आई स्टाइ लाल और पीड़ादायक पस भरी गांठ होती है, जो इंफेक्शन की वजह से होती है। स्टाइ को होर्डियोलम भी कहा जाता है। वैसे तो यह अधिकांश लोगों को पलकों के बाहर होता है, लेकिन कुछ को पलकों के अंदर भी हो सकता है। स्टाइ के कारण बहुत दर्द होता है और आपको पलकें भारी-भारी और असहज महसूस होती हैं। स्टाइ आमतौर पर कुछ दिनों में अपने-आप गायब हो जाता है। इस बीच दर्द और असहजता से राहत पाने के लिए गर्म कपड़े से पलकों को सेंक सकते हैं।
आंख से कीचड़ आना : कीचड़ के रंग से जानें क्या समस्या है?
गाढ़े हरे या ग्रे रंग का आंख से कीचड़ आना
गाढ़े हरे या ग्रे रंग का आंख से कीचड़ आना गंभीर हो सकता है। आपकी आंखों से आने वाला हरे या भूरे रंग का डिस्चार्ज बैक्टीरिया के कारण होने वाले आंखों के संक्रमण के लिए जिम्मेदार हो सकता है। बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस के कारण आपकी पलक पूरी तरह से सुबह जागने के बाद भी बंद हो सकती है। इस तरह का आंखों का संक्रमण मवाद या पस पैदा करने वाले (Pyogenic) बैक्टीरिया के कारण होता है। जिससे आंखों में लालिमा और जलन जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं।
अगर सुबह उठने के बाद आपकी आंख नहीं खुल पा रही है या चिपकी सी लग रही है तो इसका मतलब है कि आपको कंजंक्टिवाइटिस हो गया है। हमारी आंखों में कंजंक्टिवा एक साफ म्यूकस झिल्ली होती है, जो हमारी आईलिड के सफेद भाग के अंदर की तरफ पाया जाता है।
पीले रंग का आंख से कीचड़ आना
पीले रंग का आंख से कीचड़ आना आपकी आंखों में गुहेरी के कारण हो सकता है। आंखों की पलकों पर गुहेरी होने पर पलकों के द्वारा आंखों के किनारे पर पस जैसा पीले रंग का कीचड़ दिखाई देता है। आंखों की पलकों पर स्टाइ के कारण जो फुंसी हो जाती है, पलक झपकाने के कारण उस पर दबाव पड़ने से पस बाहर आने लगता है।
स्टाइ के लक्षण सामने आने पर डॉक्टर के पास जाने चाहिए। डॉक्टर द्वारा दी गई आई ड्रॉप या एंटीबैक्टीरियल क्रीम दिया जाएगा। अगर इससे भी आपको आराम नहीं मिलता है, तो डॉक्टर सूजन वाली जगह पर बारीक सा छेद कर सकते हैं, जिससे पस बाहर निकल जाए और आपको आराम मिले।
पीले या सफेद रंग के कीचड़ के बॉल्स
पीले या सफेद रंग का बॉल की तरह आंख से कीचड़ आना डाइसैरोसाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। नैसोलैक्रिमल थैली या आंसू निकलने के सिस्टम में संक्रमण को ही डाइसैरोसाइटिस कहा जाता है। जिससे आंखों से पीले या सफेद रंग का कीचड़ आने लगता है। यदि आपको डैक्रीकोस्टाइटिस है, तो आपके चेहरे में दर्द, लालिमा और पलक व नाक के आसपास सूजन की शिकायत हो सकती है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं से इंफेक्शन का इलाज करते हैं।
गाढ़ा क्रस्टी म्यूकस
पलकों का मोटा होना और आंखों से गाढ़ा क्रस्टी म्यूकस ब्लेफेराइटिस नामक स्थिति के कारण हो सकता है। ब्लेफेराइटिस कभी-कभी आपकी त्वचा पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया के कारण होता है। बैक्टीरिया पलकों और आईलिड को संक्रमित कर सकता है, जिससे आईलिड पर लालिमा और सूजन हो सकती है। पलकें मोटी हो जाती हैं और पलकों पर डैंड्रफ जैसा दिखने लगता है।
ब्लेफेराइटिस का इलाज अक्सर आईलिड को स्क्रब करने के बाद गर्म सिंकाई करके किया जाता है। आईलिड स्क्रब कई अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। आंखों को बंद कर के साफ गीले कपड़े की मदद से आंखों को पीछे की तरफ सर्कुलर मोशन में स्क्रब करें। बेबी शैंपू की मदद से भी आंखों को स्क्रब कर सकते हैं। बेबी शैंपू आपकी आंखों में लगेगा भी नहीं।
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