क्या आपको कब्ज और अपच की समस्या है? ऐसा तो,नहीं है कि आप एसआईबीओ के शिकार हैं? अब आप सोच रहे होंगे कि यह एसआईबीओ क्या है। एसआईबीओ (SIBO) यानि कि स्मॉल इंटेस्टाइन बैक्टीरियल ओवर ग्रोथ है। इस डिजीज में आपकी छोटी आंत प्रभावित होती है। इसके होने पर व्यक्ति को जरूरी पोषक तत्वों को पचा नहीं पाता है। इस वजह से व्यक्ति को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। जिस वजह से व्यक्ति के शरीर में विटामिन, प्रोटीन और फाइबर आदि की कमी होने लगती है। शरीर धीरे-धीरे कमजाेर होने लगता है। वैसे तो कई बार यह समस्या दवाइंयों से ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार गंभीर स्थिति में एब्डोमिनल सर्जरी जैसे कि गैस्ट्रिक बायपास की जरूरत होती है। एसआईबीओ होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कई बार कब्ज की समस्या होने पर छोटी आंत में बैक्टीरिया जमा हो जाता है। इस समस्या काे ठीक करने के लिए आप अपनाए SIBO डायट
SIBO के लक्ष्ण
स्मॉल इंटेस्टाइन बैक्टीरियल ओवर ग्रोथ की समसया होने पर कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि-
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- डायजेशन में प्रॉब्लम
- थकान महसूस होना
- पेट में सूजन की समस्या
- थकान महसूस होना
- पेट में खराबी
- पेट फूलना और गैस बनना
- कब्ज की समस्या होना
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स्माॅल इंटेस्टाइन की प्रॉब्लम से बचने के लिए अपनाएं SIBO डायट( SIBO DIET)
जैतून
जैतून पेट के लिए भी फायदेमंद है। इसे खाने से पेट पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके सेवन से पेट की सूजन भी कम हो सकती है, क्योंकि इसमें कई तरह के पोषक तत्व और एंटी-हिस्टामाइन मौजूद होता है, जो एलर्जी से संबंधित स्थितियों में बचाव के रूप में काम करते हैं।
काली मिर्च
काली मिर्च में 30 से अधिक विभिन्न कैरोटीनॉयड होते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्त्रोत है। इसके अलावा, काली मिर्च में विटामिन सी भी होता है। कम मात्रा में इसका सेवन कई तरह से फायदेमंद है। यह खराब बैक्टीरिया को खत्म करता है।
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लाल गोभी
हालांकि हरी गोभी सबसे आम है और अधिकतर घरों में यही खायी जाती है। लेकिन लाल गाेभी में भी वही सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें एंथोसाइनिन भी होता है। इनमें कई प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और शरीर के सूजन को कम करते हैं और मौजूद ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। गोभी, ब्रासिका परिवार का हिस्सा है।
केल
केल में 5,350 खाद्य पदार्थों में से ल्यूटिन की मात्रा सबसे अधिक है। ल्यूटिन एक कैरोटीनॉयड है, जो पेट के लिए भी फायदेमंद है और शरीर में ऑक्सिजन के लेवल को भी अच्छा बनाए रखता है।
पालक
पालक में विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सिडेंट का खजाना हाेता है। जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इसमें पाए जाने वाले गुड बैक्टीरिया स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आंतों में कब्ज के कारण जमा बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।
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टमाटर
टमाटर एंटीऑक्सीडेंट लाइकोपीन का एक स्रोत है। हालांकि लाइकोपीन लाल रंग से जुड़ा होता है। यह पेट में कब्ज की समस्या को दूर करता है। यह पचाने में भी आसान है।
अनानास
अनानास में ब्रोमेलैन नामक एक एंजाइम होता है। यह एंजाइम प्रोटीन के पाचन में सहायक होता है।अनानास के कोर में ब्रोमेलैन की उच्चतम सामग्री होती है। इसमें मौजूद फाइबर भी आपकी पाचन में मदद करते हैं।
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रसभरी
ऑक्सीडेटिव एंव एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर रसभरी सूजन को कम करने में काफी सहायक हैं। यह पेट के अलावा अन्य कई पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में सहायक हैं।
स्ट्रॉबेरी
स्ट्रॉबेरी को बीजों में ओमेगा 3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा पायी जाती है। इसमें कई अच्छे स्रोत होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट अनेक प्रकार से स्वास्थ्य के लिए फादयेमंद है। इसमें कई तरह पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पेट में सूजन के आलावा हॉर्मोनल असंतुलन को भी ठीक करते हैं।
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कद्दू के बीज
कूद्दू के बीज में विटामिन ई के चार अलग-अलग प्रकार पाए जाते हैं। ये कुछ अन्य खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले विटामिन ई की तुलना में ज्यादा प्रभावकारी होते हैं। यह पाचन क्रिया काे मबूत बनाते हैं। इसमें पाए जाने वाले सीड्स में फाइबर भी होता है, जो खाने को पचाने के साथ हमारे आंतों के लिए भी अच्छा होता है।
अखरोट
SIBO डायट में अखरोट भी अच्छा है। इसमें ओमेगा 3 एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है। का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। जिन्हें फेनोल के रूप में भी जाना जाता है। अखरोट में कई तरह के फाइबर भी होते हैं, जो कब्ज की समस्या को होने से रोकते हैं। अखरोट में मौेजूद पोषक तत्व खाने को पचाते हैं।
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सूरजमुखी के बीज
सूरजमुखी के बीज में लगभग 85% विटामिन ई होता है। विटामिन ई शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट में से एक है, जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव के डैेमेज से बचाकर काम करते हैं। यह पेट की समस्या को दूर करने के साथ शरीर में एनर्जी के लेवल को भी सही बनाए रखने में मद्दगार है।
बादाम
SIBO डायट में बादाम भी अच्छा ऑप्शन है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। जैतून के तेल में एक ही प्रकार के हेल्दी फैट पाए जाते हैं। ये वसा कोलेस्ट्रॉल को विनियमित करने में मदद करते हैं और विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सिडेंट की मदद से ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करते हैं।
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अंडे
अंडे में हेल्दी फेट्स, सेलेनियम और आयोडीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। हालांकि ,अंडे का सफेद पार्ट कुछ व्यक्तियों के लिए पचाने में मुश्किल हो सकता है, फिर भी योलक्स सहनीय हो सकता है। इसमें मौजूद प्रोटीन लिवर के लिए भी अच्छा होता है। इसी के हाथ अंडे का सेवन हेल्दी हार्ट के लिए भी अच्छा है।
टूना
टूना में न केवल उच्च प्रोटीन सामग्री, बल्कि इसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज भी पाए जाते हैं। इसमें मौजूद सेलेनियम- बी, विटामिन, फास्फोरस और विटामिन डी पेट के साथ शरीर के और भी कई बीमारियों के लिए अच्छा है।
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दही
दही पेट और पाचन के लिए कितनी फायदेमंद है, यह सभी जानते हैं। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया के लिए पोषक देने का काम करते हैं।
नारियल तेल या एमसीटी तेल
नारियल, ट्राइग्लिसराइड्स (एमसीटी) का एक बड़ा स्रोत है। इस प्रकार की वसा अन्य वसाओं की तुलना में अधिक प्रभावशाली होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन, पोटैशियम, कैल्शियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन और खनिज तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
हर्बल का उपयोग
कई प्रकार के हर्बल भी पेट के लिए फायदेमंद होते हैं। इनमें पाचन तंत्र और आंतों में हुए सूजन और घावों को कम करते हैं। यह आयुर्वेदिक हर्ब्स शरीर को डिटॉक्स करने का भी काम करते हैं।
क्या खाएं
- सब्जियां: बैंगन, हरी बीन्स, ककड़ी, सलाद पत्ता टमाटर, तोरी
- फल: कैंटालूप, अंगूर, कीवी, स्ट्रॉबेरी
- डेयरी: कैमेम्बर्ट, हार्ड चीज, बादाम दूध, सोया दूध
- प्रोटीन: अंडे, फर्म टोफू, टेम्पेह, समुद्री भोजन
- अनाज: मकई का आटा, जई, चावल केक, मकई पास्ता, जौ मुक्त ब्रेड
- मिठाई: डार्क चॉकलेट, मेपल सिरप, टेबल शुगर
- नट और बीज: मूंगफली, मैकाडामिया नट्स, सूरजमुखी के बीज
क्या न खाएं
एसआईबीओ से पीड़ित व्यक्ति के कुछ खानपान से परहेज करना चाहिए। हाय कार्ब्स वाले फूड्स से बचना चाहिए।
- सब्जियां: शतावरी, फूलगोभी, मटर, मशरूम, प्याज
- फल: सेब, चेरी, सूखे फल, आड़ू, तरबूज
- डेयरी: गाय का दूध, वाष्पित दूध, आइसक्रीम, दही
- प्रोटीन: अधिकांश फलियां, मैरिनेटेड मीट, कुछ प्रोसेस्ड मीट
- अनाज: गेहूं-, राई-, और जौ-आधारित ब्रेड और स्नैक्स
- मिठाई: शहद, हाई-फ्रक्टोज कॉर्न सिरप, शुगर-फ्री ट्रीट
- नट और बीज: काजू, पिस्ता
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फ्रुक्टांस: फ्रुक्टेन में मुख्य रूप से गेहूं, कई सब्जियों और कुछ खाद्य योजक में पाए जाते हैं, जिनमें इंसुलिन भी शामिल है।
फ्रुक्टोज: फ्रुक्टोज कई फलों, शहद और उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप में पायी जाती है।
गैलेक्टंस: गैलेक्टुलिगोसैकेराइड या जीओएस भी कहा जाता है, गैलेक्टंस फलियों में पाए जा सकते हैं, जिसमें सेम, छोले और दाल शामिल हैं।
लैक्टोज: लैक्टोज दूध और अन्य डेयरी उत्पादों में पाई जाने वाले शुगर का प्रकार है।
पॉलीओल्स: ये स्वाभाविक रूप से कुछ फलों (जैसे ब्लैकबेरी) और सब्जियों (जैसे फूलगोभी और मशरूम) में पाए जाते हैं।
अगर आपको आंतों से संबंधित समस्या है, तो आप इन चीजों को अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं। लेकिन आप इसे किसी दवाई का विकल्प न मानें।
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