अल्सरेटिव कोलाइटिस (यूसी) एक बीमारी है जो डाइजेस्टिव सिस्टम की लार्ज इंटेस्टाइन को प्रभावित करती है। इसमें आतों में इर्रिटेशन (जलन) होता है जो कि डाइजेस्टिव सिस्टम की लाइनिंग में अल्सर का रूप ले लेता है। कभी -कभी अल्सर में पस पड़ जाता है और इससे खून आने लगता है है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) कितना सामान्य है?
यूसी पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। यह जेनिटिक हो सकता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस 15 से 35 वर्ष की उम्र के लोगों में ज्यादा होता है। अधिकांश लोगों में यह बीमारी लाइफटाइम रहती है। कुछ लोगों में यह बीमारी काफी फ्रिक्वेंट और गंभीर होती है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) के लक्षण क्या हैं?
इसका सबसे आम लक्षण पेट में दर्द, लूजमोशन, स्टूल में ब्लड आना है। टॉयलेट जाने के बाद पेट के बाएं हिस्से में दर्द से राहत मिल सकती है। जैसे-जैसे यूसी बढ़ता है लूजमोशन बढ़ जाते हैं जो कि पूरा दिन रहते हैं। यह टेम्पररी
तौर पर ठीक होता है और फिर वापस आ जाता है। अन्य लक्षणों में थकान, वजन कम होना, एनोरेक्सिया और बुखार शामिल है। आंखों की समस्या भी हो सकती है। गंभीर स्थिति में ज्यादा ब्लीडिंग, आंतों में छेद, जोड़ों में दर्द सहित, घुटनों, टखनों और कलाई का दर्द हो सकता हैं। आंखों की समस्याएँ भी हो सकती हैं।
ऊपर बताए गए लक्षणों के अतिरिक्त अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। अगर आपको अपने में इनमें से कोई लक्षण नजर आता है तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए :
- बुखार (Fever) और ठंड लगना, स्टूल में ब्लड आना
- पेट की गड़बड़ी, दर्द या उल्टी।
- यदि आपको इनमें से कोई लक्षण नजर आता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा होता है जिससे यह पता चलता है इस स्थिति में आपके लिए सबसे अच्छा क्या है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस के क्या कारण है? (Cause of Ulcerative Colitis)
- इसका कारण स्पष्ट नहीं है। पहले लोगों को लगता था कि यह शायद गलत खाने या स्ट्रेस (Stress) के कारण ऐसा होता है पर अभी डॉक्टरों का कहना है कि यह कारण इसे बढ़ा तो सकते हैं पर यह अल्सरेटिव कोलाइटिस का कारण नहीं है।
- इम्यूनिटी कमजोर होने पर इम्यून सिस्टम (Immune system) के सेल खुद ही डाइजेस्टिव सिस्टम पर हमला करते हैं।
- अल्सरेटिव कोलाइटिस जेनटिक भी होता है क्योंकि यह बीमारी उन लोगों में ज्यादा होती है, जिनके परिवार में पहले किसी को हो चुकी हो।
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इन चीजों से बढ़ सकता है अल्सरेटिव कोलाइटिस का खतरा? (Risk factor of Ulcerative Colitis)
इस बीमारी के कई रिस्क फैक्टर हैं जैसे:
एज (Age):
अल्सरेटिव कोलाइटिस आमतौर पर 30 साल की उम्र से पहले शुरू होता है। हालांकि, यह किसी भी उम्र में हो सकता है, और कुछ लोगों को 60 साल की उम्र तक इस बीमारी का कोई लक्षण नजर नहीं आता।
स्किन कलर (Skin color):
गोरे रंग के लोगों में संक्रमण (Infection) का सबसे अधिक खतरा होता है, लेकिन यह बीमारी किसी भी स्किन कलर वाले को हो सकती है।
फैमिली हिस्ट्री (Family history):
अगर आपके घर में किसी को यह बीमारी है तो इसका खतरा आपके लिए और बढ़ जाता है। जैसे कि माता-पिता, कोई रिश्तेदार या आपके भाई -बहन में यह बीमारी होना।
आइसोट्रेटिनियोन का उपयोग करना:
आइसोट्रेटिनियोन एक दवा है जो कभी-कभी पिम्पल के निशान या पिम्पल का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि यह यूसी का एक रिस्क फैक्टर है लेकिन, अल्सरेटिव कोलाइटिस और आइसोट्रेटिनियोन के बीच कोई क्लियर कनेक्शन नहीं नजर आता है।
प्रदान की गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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कैसे लगाएं अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) का पता ?
डॉक्टर फेमिली हिस्ट्री और फुल बॉडी चेकअप (Body checkup) करके बीमारी को डायग्नोस करेंगे। ब्लीडिंग और इंफेक्शन के टेस्ट के लिए डॉक्टर ब्लड सैंपल (Blood sample) और स्टूल का सैंपल लेते हैं। यूसी का पता एंडोस्कोपी द्वारा भी लगाया जा सकता है। फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी के द्वारा डॉक्टर आपके कोलोन की जांच करता है।
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कैसे करें अल्सरेटिव कोलाइटिस का उपचार? (Treatment for Ulcerative Colitis)
- उपचार का मुख्य उद्देश्य सूजन (Swelling) को रोकना और कॉम्प्लिकेशन को कम करना होता है।
- अल्सरेटिव कोलाइटिस के इलाज के लिए मुख्य रूप से इंफ्लमेटरी ड्रग्स (Drugs) का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमे मेसलामाइन, सल्फसेलजीन (Sulfasalazine), ऑल्सालजीन और स्टेरॉइड शामिल है। मेसलामाइन का उपयोग बीमारी को बढ़ाने वाले लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। ज्यादा गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। जिससे पेट को आराम देने के लिए इंटरवेनस का उपयोग किया जा सके।
- जब दवाएं काम नहीं करती हैं या बीमारी गंभीर हो जाती है तब लगभग 25% रोगियों को सर्जरी की आवश्यकता होती है। सर्जरी में कोलोन के हिस्से को निकाल दिया जाता है।
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अल्सरेटिव कोलाइटिस: जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार (Lifestyle and Home remedies Ulcerative Colitis)
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको इस बीमारी से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- चिकित्सक द्वारा द्वारा बताई गई दवाओं का उपयोग करें
- डॉक्टर से पूछें कि क्या आप विटामिन (Vitamin), मिनरल सप्लिमेंट (Mineral supplements) या आयरन (Iron) की गोलियां इस्तेमाल कर सकते हैं।
- फिजिकल एक्टिविटी को मेंटेन करने की कोशिश करें।
- डॉक्टर से रेगुलर चेकअप करवाते रहें।
- चिकित्सक को नियमित रूप से दिखाएं। बीमारी की समय-समय पर निगरानी के लिए कोलोनोस्कोपी महत्वपूर्ण है।
- इस बीमारी से बचने के लिए डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध (Milk), दही (Curd), पनीर आदि का सेवन करने से परहेज करें। डेयरी प्रोडक्ट की वजह से गैस (Acidity) की समस्या हो सकती है। इसलिए इनका सेवन न करें।
- अपने लंच और डिनर को सिर्फ दिन और रात में खाने के बजाये थोड़ा-थोड़ा कुछ-कुछ घंटों में खाते रहें। एक साथ न खाएं।
- अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। सामान्य दिनों में भी दो से तीन लीटर पानी पीना चाहिए।
- तनाव कई बीमारियों का कारण होता है इसलिए कोशिश करें तनाव से दूर रहें।
- नियमित रूप से पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन करें।
अगर आप अल्सरेटिव कोलाइटिस से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
अगर आप अल्सरेटिव कोलाइटिस से जुड़ी किसी तरह की कोई जानकारी पाना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब देंगे। हालांकि अगर आप अल्सरेटिव कोलाइटिस की समस्या से परेशान हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करें। क्योंकि डॉक्टर अल्सरेटिव कोलाइटिस, अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण एवं बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज शुरू करते हैं।
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