प्रेग्नेंसी में विटामिन और मिनरल की आवश्यकता होती है। यह न केवल आपके बल्कि आपके शिशु के विकास के लिए भी बेहद महवत्पूर्ण होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा विटामिन लेने का मां और शिशु पर क्या असर पड़ सकता है?
हम सभी जानते हैं कि किसी भी अच्छी चीज के अत्यधिक सेवन से हानि पहुंच सकती है फिर चाहे वह शरीर के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व ही क्यों न हों। भ्रूण के विकास के लिए न्यूट्रिएंट्स के सेवन की सलाह लगभग हर डॉक्टर देते हैं। प्रेग्नेंसी में विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए आप मल्टीविटामिन और न जाने क्या-क्या सप्लीमेंट्स नहीं लेती। लेकिन गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा विटामिन लेने से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अक्सर एक से ज्यादा मल्टीविटामिन या अलग-अलग विटामिन की कई गोलियां लेने से जरूरत से ज्यादा विटामिन का सेवन हो सकता है। किसी भी प्रकार का विटामिन जरूरत से ज्यादा लेने पर टॉक्सिक हो सकता है। फिर चाहे वह कैल्शियम हो या आयरन। आयरन का गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा सेवन सबसे अधिक हानिकारक होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मल्टीविटामिन लेना जरूरी होता है लेकिन एक पर्याप्त मात्रा तक। हर विटामिन की एक अलग डोज (खुराक) होती है जिसके बारे में बेहतर रूप से जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना सबसे बेहतर होता है।
गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा विटामिन लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें। इस लेख में हम आपको आगे बताएंगे कि गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा विटामिन लेने से क्या होता है। साथ ही प्रेग्नेंसी में विटामिन की सही खुराक क्या होती है और ओवरडोज होने पर डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए, तो चलिए जानते हैं।
गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा न लें ये विटामिन
प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु की स्वस्थ वृद्धि और विकास के लिए न्यूट्रिशन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इस स्थिति में आपको न केवल अपने लिए बल्कि शिशु की जरूरतों को पूरा करने के लिए विटामिन और मिनरल का सेवन करना होता है।
प्रेग्नेंसी में आपको प्रोटीन, आयरन, फोलेट और आयोडीन
नामक न्यूट्रिशन को अपने आहार में शामिल करने की आवश्यकता होती है।
- फोलेट को फोलिक एसिड भी कहा जाता है। यह पोषक तत्व न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट जैसे स्पाइना बिफिडा (एक प्रकार का जन्म दोष जिसमें शिशु की मेरुदण्ड सही तरह से विकसित नहीं हो पाती है) के रोकथाम में मदद करता है।
- आयरन के सेवन से मां में एनीमिया जैसी गंभीर बिमारी का खतरा कम होता है और साथ ही शिशु स्वस्थ वजन के साथ जन्म लेता है।
- आयोडीन शिशु के बौद्धिक और तंत्रिक प्रणली (नर्वस सिस्टम) के विकास में मदद करता है।
विटामिन बी12 और विटामिन डी विशेष रूप से शिशु के नर्वस सिस्टम और हड्डियों के विकास में मदद करते हैं। आयरन अवशोषण के लिए विटामिन सी का सेवन करना लाभदायी होता है। अपने आहार में इन सभी विटामिन और मिनरल की पर्याप्त मात्रा लेने से मां और शिशु दोनों का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
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विटामिन के सेवन के लिए निम्न नियमों को ध्यान में रखें :
- प्रतिदिन खुराक की सही मात्रा (Recommended Daily Allowance – RDA) : 97-98 प्रतिशत स्वस्थ लोगों के लिए निर्धारित की गई खुराक की मात्रा।
- सहन योग्य खुराक की मात्रा (Tolerable upper intake level – IU) : विटामिन की प्रतिदिन खुराक की अधिकतम मात्रा जिसे लेने से किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं।
- पर्याप्त मात्रा (Adequate Intake – AI) : जब आरडीए द्वारा बताई गई मौजूदा जानकारी अपर्याप्त होती है तो उसकी खुराक की मात्रा शोध या अवलोकन के जरिए लगाई जाती है।
- विटामिन टॉक्सिसिटी (Vitamin Toxicity) – यह स्थिति विटामिन ए, बी6, सी, डी या नियासिन के अत्यधिक सेवन के कारण विकसित होती है।
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विटामिन के अधिक सेवन से बचने के लिए प्रतिदिन खुराक की मात्रा निम्न अनुसार रखें। 19 से 50 वर्ष की प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए विटामिन की सही खुराक –
- फोलेट: 600 एमसीजी
- नियासिन : 18 मिलीग्राम
- राइबोफ्लेविन: 1.4 मिलीग्राम
- थायमिन : 1.4 मिलीग्राम
- विटामिन ए : 770 एमसीजी
- विटामिन बी 6 : 1.0 मिलीग्राम
- विटामिन बी 12 : 2.6 एमसीजी
- विटामिन सी : 85 मिलीग्राम
- विटामिन डी : 600 आईयू
- विटामिन ई : 15 मिलीग्राम
- विटामिन के : 90 एमसीजी
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गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा विटामिन लेने के लक्षण
गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा विटामिन लेने के लक्षण सामान्य प्रेग्नेंसी के लक्षणों जैसे ही होते हैं। इसलिए इनकी पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। अगर आपने गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा विटामिन का सेवन कर लिया है तो आपको प्रेग्नेंसी के सामान्य लक्षणों में थोड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह बदलाव निम्न प्रकार के हो सकते हैं :
- पेशाब में झाग आना
- अत्यधिक पेशाब आना
- कब्ज
- दस्त
- भूख में कमी
- जी मिचलाना
- पेट दर्द
- मांसपेशियों में कमजोरी
- मांसपेशियों, जोड़ों या हड्डियों में दर्द
- त्वचा का पीला पड़ना
- सूर्य से संवेदनशीलता
- खुजली या दाने
- सिर दर्द
- थकान
- मानसिकता या मनोदशा में परिवर्तन
- तेज या अनियमित दिल की धड़कन
- आंखों में जलन या रोशनी के प्रति संवेदनशीलता होना
- फटे होंठ
जरूरत से ज्यादा विटामिन के सेवन के लक्षण ऊपर दिए गए हैं लेकिन इसके अलावा भी कई और ऐसे संकेत हो सकते हैं जिनका यहां जिक्र नहीं किया गया हो।
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डॉक्टर से कब संपर्क करें
- आपकी/प्रभावित महिला की उम्र, वजन और स्थिति?
- प्रोडक्ट का नाम?
- सेवन का समय?
- खुराक की मात्रा?
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