“मैं मायके में डिलिवरी करवाउंगी’
ऐसा कहना है 29 वर्षीय श्वेता शर्मा का। हैदराबाद में रहने वाली श्वेता 7 महीने की गर्भवती हैं। जब श्वेता से हैलो स्वास्थय की टीम ने उनसे बेबी डिलिवरी की प्लानिंग पूछी तो वो कहती हैं “मेरी प्रेग्नेंसी का अभी 7 वां मंथ शुरू हुआ है और मैंने अगले हफ्ते अपनी मम्मी के घर जा रही हूं क्योंकि मैं मायके में डिलिवरी करवाउंगी।
वहीं मुंबई की रहने वाली मौसमी दत्ता एडिटर हैं और एक बच्चे की मां भी। मौसमी से जब हमने समझना चाहा की मायके में डिलिवरी पर उनकी क्या राय है, तो मौसमी कहती हैं “मेरा बेबी भी मायके में हुआ था और मैंने मायके में डिलिवरी का प्लान इसलिए बनाया था क्योंकि वहां मेरी मम्मी थीं। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान खाने-पीने की क्रेविंग बहुत ज्यादा होती है जो आप अपनी मम्मी को आसानी से और कभी भी बता सकते है जो ससुराल में भी आसान होता है लेकिन, हर बहु अपने दिल की बात खुलकर बताने से झिझकती हैं। मायके में मम्मी से अपनी पसंदीदा खाने की बात कहने के साथ-साथ रिलैक्स करना का बेहतर मौका होता है। शादी के बाद यही वो वक्त होता है जब आप अपने मां-पिता के पास एन्जॉय कर पाते हैं। नहीं तो इस भागती दौड़ती जिंदगी में वक्त कहां होता है। मां बनने के दौरान मां का प्यार बेहद जरूरी होता है।’
नवी मुंबई की रहने वाली 29 वर्षीय भावना त्रिपाठी ढाई साल की एक बच्ची की मां हैं और एक राइटर भी। मायके में डिलिवरी पर उनकी राय हमने जानने की कोशिश की तो भावना कहती हैं की “मैं भी बेबी डिलिवरी के दौरान अपने मायके गई थी, क्योंकि मां के साथ एक अच्छी बॉन्डिंग है मेरी। ऐसा नहीं है की मेरी मदर-इन-लॉ या अपने ससुर की फैमली के साथ बॉन्डिंग नहीं है लेकिन, उनके साथ मैंने इतना समय नहीं बिताया जितना अपने माता-पिता के साथ। मेरी मम्मी मेरे लिए किसी दोस्त से कम नहीं है और उनसे मैं कोई भी बात छुपा नहीं पाती। प्रेग्नेंसी में मूड स्विंग की समस्या को शायद एक मां ही बेहतर तरह से समझ सकती हैं।’
ज्यादातर महिलाओं का मानना है की मायके में डिलिवरी करवाना चाहिए। वहीं हैलो स्वास्थ्य की टीम ने कुछ पुरुषों से बात की। मुंबई के रहने वाले 35 वर्षीय तेजस ओमकार कहते हैं कि “मेरी वाईफ प्रेग्नेंट है और मायके में डिलिवरी होगी या वो मुंबई में ही रहना चाहती है इस दौरान यह उसपर निर्भर करता है। एक लाइफ पार्टनर होने के नाते मैं तो यही सोचूंगा की वह मेरे पास रहे लेकिन, हमें भी अपने स्वार्थ को न देखते हुए उसके अनुसार चलना चाहिए। इसलिए यह निर्णय मैंने अपनी पत्नी पर छोड़ दिया है की वह बेबी डिलिवरी के दौरान कहां रहना चाहती है।’
जयपुर के रहने वाले 33 वर्षीय मयंक शेखर 5 महीने के एक बच्चे के पिता है। मयंक से जब मायके में डिलिवरी को लेकर उनकी क्या राय है यह जानना चाही तो, मयंक कहते हैं कि “मेरी वाइफ प्रेग्नेंसी के 7वें महीने में मायके चली गई थी और जब हमारा बच्चा 3 महीने का हो गया तो वो वापस आई। डिलिवरी के दौरान मैं अपनी पत्नी के पास ही था लेकिन, मैं ज्यादा दिनों तक काम की वजह से वहां रुक नहीं पाया। इस बीच मैंने अपने बच्चे और वाइफ को बहुत मिस किया।’
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मायके में डिलिवरी से जुड़े लोगों के अलग-अलग राय हैं और अलग मजबूरी भी लेकिन, गर्भवती महिलाओं को बेबी डिलिवरी कहां करना है इस पर विचार करना चाहिए। मायके में डिलिवरी या किसी भी जगह डिलिवरी के पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें।
- अगर आप किसी शहर में रहती हैं और आप मायके में डिलिवरी के लिए जा रहीं है तो वहां अस्पताल कैसे हैं। अस्पताल और वहां की सुविधाओं के बारे में जान लें।
- गायनोकोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिशियन की भी जानकारी लें कि वह आपके घर के पास है कि नहीं या जब जरूरत पड़े आपको वह मिल सकते है कि नहीं आदि।
- अगर गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान कोई कॉम्प्लीकेशन है, तो बेबी डिलिवरी के पहले रिलोकेट करने पर ठीक से विचार करें। अपने गायनोकोलॉजिस्ट से सलाह लें और आप जहां जाने वाली हैं वहां भी पता करें और वहां के गायनोकोलॉजिस्ट से अपनी कॉम्प्लिकेशन बताएं।
- अगर आप वर्किंग हैं, तो ध्यान रखें की नवजात के जन्म के बाद आप तुरंत अपने वर्किंग डेस्टिनेशन पर नहीं आ सकती हैं।
- जहां आपका शिशु जन्म लेने वाला है वहां डौला या नाइट नर्स की सुविधा है या नहीं।
इन ऊपर बताई गई 5 बातों को ध्यान में रखकर मायके में डिलिवरी प्लान करें या कहीं भी।
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अगर आप मायके में डिलिवरी प्लान कर रहीं हैं, तो आपके लाइफ पार्टनर कुछ खास पल को जरूर मिस करेंगे। इन पलों में शामिल है:-
- लेबर पेन के दौरान आपके लाइफ पार्टनर का साथ न होना। मां के साथ-साथ बेटर हाफ की भी इस वक्त जरूरत पड़ती है।
- फॉल्स लेबर पेन के दौरान भी आपके पति आपके साथ नहीं होते हैं।
- शिशु के जन्म के वक्त लाइफ पार्टनर का साथ न होना।
- अगर जल्दबाजी जैसी कोई परिस्थति हुई तो आपके माता-पिता को आपके देखभाल के साथ-साथ आना-जाना भी पड़ता है।
ऐसा नहीं है की मायके में डिलिवरी होने पर सिर्फ महिलाओं को ही परेशानी हो बल्कि इस पल को जन्म लेने वाले बच्चे के पिता या जन्म ले चुके बच्चे के पिता भी बहुत कुछ मिस कर सकते हैं। जैसे:-
- शिशु को सबसे पहले नहीं देखपाना।
- नवजात को गोद न ले पाना।
- डिलिवरी के दौरान होने वाले लेबर पेन के दौरान वाइफ के साथ न होना।
- दो से तीन महीने तक शिशु को बढ़ता हुआ न देख पाना।
- नवजात की किलकारी से दूर रहना।
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बेबी डिलिवरी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:-
- मेरे लिए और मेरे जन्म लेने वाले बच्चे के लिए कौन सी जगह सबसे अच्छी होगी?
- क्या जिस अस्पताल में मेरी डिलिवरी होने वाली है वह सेफ है?
- क्या अस्पताल में मेरा पार्टनर या मेरी मां मेरे साथ रह सकती हैं?
- क्या शिशु के जन्म के बाद वह मेरे साथ रहेगा या उसे किसी और रूम में रखा जायेगा?
- क्या मुझे अपना रूम किसी अन्य लोगों के साथ भी शेयर करना पड़ सकता है?
- अगर सिजेरियन डिलिवरी की नौबत आती है, तो उसके लिए क्या इंतजाम हैं?
ऐसे कुछ सवालों के जवाब अवश्य जानें और फिर बर्थ प्लेस का निर्णय लें।
अगर आप भी गर्भवती हैं और मायके में डिलिवरी की सोच रहीं हैं, तो अपने आपसे बात करें और जैसा आपका मन कहे वैसा करें, क्योंकि कहते हैं शिशु के जन्म के साथ-साथ जन्म देने वाली मां को भी नई जिंदगी मिलती है। प्रेग्नेंसी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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