रिंकल (Wrinkle) ये ऐसी समस्या, जो लोगों के तनाव का कारण बन जाती है। आजकल लुक्स सबके लिए काफी मायने रखता है, लेकिन ढलती उम्र में झुर्रियों से रूबरू हर कोई होता है। ऐसे में हम या तो झुर्रियों को मेकअप से छुपाते हैं या तो कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट (Cosmetic treatment) का सहारा लेते हैं। झुर्रियों के लिए कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट लेते समय बोटोक्स (Botox) या डर्मल फिलर्स (Dermal fillers) का इस्तेमाल किया जाता है। क्या आपको भी लगता है कि बोटोक्स या डर्मल फिलर्स (Difference between Botox and Dermal fillers) दोनों एक ही चीज है? तो आइए जानते हैं बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर क्या है?
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बोटोक्स क्या है? (What is Botox?)
बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर (Difference between Botox and Dermal fillers) जानने से पहले बोटोक्स के बारे में जान लीजिए। बोटोक्स एक इंजेक्टेबल कॉस्मेटिक है, जो मसल्स को रिलैक्स करता है। ये बॉटुलिनम टॉकिसीन टाइप ए हैं, जिसमें विशेष रूप से ओनाबोटुलिनमोटॉक्सिन ए का उपयोग किया जाता है। बोटोक्स अस्थायी रूप से मांसपेशियों को पैरालाइज्ड कर देता है। यह चेहरे की झुर्रियों को कम करता है।
बोटोक्स को मूल रूप से 1989 में ब्लेफरोस्पाज्म और आंख की मसल्स की समस्याओं के इलाज के लिए एफडीए द्वारा एप्रूव्ड किया गया था। 2002 में एफडीए ने आईब्रो के बीच पड़ी फ्रॉन लाइंस के लिए कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के लिए बोटोक्स के उपयोग को मंजूरी दे दी। एफडीए द्वारा 2013 में आंखों के कोनों की झुर्रियों जिसे हम क्रो फीट कहते हैं, उसके इलाज के लिए भी एप्रूव्ड कर दिया। एक क्लीनिकल स्टडी के अनुसार, बोटोक्स माथे की झुर्रियों को ठीक करने के लिए एक सिंपल, सेफ और प्रभावित इलाज माना गया है।
बोटोक्स एक इनवेसिव ट्रीटमेंट है। बोटोक्स का इस्तेमाल आंखों के आसपास झुर्रियों और चेहरों पर फाइन लाइंस के लिए एक सुरक्षित व प्रभावी इलाज माना जाता है। आसान भाषा में कहा जाए तो बोटोक्स का इस्तेमाल शरीर में झुर्रियों वाली जगहों पर किया जाता है। जिससे त्वचा पर पड़ी झुर्रियां ठीक हो जाती हैं और आप जवां दिखने लगते हैं। खासकर के बोटोक्स का इस्तेमाल चेहरे के लिए किया जाता है।
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डर्मल फिलर्स (Dermal fillers) क्या है?
बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर (Difference between Botox and Dermal fillers) को समझने के लिए आपने बोटोक्स के बारे में जाना, अब जानते हैं डर्मल फिलर्स के बारे में। डर्मल फिलर्स दो शब्दों से मिलकर बना है, डर्मल यानी कि त्वचा और फिलर्स का मतलब होता है भरना। डर्मल फिलर्स का शाब्दिक अर्थ ही है, त्वचा को भरना। डर्मल फिलर को सॉफ्ट टिश्यू फिलर भी कहते हैं। डर्मल फिलर्स को त्वचा की सतह के नीचे इंजेक्ट किया जाता है। जिससे त्वचा को वॉल्यूम और फुलनेस मिलती है।
डर्मल फिलर्स (Dermal fillers) में निम्न सब्सटेंसेस प्रयोग किए जाते हैं ?
- कैलेशियम हाइड्रॉक्सिलैप्टाइट : ये हड्डियों में पाए जाने वाले मिनरल की तरह होता है।
- हायल्यूरॉनिक एसिड : जो शरीर में कुछ तरल पदार्थ और ऊतकों में पाया जाता है जो त्वचा को कोमल बनाता है।
- पॉलिएल्किलिमाइड (Polyalkylimide) : एक पारदर्शी जेल होता है, जो शरीर के लिए अच्छा होता है।
- पॉलिलैक्टिक एसिड : ये सब्सटेंस त्वचा को कोलोजन निर्माण के लिए प्रेरित करता है।
- पॉलिमेथाइल-मेथाक्रायलेट माइक्रोस्फियर्स (Polymethyl-methacrylate microspheres (PMMA)) : ये एक सेमी परमानेंट डर्मल फिलर्स हैं।
उपरोक्त सभी डर्मल फिलर्स त्वचा में अलग-अलग समस्याओं को ठीक करने के लिए बने हैं। कहने का मतलब है कि ये सभी त्वचा में एजिंग की समस्या को अलग-अलग लक्षणों के लिए बने हैं।
डर्मल फिलर्स ट्रीटमेंट (Dermal fillers treatment) लेने के बाद उसके टिकने की गुंजाइश इसे करने के तरीके पर आधारित होती है। कुछ डर्मल फिलर्स 5 महीने तो कुछ 2 साल तक त्वचा में टिक जाते हैं। अगर आप डर्मल फिलर्स कराने की सोच रहे हैं तो आपको अपने चेहरे को बारीकी से समझना होगा और डॉक्टर को बताना होगा। डॉक्टर उसी आधार पर आपके चेहरे पर कहां पर किस डर्मल फिलर्स की जरूरत है, ये बताएंगे।
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बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर क्या हैं (Difference between Botox and Dermal fillers) ?
बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर में बहुत जरा सा है। बोटोक्स त्वचा को पैरालाइज्ड या लकवा से ग्रसित कर देता है। जिससे त्वचा सुन्न हो जाती है, वहीं डर्मल फिलर्स त्वचा में वॉल्यूम बढ़ाते हैं।
बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर: बोटोक्स का उपयोग
बोटोक्स का मुख्य काम चेहरे की झुर्रियों को कम करना है। बोटोक्स झुर्रियों का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। एक बार बोटोक्स लेने के बाद इसका असर 3-12 महीने तक रहता है। चेहरे के लिए बोटेक्स इंजेक्शन निम्न स्थानों पर इस्तेमाल होता है :
- माथे पर पड़ी झुर्रियों पर
- आंखों के पास पड़ी झुर्रियों पर, जिसे क्रोस फिट कहते हैं
- मुंह के किनारों पर पड़ी झुर्रियों पर
- ठुड्डी (Chin) पर पड़ी झुर्रियों पर
कॉस्मेटिक इस्तेमाल के अलावा बोटोक्स का अन्य कई हेल्थ कंडीशन में इस्तेमाल हैं :
- क्रॉस्ड आई (strabismus)
- ब्लेफेरोस्पैसम
- ज्यादा पसीना आने में (primary focal hyperhidrosis)
- सर्वाइकल डायस्टोनिया
- वॉल्वोडायनिया (Vulvodynia)
- रायनाडु सिंड्रोम (Raynaud syndrome)
- एलोपेसिया (Alopecia)
- सोरियासिस (Psoriasis)
- डिसहाइड्रॉटिक एग्जिमा (Dishidrotic eczema)
- निगलने में समस्या होने पर
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बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर: डर्मल फिलर्स का उपयोग
डर्मल फिलर्स का उपयोग त्वचा को भरने के लिए किया जाता है। जब उम्र ढलने के साथ त्वचा के अंदर से कोलेजन कम होने लगता है तो डर्मल फिलर्स का उपयोग किया जाता है। डर्मल फिलर्स का उपयोग सिर्फ झुर्रियों और चेहरे के फोल्ड्स को ठीक करने के लिए नहीं किया जाता है। डर्मल फिलर्स का उपोयग निम्न कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट में भी किया जाता है :
- सिकुड़े हुए गालों में वॉल्यूम बढ़ाने के लिए
- लिप्स में वॉल्यूम बढ़ाने के लिए भी डर्मल फिलर्स का इस्तेमाल होता है
- मुंहासों के दागों को ठीक करने के लिए
- स्थिर या पुरानी झुर्रियों को ठीक करने के लिए
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बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर: बोटोक्स के साइड इफेक्ट्स
लोग बोटोक्स इंजेक्शन को आसानी से सहन कर सकते हैं और इसके कुछ खास साइड इफेक्ट भी नहीं हैं, लेकिन फिर भी कुछ साइड इफेक्ट्स सामने आ सकते हैं :
- फ्लू जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।
- सिरदर्द।
- पेट खराब हो सकता है।
- कुछ समय के लिए आईलिड ड्रूपी हो सकती है।
- इंजेक्शन लगाने वाले स्थान पर हल्का दर्द, सूजन या खून जमा हो सकता है।
- सुन्नपन महसूस हो सकता है।
- हल्की कमजोरी महसूस हो सकती है।
- कुछ समय के लिए मांसपेशियों में पैरालिसिस का अहसास हो सकता है।
बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर : डर्मल फिलर्स के साइड इफेक्ट्स
डर्मल फिलर्स से जुड़े हुए साइड इफेक्ट्स बहुत हल्के होते हैं, जो खुद बखुद कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। डर्मल फिलर्स से जुड़े निम्न साइड इफेक्ट्स निम्न हैं :
- सूई लगे हुए स्थान पर खून जमा होना
- सूई लगे हुए स्थान पर दर्द होना
- त्वचा का रंग का गाढ़ा या हल्का होना
- खुजली
- लम्प्स बन जाना
- त्वचा का डैमेज हो जाना
बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर : बोटोक्स कितना टिकाऊ?
ज्यादातर लोग बोटोक्स कराने के लिए बॉटुलिनम टॉक्सिन के पाउडर को सलाइन में डाइल्यूट करते हैं। इसके बाद इसे न्यूरोमस्क्यूलर टिश्यू में सीधे इंजेक्ट किया जाता है। बोटोक्स का प्रभाव 24 से 72 घंटे बाद दिखाई देता है। बोटोक्स का असर लगभग 3 से 12 महीनों तक रहता है। किसी भी गर्भवती या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिला को बोटोक्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आपको किसी भी चीज से एलर्जी है तो आप बोटोक्स का इस्तेमाल अपनी डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर : डर्मल फिलर्स कितने टिकाऊ?
डर्मल फिलर्स बोटोक्स की तुलना में अधिक टिकाऊ है। उपयोग किए गए ब्रांड और इंजेक्शन साइट के स्थान के आधार पर डर्मल फिलर्स के प्रभाव और टिकने की अवधि अलग-अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए, गालों पर किए गए डर्मल फिलर्स दो साल तक चल सकते हैं। वहीं, होठों में इंजेक्ट होने पर केवल छह महीने ही डर्मल फिलर्स चल सकते हैं।
डर्मल फिलर्स का एक फायदा यह भी है कि डर्मल फिलर्स के कुछ प्रकार रिवरसिबल होते हैं। उदाहरण के लिए, हायल्यूरॉनिक एसिड आधारित डर्मल फिलर्स को हायल्यूरॉनिडेस इंजेक्शन के साथ मिलाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पहली बार उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो यह चाहते हैं कि उन्हें डर्मल फिलर्स का रिजल्ट तुरंत मिले।
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बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर : बोटोक्स की कीमत
बोटोक्स कॉस्मेटिक कराने की कीमत आपके बजट में हो सकती है। बोटोक्स कॉस्मेटिक कराने के लिए प्रति यूनिट का खर्च लगभग 500 रुपए आता है। इसके अलावा फुल फेशियल बोटोक्स की कीमत 20,000 से 30,000 के बीच में आती है।
बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर : डर्मल फिलर्स की कीमत
डर्मल फिलर्स की भारत में कीमत मिलीलीटर के हिसाब से होती है। एक मिलीलीटर डर्मल फिलर्स की कीमत 13000-15000 के बीच होती है। डर्मल फिलर्स कराने के लिए एक व्यक्ति को दो से पांच मिलीलीटर की जरूरत होती है। इस हिसाब से डर्मल फिलर्स बोटोक्स की तुलना में ज्यादा महंगा है।
हमें उम्मीद है कि बोटोक्स और डर्मल फिलर्स में अंतर पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।