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प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द होना कितना सामान्य है?

प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द होना कितना सामान्य है?

कंसीव करने के बाद से ही महिलाओं के शरीर में बदलाव आने शरू हो जाते हैं और हर दिन उन्हें कुछ न कुछ समस्या होती ही रहती है। मॉर्निंग सिकनेस से लेकर थकान, खाने का मन न होना, कब्ज आदि के साथ ही प्रेग्नेंसी के कुछ महीने बाद से ही बहुत सी महिलाओं को वजाइना या पेल्विक पर दबाव महसूस होने लगता है, हालांकि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है और ऐसा होना सामान्य है। प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द होना (Vaginal pressure during pregnancy) आम है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन प्रेग्नेंसी में वजाइनल प्रेशर (Vaginal pressure during pregnancy) क्यों होता है और इसका क्या निवारण है, ये जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल।

प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द का क्या मतलब है? (Vaginal pressure during pregnancy)

दरअसल, प्रेग्नेंसी जैसे-जैसे बढ़ती है आपके गर्भाशय का आकार भी बढ़ता है, क्योंकि अंदर पल रहे बच्चे को विकसित होने के लिए अधिक जगह की जररुत होती है। भ्रूण का आकार पहले एक संतरे जितना होता है जो बाद में बढकर तरबूज के साइज का हो जाता है, इसलिए गर्भाशय (Uterus) पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द होना और पेट के निचले हिस्से पर दबाव महसूस होने लगता है। वजाइनल प्रेशर फर्स्ट ट्राइमेस्टर से लकर थर्ड ट्राइमेस्टर तक महसूस हो सकता है और यह बिल्कुल सामान्य है, फिर भी यदि आपको किसी तरह का संदेह हो तो एक बार डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।

प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द होना और पेल्विक प्रेशर के कारण (Causes of vaginal and pelvic pressure during pregnancy)

प्रेग्नेंसी में वजाइनल प्रेशर- Vaginal pressure during pregnancy

प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द होना और दबाव महसूस करना आम है, लेकिन हर महिला के लिए यह अनुभव अलग-अलग होता है। किसी को वजाइना में बहुत अधिक दबाव महसूस होता है तो किसी को पूरी प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान पेल्विक एरिया (Pelvic area)  प्रेशर महसूस होता है और ऐसा लगता है कि कुछ वजन उनके शरीर के निचले हिस्से की तरफ आ रहा है। प्रेग्नेंसी के अंतिम चरण में वजाइना में दर्द होना (Vaginal pressure) का कारण होता है बच्चे का वजन जो पेल्विक फ्लोर को नीचे की ओर धकेलता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द होना (Vaginal pressure during pregnancy) कई वजहों से हो सकता है।

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पहली तिमाही (First trimester)

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में आमतौर पर प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द का कारण भ्रूण का वजन बढ़ना नहीं हो सकता है, क्योंकि इस दौरान कम ही महिलाओं का वजन बढ़ता है और न ही भ्रूण का वजन अधिक होता है। इस समय वजाइना पर दबाव का कारण रिलैक्सीन (relaxin) हार्मोन होता है। यह हार्मोन मसल्स को रिलैक्स करने में मदद करती है ताकि जन्म के समय बच्चा आसानी से पेल्विक एरिया से गुजर सके। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में रिलैक्सीन का लेवल बहुत अधिक होता है। इस हार्मोन का हाई लेवल फर्टिलाइज एग्स को गर्भाशय की लाइनिंग में इंप्लांट करने में मदद करता है। कुछ महिलाओं में रिलैक्सीन हार्मोन के कारण वजाइना के आसपास के हिस्से में मसल्स पेन और टेंशन महसूस होता है।

दूसरी और तीसरी तिमाही (Second and third trimesters)

दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में पेल्विक फ्लोर के कमजोर होने पर इस पर दबाव पड़ने के कारण वजाइनल प्रेशर का अनुभव होता है। पेल्विक फ्लोर (pelvic floor ) मसल्स से बने स्लिंग (sling) की तरह दिखता है। यह पेल्विक के अंगों जैसे गर्भाशय (uterus),वजाइना, यूरेथ्रा (Urethra) और ब्लैडर (Bladder) को सपोर्ट करता है। प्रेग्नेंसी की वजह से पेल्विक फ्लोर कमजोर हो जाती है। यदि पहली प्रेग्नेंसी के समय किसी महिला का पेल्विक फ्लोर क्षतिग्रस्त हो गया है तो आगे की प्रेग्नेंसी में यह और कमजोर हो जाता है। प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में ही बढ़ा हुआ अतिरिक्त वजन नजर आने लगता है और जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है गर्भाशय शरीर के निचले हिस्से पर अधकि दबाव डालता है, क्योंकि पेल्विक फ्लोर कमजोर हो जाता है गर्भाशय का यह दबाव भारीपन और प्रेग्नेंसी में वजाइनल प्रेशर (Vaginal pressure during pregnancy) का अनुभव कराता है। साथ ही इसके कारण हिप्स (hips) और पेल्विस (pelvis) में दर्द भी हो सकता है।

प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द के अन्य कारण (Other caused of vaginal pressure during pregnancy)

गर्भावस्था में वजाइना पर दबाव कई अन्य कारणों से भी महसूस हो सकता है और ऐसा प्रेग्नेंसी की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में हो सकता है। इन कारणों में शामिल है-

कब्ज (Constipation)

बहुत सी महिलाएं पूरी प्रेग्नेंसी में कब्ज से परेशान रहती हैं। जब मल (stool) बहुत सख्त हो जाता है या कई दिनों तक महिला का पेट साफ नहीं होता तो इसकी वजह से वजाइन (vagina ) पर भारीपन या दबाव महसूस होता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए खूब पानी पिए और फाइबर से भरपूर फल व सब्जियों को डायट में शामिल करें।

ब्लैडर इंफेक्शन (Bladder infections)

कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान वजाइना पर दबाव महसूस होने का कारण ब्लैडर इंफेक्शन (Bladder infection) हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान (During pregnancy) महिलाओं को ब्लैडर इंफेक्शन होने का खतरा अधिक रहता है। यदि वजाइनल या पेल्विक प्रेशर (Pelvic pressure) की वजह से आपका बाथरूम जाना मुश्किल हो गया है और पेशाब के दौरान दर्द के साथ ही बुखार भी आ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स (Pelvic organ prolapse (POP)

जब प्रेग्नेंसी में वजाइनल प्रेशर (Vaginal pressure during pregnancy) बहुत अधिक हो तो यह पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स का संकेत हो सकता है। यह समस्या तब होती है जब पेल्विस के अंदर या आसपास के अंग नीचे खिसकर वजाइना (Vagina) या मलाशय (Rectum) में चले जाते हैं। इसका उपचार किया जा सकता है, लेकिन इसकी वजह से बहुत दर्द और जटिलताएं हो सकती हैं। यदि किसी महिला को वजाइना में तेज दबाव महसूस होता है, बाउल (Bowl) या ब्लैडर (Bladder) को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है या ऐसा महसूस हो कि वजाइना में कोई चीज नींचे की ओर जा रही है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है।

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कमजोर गर्भाशय ग्रीवा (Weak cervix)

कुछ महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा कमजोर होती है जिसे सर्वाइकल इन्कॉम्पिटेंस (Cervical incompetence) या सर्वाइकल इनसफिशिएंसी (Cervical insufficiency) कहा जाता है। इस समस्या से पीड़ित कुछ महिलाओं का मिसकैरिज (Miscarriage) हो जाता है तो कुछ को प्रीमेच्योर लेबर (Premature labor ) से गुजरना पड़ता है, क्योंकि उनका सर्विक्स (Cervix) इतना मजबूत नहीं होता कि वह गर्भाशय को सपोर्ट कर सके। शुरुआत में ही पता चलने पर इस समस्या का उपचार किया जा सकता है। यदि किसी महिला को प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में ही वहुत अधिक वजाइनल प्रेशर महसूस हो रहा हो, तो उसे डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। शायद वह महिला के सर्विक्स की जांच करें। पहले हुई कोई सर्वाइकल प्रक्रिया या चोट (जिसमें बच्चे के जन्म के समय आई चोट भी शामिल है) कि वजह से सर्विक्स के कमजोर होने का खतरा अधिक होता है।

प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द की शुरुआती अवस्था (Pain during early pregnancy)

प्रेग्नेंसी में वजाइनल प्रेशर- Vaginal pressure during pregnancy

यदि आपको गर्भावस्था की पहली तिमाही या दूसरी तिमाही की शुरुआत में वजाइना या पेल्विक पर दबाव महसूस होता है तो इसके लिए बच्चे का वजन जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि इस दौरान भ्रूण का आकार बहुत छोटा होता है। प्रेग्नेंसी की शुरुआती अवस्था में ऐंठन या क्रैम्पिंग सेंसेशन (Cramping sensation) की वजह है आपके गर्भाशय का फैलना। यदि आपको प्रेगनेंसी में वजाइना में दर्द या ऐंठन महसूस हो रही है तो चेक करें कि कहीं ब्लीडिंग भी तो नहीं हो रही। यदि आपको खून के हल्के धब्बे भी दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, क्योंकि ऐंठन के साथ ब्लीडिंग मिसकैरिज का संकेत हो सकता है।

प्रेग्नेंसी में वजाइनल प्रेशर और दर्द से राहत पाने के तरीके (vaginal pressure & pain during pregnancy)

क्योंकि वजाइनल प्रेशर (Vaginal pressure) अक्सर कमजोर मसल्स और पेल्विक पर दबाव पड़ने के कारण होता है, ऐसे में थोड़ी सी स्ट्रेचिंग से भी आपको आराम मिलेगा। दर्द और दबाव से राहत क लिए पीठ (Back) और नितंब (Hips) की स्ट्रेचिंग (Stretching) करें।

  • प्रेग्नेंसी योग (Pregnancy yoga) या स्ट्रेचिंग क्लास जॉइन करके आप सहज और सुरक्षित स्ट्रेचिंग कर सकती हैं।
  • फोम रोलर (Foam roller) का इस्तेमाल करके आप मसल्स को तनावमुक्त कर सकती हैं। यदि दर्द ज्यादा है तो प्रभावित हिस्से पर हीटिंग पैड (Heating pad ) लगाएं। इसे ज्यादा गर्म न करें और पैड को 10 मिनट के बाद हटा लें।

आप अन्य तरीके भी आजमा सकती हैं, जिससे तुरंत रात भले ही न मिले, लेकिन यह वजाइनल प्रेशर (Vaginal pressure) के लिए जिम्मेदार स्थितियों के जोखिम को कम कर सकता है-

कीगल पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Kegel pelvic floor exercises)

पेशाब से बचने की कोशिश करते हुए पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को तनाव दें, 10 सेकंड के लिए इसे पकड़े रहें  फिर छोड़ दें। दिन में कम से कम दो वक्त इसे 10 बार दोहराएं। इस एक्सरसाइज से शरीर की उन मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है जिसका इस्तेमाल बच्चे के जन्म के समय उसे बाहर निकालने के लिए किया जाता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान एक्टिव रहना (Remaining active during pregnancy)

लो इंटेसिटी एक्सरसाइज (Low-intensity exercises) जैसे सिर्फ पैदल चलने से भी मसल्स मजबूत होती है और पोश्चर ठीक रहता है। जिससे वजाइना और पेल्विक पर पड़ने वाले प्रेशर और दर्द से राहत मिलती है और यह पेल्विक मसल्स (Pelvic muscles) को मजबूत बनाता है।

खूब पानी पीना (Drinking plenty of water)- खासतौर पर गर्मी के मौसम में एक्सरसाइज के बाद खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इससे कब्ज (Constipation) की समस्या नहीं होती, जो वजाइनल प्रेशर (Vaginal pressure) का कारण बन सकता है।

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दबाव और दर्द में अंतर (Pressure vs. pain)

वजाइनल (Vaginal) या पेल्विक एरिया (Pelvic area) में प्रेशर महसूस होना एक ही बात है, लेकिन तेज दर्द होना अलग बात है। इस हिस्से में प्रेशर महसूस होने पर आपको कुछ वैसा ही अनुभव होगा जैसा कि मेन्स्ट्रुअल क्रैंप्स (Menstrual cramps) में होता है। आपको पीठ के निचले हिस्से में भी दर्द महसूस हो सकता है। लेकिन प्रेशर और दर्द को एक ही समझने की भूल न करें। यदि पेल्विक एरिया में दर्द होता है तो वह बहुत तीव्र होगा, इतना तेज कि आपको चलने में भी दिक्कत होगी और ऐसा होना सामान्य नहीं है इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इसके अलावा इन स्थितियों में आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है-

  • पेल्विक (Pelvic) में तेल दर्द होना जिससे चलने और बोलने में भी परेशानी हो
  • सिर में तेज दर्द (Severe headache)
  • चक्कर आना (Dizziness)
  • अचानक से हाथ, पैर और चेहरे में सूजन (Swelling of your hands, face, feet)

प्रेग्नेंसी में वजाइनल प्रेशर आम है, लेकिन पेल्विक में दर्द होना सामान्य नहीं है यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है जिसमें शामिल है मिसकैरिज (Miscarriage), एक्टोपिग प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) या प्रीटर्म लेबर (Preterm labor)।

प्रेग्नेंसी में वजाइनल प्रेशर से होने वाली जटिलताएं (Complications of vaginal pressure during pregnancy)

वैसे तो गर्भावस्था में वजाइन पर दबाव पड़ना आम है, लेकिन कई बार इससे कई तरह की जटिलताएं भी हो सकती हैं।

  • यदि किसी इंफेक्शन की वजह से वजाइनल प्रेशर महसूस होता है तो डॉक्टर इसके लिए इलाज की सलाह देगा।
  • अधिकांश मामलों में यह पेल्विक मसल्स (Pelvic muscles) के कमजोर पड़ने या वजन बढ़ने के कारण हो सकता है।
  • हालांकि यदि वजाइनल प्रेशर किसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के कारण हैं तो इसका जल्द उपचार किया जाता है ताकि महिला और उसके होने वाले बच्चे को कोई नुकसान न हो। यदि किसी तरह के इंफेक्शन (Infection) का समय पर इलाज न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैलकर बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकता है और प्रीमैच्योर लेबर (Premature labor) की संभावना बढ़ जाती है।
  • बहुत कमजोर पेल्विक मसल्स (Pelvic muscles) की वजह से पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स (Pelvic organ prolapse) की समस्या हो सकती है। यह दर्दनाक स्थिति इन्कॉन्टिनेंस (Incontinence), सेक्स के दौरान दर्द और जनानंगों (Genitals) के आकार में बदलाव के लिए जिम्मेदार हो सकती है।

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ध्यान दें

प्रेग्नेंसी की शुरुआत से लेकर अंत तक महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है उनमें से कुछ बहुत समान्य है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं होती जैसे वजाइनल प्रेशर, लेकिन समस्या यदि अधिक बढ़ जाए या आपको तेज दर्द के साथ कुछ और भी लक्षण दिखे तो इसे नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Accessed on 24 march 2021

Vaginal Pressure: https://www.texaschildrens.org/blog/2015/04/changes-during-pregnancy-what%E2%80%99s-normal-and-what%E2%80%99s-not

Pelvic pain: https://patient.info/news-and-features/should-you-worry-about-pelvic-pain-in-pregnancy

Pelvic pain in pregnancy- https://www.closingthegap.ca/pelvic-pain-during-pregnancy-whats-causing-it-and-how-you-can-treat-it/

Pelvic pressure: https://www.healthywomen.org/your-health/36-weeks-pregnant-symptoms-and-signs

Current Version

16/11/2023

Toshini Rathod द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Alwyn


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/11/2023

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