के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
ट्राइजेमिनल न्यूरैल्जिया की बीमारी चेहरे में पाई जाने वाली ट्राइजेमिनल नर्व में होती है। ये चेहरे की मुख्य नसों में से एक है। ये बीमारी बहुत ही घातक है और तीन जुड़ी तीन नर्व्स को प्रभावित करती है। इस बीमारी में चेहरे पर भयानक चुभन का अहसास होता है। इस बीमारी का पता लगाना आसान नहीं होता है, क्योंकि कभी-कभी इसके लक्षण कुछ हफ्तों या महीनों तक रहते हैं और फिर गायब हो जाते हैं।
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ये बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। ट्राइजेमिनल न्यूरैल्जिया 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को प्रभावित करती है और इस बीमारी के ज्यादातर मामले महिलाओ में पाए गए हैं।
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ट्राइजेमिनल न्यूरेल्जिया के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं :
उपरोक्त लक्षण के अलावा भी ट्राइजेमिनल न्यूरेल्जिया के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं। उपरोक्त लक्षण का अनुभव होते ही तत्काल अपने डॉक्टर से सलाह लें। चेहरे पर दर्द होने पर अगर पेनकिलर लेने के बाद भी दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर से जरूर मिलें। हर किसी का शरीर अलग स्थिति में अलग प्रतिक्रिया देता है, इसलिए अपने शरीर के हिसाब से इलाज के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
ट्राइजेमिनल न्यूरैल्जिया बीमारी, किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। यदि आपको भी ट्राइजेमिनल न्यूरैल्जिया बीमारी जैसे लक्षण या संकेत नजर आते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। यदि ट्राइजेमिनल न्यूरैल्जिया बीमारी का उचित समय पर इलाज नहीं कराएंगे तो गंभीर समस्या खड़ी कर सकती है।
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चेहरे पर दर्द होने पर अगर पेनकिलर लेने के बाद भी दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से जरूर मिलें। हर किसी का शरीर अलग स्थिति में अलग प्रतिक्रिया देता है इसलिए अपने शरीर के हिसाब से इलाज के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
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इसका कारण सही तौर पर बताया नहीं जा सकता। अक्सर ये बीमारी नर्व ट्रामा ( Facial Nerve Trauma ), हर्पीस संक्रमण के बाद दिखती है। हालांकि, ज्यादातर डॉक्टर्स इस बात पर एकमत हैं कि यह ट्राइजेमिनल नर्व में गड़बड़ी की वजह से होती है, इस पर अत्यधिक दबाव ही दर्द का कारण बनता है। कई मामलों में इसका संबंध व्यक्ति की उम्र से भी होता है, तो कई बार मल्टिपल स्क्लेरॉसिस बीमारी की वजह से भी ऐसा हो सकता है।
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
लक्षण , मेडिकल हिस्ट्री और फिजिकल एग्जामिनेशन की मदद से जांच की जा सकती है। लक्षण किसी और बीमारी के नहीं है ये पक्का करने के लिए कंप्यूटेड टोमोग्राफी ( CT SCAN ) या (MRI ) मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेज टेस्ट भी करवाए जा सकते हैं।
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इलाज लक्षणों पर निर्भर करता है। जिन आदतों से दर्द बढ़ रहा हो उनसे बचे। दर्द होने पर पेनकिलर लें। ट्यूमर, दबी हुई नसों या फिर ऐसी किसी भी परेशानी के लिए सर्जरी करवाई जा सकती है। सर्जरी बहुत से प्रकार की हो सकती है जैसे रेडियो सर्जरी, इलेक्ट्रिकल स्टिम्युलेशन या फिर ओपन सर्जरी जिससे नसों के दबाव को कम किया जा सके।
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जीवनशैली में इन बदलावों से आप बीमारी पर नियंत्रण पा सकते हैं :
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ट्राइजेमिनल न्यूरैल्जिया के साथ जीवन कैसे बिता सकते हैं?
ट्राइजेमिनल न्यूरैल्जिया का पूरा इलाज करने से इससे राहत मिल जाती है। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप में इस बीमारी के लक्षण सामने आते ही आपको अपना इलाज कराना चाहिए। इसके अलावा इलाज के साथ और इलाज के बाद के लिए अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। इससे डॉक्टर आपको खान-पान से लेकर रहन सहन तक सब कुछ बताएंगे। साथ ही आपको एक्यूपंक्चर, न्यूट्रीशनल थेरेपी और मेडिटेशन जैसी चीजें भी कराएं। इसके साथ ही आप डॉक्टर से बैकल्पिक उपचारों के बारे में भी पूछ सकते हैं। ऐसा करने से आपको ट्राइजेमिनल न्यूरैल्जिया के साथ अपना इलाज करने में आसानी होगी।
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