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प्रेग्नेंसी के दौरान कीड़े हो सकते हैं पेट में, जानें इससे बचाव के तरीके

प्रेग्नेंसी के दौरान कीड़े हो सकते हैं पेट में, जानें इससे बचाव के तरीके

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को जिस तरह माँ बनने की एक सुखद अनुभूति होती है उसी तरह तरह-तरह की शारीरिक समस्याएं उस अनुभूति को कम करने में मदद करते हैं। उन समस्याओं में गर्भावस्था के समय पेट में कीड़ा होना भी एक समस्या है। पेट में कीड़े को पैरासाइट वर्म भी कहा जाता है। यह पेट में होने वाले कीड़ो का मुख्य प्रकार है। पेट में होने वाले कीड़ो के अन्य सामान्य प्रकार में निम्न शामिल हैं :

  • फ्लैटवर्म, इसमें टेपवर्म और फ्लूक शामिल होते हैं।
  • राउंडवर्म जैसे एस्कारियासिस, पिन वर्म और हुकवर्म संक्रमण

प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े क्या हैं

प्रेगनेंसी  में पेट में कीड़े यानी पैरासाइट होते हैं जो मुनष्य के जठरांत्र प्रणाली या लार्वा सिस्ट (Larva cyst) में पाए जाते हैं। यह पूरे शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकते हैं। पैरासाइट एक साधारण प्रकार के जीव होते हैं जो मनुष्य के शरीर को अंदर से खाते रहते हैं। अधिकतर लोग टेपवर्म और हुकवर्म के बारे में जानते हैं लेकिन इसके अन्य प्रकार से वाकिफ नहीं होते हैं। प्रेगनेंसी में पेट में होने वाले कीड़े कुछ निम्न प्रकार के होते हैं :

  • टी. सैगिनाता, इसे आसान भाषा में बीफ टेपवर्म कहा जाता है। यह संक्रमण कच्चे बीफ के सेवन के कारण होता है।
  • टी. सोलियम, इसे पोर्क टेपवर्म के नाम से भी जाना जाता है। यह संक्रमण कच्चा सूअर खाने की वजह से होता है।
  • डी. लैटम या यूं कह लीजिए फिश टेपवर्म, अन्य टेपवर्म की ही तरह यह संक्रमण भी मछलियों को बिना पकाए खाने से फैलता है।
  • एच. नाना, इसे ड्वार्फ टेपवर्म कहा जाता है और यह एकलौता ऐसा टेपवर्म संक्रमण है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है।
  • एकीनोकॉकस (पट्टकृमि) टेपवर्म के इस प्रकार में अन्य तीन जातियां शामिल हैं। जब यह टेपवर्म शरीर के अंदर चला जाता है तो लार्वा पुरे शरीर में किसी भी अंग पर सिस्ट पैदा कर सकता है।

विश्व की निम्न जगहों पर इस प्रकार के प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े के मामलें सबसे अधिक पाए जाते हैं। लैटिन अमेरिका, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया। इन सभी जगहों में सूअर के कारण टेपवर्म संक्रमण होने की सबसे अधिक आशंका होती है।

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प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े क्यों होते हैं

प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े का कारण संक्रमित बिस्तर पर लेटने, कपड़े और अन्य किसी भी चीज की सतह पर छूने या खरोच से फैल सकते हैं। यह पैरासाइट इन जगहों पर तीन हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं। इसके कारण थ्रेडवर्म के अंडे सतह के ऊपर फैलने लगते हैं। इनके संपर्क में आने से प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।

आमतौर पर व्यक्ति अनजाने में इन जीव के संपर्क में आ जाते हैं और मुंह के जरिए उन्हें संक्रमित कर देते हैं। निगले हुए पैरासाइट मल में जाकर अंडों से  उसके बच्चे बाहर आ जाते हैं। अंडों से बाहर आने पर कीड़े अपने अंडे देने लगते हैं और इस साइकिल की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

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प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े के कारण

इस प्रकार के टेपवर्म से संक्रमित होने का मुख्य कारण जानवर का कच्चा मांस खाना होता है जैसे कि बीफ, सूअर या मछली। इसके अलावा प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े से संक्रमित होने के अन्य कारणों में निम्न शामिल हैं :

राउंडवर्म आमतौर पर दूषित मल और मिट्टी के संपर्क में आने के कारण व्यक्ति में फैलते हैं।

जब एक प्रेग्नेंट महिला दूषित पदार्थ के संपर्क या उसका सेवन कर लेती हैं तो पैरासाइट उनके पेट में चला जाता है। इसके बाद पेट में कीड़े अंडे देकर फैलने लगते हैं। एक बार जब पेट में कीड़े बड़ी मात्रा और आकर में फैल जाते हैं तो इस स्थिति के लक्षण सामने आ सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े क्यों होते हैं? इससे आपको और आपके शिशु को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही इसके घरेलू उपचार क्या हैं?

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प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े होने पर क्या परेशानियां हो सकती हैं

प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े होने के कारण एनीमिया (खून की कमी) और पेट में रुकावट का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थित कमजोर महिलाओं को और भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा यदि आप पहले कभी एचआईवी या एड्स जैसे संक्रमण से ग्रस्त हो चुके हैं तो प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े होने पर अन्य स्वास्थ्य स्थिति उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है।

पेट में कीड़े होने का खतरा प्रेग्नेंट महिलाओं में सबसे अधिक होता है। प्रेगनेंसी के दौरान पेट में कीड़े की स्थिति उत्पन्न होने पर डॉक्टर आपको एंटीपैरासिटिक दवाओं के सेवन की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, दवाओं के कुछ दुष्प्रभाव भी पड़ सकते हैं इसलिए पहले घरेलू उपायों को आजमा कर देखें।

घरेलू उपाय बेहद आसान और कारगर होते हैं। इसके लिए आपको किसी डॉक्टर की सलाह लेने की आवश्यकता नहीं होती और आप घर बैठे ही अपना इलाज कर सकते हैं। निम्न पेट में कीड़े के सामान्य लक्षण हैं जिनकी मदद से आप स्थिति की पहचान कर सकते हैं :

प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े होने पर महिलाएं डिसेंट्री (संक्रमित दस्त) जैसी स्थिति का अनुभव कर सकती हैं। इस स्थिति में संक्रमण के कारण मल के साथ खून या बलगम आ सकता है। पेट में कीड़े होने के कारण मलाशय और योनि के आसपास खुजली और दाने हो सकते हैं। कुछ मामलों में मल के जरिए वर्म बाहर भी निकल सकता है।

कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं जिसके कारण स्थिति गंभीर हो सकती है

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पेट के कीड़े गर्भ में पल रहे बच्चे को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं

भ्रूण में मौजूद शिशु का पालन पोषण महिला पर निर्भर करता है। यदि गर्भवती महिला का स्वस्थ अच्छा रहेगा तभी वह पेट में पल रहे बच्चे को स्वस्थ रख पाएंगीं। प्रेग्नेंट महिला के दूषित पदार्थ के संपर्क में आने के कारण वह संक्रमित हो जाती है जिसका सीधा प्रभाव भ्रूण में पल रहे बच्चे पर पड़ता है।

पेट में मौजूद कीड़े महिला के शरीर के पोषक तत्वों के आधार पर जीवित रहते हैं जिसके कारण शिशु को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पता है। पोषण की कमी के कारण जन्म से ही शिशु को मानसिक व शारीरिक विकलांगता का सामना करना पड़ सकता है। बच्चे और खुद को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक टेस्ट करवाते रहें और साथ ही अपने पोषण का खास ध्यान रखें।

प्रेगनेंसी में पेट में कीड़े होने से कैसे करें बचाव

प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी प्रकार की दवा का सीधा असर शिशु पर पड़ता है। ऐसे में दवा से परहेज करते हुए पहले आप घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं। घरेलू उपचार पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं जिनका महिला व शिशु पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

मल में पहले से ही मौजूद कीड़े छह हफ्तों में अपने आप मर जाते हैं। यदि आपको पेट में कीड़े के लक्षण दिखाई देते हैं तो छह हफ्तों तक निम्न बातों का पालन करें और दोबारा दूषित अंडों के संपर्क में न आएं :

  • नाखूनों को छोटा रखें और अपने (या अपने बच्चों की) उंगलियों को अपने मुंह में डालने से बचें।
  • सुनिश्चित करें कि हर कोई अपने हाथों को बार-बार धोता है और नाखूनों को नीचे से रगड़ता है। विशेष रूप से खाने से पहले, शौचालय में जाने के बाद और डायपर बदलने के बाद।
  • सभी कपड़ों, बिस्तर की चादर और नाईट सूट को एक बार में धोएं। इन सभी को ध्यान से उठाएं क्योंकि इन्हें लापरवाही से हाथ लगाने पर संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए बाद में अपने हाथों को अच्छे से धोएं।
  • रात में क्लोज-फिटिंग अंडरवियर पहनें और हर सुबह अपने अंडरवियर को बदलें।
  • रोज सुबह नहाएंं या शॉवर लें। साथ ही अपने तौलिये और धुले कपड़ों को किसी के साथ शेयर न करें।
  • बंद अलमारी में टूथब्रश रखें और उपयोग करने से पहले धो लें।
  • नियमित रूप से अपने घर और खासतौर से बेडरूम में धूल-मिट्टी इकट्ठा न होने दें। ऐसे में रोजाना घर को साफ रखें।
  • किचन और बाथरूम को नियमित रूप से अच्छी तरह से साफ करें।
  • बेडरूम में भोजन न करें।

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Current Version

06/04/2020

Shivam Rohatgi द्वारा लिखित

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ

Updated by: Mousumi dutta


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डॉ. पूजा दाफळ

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Shivam Rohatgi द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/04/2020

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