पेट में हल्का दर्द होना आम बात होती है। जब पेट में अचानक से ऐंठन होती है तो दर्द महसूस होता है। कई बार ये दर्द हल्का और फिर तेजी से होने लगता है। खानपान और अपच से होने वाली दर्द सामान्य होता है। इसके साथ ही पीरियड्स (Periods) में होने वाला दर्द भी कुछ समय बाद ठीक हो जाता है। लेकिन कई बार पेट में सामान्य दर्द (Stomach pain) नहीं होता है।
ये दर्द कई दिनों तक बना रहता है। जब बिना किसी उपचार के एक या दो दिन से ज्यादा पेट में दर्द (Stomach pain) हो तो गंभीर समस्या भी हो सकती है। पेट में होने वाले लगातार दर्द को इग्नोर न करें। पेट में दर्द का कारण कुछ भी हो सकता है। कई बार पेट के अंदर हुई गंभीर समस्या भी दर्द के रूप में बाहर आ सकती है। इस आर्टिकल के माध्यम से आप विभिन्न प्रकार के पेट दर्द के लक्षणों को जान सकते हैं।
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पेट में दर्द का कारण: फैटी मील खाने के बाद होने वाला दर्द
अगर आपने अधिक मात्रा में फैटी फूड खा लिया है तो हो सकता है कि अचानक आपके पेट में दर्द होने लगे। इस दौरान आपको पेट में मिड से अपर राइट सेक्शन की ओर में दर्द महसूस होता है। ज्यादातर महिलाओं में पित्ताशय की बीमारी का खतरा रहता है। 40 साल के बाद महिलाओं में खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिती में फैटी मील खाने के बाद खतरा बढ़ जाता है। खाने के कुछ समय बाद दर्द शुरू होता है और कुछ ही देर में दर्द बहुत बढ़ जाता है।
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पेट में दर्द का कारण: दस्त या कब्ज के दौरान होने वाला दर्द
कब्ज के दौरान पेट में तेजी से ऐंठन होने लगती है। कई बार ये दर्द असहनीय हो जाता है। पेट के निचले हिस्से में ऐंठन के साथ ही चिड़चिड़ापन हो सकता है। ये इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome [IBS]) का संकेत है। वैसे तो ये कम उम्र की महिलाओं में जल्दी हो जाता है लेकिन ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। IBS से बचने के लिए जीवन शैली में परिवर्तन करना चाहिए। लाइफस्टाइल बदलकर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
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पेट में दर्द का कारण: पेट के निचले हिस्से में तेजी से दर्द होना
पेट के निचले हिस्से में अचानक से दर्द होना, उल्टी होना, बुखार आना गुर्दे की पथरी का संकेत हो सकता है। सीटी स्कैन के द्वारा इस रोग की पहचान की जा सकती है। NAIDs से दर्द में राहत मिलती है। अल्फा ब्लॉकर्स की हेल्प से स्टोन को हटाने में मदद मिलती है।
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पेट के बायीं ओर निचले हिस्से में दर्द होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द डायवर्टकुलस का संकेत देता है। इस स्थिति में कोलन में पॉकेट बन जाती है। कोलन में गांठ बन सकती है या फिर होल भी हो सकता है। गांठ को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है। कई बार साधारण दवाओं जैसे एसिटामिनोफेन का उपयोग भी किया जा सकता है।
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पेट में दर्द का कारण: अचानक से पेट में दर्द होना
पेट के मध्य में अचानक से दर्द अगर है तो इसे पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) से जोड़ सकते हैं। जो लोग एस्पिरिन या NSAIDs की अधिक मात्रा लेते हैं उन्हें ये समस्या हो सकती है। ये एक सर्जिकल एमरजेंसी है। पेट में केविटी रिकंस्ट्रक्ट हो सकती है। इसके उपचार के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
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पेट में दर्द का कारण: उल्टी के साथ पेट में दर्द होना
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या फिर उल्टी आना कई बार दिल के दौरे का संकेत देता है। पीठ में दर्द या फिर जबड़े के दर्द के साथ ही सांस लेने में तकलीफ होना बड़ी बीमारी का संकेत है।
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यूरिन इंफेक्शन
यूरिन इंफेक्शन, जिसे मूत्र के संक्रमण कहते हैं। इस बीमारी में पेट में दर्द के साथ-साथ बुखार और पेशाब करते समय दर्द भी हो सकता है। यह आमतौर पर एक बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ये समस्या आम है।
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आपको अपने डॉक्टर को बताना चाहिए अगर आपको भी यह परेशानी है। इसके इलाज के लिए आपको एंटीबायोटिक दवाइयों के कोर्स की आवश्यकता हो सकती है।
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पेट में दर्द की वजह: पेट के निचले दाएं हिस्से में दर्द होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द एपेंडिसाइटिस का संकेत हो सकता है। दर्द पहले धीमा होता है और फिर अचानक से तेज हो जाता है। दर्द के साथ ही कब्ज की समस्या भी हो जाती है। दर्द लगातार बना रहता है या फिर कुछ घंटों के अंतराल में बना रहता है। इसमें पेट के निचले दाहिने हिस्से में तेजी से दर्द होता है। दर्द के साथ मतली, उल्टी और सूजन की शिकायत हो सकती है।
पेट के निचले हिस्से में दर्द ओवेरियन सिस्ट का लक्षण भी हो सकता है। ओवेरियन सिस्ट ओवुलेशन के दौरान खुद से बन सकती हैं। यदि ये काफी बड़ी हो जाती हैं तो ओवेरियट सिस्ट निचले पेट में जहां सिस्ट होती है वहां तेज दर्द पैदा कर सकता है। इसके कारण उस जगह पर सूजन भी हो सकती है।
पेट में दर्द का कारण: पैटर्न में पेट में दर्द होना
यदि मल त्याग से पहले हल्का या गंभीर दर्द होता है तो ये इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) का लक्षण हो सकता है। यदि आपको इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) की परेशानी है तो आप नोटिस करेंगे कि आपके पैटर्न में पेट दर्द होता है। क्योंकि यह दर्द कुछ चीजों का सेवन करने के बाद या दिन में एक निश्चित समय में होता है।
इसमें आपको पेट दर्द के साथ ब्लोटिंग, गैस बनन, बॉवेल मूवमेंट में म्यूकस और डायरिया की शिकायत हो सकती है। खानपान की आदतों, एंटीस्पासमोडिक दवाएं और नर्व पेन दवाओं के साथ इसका इलाज किया जाता है।
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एपेंडिसाइटिस
जब आपके पेट के निचले हिस्से के में दायीं और दर्द होता है (जिसे मॅकबर्नी पॉइंट कहते हैं), तो आपको एपेंडिसाइटिस हो सकता है, जो आपके एपेंडिस की सूजन है। आपका एपेंडिस टिश्यू की एक छोटी थैली होती है जो आपकी बड़ी आंत से निकलती है।
आपके शरीर में एपेंडिस का कार्य अभी भी अनजान है। एपेंडिसाइटिस तब होता है जब आपका एपेंडिस मल या किसी बाहरी पदार्थ द्वारा रुक जाता है। अगर इसका उपचार नहीं किया गया, तो आपका एपेंडिस फट सकता है और आपके शरीर में इंफेक्शन फैल सकता है।
ज्यादा पेट दर्द के अलावा कुछ अन्य लक्षण और संकेत, जैसे तेज बुखार, भूख में कमी, मतली और उल्टी भी शामिल हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो जल्द ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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पेट में दर्द की वजह: पसलियों के बीच ऊपरी पेट में दर्द होना
हाइपरएसिडिटी (Hyperacidity) के कारण पसलियों के नीचे और पेट के ऊपरी भाग में दर्द ह्दय विकार का संकेत दे सकता है। अगर दर्द बना रहता है तो सांस लेने में तकलीफ होती है। यदि किसी को मधुमेह या उच्चरक्तचाप की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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अपच और गैस (Indigestion and Gas) के कारण ऊपरी पेट या निचले आंत में तेज दर्द
आमतौर पर खाना खाने के बाद अपच और गैस के दर्द का अनुभव होता है। जो लोग बहुत जल्दी खाना खाते हैं या शराब और वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं उन्हें इसकी तकलीफ होती है। गैस आपके पाचन तंत्र में फंसी हवा है, जो शरीर द्वारा खाने को पचाने का परिणा है।
कभी-कभी गैस और अपच आपके ऊपरी पेट या निचले आंत में तेज दर्द पैदा कर सकते हैं। मल त्याग के बाद यह दर्द खुद कम हो जाता है। अपच और गैस के दर्द को ओवर-द-काउंटर एंटासिड के साथ इलाज किया जा सकता है।
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क्रोहन डिजीज
क्रोहन डिजीज से आपके पाचन तंत्र की परत में सूजन आना, जिससे पेट दर्द, गंभीर दस्त, थकान, वजन कम होना और कुपोषण हो सकता है। ये बीमारी दर्दनाक और व्यक्ति का वजन घटने वाली साबित हो सकती है और कभी-कभी इसमें मरने का खतरा भी हो सकता है।
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पेट में दर्द का कारण: गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis) के कारण डायरिया, उल्टी के साथ तेज पेट में दर्द
गैस्ट्रोएंटेराइटिस फ्लू वायरस के कारण होता है। यह पेट में इंफेक्शन होता है जिससे तेज पेट में दर्द, डायरिया और उल्टी की शिकायत होती है। वैसे तो ये अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अगर आपको पेट दर्द के साथ बुखार की शिकायत है या उल्टी या स्टूल में ब्लड आ रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
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गैस्ट्रोइसोफेजिअल रिफ्लक्स डिजीज
गैस्ट्रोइसोफेजिअल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब आपके पेट से भोजन वापस मुंह द्वारा ज्यादा दबाव के साथ बहार आता है। पाचन के दौरान आपके के भोजन को खाने के बाद पेट के एसिड मिक्स हो जाता है।
जब यह फूडपाइप में वापस आता है, तो यह जलन का कारण बनता है। इस दर्द को हार्टबर्न (Heartburn) कहा जाता है। आप मसालेदार भोजन, ज्यादा भोजन और ज्यादा वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचकर अपने जीईआरडी को निंयत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस
लैक्टोज इनटॉलेरेंस एक आम पाचन समस्या है जिसमें शरीर लैक्टोज पचाने में असमर्थ होता है। ये लैक्टोज एक प्रकार की चीनी जो मुख्य रूप से दूध और डेयरी उत्पादों में पाई जाती है। इसके लक्षणों में पेट फूलना, दस्त, फूला हुआ पेट और पेट में ऐंठन भी शामिल हैं।
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गॉलस्टोन्स और किडनी स्टोन्स
गॉलस्टोन्स और किडनी स्टोन्स दोनों के कारण पेट दर्द हो सकता है। गॉलस्टोन्स आपके पित्ताशय में बनती है जबकि किडनी स्टोन्स आपके गुर्दे में बनने वाले कठोर कैल्सीफाइड स्टोन्स होते हैं। वे दोनों ज्यादा दर्द का कारण बन सकते हैं। आपका डॉक्टर इन स्टोन्स को तोड़ने के लिए दवा लिख सकता है या शरीर से पथरी निकाल सकते हैं।
अगली बार जब आपको पेट में दर्द होता है, तो आपको जांच करानी चाहिए कि क्या आपको इनमें से कोई समस्या तोह नहीं है। अपने डॉक्टर को जल्द ही मिलें। किसी भी समस्या का जल्दी पता लगाने से आपको अपने पेट दर्द के उपचार के लिए उचित समय मिलता है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इस लेख को पढ़ने के बाद आप इतना समझ गए होंगे की पेट में दर्द को कभी इग्नोर नहीं करना चाहिए। यह किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। पेट में दर्द का कारण जानने के लिए अपने चिकित्सक से जरूर कंसल्ट करें।
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