नींद को प्रभावित न होने दें
अगर किसी को सनडाउन सिंड्रोम की शिकायत है, तो उनकी नींद पूरी होना बहुत जरूरी है। इसलिए ऐसे बीमार बुजुर्गों की नींद का विशेष ध्यान रखना चाहिए और उन्हें उन चीजों से दूर रखें, जिससे कि उनकी नींद प्रभावित हो सकती है, जैसे कि सिगरेट या शराब का सेवन। इसी के साथ वह लंच में चाहें जितना खाएं पर डिनर हमेशा थोड़ा डायट लें।
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शाम को झपकी न लेंने दें
वृद्धावस्था में थकान भी जल्दी लगती है और नींद भी काफी आती है। लेकिन, कोशिश करें की आप उन्हें शाम की झपकी से रोकें और अगर दिन में सोने की आदत है तो उन्हें दिन के शुरुआती पहर में सोने दें।
शाम का माहौल अच्छा रखें
रोशनी कम होना या अंधेरा, ऐसे में और परेशान करता है। इसलिए घर में लाइट चालू रखें। कमरे के तापमान का भी ख्याल रखें ताकि ज्यादा गर्मी या सर्दी न लगे। घर में ज्यादा शोर-शराबा न रखें। इसके लिए हल्का -हल्का सा म्यूजिक चला सकते हैं या उन्हें शाम में बाहर लेकर के भी जाएं।
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पसंदीदा म्यूजिक चलाएं
अपने प्रियजन को उनका पसंदीदा म्यूजिक सुनाएं। जिससे उन्हें झपकी नहीं आएगी। उन्हें गाने के साथ गुनगुनाने के लिए कहें। हो सके तो कैरोके का इस्तेमाल करें। क्लासिक म्यूजिक अगर पसंद करते हैं तो उन्हें वो सुनाएं।
सनडाउन सिंड्रोम के लिए दवाएं
सनडाउन सिंड्रोम के लिए आप चाहें तो निम्न दवाएं उपयोग में ला सकते हैं। ये दवाएं सनडाउन सिंड्रोम से ग्रसित व्यक्ति में उत्तेजक स्वभाव को कम करने में मदद करती हैं।
मेलाटोनिन
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि मेलाटोनिन हॉर्मोन ही हमारे सोने और जागने के चक्र के लिए जिम्मेदार होता है। यही हॉर्मोन सनडाउन सिंड्रोम के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। इसमें व्यक्ति में मेलाटोनिन की मात्रा को कम करने के लिए कुछ सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं, जिससे नींद या झपकी कम होती है।
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