लेटेक्स के इस्तेमाल से बहुत सी चीजें बनाई जाती हैं इससे बने पदार्थों की लिस्ट बहुत लंबी है। लेटेक्स से बने कुछ सामान में शामिल है-
- गलव्स, इंट्रावेनस ट्यूब (Intravenous tubes), कैथेटर्स (Catheters) और ब्लड प्रेशर कफ (Blood pressure cuffs)
- दांतों के उपचार के उपकरण जिसमें ऑर्थोडॉन्टिक रबर बैंड (Orthodontic rubber bands) और डेंटल डैम शामिल हैं।
- कॉन्ट्रासेप्टिव (Contraceptive) प्रोडक्ट्स जैसे कॉन्डम (Condoms) और डायफ्राम्स।
- कपड़े जिसमें एलास्टिक बैंड (Elastic bands) जैसे पैंट या अंडरवियर, रनिंग शूज और रेनकोट शामिल है।
- कुछ घर के सामान जैसे जिपर्ड स्टोरेज बैग (Zippered storage bags), बाथमैट्स (Bathmats), कुछ रग्स और रबर गलव्स।
- छोटे बच्चों के कुछ सामान जैसे प्लास्टिक की चुसनी (Pacifiers), बोतल का निप्पल (Bottle nipples), डिस्पोजेबल डायपर्स व अन्य खिलौने
- कुछ स्टेशनरी जैसे रबर बैंड, इरेजर, अधेसिव टेप (Adhesive tape), रबर सीमेंट और पेंट
- एलास्टिक बैंडेज (Elastic bandages)
- रबर बलून (Rubber balloons)
लेटेक्स एलर्जी के कारण (Latex allergy causes)
लेटेक्स एलर्जी में आपका इम्यून सिस्टम (Immune system) लेटेक्स को हानिकारक तत्व समझता है और इससे लड़ने के लिए कुछ एंटीबॉडी बनाता है। अगली बार जब आप लेटेक्स के संपर्क में आते हैं तो यह एंटीबॉडीज (antibodies) इम्यून सिस्टम को हिस्टामाइन और दूसरे केमिकल रक्तप्रवाह (bloodstream) में रिलीज करने के लिए कहता है जिससे परिणामस्वरूप एलर्जी के कई लक्षण और संकेत दिखने लगते हैं। आप जितनी बार लेटेक्स के संपर्क में आते हैं, आपका इम्यून सिस्टम उतनी ही मजबूत प्रतिक्रिया देता है, इसे संवेदीकरण (Sensitization) कहते हैं।
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लेटेक्स एलर्जी कैसे होती है? (Latex allergy)
लेटेक्स एलर्जी (Latex allergy) सिर्फ लेटेक्स नामक प्रोटीन के संपर्क में आने से ही नहीं होती, बल्कि हवा में मौजूद इस प्रोटीन के सांसों के जरिए अंदर जाने से भी होती है। लेटेक्स एलर्जी (Latex allergy) इन तरीकों से हो सकती है
सीधे संपर्क से (Direct contact)- लेटेक्स एलर्जी आमतौर पर लेटेक्स युक्त चीजों को छूने से होती है जिसमें लेटेक्स गलव्स, कॉन्डम बलून आदि शामिल है।
सांस के जरिए (Inhalation)- लेटेक्स उत्पाद खासतौर पर गलव्स से लेटेक्स पार्टिकल्स निकलते हैं जो हवा में घुल जाते हैं और जब आप सांस लेते हैं तो आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
लेटेक्स के इस्तेमाल से दूसरे स्किन रिएक्शन्स होना भी संभव है। जिसमें शामिल है-
एलर्जिक कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस (Allergic contact dermatitis)- यह प्रतिक्रिया मैन्यूफैक्चरिंग के दौरान इस्तेमाल होने वाले केमिकल की वजह से होती है। इसका मुख्य लक्षण है त्वचा पर फोड़े के साथ रैश होना। ऐसे लेटेक्स के संपर्क में आने के 24 से 48 घंटों के अंदर होता है।
इरिटैंट कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस (Irritant contact dermatitis)- यह कोई एलर्जी नहीं है, यह स्किन इरिटेशन (Skin irritation) रबर गलव्स पहनने पर उसमें मौजूद पाउडर की वजहसे होती है। इसके लक्षणों में शामिल है- रुखी त्वचा, खुजली व जलन आमतौर पर हाथ में।
सभी लेटेक्स उत्पाद नेचुरल तरीके से नहीं बने होते हैं। जिन उत्पादों में सिंथेटिक लेटेक्स का इस्तेमाल होता है जैसे लेटेक्स पेंट, उनसे रिएक्शन (Reaction) का खतरा अधिक होता है।
लेटेक्स एलर्जी के जोखिम कारक (Latex allergy risk factors)
लेटेक्स एलर्जी का खतरा कुछ लोगों में अधिक होता है जैसे-