‘एक बार जब मैं कमिटमेंट कर देता हूं, तो किसी की भी नहीं सुनता’ यह डायलॉग तो सलमान खान का आप जानते होंगे लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दिल तो लगा लेते हैं पर वादा करने से डरते हैं। दरअसल, ऐसे लोग सिर्फ जिन्हें पसंद करते हैं उन्हें ही नहीं बल्कि किसी को भी वचन देने से डरते हैं। इस परेशानी को कमिटमेंट फोबिया (Commitment-Phobia) कहते हैं। आज जानेंगे ऐसे लोगों के साथ कैसा बर्ताव रखें, जिससे वो आपसे खुलकर बात करें और कमिटमेंट करने से भी पीछे नहीं हटें।
कमिटमेंट फोबिया क्या है?
कुछ लोगों के लिए रिश्ते बनाना काफी आसान होता है लेकिन, कुछ लोगों के लिए ये बेहद ही कठिन। कमिटमेंट फोबिया से पीड़ित व्यक्ति किसी भी फैसले को करने से डरता है। उस व्यक्ति के मन में ऐसे सवाल होते हैं की क्या वह साथ निभा पाएंगे या नहीं। ऐसी परिस्थिति पहले किसी एक खास चीज को लेकर होती है और फिर धीरे-धीरे इससे उसकी डेली लाइफ सफर हो जाती है।
कमिटमेंट फोबिया से पीड़ित व्यक्ति अपनेआप में कुछ सवालों में उलझे रहते हैं। जैसे-
- क्या वो सच में मुझसे प्यार करता है या करती है?
- अब क्या होगा?
- क्या मैं इसके लिए तैयार हूं?
- क्या यह ऐसे ही चलते रहेगा?
इन सवालों की तरह ही अन्य सवालों से कमिटमेंट फोबिया से पीड़ित व्यक्ति घिरे होते हैं। वैसे खुद से सवाल करना सामान्य है और स्वाभाविक भी है लेकिन, हमेशा अपने आपको ऐसे सवालों में उलझाये रखना हानिकारक हो सकता है।
फोबिया कितने तरह का होता है?
सोशल फोबिया (Social Phobia)- सोशल फोबिया को सोशल फोबिया डिसऑर्डर भी कहा जाता है। सोशल फोबिया से पीड़ित व्यक्ति लोगों से मिलना-जुलना, बात करना, अपनी बात या अपना प्रस्ताव किसी के सामने रखने से घबराते हैं और ज्यादा से ज्यादा वक्त अकेले गुजारते हैं। इस फोबिया से पीड़ित व्यक्ति कई बार तो अपने आपको घर के कमरे में बंद भी कर लेते हैं।
एक्रोफोबिया (Agoraphobia)- एक्रोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति उचाई से नीचे देखने में डरते हैं, पहाड़ और पुल पर चढ़ने से डरते हैं। ऐसी ही परेशानियों की तरह अन्य परेशानी भी हो सकती है।
निक्टोफोबिया (Nyctophobia)- इस फोबिया से पीड़ित लोगों को अंधेरे से डर लगता है। अंधरे में डर लगने की समस्या प्रायः बचपन से ही शुरू हो जाती है लेकिन, अगर बड़े होने पर भी अंधेरे से डर लगे तो इस स्थिति को निक्टोफोबिया फोबिया कहते हैं।
फोबिया से जुड़े फैक्ट्स क्या हैं?
फोबिया से जुड़े फैक्ट्स निम्नलिखित हैं। जैसे-
- किसी भी चीज या किसी भी व्यक्ति से डरना सामान्य है लेकिन, अगर फोबिया की समस्या है तो यह किसी भी वयक्ति के लिए शारीरिक और मानसिक परेशानी दोनों हो सकती है।
- अगर किसी व्यक्ति को फोबिया की समस्या है और उनके करीबी को इसकी जानकारी है, तो भी ऐसी स्थिति में उन्हें संभालना बेहद मुश्किल होता है।
- फोबिया से पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक पसीना आना, चेस्ट पेन या एंग्जाइटी जैसी समस्या हो सकती है।
- फोबिया से पीड़ित व्यक्ति का इलाज दवा और बिहेवियरल थेरिपी से की जाती है।
- रिसर्च के अनुसार यूनाइटेड स्टेट्स में 19 मिलियन लोग फोबिया की समस्या से पीड़ित हैं।
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कमिटमेंट फोबिया के लक्षण क्या हैं?
कमिटमेंट फोबिया के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- ऐसे व्यक्ति रिलेशनशिप में तो रहते हैं लेकिन, भविष्य की बातों जैसे शादी कब करनी है या परिवार वालों से कब मिलना है ? ऐसे प्रश्नों को टालते रहते हैं
- ऐसे लोग काफी लोगों से दोस्ती रखते हैं लेकिन, किसी एक अपना खास दोस्त (Best friend) बनाने से डरते हैं
- एक से ज्यादा रिलेशनशिप में थोड़े-थोड़े वक्त के लिए रह चुके होते हैं
- ऐसे व्यक्ति किसी भी रिलेशन को लेकर बेहद गंभीर नहीं रहते हैं
- ऐसे लोग किसी भी व्यक्ति से सिर्फ आकर्षित होते हैं
- लोगों से खुलकर बात भी करने से कतराते हैं
- हमेशा चिंता और भय की स्थिति में रहना
- दिल की धड़कन का सामान्य से ज्यादा तेज चलना
- फोबिया से पीड़ित लोगों को सांस लेने में परेशानी भी महसूस हो सकती है
- किसी नकारात्मक स्थिति में अत्यधिक डर जाना और डर की वजह से शरीर का कांपना
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कमिटमेंट फोबिया को कैसे ठीक किया जा सकता है ?
कमिटमेंट फोबिया को निम्नलिखित तरह से ठीक किया जा सकता है। जैसे-
- पुरुष हों या महिला दोनों को एक साथ वक्त बिताने के साथ-साथ अपने-अपने दोस्तों से भी मिलना चाहिए। अपने पार्टनर से हर बात की उम्मीद न रखें। इससे कपल्स स्वतंत्र महसूस करेंगे।
- ऐसा नहीं समझें की आपने अपनी गर्लफ्रेंड को अच्छी तरह से समझते हैं। किसी भी व्यक्ति को समझने के लिए वक्त चाहिए होता है।
- ऐसी कोई भी चीजें न करें जिससे सामने वाला व्यक्ति अनकंफर्टेबल हो।
- छोटी-छोटी चीजों से भरोसा करना सिखाएं।
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कमिटमेंट फोबिया क्यों होता है ?
कमिटमेंट फोबिया निम्नलिखित कारणों से हो सकता है। जैसे-
- बिना सोचे समझे रिलेशनशिप खत्म कर देना।
- सही रिलेशनशिप में नहीं होने का डर।
- पिछले किसी बात को लेकर हर्ट होने की वजह से भी कमिटमेंट फोबिया की समस्या हो सकती है।
- बचपन में कोई ट्रॉमा या शोषण होना।
- बच्चे से बड़े होने के दौरना होने वाली किसी परेशानी के कारण।
कमिटमेंट फोबिया का इलाज कैसे किया जाता है ?
कमिटमेंट फोबिया का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे-
- यह समझना बेहद जरूरी है किन-किन चीजों से या बातों से डर लगता है।
- चुनौती लेने से पीछे नहीं भागें।
- कल इतिहास था, आने वाला कल एक रहस्य है लेकिन, आज एक गिफ्ट के तौर पर है। इसीलिए इसे वर्तमान कहा जाता है और इसी में जीना चाहिए।
- घबराहट या डर की स्थिति में परेशान न हों।
- अत्यधिक किसी भी बारे में न सोचें।
इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। इसे खुद से और अपने करीबियों के संपर्क में रहने से आसानी से ठीक किया जा सकता है और अगर फिर भी समस्या बनी रहे तो डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करना चाहिए। यह ध्यान रखें की फोबिया का इलाज तो किया जाता है लेकिन, इस परेशानी से निकलना मुश्किल हो सकता है। हालांकि जब तक आप समस्या से लड़ेंगे नहीं तबतक आपकी परेशानी दूर भी नहीं होगी। इसलिए अपने अंदर के मन को निकालें। लोगों से इस बारे में खुलकर बात करें।
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