यौन संबंधी बीमारियों और एड्स से बचाव के लिए कंडोम का प्रचार प्रसार जमकर किया जाता है। फ्लेवर्ड कंडोम बनाने की होड़ में कंपनियां क्या कुछ नहीं कर रहीं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि चिकन टिक्का मसाला फ्लेवर का भी कंडोम आ सकता है? आज हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में जानें फ्लेवर्ड कंडोम का सच। आप जानेंगे कि कैसे कॉम्पिटीशन के चक्कर में कंपनियों द्वारा लॉन्च किए गए अजीबोगरीब कंडोम के फ्लेवर और उनसे जुड़ी अफवाहों के बारे में।
फ्लेवर्ड कंडोम का बाजार क्यों बढ़ा?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिसर्च के अनुसार हर साल करीब 3 से 4 करोड़ भारतीय यौन संबंधी बीमारियों से पीड़ित होते हैं। ओरल सेक्स (oral sex) की वजह से भी यौन जनित बीमारियों में इजाफा होने लगा है। यही कारण है कि सेक्शुअल हेल्थ प्रोडक्ट्स (sexual health products) बनाने वाली कंपनियां मार्केट में फ्लेवर्ड कंडोम की एक बड़ी रेंज लेकर आने लगी हैं।
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वायरल हुए कुछ फेक फ्लेवर्ड कंडोम (fake flavored condom)
चिकन टिक्का मसाला, बिरयानी जैसे कंडोम फ्लेवर्स की बात भी पिछले दिनों में खूब उड़ी। जो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई। पर इन फ्लेवर्ड कंडोम का सच यह है कि ये महज अफवाहें थीं। वहीं एक अफवाह यह भी थी कि एक फेमस आयुर्वेदिक कंपनी हर्बल और आयुर्वेदिक (करेला, शहद आदि) कंडोम फ्लेवर्स भी मार्केट में लॉन्च करने वाली है। इसको लेकर सोशल साइट्स पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिली।
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भारत में मौजूद हैं ये फ्लेवर्ड कंडोम
सुरक्षित यौन संबंध बनाने के साथ-साथ ओरल सेक्स को मजेदार बनाने के लिए भारत में अचारी, बैंगन, मीठा पान, कॉकटेल, हेजलनट, ब्लैक ग्रेप्स जैसे फ्लेवर्ड कंडोम आ रहे हैं। ओरल सेक्स (oral sex) के समय यौन संक्रमित बीमारियों से बचने के लिए कंडोम के तरह-तरह के फ्लेवर्स ट्राय किए जा सकते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम से सेक्स करने का एक अलग अनुभव मिलता हैं। इनको रिटेल स्टोर से या ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।
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विदेश में मिलने वाले बेहद अजीब फ्लेवर
ओरल सेक्स में नॉर्मल कंडोम का इस्तेमाल किया जाना काफी अटपटा लगता है। कंडोम लेटेक्स से बनता है जिसकी रबर जैसी गंध ज्यादातर लोगों को पसंद नहीं आती। ऐसे में फ्लेवर्ड कंडोम की जरूरत होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर नए-नए फ्लेवर्ड कंडोम इजाद किए गए। इनके टेस्ट में हर दिन एक्सपेरिमेंट होते ही रहते हैं। विदेशों में बेकन, कैनबिस, न्यूटेला, व्हिस्की जैसे तमाम कंडोम फ्लेवर्स की एक बड़ी रेंज देखने को मिलती है।
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फ्लेवर्ड कंडोम के नुकसान क्या है? (side effects of flavored condom)
फ्लेवर्ड कंडोम का सच एक यह भी है कि इससे महिला साथी को नुकसान हो सकता है। इससे फीमेल के प्राइवेट पार्ट में ड्रायनेस और ईचिंग की समस्या हो सकती है। दरअसल, फ्लेवर्ड कॉन्डम में मौजूद शुगर या जेल की मात्रा से गुप्तांगों का पीएच लेवल बिगड़ सकता है। यहां तक कि यीस्ट इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ जाता है।
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फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल कब करना चाहिए?
फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग विशेष रूप से ओरल सेक्स के दौरान करें। इसका इस्तेमाल पेनेट्रेशन या वजायनल सेक्स (vaginal sex) के लिए न करें। सेक्शुअल इंटरकोर्स (sexual intercourse) के लिए सामान्य कंडोम का उपयोग करें। यह भी ध्यान रखें कि दोनों ओरल और वजायनल सेक्स के लिए एक ही कंडोम का इस्तेमाल न करें। फ्लेवर्ड कंडोम का सच जानने के बाद आप यह तो समझ गए होंगे कि कुछ कंडोम फ्लेवर्स महज अफवाहें हैं। हालांकि, आप सुरक्षित रहने के लिए हमेशा अपनी पसंद का कंडोम इस्तेमाल करें।
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क्या ओरल सेक्स के समय भी कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए?
बहुत लोग सोचते हैं कि ओरल सेक्स में कंडोम का इस्तेमाल न भी करें तो कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, ऐसा नहीं है ओरल सेक्स के समय फ्लुइड एक्स्चेंज होता है जिससे यौन संचारित रोगों (STD) या इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे में, ओरल सेक्स के दौरान भी फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल करना सही रहता है।
कंडोम का उपयोग कितना सुरक्षित हैं?
अक्सर कंडोम से जुड़ा यह सवाल लोग करते हैं कि यह कितना सेफ है? आपको बता दें अगर आप हर बार सेक्स के दौरान सही तरीके से और सही तरह के कंडोम का इस्तेमाल करते है, तो यह सौ प्रतिशत सुरक्षित है।
कंडोम के प्रकार (types of condom)
फ्लेवर्ड कंडोम, कंडोम के प्रकार में से एक है। इसी तरह अनफ्लेवर्ड कंडोम (unflavored condom), रिब्ड कंडोम (ribbed condom), डॉटेड कंडोम (dotted condom), लॉन्ग लास्टिंग कंडोम (long lasting condom), एक्स्ट्रा लुब्रिकेटेड कंडोम (extra lubricated condom), अल्ट्रा थिन कंडोम (ultra thin condom) आदि तरह के कंडोम भी मार्केट में उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल आप अपने मूड और जरुरत के हिसाब से कर सकते हैं।
कंडोम के इस्तेमाल करने का तरीका (how to use condom)
कंडोम का इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसे-
- कंडोम खरीदने से पहले पैक की जांच करके यह सुनिश्चित करें कि कंडोम एक्सपायरी डेट का न हो।
- हमेशा कंडोम का उपयोग पूरी तरह से उत्तेजित लिंग पर ही किया जाना चाहिए।
- अगर कंडोम की चिकनाई बढ़ानी है तो केवल वॉटर बेस्ड लुब्रिकेंट (water based lubricant) का प्रयोग करें।
- यूज्ड कंडोम को फ्लश न करें। हमेशा टिशू या टॉयलेट पेपर में ही लपेटकर इसे डस्टबिन में डाल दें।
- यदि कंडोम का इस्तेमाल आपके लिए आरामदायक नहीं है तो एक अलग ब्रांड का कंडोम प्रयोग करके देखें। कंडोम के कई आकार और शेप्स में आते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो एक मिलियन लोग यौन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। इनमें से हर साल लगभग 500 मिलियन लोग सिफलिस (syphilis) और क्लेमेडिया (chlamydia) से प्रभावित होते हैं। ऐसे में फ्लेवर्ड कंडोम सेक्स लाइफ को मजेदार बनाने के साथ ही यौन संचारित रोगों से भी दूर रखता है। साथ ही कंडोम को बर्थ कंट्रोल के अन्य रूपों की तुलना में इस्तेमाल करना बेहद आसान और सस्ता साधन है। यह अनवांटेड प्रेग्नेंसी (unwanted pregnancy) को रोकने में मदद कर सकता है। उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा यदि इससे जुड़ा हुआ कोई सवाल या सुझाव आपके पास है तो कमेंट बॉक्स के जरिए आप हमसे साझा कर सकते हैं।
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