेंट्स का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
बच्चों में ओमेगा-3 फैटी एसिड का उपयोग अस्थमा को कर सकता है कम
अस्थमा एक क्रोनिक कंडिशन है जो बच्चों और व्यस्कों को प्रभावित करती है। जिसके लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी, कफ और बार-बार छींक आना आदि शामिल है। एनसीबीआई की स्टडी के अनुसार ओमेगा-3 सप्लिमेंट्स इन लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। 29 बच्चों पर की गई 10 महीने की एक स्टडी में ये बात सामने आई कि 120mg के फिश ऑयल कैप्सूल ( डीएचए और ईपीए का कॉब्निनेशन) को लेने से अस्थमा के लक्षणों में कमी आई। इसके साथ ही 135 बच्चों पर की गई एक स्टडी में ये पता चला कि बच्चों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का हायर इंटेक इंडोर एयर पॉल्यूशन से होने वाले अस्थमा के लक्षणों को कम करने का कारण बना। अगर आपका बच्चा अस्थमा का मरीज है तो डॉक्टर की सलाह से उसके लिए ओमेगा-3 सप्लिमेंट्स का उपयोग करें।
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बच्चों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का उपयोग अच्छी नींद लाता है
18 साल तक के 4 प्रतिशत बच्चों में स्लीप डिस्ट्रबेंस पाया जाता है। 395 बच्चों पर की गई एक स्टडी में ये बात सामने आई जिन बच्चों के ब्लड में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की मात्रा कम पाई गई उनमें नींद से जुड़ी परेशानियां थी। इसके साथ ही यह भी पता चला कि 16 हफ्तों तक 600mg का डीएचए का उपयोग करने पर नींद से जुड़ी परेशानियों में कमी आई। एक अन्य रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ओमेगा-3 का उपयोग भ्रूण के स्लीप पैटर्न को इम्प्रूव कर सकता है।
बच्चों के लिए ओमेगा-3 का उपयोग बनाता है ब्रेन हेल्थ को बेहतर
बच्चों के लिए ओमेगा-3 का उपयोग उनके ब्रेन फंक्शन को इम्प्रूव करता है। इसके साथ ही यह मूड को भी इम्प्रूव करने के लिए जाना जाता है। एक 6 महीने की स्टडी (एनसीबीआई में छपी स्टडी) में ये बात सामने आई कि 183 बच्चे जिन्होंने ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का उपयोग किया उनकी लर्निंग एबिलिटी में सुधार हुआ और मेमोरी भी अच्छी हो गई। कुछ स्टडीज में ऐसा दावा किया गया है कि बच्चों के लिए ओमेगा-3 का उपयोग डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर को रोकता है। साथ ही यह ब्रेन प्रीफ्रोंटल कोर्टेक्स (Prefrontal cortex) को एक्टिव करता है जो अटेंशन, प्लानिंग के लिए जाना जाता है।
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टाइप 2 डायबिटीज में भी उपयोगी
बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के हाय रिस्क को रोकने का काम भी ओमेगा-3 फैटी एसिड्स करते हैं। रिसर्चर्स ने पाया कि जो बच्चे ओमेगा- 3 फैटी एसिड्स डायट्स का सेवन करते हैं उनमें टाइप-2 डायबिटीज के डेवलप होने की संभावना बेहद कम होती है। बच्चों के लिए ओमेगा-3 एसिड और इसके सप्लिमेंट्स के फायदे हैं तो ही, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। उनके बारे में भी जान लेते हैं।
ओमेगा-3 सप्लिमेंट्स के साइड इफेक्ट्स (omega-3 supplements side effects)
ओमेगा-3 सप्लिमेंट्स जैसे कि फिश ऑयल (Fish oil) के साइड इफेक्ट्स बहुत हल्के होते हैं। सबसे आम साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं।
- मुंह से बदबूं आना
- सिर दर्द
- सीने में जलन
- पेट खराब
- डायरिया
- जी मिचलाना
बच्चों को साइड इफेक्ट्स बचाने के लिए जरूरी है कि वे डॉक्टर या डायटीशियन द्वारा बताए गए डोज पर स्टिक रहें। आप बच्चों के लिए लोअर डोज से शुरुआत करके इसके डोज को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं। जिन बच्चों को मछली से एलर्जी हो उन्हें फिश बेस्ड सप्लिमेंट्स को अवॉइड करना चाहिए जैसे कि कोड लिवर ऑयल (Cod liver oil) और क्रिल ऑयल (krill oil)। किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
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बच्चों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लिमेंट्स का डोज कितना होना चाहिए?
बच्चों के लिए ओमेगा-3 का डेली डोज उम्र और जेंडर पर निर्भर करता है। अगर आप सप्लिमेंट्स का उपयोग कर रहे हैं तो जरूरी है कि पैकेज पर लिखे इंस्ट्रक्शन को फॉलो करें या डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। एएलए एकमात्र ऐसा फैटी एसिड है जिसकी डोज को लेकर स्पेसिफिक गाइडलाइंस हैं। जो निम्न प्रकार हैं।
- 9-13 साल की लड़कियां – 1.0 grams
- 9-13 साल के लड़के – 1.2 grams
- 14-18 साल की लड़कियां – 1.2 grams
- 14-18 साल के लड़के- 1.6 grams
इस तरह आप अपने बच्चे को ओमेगा-3 फैटी एसिड की डोज दे सकते हैं। ज्यादा स्टडीज के अनुसार डीएचए (DHA) ईपीए (EPA) की संयुक्त डोज जो 120–1,300 mg तक हो लाभदायक होता है। किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। सप्लिमेंट्स के अलावा ओमेगा-3 के नैचुरल सोर्स भी हैं।
ओमेगा-3 के नैचुरल सोर्स
अगर आप बच्चे के लिए ओमेगा-3 के सप्लिमेंट्स का उपयोग नहीं करना चाहते तो आप उनकी डायट में ऐसे फूड्स को शामिल कर सकते हैं जो कि ओमेगा-3 के नैचुरल सोर्स हैं। जैसे कि फैटी फिश जैसे कि साल्मन (Salmon), टूना मछली (Canned light tuna) बीफ (Beef) अलसी (Flaxseeds), चिया के बीच (Chia seeds), सोयाबीन (Soybeans) आदि। इनसे बच्चे को प्राकृतिक रूप से ओमेगा-3 मिल जाएगा। इन सभी को कब और कितनी मात्रा में लेना इसके बारे में भी आप डॉक्टर से डायटीशियन से संपर्क कर सकते हैं और अपने बच्चे के बेहतर विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और बच्चों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 fatty acid for child) के उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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