प्रेग्नेंसी (Pregnancy) हर महिला के लिए एक अलग अनुभव लेकर आती हैं। जैसा कि सभी जानते हैं प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। इन्हीं हॉर्मोनल बदलाव की वजह से जहां एक ओर बच्चे के विकास में मदद मिलती है, वहीं दूसरी ओर महिला को कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी समस्या के बारे में जिसे कोलेस्टेसिस (Cholestasis) कहा जाता है। इस समस्या में महिला को शरीर पर खुजली की समस्या (Itching problem) होती है। कई बार यह खुजली पूरे शरीर में हो सकती है। वहीं कई बार इस तरह की खुजली सिर्फ किसी विशेष प्रकार के हिस्से पर होती है। अक्सर इसका कारण प्रेग्नेंसी में पेट में होने वाले खिंचाव होता है, लेकिन आम तौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में यह समस्या लिवर में हो रही परेशानी की वजह से होती है। आज हम बात करने जा रहे हैं प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन (Cholestasis medication in pregnancy) के बारे में। प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन के तौर पर किसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए, यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि इन दवाइयों का इस्तेमाल किसी भी महिला को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। आइए सबसे पहले जान लेते हैं कोलेस्टेसिस की समस्या के बारे में।
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क्यों होती है प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस की समस्या? (Cholestasis in pregnancy)
प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) की समस्या अक्सर लीवर की तकलीफ की वजह से होती है। इस समस्या में गॉलब्लैडर में बाईल का फ्लो धीमा हो जाता है, जिसकी वजह से शरीर में खुजली की समस्या होती है और त्वचा में पीलापन दिखाई देता है। कई बार महिलाओं में यह समस्या प्रेग्नेंसी (Pregnancy) की शुरुआत में देखी जाती है। वहीं कुछ महिलाओं को यह समस्या सेकंड ट्रायमेस्टर के बाद होती है। आमतौर पर यह समस्या अपने आप डिलीवरी के कुछ समय बाद चली जाती है, लेकिन यदि गॉलब्लैडर में बाईल (Bile in the gallbladder) का लेवल बढ़ जाए, तो यह स्थिति शिशु के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। आइए जानते हैं इसके क्या लक्षण प्रेग्नेंसी में दिखाई दे सकते हैं।
क्या होते हैं प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस के लक्षण? (Symptoms of Cholestasis in pregnancy)
प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis) की समस्या को पहचानने के लिए आपको इसके लक्षणों को जानना जरूरी माना जाता है। आमतौर पर प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) होने पर शरीर में चकत्ते उभरने लगते हैं, जिसमें खुजली की समस्या होती है। कई बार मांसपेशियों में आ रहे खिंचाव की वजह से यह खुजली असहनीय हो सकती है। प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस के दौरान आपको यह स्थितियां दिखाई दे सकती हैं –
- प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में कोलेस्टेसिस की समस्या आम तौर पर हाथों और पैरों में देखी जाती है। लेकिन कभी-कभी यह पूरे शरीर में भी हो सकती है।
- प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस के दौरान आपको रात के दौरान ज्यादा खुजलाहट होती है
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इसके अलावा आप कुछ और लक्षणों पर भी गौर कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं –
- यूरिन का रंग गहरा होना
- स्टूल में ज्यादा पीलापन दिखाई देना
- त्वचा का पीला होना
जब आप इस तरह के लक्षण देखते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन (Cholestasis medication in pregnancy) से इस तरह के लक्षणों को ठीक किया जा सकता है। लेकिन प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन के बारे में अधिक जानकारी से पहले यह जान लेना चाहिए कि इस समस्या का निदान किस तरह किया जाता है।
कैसे किया जा सकता है प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस का निदान? (Diagnosis of Cholestasis in pregnancy)
जब आप प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) के दौरान तेज खुजली महसूस करते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यह खुजली समय के साथ असहनीय हो सकती है, इसलिए आपको लैब टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टर आपको प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन (Cholestasis medication in pregnancy) देने से पहले ये टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं –
- लिवर फंक्शन टेस्ट (इसमें रक्त में बाईल एसिड का स्तर मापा जाता है)
- प्रोथ्रोम्बिन टाइम (इसमें रक्त के ब्लड क्लॉट करने की क्षमता को परखा जाता है)
- अल्ट्रासाउंड (इसमें उस ट्यूब की स्थिति को जांचा जाता है, जिसमें बाईल पैदा होते हैं)
इन टेस्ट्स के बाद यह पता चलता है कि आपकी स्थिति कितनी गंभीर है। यदि डॉक्टर महसूस करता है कि आपकी स्थिति समय के साथ बदतर हो रही है, तो वह प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन (Cholestasis medication in pregnancy) लेने की सलाह दे सकते हैं। आइए अब जानते हैं प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis) की समस्या को किस तरह ठीक किया जा सकता है। साथ ही जानते हैं प्रेग्नेंसी में कौन-कौन सी कोलेस्टेसिस मेडिकेशन ली जा सकती है।
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प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन : ये ट्रीटमेंट हो सकते हैं कारगर (Treatment of Cholestasis in pregnancy)
जैसा कि आपने जाना प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) का निदान जल्द से जल्द करने की जरूरत होती है। ऐसा ना करने पर गर्भवती महिला और शिशु दोनों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन (Cholestasis medication in pregnancy) के अलावा इन ट्रीटमेंट्स की मदद भी ली जा सकती है। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में कोलेस्टेसिस की समस्या को कई तरह से ठीक किया जा सकता है। इसमें –
- मेडिसिन
- बाईल एसिड मेजरमेंट
- फीटल मॉनिटरिंग
- अर्ली डिलीवरी
इन सभी का सामवेश होता है। ये सभी ट्रीटमेंट आपको प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) की समस्या में आपकी स्थिति को ध्यान में रख कर दिए जा सकते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन (Cholestasis medication in pregnancy) के तौर पर आपको बगैर डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवाइयां नहीं लेनी चाहिए। यह दवाइयां आपके गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है। आइए अब जानते हैं प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन से जुड़ी जरूरी जानकारी।
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प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन : इन दवाइयों का लिया जा सकता है सहारा (Cholestasis medication in pregnancy)
आमतौर पर प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन (Cholestasis medication in pregnancy) के तौर पर डॉक्टर आपको अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड से बनी दवाइयां दे सकते हैं, इसलिए आपके लिए जानना जरूरी है कि अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड (Ursodeoxycholic acid) आखिर है क्या! अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड से बनी दवाइयां आमतौर पर प्राइमरी बिलिअरी सिरोसिस (Primary biliary cirrhosis) या गॉलब्लैडर स्टोन (Gallbladder stone) की समस्या में इस्तेमाल की जाती हैं। यह एक हेपेटोप्रोटेक्टिव मेडिकेशन मानी जाती है, जो शरीर में लिवर एंजाइम्स बढ़ाकर टॉक्सिक बाईल एसिड की वजह से डैमेज हुए लिवर सेल्स को ठीक करती है। इस दवाई की मदद से लिवर फंक्शन बेहतर बनता है और प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) की समस्या में आराम मिलता है। इस दवाई को लेने के भी कुछ तरीके हैं, जिस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। सबसे पहले आपको अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस दवाई का सेवन करना चाहिए। साथ ही साथ इस दवाई के सेवन के दौरान आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए –
- अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड (Ursodeoxycholic acid) आमतौर पर खाने के बाद दूध या पानी के साथ लिया जाना चाहिए ।
- आपको प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) की समस्या के दौरान अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड के साथ-साथ हेल्थी डायट, एक्सरसाइज और अच्छी लाइफस्टाइल मेंटेन रखनी चाहिए।
- अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड की वजह से कई बार आपको डायरिया (Diarrhea) की समस्या हो सकती है, इसलिए इस दवाई लेने के दौरान आपको लगातार पानी पीने की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए आपको हायड्रेटड रहना है।
- इस दवाई के साथ-साथ डॉक्टर हर 3 महीने में आपको लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver function test) की सलाह दे सकते हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि आपके शरीर में बिलीरुबिन लेवल किस तरह कार्य कर रहा है।
इन बातों का ख्याल आपको अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड के सेवन के दौरान रखना बेहद जरूरी है। अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड में आमतौर पर तीन तरह की टेबलेट दी जाती हैं, आइए जानते हैं उसके बारे में।
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प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन : अर्सोकॉल 300 टेबलेट (Ursocol 300 Tablet)
अर्सोकॉल 300 टेबलेट आमतौर पर प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) की समस्या के लिए दी जाती है। यह लिवर डिजीज, जिसे प्राइमरी बिलिअरी सिरोसिस कहा जाता है, इसे ठीक करने के काम आती है। इसे खाने के बाद दूध या पानी के साथ लिया जाना चाहिए। इसकी डोसेज डॉक्टर आपके वजन के अनुसार प्रिसक्राइब कर सकते हैं। लेकिन इस दवा का पूरा कोर्स करना बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में कोलेस्टेसिस के लक्षण ठीक होने के बाद भी आपको यह दवाई लेते रहना चाहिए, जिससे इसका पूरा कोर्स हो सके।
इस दवाई से आमतौर पर महिलाओं को पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी, रैशेज (Abdominal pain, Diarrhea, Vomiting, Rash) जैसी समस्याएं हो सकती है। इन साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क में बने रहना चाहिए।
कीमत : मार्केट में इस दवा की कीमत 350 से 400 रुपए के बीच हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन : सोरबिडियोल 300 टेबलेट (Sorbidiol 300 Tablet)
सोरबिडियोल 300 टेबलेट आमतौर पर प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में कोलेस्टेसिस की समस्या के लिए दी जाती है। यह लिवर डिजीज (Liver disease), जिसे प्राइमरी बिलिअरी सिरोसिस (Primary biliary cirrhosis) कहा जाता है, इसे ठीक करने के काम आती है। इसे खाने के बाद दूध या पानी के साथ लिया जाना चाहिए। इसकी डोसेज डॉक्टर आपके वजन के अनुसार प्रिसक्राइब कर सकते हैं। लेकिन इस दवा का पूरा कोर्स करना बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) के लक्षण ठीक होने के बाद भी आपको यह दवाई लेते रहना चाहिए, जिससे इसका पूरा कोर्स हो सके।
इस दवाई से आमतौर पर महिलाओं को पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी, रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती है। इन साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क में बने रहना चाहिए।
कीमत : मार्केट में इस दवा की कीमत 200 से 250 रुपए के बीच हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन : उडिलिव 300 टेबलेट (Udiliv 300 Tablet)
उडिलिव 300 टेबलेट आमतौर पर प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis) की समस्या के लिए दी जाती है। यह लिवर डिजीज, जिसे प्राइमरी बिलिअरी सिरोसिस कहा जाता है, इसे ठीक करने के काम आती है। इसे खाने के बाद दूध या पानी के साथ लिया जाना चाहिए। इसकी डोसेज डॉक्टर आपके वजन के अनुसार प्रिसक्राइब कर सकते हैं। लेकिन इस दवा का पूरा कोर्स करना बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस के लक्षण ठीक होने के बाद भी आपको यह दवाई लेते रहना चाहिए, जिससे इसका पूरा कोर्स हो सके।
इस दवाई से आमतौर पर महिलाओं को पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी, रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती है। इन साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क में बने रहना चाहिए।
कीमत : मार्केट में इस दवा की कीमत 450 से 500 रुपए के बीच हो सकती है।
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जैसा कि आपने जाना प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) की समस्या के दौरान आपको अपना खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ सकती है। प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस मेडिकेशन (Cholestasis medication in pregnancy) के तौर पर आप इन दवाइयों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बगैर ये दवाइयां लेना आपके लिए बेहद नुकसानदेह हो सकता है। यह आपके शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बगैर इन दवाइयों का सेवन ना करें।
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प्रेग्नेंसी में कोलेस्टेसिस (Cholestasis in pregnancy) की समस्या किसी भी महिला के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, इसलिए आपको अपनी डायट पर खास ध्यान रखते हुए डॉक्टर से संपर्क में बने रहने की जरूरत पड़ती है। आप चाहें तो प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में कोलेस्टेसिस (Cholestasis) की समस्या से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी कर सकती हैं। लेकिन इस तरह के उपाय डॉक्टर की सलाह के बाद ही किए जाने चाहिए, जिससे भविष्य में आपको और गर्भ में पल रहे शिशु को समस्याओं का सामना ना करना पड़े।
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