कहते हैं जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है शारीरिक परेशानी बढ़ती जाती है। ऐसे में उम्र के बढ़ते पड़ाव में शारीरिक परेशानी घर कर लेना किसी मुसीबत से कम नहीं होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ बीमारियां न्यूरोलॉजिकल होती हैं, जबकि कुछ बीमारियों में सूजन या दर्द शामिल होते हैं। आज इस आर्टिकल में समझने की कोशिश करेंगे की बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी कौन-कौन सी होती है? बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी को दूर करने का क्या है उपाय?
बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी कौन-कौन सी हो सकती है?
बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी निम्नलिखित हो सकती है, इनमें शामिल है:
बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 1: ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी में सबसे पहले नंबर पर है। कमर दर्द, गर्दन में दर्द, घुटनों में दर्द, बैक पेन के साथ-साथ शरीर के किसी भी हिस्से में अगर हड्डियों में दर्द की शुरुआत ऑस्टियोपोरोसिस की ओर इशारा करता है। अगर इन परेशानियों पर शुरुआत से ध्यान न दिया जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी हो सकती है। भारत समेत अन्य देशों में ऑस्टियोपोरोसिस ज्यादा देखने को मिलती है। रिसर्च के अनुसार 30 साल से 60 साल के लोग इस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। ऐसी स्थिति में हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के उपाय या इस परेशानी से बचने के लिए कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन-डी और अन्य खनिज पदार्थों को आहार में रोजाना शामिल करना चाहिए। पौष्टिक आहार के सेवन से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
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बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 2: चोट लगना
वृद्धा अवस्था में चोट लगने के परेशानी बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर कमजोर होने की वजह से चलने के दौरान बैलेंस बिगड़ने लगता है। जिस वजह से सीनियर फॉल की समस्या ज्यादा होने लगती हैं। चोट लगने से बचने के उपाय या सीनियर सिटीजन के साथ हमेशा एक सदस्य को साथ होना चाहिए। घर में रखी हुई टेबल-कुर्सियां समेत अन्य सामानों को ठीक से व्यवस्थित रखें। घर की फ्लोर समतल हो। दरअसल चोट न लगे इसलिए उनके साथ उनकी मदद के लिए एक सदस्य का होना जरूरी है।
बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 3: अल्जाइमर
अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसके होने पर व्यक्ति भूलने लगता है। शुरुआती वक्त में अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति को कोई भी बात याद रखने में कठिनाई हो सकती है और फिर धीरे-धीरे समस्या बढ़ने के साथ इससे पीड़ित व्यक्ति कई चीज भूलने लगता है। यहां तक की वो अपनी बातों को या भावनाएं भी व्यक्त करने में असमर्थ होने लगते हैं। अल्जाइमर, डिमेंशिया (मनोभ्रंश) का सबसे आम कारण माना जाता है। दरअसल अल्जाइमर की बीमारी होने पर मस्तिष्क की कोशिकाएं कमजोर होने लगती हैं और ऐसी स्थिति में भूलना और दैनिक कार्य करने में बुजुर्ग व्यक्ति असमर्थ होने लगते हैं। अल्जाइमर से बचने के उपाय या इस बीमारी से जुड़ी कोई सार्थक इलाज अभी तक नहीं आ पाई है लेकिन, हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो बुजुर्ग लोगों को ऐसी बीमारी से बचने के लिए ब्रेन गेम खेलना चाहिए। इस परिवार के सदस्य को इन खेलों के प्रति उन्हें प्रेरित करना चाहिए।
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बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 4: फाइब्रोसिस
यह रोग शरीर के कोमल ऊतकों को खराब करता है और परेशानी का कारण बनता है जो शरीर को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए कठिन और दर्दनाक बनाता है। कुछ लोग ऐसे मामलों में बुजुर्गों की उनके कार्यों में सहायता कर सकते हैं, जो उन्हें अकेले करने के लिए कठिन होता है और बुजुर्ग रोगियों को उनकी दवाइयों को समय पर लेने के लिए ध्यान दिलाते हैं।
बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 5: पार्किंसंस रोग
इस नर्वस सिस्टम विकार के कारण कंपकंपी और मांसपेशियों में अकड़न होती है जो चलने और मोटर स्किल्स को कम कर देती है। सामान्य ऐसी स्थिति में रोज के कार्य करने के लिए स्वस्थ व्यक्ति के लिए अधिक समय नहीं लगता है लेकिन पार्किंसंस के रोगियों को काफी समय लगता है। पार्किंसंस रोग से पीड़ित लोगों के आहार में हरी सब्जियां, फल और लीन मीट शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही विटामिन का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए।
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बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 6: हाई ब्लड प्रेशर
उम्र बढ़ने के साथ ज्यादातर व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हो जाते हैं। ऐसा तनाव में रखने के आवला आधुनकि जीवनशैली की वजह से भी हो सकता है। इसलिए टेंशन न लें और पौष्टिक आहार का सेवन करें। ज्यादा नमक का सेवन न करें।
बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 7: डायबिटीज
एक रिसर्च के अनुसार बुजुर्गों में डायबिटीज की समस्या भी अत्यधिक देखी जाती है। डायबिटीज की परेशानी जेनेटिकल होने के साथ-साथ तनाव की वजह से भी हो सकती है। बुजुर्गों को डायबिटीज की बीमारी से बचाने के लिए आहार पर विशेष ध्यान दें। अगर डायबिटीज की समस्या से कोई व्यक्ति पीड़ित हैं तो उन्हें चोट न लगे, इन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। आहार पर भी खास ध्यान रखना आवश्यक होता है।
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बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 8: दांतों से जुड़ी परेशानी
ओरल केयर करना हर उम्र के व्यक्ति के लिए आवश्यक है। कुछ रिसर्च के अनुसार 65 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के नेचुरल दांत नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मुंह अत्यधिक सूखने की वजह से मुंह के अंदर गुड बैक्टीरिया की कमी हो जाती है। इसलिए ओरल हेल्थ चेकअप को कभी भी नहीं टालें और समय-समय दांतों की जांच करवाते रहें।
बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी 9: नीमोनिया या इन्फ्लूएंजा
बुजुर्गों में निमोनिया या इन्फ्लूएंजा की समस्या भी अत्यधिक देखी जाती है। दरअसल उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर की इम्यून पावर भी धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऐसे बुजुर्ग व्यक्ति आसानी से संक्रमण के शिकार हो जाते हैं। इसलिए बुजुर्गों को समय-समय पर फ्लू शॉट भी अवश्य लेना चाहिए।
इन नौ बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी के साथ-साथ अन्य बीमारियों का भी खतरा बना रहता है। इसलिए बुजुर्गो व्यक्ति का नियमित हेल्थ चेकअप करवाते रहें। उनका साथ दें। उन्हें उनकी किसी भी गलती पर डांटें नहीं बल्कि प्यार से समझाएं।
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अगर आप बुजुर्गों में होने वाली शारीरिक परेशानी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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