हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए ईंधन का काम करता है। इसकी मात्रा कम होने पर एनीमिया की परेशानी हो सकती है। हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की मात्रा लिंग और शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार बदल सकती हैं। एनीमिया की परेशानी सामान्य है और तकरीबन 40 प्रतिशत भारतीय लोग एनीमिया के शिकार हैं।
महिलाओं या पुरुषों में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की मात्रा
पुरुषों में : सामान्य रूप से शरीर में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की मात्रा : 13.5 – 17.8 ग्राम्स एक डेसीलीटर में (13 grams per Deciliter- 17 grams per Deciliter).
महिलाओं में : सामान्य रूप से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा : 12-15 ग्राम्स एक डेसीलीटर में (12 grams per Deciliter- 15 grams per Deciliter).
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एनीमिया अलग-अलग तरह के होते हैं।
- आयरन डेफिसिएंसी एनीमिया (Iron Deficiency Anemia)
- थैलिसीमिया एनीमिया (Thalassaemia Anemia)
- पर्निसियस एनीमिया (Pernicious Anemia)
- सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia)
- मेगैलोब्लास्टिक एनीमिया (Megaloblastic Anemia)
- एप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia)
- विटामिन डेफिसिएंसी एनीमिया (Vitamin Deficiency Anemia)
खून में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) बढ़ाने के कई तरीके हो सकते हैं। आयरन युक्त भोजन करने से आप हीमोग्लोबिन की मात्रा में वृद्धि पा सकते हैं।
- मीट-मछली
- सोया से बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थ
- अंडे
- सूखे हुए छुआरे , खजूर
- ब्रॉक्ली
- हरी सब्जियां, पालक
- बीन्स
- बीज और मेवे
- मूंगफली का मक्खन
फोलेट की मात्रा बढ़ाने से भी हीमोग्लोबिन बढ़ सकता है। फोलेट बहुत सी चीजों को खाने से मिल सकता है :
- पालक (Spinach)
- चावल (Rice)
- मूंगफली (Peanut)
- राजमा (Rajma)
- एवोकैडो (Avacado)
- सलाद की पत्तियां (Lettuce Leaves)
आयरन सप्लीमेंट लेने से भी हीमोग्लोबिन की मात्रा में वृद्धि होती है। लेकिन कोशिश करें कि आप प्राकृतिक तरीकों का ही इस्तमाल करें क्योंकि इनसे किसी भी हानिकारक साइड इफेक्ट होने की संभावना नहीं होती है।
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अगर आपके शरीर में आयरन की बहुत ज्यादा कमी है तो डॉक्टर आपको आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह देंगे। दवा की मात्रा व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर निर्भर करती है।
दवाओं का उपयोग इन स्थितियों में किया जा सकता है :
- एनेमिया (Anemia)
- गर्भावस्था (Pregnancy)
- लिवर और किडनी की समस्याएं (Liver and Kidney)
- क्रोनिक बीमारी होना। (Chronic Blood Diseases)
हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की मात्रा में गिरावट के बहुत से कारण हो सकते हैं।
इन कारणों में शामिल है-
- असमान्य हृदय की धड़कने (Irregular Heartbeat)
- मसूढ़ों और त्वचा में परेशानी होना। (Swellings in gums and bleeding)
- थकान होना (Fatigue)
- मांसपेशियों में कमजोरी आना (Weakness in muscles)
- बार- बार सिरदर्द होना (Headache)
हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी के और भी कई कारण हो सकते हैं। इन कारणों में शामिल है-
- फेफड़ों में परेशानी होना ( Lung Disease)
- धूम्रपान करना (Smoking)
- बहुत अधिक व्यायाम करने से भी हीमोग्लोबिन की मात्रा में गिरावट आ सकती है (Fall in Hemoglobin level)
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शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल (Hemoglobin level) कम होने के लक्षण क्या हैं?
इसके निनलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे-
- अत्यधिक कमजोरी महसूस होना
- सांस लेने में परेशानी महसूस होना
- बार-बार चक्कर आना
- हार्ट बीट अनियमित होना (नॉर्मल से तेज या धीरे होना)
- सिरदर्द होना
- हाथ और पैर अत्यधिक ठंडा रहना
- त्वचा रंग हल्का पड़ना
- सीने में दर्द होना
इन लक्षणों के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षणों पर भी ध्यान देना जरूरी है।
- हाथ और पैर के नाखून कमजोर पड़ना
- काम करने के साथ-साथ आराम करने के दौरान भी सांस लेने में परेशानी होना
- मुंह में छाले होना
- पीरियड्स (मासिक धर्म) ठीक से न होना या अत्यधिक ब्लीडिंग होना
- पुरुषों में यौन इच्छा न होना
ऐसे लक्षण समझ आने पर सतर्क हो जायें। महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि महिलाएं एनीमिया की ज्यादा शिकार होती हैं।
घरेलू उपाय कम हुए हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) के लेवल को बढ़ाने के लिए क्या हैं?
निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर को खून की कमी से बचा सकता है।
अनार (Pomegranate)
अनार सबसे पौष्टिक फलों में से एक माना जाता है। इसमें विटामिन सी, फॉस्फोरस, फाइबर, कैल्शियम, आयरन जैसे अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। यही कारण है कि यह शरीर को कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है और शरीर हुए खून की कमी को भी पूरा करने में मदद करता है।
चुकंदर (Beetroot)
चुकंदर जिसे इंग्लिश में बीटरूट कहते हैं। यह जमीन के नीचे विकसित होने वाली खाद्य पदार्थ है। इसमें विटामिन-बी9, विटामिन-सी, फाइबर, पोटेशियम और आयरन पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते है जिससे चुकंदर खाने का फायदा शरीर को कई रूपों में मिलता है। चुकंदर के नियमित सेवन से एनीमिया की समस्या नहीं होती है।
खजूर (Dates)
खजूर में विटामिन-बी, विटामिन-सी, फाइबर, पोटैशियम और मैग्नेशियम जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। सामन्य से कम वजन वाले महिला या पुरुषों को खजूर का सेवन करना चाहिए। खजूर शरीर का वजन संतुलित रखने के साथ-साथ ब्लड लेवल को भी बढ़ाने में मदद करता है।
कीवी (Kiwi)
कीवी विटामिन के (Vitamin-K), विटामिन सी, विटामिन ई, फोलेट, पोटेशियम आदि का अच्छा स्त्रोत है। इसका बोटेनिकल नाम एक्टिनिडिया डेलिसिओसा (Actinidia deliciosa) नाम है, जो कि एक्टिनिडियाएसी (Actinidiaceae) फैमिली से आता है। कीवी के नियमित सेवन से शरीर में ब्लड लेवल को बढ़ाया जा सकता है।
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केला (Banana)
केले में विटामिन-बी6 (Vitamin-B6), मैग्नेशियम (Magnesium), विटामिन-सी (Vitamin-C), पोटैशियम (Potassium), फायबर (Fiber), प्रोटीन (Protein), मैग्नेशियम (Magnesium) और फोलेट जैसे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। केले के नियमित सेवन से शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी नहीं होती है और शरीर फिट रहता है। केले के सेवन से एनीमिया (Anemia) की समस्या से बचा जा सकता है।
टमाटर (Tomato)
टमाटर में अच्छी मात्रा में विटामिन-सी (Vitamin-C) मौजूद होता है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने में मदद करता है। इसमें लेकोपिन भी पाया जाता है। ये एक तरह का कैरोटीनॉयड है, जो प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) के खतरे को भी कम करता है और शरीर में खून की सही मात्रा में बनाये रखता है।
एनीमिया से जुड़े फैक्ट्स क्या हैं? (Facts of Anemia)
एनीमिया से जुड़े फैक्ट्स निम्नलिखित हैं। जैसे-
- पूरे विश्व में 24.8 प्रतिशत लोग एनीमिया के शिकार हैं।
- पूरे देश में स्कूल जाने से पहले ही बच्चे एनीमिया के शिकार हो जाते हैं। माना जाता है की 47 प्रतिशत बच्चे खून की कमी के शिकार होते हैं।
- 400 से ज्यादा तरह के एनीमिया होते हैं।
- एनीमिया सिर्फ मनुष्यों को ही नहीं बल्कि कुत्ते और बिल्लियों को भी हो सकता है।
शरीर को रोग मुक्त रखने के लिए नियमित योगासन करें। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर जानिए कौन-कौन से योगासन दिनचर्या में आसानी से अपनाया जा सकता है।
शरीर में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की कमी के कई कारण हो सकते हैं। आपके खानपान में बदलाव करके और सप्लीमेंट्स का इस्तमाल केवल बहुत अधिक खून की कमी होने पर ही करें। खानपान को अधिक पौष्टिक बनाएं खाने में हरी सब्जियों और प्रोटीन की मात्रा अधिक लें। हीमोग्लोबिन की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है।
हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) कम होने पर परेशान ना हों और पौष्टिक तत्वों का सेवन करें। हालांकि अगर आपको कमजोरी जैसी परेशानी या शारीरिक जांच के दौरान हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) कम होने की जानकारी मिलती है, तो पैनिक ना करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें। आपको किन कारणों से हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) ना बनने की समस्या हुई है इसे समझें और अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें। इस दौरान डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। वहीं अगर आप हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।