के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
गेबापेनटिन एक एंटी-एपिलेप्टिक यानी मिर्गी को दूर करने वाली दवा है, जिसे एंटीकंवलसेंट भी कहा जाता है। यह शरीर के केमिकल और नसों को प्रभावित करती है, जो दौरे (सीजर्स) या दर्द का कारण बन सकते हैं। गेबापेनटिन के सभी ब्रांड दाद का उपयोग वायरस या दाद के कारण होने वाले न्यूरोपैथिक दर्द (तंत्रिका दर्द) के लिए किया जाता है।
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सीजर्स (Seizures) गेबापेनटिन का प्रयोग हल्की सीजर्स के उपचार के लिए किया जाता है। जिन लोगों को मिर्गी की समस्या है, उन्हें अन्य सीजर दवाइयों के साथ इस दवाई को दिया जाता है।
शिंगल्स के द्वारा नसों में हुए नुकसान के कारण यह दर्द होता है, जिसे पोस्ट हेरपटिक न्यूरेल्जिया कहा जाता है। यह एक दर्दनाक खरोंच है, जो वयस्कों को प्रभावित करती है। गेबापेनटिन को अन्य दवाइयों के साथ लिया जा सकता है।
गेबापेनटिन को 68°F और 77°F (20°C and 25°C) के तामपान में स्टोर करना चाहिए। इसके साथ ही इस दवाई को सीलन और नमी वाली जगहों से दूर रखें। बच्चों और जानवरों की पहुंच से भी इस दवाई को दूर रखें।
तरल दवाइओं को रेफ्रिजरेटर में स्टोर पर के रखें और फ्रीज न करें।
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गर्भावस्था में सीजर (Seizure) में नियंत्रण होना बहुत आवश्यक है। इसका होना मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक है। सीजर के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के गेबापेनटिन को लेना शुरू या बंद न करें। अगर आप गर्भवती हैं तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
गेबापेनटिन का सेवन अगर आप करती हैं तो यह दवाई आपके ब्रेस्ट मिल्क से पास होती है। इसलिए स्तनपान कराने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
गेबापेनटिन को अन्य दवाइयों के साथ लेने से आपको अधिक नींद आने वाली समस्या हो सकती है। स्लीपिंग पिल्स, नारकोटिक दवाइयां, तनाव दूर करने की दवाइओं आदि को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। गेबापेनटिन के साथ अन्य दवाईयां लेने से कई समस्याएं हो सकती हैं।
इसके साथ ही खांसी दूर करने वाली दवाइयां जैसे कौडीन, हाइड्रोकोडॉन के साथ इसके न लें।
भांग या शराब आदि के साथ भी इस दवाई का सेवन न करें।
गेबापेनटिन कई चेतावनियों के साथ आती है। इन स्थितियों में आपको ध्यान रखना चाहिए:
गेबापेनटिन के फायदे आपके सोचने-समझने की क्षमता को कम कर सकती है। इसके साथ ही इसे लेने से अनिद्रा और चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अगर आपको ऐसी समस्याएं हो रही हों तो सावधान रहे।
इस दवाई को लेने से तनाव हो सकता है या आपके दिमाग में खुदकुशी संबंधी ख्याल आ सकते हैं। इसलिए अगर ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
यह दवाई मल्टीऑर्गन हाइपरसेंसिटिविटी का कारण भी बन सकता है, जिससे रोगी की जान के लिए भी खतरा हो सकता है।
गेबापेनटिन से एलर्जी हो सकती है जिसके लक्षण इस प्रकार हैं
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1. वयस्कों के लिए डोज (उम्र 18-64 साल)
18 साल से कम कम उम्र के बच्चों को कितनी डोज देनी है इसकी सही जानकारी नहीं है।
इस उम्र में किडनी काम करना थोड़ा कम कर देती है। आपके डॉक्टर आपको कम डोज लेने की सलाह दे सकते हैं, क्योंकि अधिक डोज आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
आमतौर पर शुरुआती डोज : रोजाना 900 mg (300 mg तीन बार), आपके डॉक्टर इसकी डोज हर रोज 2,400–3,600 mg तक बढ़ा सकते हैं।
आमतौर पर शुरुआती डोज : रोजाना 300 mg(तीन बार), आपके डॉक्टर इसकी डोज हर रोज 2,400–3,600 mg तक बढ़ा सकते हैं।
आमतौर पर शुरुआती डोज : रोजाना 10-15 mg (तीन बार), आपके डॉक्टर इसकी डोज हर रोज बच्चे की जरूरत के अनुसार तक बढ़ा सकते हैं।
अधिकतर डोज :50 mg/kg/day
तीन साल से छोटे बच्चे के लिए इस दवाई की डोज के बारे में जानकारी नहीं है।
इस उम्र में किडनी कमजोर हो जाती है। इसलिए आपके डॉक्टर आपके लिए इस दवाई की कम डोज के साथ शुरुआत कर सकते हैं, क्योंकि अधिक डोज आपके लिए हानिकारक हो सकती है। आपकी किडनी किस तरह से काम कर रही है, जिसके अनुसार डॉक्टर आपकी डोज बदल भी सकते हैं।
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अगर आप बारह साल से बड़े हैं और किडनी संबंधित समस्या है या हेमोडायलिसिस पर हैं। तो ऐसे में आपकी गेबापेनटिन की डोज बदलने की जरूरत है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी किडनी कितनी अच्छे से काम करती है।
अगर किसी ने गेबापेनटिन की ओवरडोज ले ली है और उन्हें किसी गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं, जैसे सांस लेने में समस्या तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। आपातकालीन स्थिति में इसके गंभीर लक्षण इस प्रकार हैं कमजोरी, अनिद्रा, बातचीत करने में समस्या आदि।
अगर आपने कोई डोज मिस कर दी है, तो इसे याद आने पर इसे तुरंत ले लें। लेकिन, आपकी अगली डोज का समय हो रहा हो, तो दुगनी डोज न लें। दोगनी डोज लेना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
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