क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एक क्रोनिक इंफ्लेमेटरी लंग डिजीज है, जो फेफड़ों से एयरफ्लो को रोकता है। सीओपीडी के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, खांसी, बलगम (थूक) और घरघराहट शामिल हैं। यह गैस या पार्टिकुलेट मैटर की ज्यादा मात्रा के संपर्क में आने के कारण होता है, जो कि ज्यादातर सिगरेट के धुएं से होता है। सीओपीडी वाले लोगों में हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर और कई अन्य स्थितियों के विकास का खतरा रहता है।
एंफीसीमा और क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस की वजह से सीओपीडी का खतरा बढ़ जाता है। क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस में ब्रोन्कियल लाइन( जो फेफड़ों के वायु थैली या एल्वियोली से हवा को बाहर और अंदर ले जाती है) में सूजन हो जाती है। इसकी वजह से खांसी और बलगम बनता है।
एंफीसीमा एक ऐसी परेशानी है, जिसमें सिगरेट के धुएं और दूसरी गैसों और पर्टिकुलेट को नुकसान पहुंचाने के परिणामस्वरूप फेफड़ों के रास्ते (ब्रोंकिओल्स) के अंत में एल्वियोली खराब हो जाते हैं।
सही इलाज के साथ सीओपीडी से ग्रसित अधिकांश लोग इसके लक्षणों को पहचान कर और इसके इलाज से सामान्य जीवन जी सकते हैं।
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सीओपीडी (Symptoms of COPD) के लक्षण
फेफड़ों को नुकसान न होने से पहले सीओपीडी के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और वे आमतौर पर समय के साथ खराब हो जाते हैं, खासकर अगर धूम्रपान करते रहते हैं। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के मुख्य लक्षण खांसी और बलगम (थूक) का उत्पादन होता है।
सीओपीडी के अन्य लक्षणों ये हो सकते हैं:
- सांस की तकलीफ, खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान सांस लेने में परेशानी होना
- घरघराहट महसूस होना
- सीने में जकड़न होना
- पुरानी खांसी के कारण बलगम (थूक) बनना, जो सफेद, पीले या हरे रंग का हो सकता है
- होंठ या नाखूनों का नीलापन (साइनोसिस) होना
- बार-बार सांस संबंधी संक्रमण की परेशानी होना
- शरीर में ऊर्जा की कमी
- वजन में कम (बाद के चरणों में) होना
- टखनों या पैरों में सूजन की समस्या होना
सीओपीडी वाले लोगों को भी एक्सिसबेशन्स नामक एपिसोड का अनुभव होने की संभावना है, जिसके दौरान उनके लक्षण सामान्य रूप से बदतर हो जाते हैं और कई दिनों तक बने रहते हैं।
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सीओपीडी का कारण (Causes of COPD)
विकसित देशों में सीओपीडी का मुख्य कारण तंबाकू धूम्रपान है। वहीं विकासशील देशों में सीओपीडी खराब हवा और जलने वाले ईंधन से धुएं को सूंघने की वजह से होता है। केवल 20 से 30 प्रतिशत क्रोनिक धूम्रपान करने वालों को सीओपीडी हो सकता है। हालांकि, जो लोग लंबे समय से धूम्रपान करते आ रहे हैं उन्हें फेफड़ों में दूसरी परेशानी हो सकती हैं। कम धूम्रपान करने वालों में भी आम फेफड़ों की परेशानी हो सकती है।
सीओपीडी के इलाज के लिए घरेलू नुस्खे (Treatment of COPD)
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज एक क्रोनिक लंग कंडीशन है। यह उपचार के साथ सुधारा जा सकता है और घरेलू उपचार खांसी, अतिरिक्त बलगम उत्पादन और अन्य लक्षणों से राहत दे सकता है।
- स्मोकिंग न करें। स्मोकिंग की वजह से यूनाइटेड स्टेटस में 90 प्रतिशत मौत के मामले क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के कारण हुई है। स्मोकिंग की वजह से COPD की परेशानी के साथ-साथ अन्य बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके सिगरेट का सेवन बंद कर दें। अगर स्मोकिंग की आदत नहीं छूट रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- घर के अंदर हवा की क्वालिटी को बेहतर रखें। घर में मौजूद गंदगी को दूर करें। समय-समय पर घर की सफाई और वॉल पेंटिंग भी करवाते रहें। इससे बैड बैक्टीरिया घर में नहीं रहेंगे और आप फ्रेश एयर और बैड बैक्टीरिया फ्री संपर्क में रहेंगे।
- ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। प्राणायाम और गहरी सांस लेने से भी इस परेशानी से बचा जा सकता है। इसलिए ब्रीदिंग प्रोसेस सही रखें।
- स्ट्रेस लेवल को मैनेज करें। इस बदलते वक्त में सब तनाव में रहते हैं। इसलिए अपनी परेशानियों का शरीर पर और दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव न पड़ने दें।
- स्वस्थ वजन को बनाकर रखें। वजन संतुलित रहने से कई साडी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
- एक्सरसाइज की मदद से मसल स्ट्रेंथ बनाएं।
- वॉटर बेस्ड एक्सरसाइज करने से लाभ मिल सकता है।
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सीओपीडी के लिए सप्लिमेंट्स (COPD Supplements)
सप्लीमेंट्स सीओपीडी की वजह से होने वाली सूजन को नियंत्रित करके लक्षणों को कम करके सीओपीडी की परेशानी को कम करता है। सीओपीडी के सप्लीमेंट्स इस तरह से हैंः
विटामिन डी (Vitamin D)
विटामिन डी की कमी से ब्रोंकाइटिस में सूजन आती है, जो बैक्टीरिया को साफ करने के लिए शरीर की क्षमता को कम कर सकती है। विटामिन डी की खुराक से सीओपीडी के कुछ लक्षणों में सुधार हो सकता है। लोग दवा की दुकानों या ऑनलाइन भी विटामिन डी की खुराक खरीद सकते हैं।
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को-एंजाइम Q10 और क्रिएटिन
को-एंजाइम Q10 (CoQ10) और क्रिएटिन नेचुरल केमिकल हैं, जो शरीर के सेल्स को एनर्जी देता है। क्रिएटिन और CoQ10 लेने से एक्सरसाइज टॉलरेंस, सासं की परेशानी में सुधार,सूजन में कमी जैसे फायदे देखें गए हैं।
सीओपीडी एक क्रोनिक स्थिति है, जिसे मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। लोग व्यायाम, सांस लेने की तकनीक, आहार की खुराक और आवश्यक तेलों सहित कुछ घरेलू उपचारों का उपयोग करके घर पर अपने लक्षणों को कम कर सकते हैं।
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का इलाज ऑक्सिजन थेरिपी से भी की जाती है। अगर पेशेंट का ब्लड में ऑक्सिजन लेवल अत्यधिक कम हो जाता है तो मास्क या नेसल कैनुला की मदद से ऑक्सिजन थेरिपी दी जाती है।
सीओपीडी की समस्या अगर गंभीर हो तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज अगर पुरानी या गंभीर होने पर डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। यह सर्जरी दो तरह की होती है। पहली सर्जरी के दौरान बुलेकटॉमी से सर्जरी की जाती है हुए इसके दौरान एब्नॉर्मल एयर स्पेस को लंग्स से हटाया जाता है। वहीं लंग वॉल्यूम सर्जरी की मदद से फेफड़े के ऊपरी हिस्से में हुए डैमेज को ठीक किया जाता है। अत्यधिक गंभीर स्थिति में लंग ट्रांसप्लांट किया जाता है।
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जीवनशैली में बदलाव कर इस परेशानी से बचा जा सकता है।
- यदि आप स्मोकिंग करते हैं, तो इसका सेवन बंद कर दें।
- पैसिव स्मोकिंग से भी बच कर रहें।
- आहार विषेशज्ञों की सहायता से डायट प्लान रेडी करवायें और उसे फॉलो करें।
- अपने डॉक्टर से सलाह लेकर एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज उतनी की करें जितनी आवश्यकता हो।
- नियमित रूप से योगा करने से भी लाभ मिलता है।
अगर आप सीओपीडी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।