वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार देशभर में 10 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं। इन आंकड़ों में गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) के संक्रमण से कैसे बचाएं यह समझना बेहद जरूरी है। डेंगू एक तरह का संक्रमण है, जो मच्छरों के काटने से होता है। अगर इसका इलाज ठीक तरह से न करवाया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) होने पर जानिए क्या अपनाएं सावधानियां।
गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy)
डेंगू फीवर एडीज मच्छर के काटने से होता है। दरअसल इस मच्छर में वायरस (DENV) होता है जिसके फैलने से डेंगू होता है। एडीज मच्छर जमे हुए पानी में पैदा होता है, तो ऐसी कोई भी जगह मच्छरों के लिए घर बन जाती है, जहां पानी कई दिनों तक बदला नहीं गया है या जमा हुआ है, जैसे कूलर में जमा हुआ पानी, गमलों में जमा या घर पर कोई अन्य जगह जहां पर पानी भरने से डेंगू के मच्छर वहां पनपना शुरू हो सकता है। यह सामान्य लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं में भी हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू के लक्षण (Symptoms of dengue during pregnancy)
गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) के लक्षण सामान्य लोगों में होने वाले डेंगू की तरह ही होते हैं। इन लक्षणों में शामिल है:
- अचानक तेज बुखार आना
- अत्यधिक सिरदर्द होना
- आंखों में तेज दर्द होना
- मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द होना
- थका हुआ महसूस होना
- बार–बार उल्टी महसूस होना या उल्टी आना
- त्वचा पर लाल निशान होना (2 से 5 दिनों तक ऐसे निशान रहते हैं)
- नाक या मसूड़ों से हल्का खून आना
- प्लेटलेट्स कम होना
प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू होने पर या इस दौरान शरीर में होने वाले बदलाव को समझना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि प्रेग्नेंसी के लक्षणों में और प्रेग्नेंसी के दौरान भी उल्टी आना, थकान महसूस होना या फिर त्वचा संबंधी परेशानी होना सामान्य होता है। गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) के लक्षण भी कुछ-कुछ मिलते हैं। इसलिए किसी भी परेशानी को नजरअंदाज करना गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी खतरा हो सकता है।
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गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) शरीर पर कैसे नकारात्मक प्रभाव डालता है?
अगर किसी गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू होता है, तो गंभीर समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला की इम्यून पावर कम हो जाती है। कमजोर इम्यून पावर की वजह से अगर सावधानी न बरती गई तो किसी भी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में डेंगू को मात देना भी गर्भवती महिला के लिए चुनौती हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) होने पर निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:-
- शिशु का जन्म समय से पहले हो सकता है।
- नवजात का जन्म सिजेरियन डिलिवरी से करवाया जा सकता है।
- प्री-एक्लेमप्सिया की समस्या हो सकती है। प्री-एक्लेमप्सिया होने पर गर्भ में पल रहे शिशु तक ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाता है।
इन परेशानियों के साथ-साथ डेंगू की वजह से प्लेटलेट्स काउन्ट भी कम हो जाते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला थ्रोम्बोसाइटोपीनिया से भी पीड़ित हो सकती हैं। अगर किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) खासकर बेबी डिलिवरी के दौरान या डिलिवरी होने के दिनों के आसपास हुआ है तो ब्लीडिंग की संभावना बढ़ सकती है।
क्या गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) का असर शिशु पर भी पड़ता है?
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (NCBI) के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू होने से शिशु में इसके होने की संभावना बेहद कम होती है। हालांकि अगर शिशु के जन्म के समय गर्भवती महिला को डेंगू होता है, तो ऐसी स्थिति में शिशु को डेंगू का खतरा हो सकता है। इसलिए अगर नवजात को जन्म के समय डेंगू होता है, तो आने वाले दो सप्ताह तक शिशु में इसके संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहता है।
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नवजात शिशु में डेंगू के लक्षण क्या होते हैं?
नवजात में डेंगू के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- शिशु को 100.4 डिग्री फारेनहाइट बुखार आना या इससे भी तेज बुखार आ सकता है।
- नवजात के शरीर का टेम्प्रेचर 96.8 डिग्री फारेनहाइट से कम हो जाना।
- बच्चे का दूध नहीं पीना
- शिशु का चिड़चिड़ा होना
- शरीर या चेहरे पर निशान आना
नवजात में डेंगू के ऊपर बताये लक्षण हो सकते हैं लेकिन, इन लक्षणों के अलावा अगर कोई और लक्षण भी समझ आये तो उसे नजरअंदाज न करें। जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
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गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) से बचने के क्या हैं उपाय?
प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय गर्भवती महिला कर सकती हैं। जैसे:-
- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़ें पहनें
- अपने आसपास पानी जमने न दें
- बाथरूम में भी रखी बाल्टी में पानी को रोज बदलें
- मच्छरों के काटने से बचने के लिए रात को सोने से पहले मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
- घर की खिड़कियों में नेट लगाकर रखें
- घर में या बालकनी में रखे गमले में भी पानी जमने न दें
- मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें
इन छोटे-छोटे उपाय से गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) के साथ-साथ अन्य इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) होने पर इलाज कैसे होता है?
गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) होने पर इसका इलाज निम्नलिखित तरह से किया जाता है। जैसे:-
- स्वास्थ्य विशेषज्ञ दवा देते हैं, जिससे संक्रमण को दूर किया जाता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू से पीड़ित हैं, तो आराम करें।
- पौष्टिक आहार का सेवन करें।
- बुखार होने पर माथें पर पानी की पट्टी दें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पियें।
अगर किसी भी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू होता है, तो खुद से इलाज न करें। जल्द से जल्द अपने गायनोकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
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गर्भावस्था के दौरान डेंगू होने पर किन-किन बातों का ध्यान रखें?
गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) होने पर निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसे:-
- ठंडा पानी पीने से परहेज करें
- मैदा और बासी खाने का सेवन न करें
- डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है कि फिजिकली फिट रहें। इसलिए शरीर को एक्टिव रखें
- पौष्टिक आहार का सेवन करें और ढके हुए पानी का ही सेवन करें (पानी को उबालकर पीना अच्छा होता है)
- विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे आंवला, संतरा या मौसमी का सेवन करें। इनके सेवन से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है
- सात से आठ घंटे की नींद लें।
- अपने डायट में हल्दी, अदरक, हींग, अजवाइन को शामिल करें
- ऐसा खाने का सेवन करें जो आसानी से पच सके
- मिर्च मसाले वाले खाने से दूर रहें
- छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी पिएं
प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू होने पर या इस बीमारी से बचने के लिए ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखें और इसे फॉलो भी करें।
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डेंगू से बचने के लिए क्या हैं घरेलू उपाय?
डेंगू से बचने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय अपनाये जा सकते हैं। जैसे:-
- खाने में हल्दी का इस्तेमाल करें। बेहतर होगा अगर सुबह आधा चम्मच हल्दी को पानी के साथ रात को आधा चम्मच हल्दी दूध के साथ लें। यदि आपको जुकाम या कफ है तो हल्दी को पानी के साथ ही लें।
- आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें, जब वह आधा रह जाए तब उस पानी को पीएं।
- तुलसी और शहद का प्रयोग करने से भी डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए तुलसी को पानी में उबालकर इसमें शहद मिलाकर पिया जाता है। तुलसी में एंटी बैक्टीरियल गुण कई बीमारियों से बचाव में सहायक है।
- मेथी का सेवन करें। डेंगू से बचाव में यह भी काफी मददगार हैं। इसका इस्तेमाल करने से शरीर से सभी विषाक्त पदार्थ बाहर निकल आते हैं। इसके अलावा मेथीदाने का प्रयोग भी किया जा सकता है।
इन ऊपर बताये गए घरेलू उपाय डॉक्टर से सलाह लेकर ही आजमायें या लेने पर अगर कोई परेशानी होती है, तो उसका सेवन न करें और तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें।अगर आप गर्भावस्था के दौरान डेंगू (Dengue during pregnancy) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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