सपने और नींद का बड़ा गहरा कनेक्शन है। क्योंकि सपने हमेशा नींद में ही आते हैं। जब आपकी नींद खुलती है तो सपने आंखों से ओझल हो जाते हैं। आखिर कभी सोचा है कि ड्रीम्स क्यों आते हैं? ड्रीम्स के आने के पीछे की साइंस क्या है? सपने में आप हर वो काम करते हैं, जो आप हकीकत में सोच भी नहीं सकते हैं। आइए जानते हैं, सपने से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में।
ड्रीम्स क्या होते हैं?
कंसल्टिंग होमियोपैथ एंड क्लिनीकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. श्रुति श्रीधर ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि ड्रीम्स इंसान की वे संवेदनाएं हैं, जो वह चेतन अवस्था में अपने मस्तिष्क में इकट्ठा करता है। ये ड्रीम्स मनोरंजक, रोमांटिक, रोमांचक, डरावना या फिर हंसाने वाले भी हो सकते हैं। सोते समय हमारा कॉन्शियस माइंड अपनी संवेदनाएं अनकॉन्शियस माइंड में ट्रांसफर हो जाता है।
लेकिन, क्या कभी सोचा है कि ड्रीम्स क्यों आते हैं? उनका क्या कारण है? उन्हें कैसे नियंत्रित कर सकते हैं? उनका क्या मतलब होता है? ड्रीम्स आना, वैज्ञानिकों के लिए अभी भी एक रहस्य का विषय बना हुआ है। इस विषय पर सभी के अपने-अपने अनुभवों और रिसर्चस के अनुसार धारणाएं हैं।
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सपनों के क्या कारण हैं?
हमें ड्रीम्स क्यों आते हैं? इस बारे में बहुत सी धारणाएं हैं, जैसे क्या ड्रीम्स केवल हमारे सोने की प्रक्रिया का एक हिस्सा होते हैं या फिर उनके आने का कोई मकसद होता है? इन बातों को हम इस प्रकार से समझ सकते हैं:
- ड्रीम्स हमारी अन कॉन्शियस इच्छा और अभिलाषा को दिखाते हैं।
- ये सोने के दौरान हमारे शरीर और मस्तिष्क के संबंध को दर्शाते हैं।
- ड्रीम्स पूरे दिन इकट्ठा की गई सूचनाओं को एक रूप देते हैं और साइकोथेरिपी की तरह काम करते हैं।
- ड्रीम्स कॉग्निटिव क्षमताओं को विकसित करने में मदद करते हैं।
नींद के चरण (Stages) क्या है?
- नींद के प्रथम चरण में हम लोग बहुत हल्की नींद में होते हैं।
- नींद के दूसरे चरण में दिमाग की तरंगे धीरे-धीरे बढ़ती हैं।
- नींद के तीसरे चरण में मस्तिष्क में डेल्टा वेव आनी शुरू हो जाती हैं जो कभी हल्की या फिर तेज होती हैं।
- नींद के चौथे चरण में व्यक्ति बहुत गहरी नींद में होता है और उसे उठाना बड़ा मुश्किल होता है। यदि किसी को इस समय उठा दिया जाए तो कुछ क्षणों के लिए उसे समझ में नहीं आता कि क्या हो रहा है?
- नींद के पांचवें चरण में इंसान गहरी नींद में होता है और यह नींद का आखिरी चरण होता है।
अब आइए जानते है ड्रीम्स से जुड़े रोचक तथ्य…
सपनों से जुड़े रोचक तथ्य
सपने सभी देखते हैं
बच्चे हो या बूढ़ें सपने हर कोई देखता है। हम रोज रात में लगभग दो घंटे का वक्त सपने देखने में बीता देते हैं। इस तरह से एक रिपोर्ट ने बताया कि हम अपनी पूरी जिंदगी का छह साल सिर्फ सपने देखने में खर्च कर देते हैं। इसके अलावा पूरी रात में हम 5 से 20 मिनट के ड्यूरेशन पर कई ड्रीम्स देखते हैं।
ड्रीम्स हमें याद नहीं रहते हैं
हम हर रोज जितना सपना देखते हैं, उनमें से सिर्फ 5 प्रतिशत ही याद रख पाते हैं। बाकी के 95 प्रतिशत ड्रीम्स हम भूल जाते हैं। सपने भूल जाने के पीछे का साइंस सिर्फ इतना सा है कि जब हम सो रहे होते हैं तो हमारा दिमाग कोई भी मेमोरी स्टोर नहीं करता है। अब बात रही पांच प्रतिशत सपनों के याद रहने का तो वह रैपिड आई मूवमेंट स्लीप के दौरान आते हैं, जिसमें हमारा दिमाग सोया नहीं रहता है और मेमोरी को स्टोर करता है।
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क्या सपने ब्लैक एंड व्हाइट होते हैं?
हां, ड्रीम्स ब्लैक एंड व्हाइट होते हैं। ज्यादातर सपने तो हम रंगीन देखते हैं, लेकिन कुछ सपने हमें रंगहीन भी आते हैं। एक अध्ययन में कुछ लोगों से उन्हें याद सपनों में देखे गए रंगों को चुनने के लिए कहा गया तो ज्यादातर लोगों ने ब्लैक और व्हाइट पर ही टीक लगाया। इससे ये साबित होता है कि हम रंगीन के साथ-साथ ब्लैक एंड व्हाइट सपने भी देखते हैं।
क्या सपनों में हम उड़ना सीखते हैं?
हमारे दिमाग का एक हिस्सा होता है एमिग्डेला, जो ड्रीम्स देखने के दौरान काफी एक्टिव हो जाता है। अपने चेतन अवस्था में हम जो भी काम करते हैं एमिग्डेला हमें खतरों से बचाता है। इसके साथ ही आपके लिए हमें सीखने के लिए भी प्रेरित करता है। एमिग्डेला सोते समय ज्यादा एक्टिव होता है और जब हम सपने में किसी खतरे से घिरे होते हैं तो हमें लड़ना और दौड़ना सीखाता है।
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पुरुष और महिलाओं के ड्रीम्स में होता है अंतर
रिसर्च बताती है कि महिला और पुरुषों के सपनों में अंतर होता है। ज्यादातर पुरुषों के सपने में हथियार आते हैं, वहीं महिलाएं कपड़ों के सपने देखती हैं। दूसरी रिसर्च में पुरुषों के सपने हिंसात्मक और फिजिकल एक्टिविटी पर आधारित होते हैं। वहीं, महिलाओं के सपने रिजेक्शन और बातचीत आधारित होते हैं। महिलाओं के सपनों की अवधि पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है और उनके सपनों में ज्यादा चरित्र होते हैं।
ड्रीम्स देखते वक्त आप पैरालाइज्ड हो जाते हैं
REM स्लीप में हमारी मांसपेशियां बिल्कुल शिथिल हो जाती है। इस स्थिति को आरइएम अटोनिया कहते हैं। REM अटोनिया हमें पैरालाइज्ड बना देता है और सपने देखने के दौरान हिलने-डुलने से रोकता है। कुछ मामलों में तो जागने के बाद भी हमारे हाथ-पांव काम नहीं करते हैं। ऐसा लगभग 10 मिनट तक होता है, जिसे स्लीप पैरालिसिस कहते हैं।
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डरावने ड्रीम्स (Nightmares)
नाइटमेयर देखने वाला इंसान बहुत डर जाता है। इन सपनों के आने के कुछ कारण होते हैं और ये बच्चों या बड़ों दोनों को ही आते हैं जिसके कई कारण होते हैं-
- भावनात्मक परेशानी
- बीमारी या किसी दवाई का उपयोग
सोते समय हम सभी ड्रीम्स देखते हैं और वास्तविक दुनिया से ख्यालों की दुनिया में चले जाते हैं। सोते समय हम अपने मस्तिष्क और शरीर को आराम देते हैं लेकिन, हमारा दिमाग सोते समय भी क्रियाशील रहता है और हमें ड्रीम्स आने लगते हैं। इसकी सबसे मनोरंजक बात यह है कि जो हम लोगों ने पहले कभी नहीं देखा होता है वो भी अक्सर ड्रीम्स में हमें देखने को मिल जाता है।
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पुरुषों को ही नहीं महिलाओं को भी आते हैं सेक्स ड्रीम्स
अक्सर पुरुष कहते हैं कि उन्हें सुबह सेक्स ड्रीम्स आते हैं, ऐसा नॉक्चर्नल पेनाइल ट्यूमेसेंस के कारण होता है। नॉक्चर्नल पेनाइल ट्यूमेसेंस रात में लगभग तीन से पांच बार पुरुषों का पेनिस इरेक्ट पुजिशन में कर देता है। कभी-कभी ये इरेक्शन 30 मिनट तक रहता है। वहीं, महिलाओं को आने वाले सेक्स ड्रीम्स को वेट ड्रीम्स कहते हैं। जिसमें महिलाओं में कामोत्तेजना के कारण वजायनल सिक्रिशन होता है। सेक्सुअल ड्रीम्स से महिलाओं को ऑर्गेजम भी होता है।
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