ओवेरियन सिस्ट आजकल महिलाओं को होने वाली आम बीमारी है। ओवेरियन सिस्ट एक थैली होती है, जो महिला की ओवरी में बन जाती है। इस थैली में तरल पदार्थ होता है। एक अध्ययन के अनुसार 10 प्रतिशत महिलाएं ओवेरियन सिस्ट की परेशानी से पीड़ित हैं। सही समय पर इस रोग का पता लगने और सही इलाज से इस बीमारी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। यह समस्या दूर करने में आपका स्वस्थ लाइफस्टाइल, व्यायाम और अच्छा खानपान मदद कर सकता है। लेकिन योग भी इसे दूर करने में आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। ओवेरियन सिस्ट के लिए कौन-कौन से आसन किये जा सकते हैं, यह समझने से पहले ओवेरियन सिस्ट की समस्या क्यों होती है, यह जान लेते हैं।
क्यों होती है ओवेरियन सिस्ट की समस्या?
ओवेरियन सिस्ट की परेशानी निम्नलिखित कारणों से हो सकती है। जैसे:
हॉर्मोनल बदलाव: हॉर्मोन में होने वाले बदलाव या वैसे दवाओं का सेवन जिसे आव्युलेशन आसानी से हो सके।
एंडोमेट्रोसिस: वैसी महिलाएं जिन्हें एन्ड्रोमेट्रोसिस की समस्या होती है, उन्हें ओवेरियन सिस्ट का खतरा ज्यादा रहता है।
प्रेग्नेंसी: प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में ओवेरियन सिस्ट की समस्या हो सकती है। यही सिस्ट कभी-कभी बेबी डिलिवरी के बाद ये सिस्ट खुद से नहीं नहीं निकल पाते हैं, तो इसे रिमूव करवाना पड़ता है।
पेल्विक इंफेक्शन: अगर पेल्विक इंफेक्शन की समस्या ज्यादा होती है, तो ऐसी स्थिति में ओवेरियन सिस्ट का खतरा बढ़ जाता है।
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ओवेरियन सिस्ट के आसन कौन-कौन से हैं?
ओवेरियन सिस्ट के आसन 1. भुजंगासन
इस आसन का नाम भुजंग+आसन से मिलकर बनता है। यहां भुजंग का अर्थ है सांप। भुजंगासन में शरीर की मुद्रा सांप की तरह लगती है। इसलिए, इसका नाम ऐसा पड़ा। इस आसन को करने से चिंता से मुक्ति मिलती है और साथ ही शरीर में रक्त संचार सही से होता है। जिसका प्रभाव ओवेरियन सिस्ट जैसी परेशानी पर भी पड़ता है।
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कैसे करें ओवेरियन सिस्ट के आसन में शामिल भुजंगासन?
- इस आसन को करने के लिए किसी शांत जगह का चुनाव करें।
- अब एक मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- आपके दोनों पैर और इनकी एड़ियां आपस में टच करनी चाहिए।
- अब अपनी चिन को जमीन से लगाएं।
- अपनी हाथों को जमीन पर रखें और सांस लेते हुए अपने शरीर के आगे के भाग को ऊपर उठाएं।
- आपकी छाती और सिर दोनों ऊपर होने चाहिए।
- सहारे के लिए अपने हाथों का सहारा लें।
- अब अपने कंधों को नीचे रखें और आराम करें।
- आराम की स्थिति में आते हुए आप अपनी कोहनियों को मोड़ सकते है।
- इस मुद्रा में जितना अधिक हो सके उतनी देर रहें।
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ओवेरियन सिस्ट के आसन 2. अनुलोम विलोम प्राणायाम
ओवेरियन सिस्ट को दूर करने वाले योगासन में एक है अनुलोम विलोम। अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से दिमाग तक खून का प्रवाह अच्छे से होता है, जिससे हार्मोंस के संतुलन में भी मदद मिलती है। इससे ओवेरियन सिस्ट की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है। यही नहीं, शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी यह योगासन सहायक है।
कैसे करें ओवेरियन सिस्ट के आसन में शामिल अनुलोम विलोम?
- इस प्राणायाम को करने के लिए किसी शांत जगह पर मैट बिछा कर उस पर बैठ जाएं।
- अपनी आंखों को बंद करें और पीठ को सीधा रखें।
- इसके बाद अपने बाएं हाथ के अंगूठे से अपने नाक के बाएं छिद्र को बंद करे और दूसरे छिद्र से गहरी सांस लें।
- अब दाएं छिद्र को उंगलियों से बंद कर लें और धीरे -धीरे सांस छोड़ दें।
- इसके बाद दाएं हाथ के अंगूठे से अपने नाक के दाहिने छिद्र को बंद करें और बाएं छिद्र से सांस लें।
- अब बाएं छिद्र को अपनी उंगलियों से बंद कर लें और सांस धीरे-धीरे बाहर छोड़ दें।
- इस आसन को बार-बार दोहराएं।
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ओवेरियन सिस्ट के आसन3. बटरफ्लाई पोज (तितली आसन)
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इस आसन में पूर्ण मुद्रा तितली की तरह लगती है। इसलिए, इसका नाम ऐसा पड़ा। यह आसन बहुत ही आसान है और कूल्हों को खोलने में मदद करता है। इसके साथ ही यह जांघों के लिए बेहतरीन आसान है, जिससे स्ट्रेस भी दूर होता है।
कैसे करें ओवेरियन सिस्ट के आसन में शामिल अनुलोम विलोम बटरफ्लाई पोज?
- तितली आसन को करने में किसी शांत जगह पर मैट बिछा कर सीधे हो कर बैठ जाएं।
- अपने पैरों को अपने सामने कर के इनके तलवों को आपस में मिला लें।
- अब अपने पैरों को हाथों से पकड़ लें।
- अपने पैरों को अपने शरीर के पास रखें।
- गहरी सांस लें और छोड़ें।
- इसके बाद अपनी टांगों को हिलाना शुरू करें।
- यह ऐसा होना चाहिए जैसे तितली अपने पंख फड़फड़ाती है।
- जितनी तेजी से हो सके अपनी टांगों को हिलाते रहें।
- कुछ देर इसे करने के बाद अपनी सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।
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ओवेरियन सिस्ट के आसन 4. योनि मुद्रा
योनि मुद्रा में योनि का अर्थ है गर्भाशय या गर्भ। इसका नाम ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस आसन को करने वाले का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रहता। ऐसा होना वैसा ही है जैसे एक बच्चा गर्भाशय में होता है। ओवेरियन सिस्ट को दूर करने वाले योगासन में से यह दिमागी शांति के लिए बहुत उपयोगी है।
कैसे करें ओवेरियन सिस्ट के आसन में शामिल योनि मुद्रा?
- इस आसान को करने के लिए किसी शांत जगह पर मैट पर आराम से बैठ जाएं।
- अब अपनी दोनों कनिष्ठा उंगलियों को आपस में मिला लें। साथ ही अपने अंगूठे भी मिला लें।
- इसके बाद कनिष्ठा उंगलियों के नीचे की दोनों मध्यमा अंगुलियों मिला लें।
- ध्यान रहे मध्यमा उंगलियों के नीचे अनामिका अंगुलियों को एक-दूसरे के उल्टी दिशा में रखें और उनके नाखुनों को तर्जनी उंगली के प्रथम पोर से दबाएं।
- इस मुद्रा को आप किसी भी जगह कर सकते हैं।
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ओवेरियन सिस्ट के आसन 5. पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन आसन को करने से पेट की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यही नहीं, शरीर की अन्य समस्याओं को दूर करने में भी यह प्रभावी है। ओवेरियन सिस्ट को दूर करने वाले योगासन में पवनमुक्तासन भी लाभदायक है।
कैसे करें ओवेरियन सिस्ट के आसन में शामिल पवनमुक्तासन?
- इस आसान को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल आराम से लेट जाएं।
- सांस लेते हुए अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पेट के पास ले आएं।
- अपनी सांस छोड़ें और अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा लें।
- घुटनों को नीचे रखें।
- इसके बाद हाथों की मदद से बाएं घुटने से सीने को छूने का प्रयास करें।
- अब अपना सिर ऊपर करें और अपने घुटने से अपने नाक को छूने की कोशिश करें।
- कुछ देर इसी अवस्था में रहें।
- इसके बाद दूसरे घुटने से इस आसान को दोहराएं।
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ओवेरियन सिस्ट के आसन 6. हलासन
हलासन का मतलब है हल की मुद्रा वाला आसन। हल किसानों द्वारा खेतों में प्रयोग होने वाला औजार है। इस आसन में शरीर की मुद्रा हल की तरह लगती है। हलासन का प्रयोग सर्वांगासन के बाद किया जाता है, जिसमे कंधे के सहारे योग करना होता है।
आप इन आसनों को कर के ओवेरियन सिस्ट की समस्या से राहत पा सकती हैं। बशर्ते इनका नियमित पालन किया जाए।
ओवेरियन सिस्ट के आसन को समझने के साथ-साथ कुछ और अहम जानकारी
ओवेरियन सिस्ट की समस्या के निवारण के लिए क्या सर्जरी आवश्यक है?
द नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार 5 से 10 प्रतिशत महिलाओं में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन निम्नलिखित परिस्थितियों में हेल्थ एक्सपर्ट सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। जैसे:
- मासिक धर्म ठीक होने के बावजूद सिस्ट की समस्या बरकरार रहना
- सिस्ट का आकार बड़ा होते जाना
- दर्द महसूस होना
- अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में सिस्ट रिपोर्ट ठीक न आना
ओवेरियन सिस्ट कैंसर का रूप ले सकता है?
रिसर्च के अनुसार 13 से 21 प्रतिशत महिलों को ओवेरियन सिस्ट कैंसरस हो जाते हैं। अगर महिला की उम्र ज्यादा है, तो खतरा ज्यादा बना रहता है। इसलिए अगर किसी महिला को ओवेरियन सिस्ट की समस्या है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
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गर्भावस्था के दौरान ओवेरियन सिस्ट होने पर क्या करें?
प्रेग्नेंसी के दौरान आपके गायनोकोलॉजिस्ट आपकी प्रेग्नेंसी को ध्यान से मॉनिटर करते हैं। ओवेरियन सिस्ट हर गर्भवती महिलाओं में होने वाली समस्या नहीं है। इसलिए आपके डॉक्टर द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन ठीक तरह से करें।
कैसे समझें ओवेरियन सिस्ट की समस्या?
निम्नलिखित लक्षण नजर आने पर या समझ आने पर डॉक्टर से संपर्क करें। जैसे:
- पेट में सूजन की समस्या लगातार होना या पेट बार-बार फुला हुआ लगे
- मोशन (मल) के दौरान दर्द होना
- पीरियड्स साइकिल ठीक न होना
- शारीरिक संबंध के दौरान दर्द होना
- लोअर बैक में दर्द रहना
- थाइ (जांघ) में दर्द होना
- ब्रेस्ट पेन होना
- फीवर होना
- चक्कर आना
- सांस लेने में परेशानी महसूस होना या तेजी से सांस लेना
- उल्टी होना
- पाचन तंत्र ठीक न होना
- बार-बार टॉयलेट जाना
- कमजोरी होना
- कब्ज की समस्या
अगर आपको ऐसे लक्षण नजर आ रहें हैं, तो अनदेखा न करें। क्योंकि किसी भी बीमारी का इलाज शुरुआती अवस्था में आसानी से किया जाता हो। अगर आप ओवेरियन सिस्ट के आसन या इस परेशानी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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