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जानें वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं और उनसे बचाव

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/05/2020

    जानें वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं और उनसे बचाव

    कई ऐसी बीमारियां हैं जो उम्र के साथ आती हैं या यूं कहें कि बढ़ती उम्र में कुछ खास प्रकार की बीमारियों के होने की संभावना ज्यादा रहती है। होमियोपैथी हीलिंग टच जमशेदपुर के डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि, ‘वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे ड्राई स्किन, झुर्रियां, फटी एड़ियां, उंगलियों के बीच में या फिर जोइंट में फंगल इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। बढ़ती उम्र में बीमारियों से बचने के लिए खास सावधान रहने की जरूरत है या कहे कि वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं न हो इसका ख्याल रखना चाहिए। ‘

    कई बार यदि घर में पेट्स हैं तो उनके कारण भी वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती है। जैसे यदि पेट्स को समय-समय पर नहलाया न गया और उनको साफ न रखा गया तो उसके कारण भी स्किन एलर्जी की समस्या हो सकती है। आइए एक्सपर्ट के नजरिए से वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं और परेशानियों के साथ बीमारी, लक्षण और ‌उसके बचाव के बारे में जानते हैं।

    वृद्धावस्था में स्किन संबंधी समस्याओं पर नजर

    डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं काफी कॉमन है, इनमें लोगों को रोज रैश (rose rash), हर्पीस, बियर्ड फॉल्स आउट (beard falls out), हर्पेटिक इरप्शन (herpetic eruptions), क्लीब्लेन्स (chilblans), उंगलियों और स्किन में क्रैक, क्रावलिंग सेनसेशल ऑफ स्किन, पाल्म फिशर्ड (palms fissured), कैफ्ड स्किन (chafed skin), डैंड्रफ, ओवरसेंसिटिवनेस, ओफेंसिव ओडोर (offensive odor), स्किन में पिंपल्स, एलोपिकिया (alopecia), रबिंग एग्रीबल (rubbing aggreeable), घाव भरने में परेशानी, झुर्रियां,  ड्रायनेस, सूजन सहित अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

    डॉ अनिल कुमार
    Dr. Anil Kumar

    एज फैक्टर के वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं

    वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं होने का बड़ा कारण एज फैक्टर है। वृद्धावस्था में बीमारी होने के तीन मुख्य कारण हैं। पहला यह कि बुजुर्गों में व्यस्कों की तुलना में इम्यूनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। व्यस्कों की तुलना में बच्चों व बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। दूसरा कारण यह है कि बुजुर्ग दूसरों की तुलना में अपनी देखभाल कम करते हैं। कई बुजुर्ग आलसी हो जाते हैं, वहीं खुद को इग्नोर करने लगते हैं और अपना ध्यान कम रखते हैं। ऐसे में उनको पता भी नहीं चलता और कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। बल्कि जरूरी तो यह है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे शरीर की और देखभाल की जरूरत है। वहीं वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं न हो इसके लिए स्किन केयर की जरूरत है।

    तीसरा कारण आते आते बुजुर्ग बीमारी से ग्रसित हो चुके होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि शरीर की देखभाल की जाए। वहीं अन्य कारणों की बात करें तो मौजूदा दौर में लोगों की लाइफस्टाइल इतनी ज्यादा व्यस्त है कि परिवार के अन्य सदस्य भी बुजुर्गों की अच्छे से देखभाल नहीं करते। खानपान अच्छा न होने के कारण डायजेशन से संबंधी परेशानी हो जाती है। वहीं हेल्दी डायट का सेवन न कर अनहेल्दी डायट का अधिक सेवन करते हैं।

    खाने की बात करें तो प्रोटीन का कम सेवन कर ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें कार्बोहाइड्रेड की मात्रा अधिक होती है उसका सेवन करते हैं। बता दें कि दूध, अंडा, पनीर, मछली जैसे पौष्टिक आहार का सेवन न कर बुजुर्ग हैं तो खिचड़ी ही खाएंगे, दाल या चावल खाएंगे या फिर कुछ अच्छा नहीं लग रहा तो उस स्थिति में समोसा या आलू चॉप आदि खिला देते हैं। इसका सेहत पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि बीमारी से बचाव के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करने के साथ, एक्सरसाइज करें। स्किन की देखभाल करें, नियमित नहाएं, शरीर साफ, स्वच्छ रखें।

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    बुजुर्गों को होने वाली सामान्य समस्या है ड्राय स्किन

    वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं न हो इसके लिए खास एहतियात बरतना चाहिए। बुजुर्गों में ड्राय स्किन अधि देखने को मिलती है।  ड्राय स्किन होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि जब हेल्दी ऑयल स्किन के संपर्क में नहीं आता तो इस प्रकार की बीमारी होती है। हेल्दी ऑयल का इनटेक काफी जरूरी है, चाहे हम उसका सेवन करें या फिर शरीर में लगाएं। क्योंकि यह तेल हमारे स्किन के साथ पूरे शरीर में जाता है। वहीं त्वचा को निखारने का काम करता है। वहीं अनहेल्दी ऑयल में ज्यादा तला हुआ तेल आता है, उसका सेवन हमारे सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि बाजार का तला भूना खाने पीने के सामान का कम से कम सेवन किया जाए। वहीं घर पर ही घी और सरसों के तेल का सेवन किया जाए। यह हमारे मसल्स को मजबूत बनाते हैं और स्किन टोन में सुधार लाकर उसे स्वस्थ बनाते हैं।

    ड्राय स्किन के लक्षण

    वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं न हो इसलिए लक्षणों की पहचान कर इलाज करना चाहिए। बुजुर्गों में ड्राय स्किन का होना भी एक लक्षण है। उसमें खुजली होती है, व्हाइट मार्क बन जाते हैं। बता दें कि यह समस्या ठंड में ज्यादा देखने को मिलती है। क्योंकि ठंड में हवा भी मॉश्चर एब्जॉर्ब कर लेती है। इस कारण लोग कोल्ड क्रीम, बॉडी लोशन आदि का इस्तेमाल करते हैं। ताकि स्किन ड्राय न रहे और हेल्दी रहे। इस समस्या से बचाव के लिए जरूरी है कि ऑलिव ऑयल, सरसों का तेल, नारियल तेल, घी आदि का सेवन करने के साथ कुछ तेल को शरीर में लगाएं। वहीं यदि किसी को स्किन संबंधी किसी प्रकार की परेशानी है तो उस स्थिति में डॉक्टरी सलाह लेकर इलाज कराना चाहिए।

    पेट्स के कारण स्किन एलर्जी

    ऐसे लोग जिनके घरों में पेट्स रहते हैं उनको भी खास सावधानी बरतनी चाहिए। पेट्स को नियमित नहलाना चाहिए, उनकी साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बता दें कि डैंड्रफ के कारण स्किन एलर्जी की समस्या हो सकती है। जिसके कारण पीठ के ऊपर, छाती पर और कंधों पर स्किन एलर्जी की दिक्कत हो सकती है। बता दें कि पेट्स को यदि साफ सुथरा न रखा गया तो उनमें रिंग वॉर्म उत्पन्न हो जाते हैं उसके कारण भी परेशानी हो सकती है।

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    बढ़ती उम्र में झुर्रियां है बड़ी समस्या

    वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं कॉमन हैं, उनमें झुर्रियां भी आती हैं। बुजुर्ग होने पर मुंह और शरीर की मसल्स सिकड़ने लगती हैं। स्किन लूज होने से वे धीरे-धीरे झुर्रियों में तब्दील हो जाती है। कई लोगों के अपने शरीर की अच्छे से देखभाल नहीं कर पाने के कारण उनमें झुर्रियों की समस्या आती है। ऐसे लोग जो नियमित मुंह की मसाज करते हैं, मॉश्चराइजर क्रीम आदि लगाते हैं, तो उनकी स्किन सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा दिनों तक जवां रहती है।

    इसके अलावा वे लोग जो फैटी फूड का सेवन करते हैं उनकी तुलना में ऐसे लोग हेल्दी फूड का सेवन करते हैं उनमें झुर्रियों की समस्या कम देखने को मिलती है। इसलिए जरूरी है कि स्किन की सुबह शाम देखभाल करनी चाहिए। यह कोई एक दिन का काम नहीं है कि एक दिन हमने मसाज किया तो झुर्रियां नहीं होगी। बल्कि यह एक लंबा प्रोसेस है। लंबे समय तक यदि कोई स्किन की देखभाल करता है तो उसके अच्छे नतीजे देखने को मिलते हैं। वहीं प्रोटीन की अच्छी मात्रा का सेवन कर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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    फटी एड़ियों के कारण हो सकता है दिक्कत

    ड्राय स्किन के कारण लोगों को एडियां फटने की दिक्कत होती है। डॉक्टर अनिल कुमार के अनुसार ऐसे लोग जो नंगे पांव ज्यादा चलते हैं, पैरों की हिफाजत नहीं करते हैं, सफाई मेंटेन नहीं रखते हैं उन लोगों के पांव में मिट्‌टी चिपक जाती है। यह मिट्‌टी स्किन में कैमिकल रिएक्शन करती हैं। इस कारण एड़ियां फटती है, एड़ियों में क्रैक आदि की समस्या आती है। जो लोग जो लंबे समय तक साबुन और डिटर्जेंट में रहकर काम करते हैं उन लोगों को एड़ियां फटने की दिक्कत हो सकती है। वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं न हो इसलिए इन टिप्स पर खास ध्यान देना चाहिए।

    साबुन या डिटर्जेंट में लंबे समय तक काम करने के कारण जब पांव को अच्छे से धोकर न निकलें तो साबुन और डिटर्जेंट की कुछ मात्रा पांव में रह जाती है। इस कारण स्किन डैमेज हो सकती है। यदि इलाज न किया गया तो आगे चलकर साबुन के संपर्क में आने पर बर्निंग सेनसेशन होता है। ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी से बचाव के लिए नंगे पैर यदि कहीं जाते हैं तो घर आकर पांव को अच्छे से धोएं, समुद्र में जाते हैं तो आने के बाद पांव को अच्छे से धोना चाहिए, स्लीपर्स पहनने के कारण मोजा पहन कर रखना फायदेमंद होता है।

    वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं बगैर पकाए नमक से बढ़ सकती हैं

    डॉक्टर अनिल कहते हैं कि यदि नमक का सेवन बिना पकाए किया जाए तो उस कारण भी कई परेशानी हो सकती है। यदि कोई लगातार नमक खाता है तो ऐसे में ब्लड प्रेशर और स्किन की परेशानी हो सकती है। इसके कारण भी वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती है।

    उंगलियों में हो सकता है फंगल इंफेक्शन

    पैरों की उंगलियों के बीच में फंगल इंफेक्शन की बीमारी वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याओं में से एक है। ऐसे लोग जिनके पैरों में ज्यादा पसीना होता है या फिर जूता लंबे समय तक पहने के कारण पसीना होता है तो उस स्थिति में उनकी उंगलियों के बीच में फंगल इंफेक्शन हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि पांव में यदि पसीना हो तो उसको अच्छे से साफ करना चाहिए। इस प्रकार की भी वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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    स्किन का टेक्सचर बदलना भी बड़ी समस्या

    वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं होने के कई कारण हैं उनमें स्किन का टेक्सचर बदलना भी बड़ी समस्या है। स्किन हमेशा अपने आप को नए रूप में ढालती रहती है। स्किन की सबसे निचली लेयर में मौजूद सेल्स समय के साथ ऊपर आते हैं। वहीं ऊपर की डेड स्किन खुद ब खुद ही निकल जाती है। वहीं उम्र बढ़ने के साथ यही प्रोसेस धीमा हो जाता है। ऐसे में डेड सेल्स लंबे समय तक स्किन की सतह पर रहती है, जिसके कारण भद्दा दिखता है। वहीं खुरदुरा और ड्राय हो जाती है।

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    स्किन को ऐसे रख सकते हैं हेल्दी

    वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं न हो इसलिए जरूरी है कि जितना कम संभव हो धूप में निकले, सुबह 10 से शाम 4 बजे तक सूर्य के संपर्क में आने से बचें। सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। ऐसे कपड़े पहनें जिससे गर्दन आंख, सिर और कान छिपा रहे। सूर्य की सीधी रोशनी से बचाव के लिए सनग्लास का इस्तेमाल करें, टैनिंग को जितना संभव इग्नोर करना चाहिए। खूब पानी पिएं, मॉश्चराइजर लोशन या क्रीम का उपयोग करें, ध्यान करें, स्वस्थ आहार का सेवन करें। इस प्रकार की भी वृद्धावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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