डायबिटीज (Diabetes) की समस्या कभी अकेले नहीं आती, यह अपने साथ लाती है अलग-अलग तरह की कॉम्प्लिकेशन को। यह जटिलताएं व्यक्ति को लंबे समय तक बीमार बना सकती हैं। जब बात हो रही हो डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं की, तो इन जटिलताओं में से एक है निमोनिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) की समस्या एक दूसरे से जुड़ी हुई है। डायबिटीज और निमोनिया दोनों ही समस्याएं व्यक्ति के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं, लेकिन किस तरह डायबिटीज की समस्या में निमोनिया (Pneumonia) आपके शरीर में घर कर सकता है, इसके बारे में जानना जरूरी है। लेकिन इससे पहले आपको जानकारी देते हैं निमोनिया के बारे में।
क्या है निमोनिया (Pneumonia) की समस्या?
डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) के बीच संबंध को जानने से पहले आपके लिए जानना जरूरी है कि निमोनिया की समस्या कैसे होती है। निमोनिया एक तरह का इंफेक्शन माना जाता है, जो फेफड़ों के बाएं या दाएं दोनों भागों में हो सकता है। कभी-कभी यह फेफड़े के पूरे भाग को भी प्रभावित कर सकता है। कई ऐसे जीवाणु हैं, जो निमोनिया के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। निमोनिया (Pneumonia) की समस्या में फेफड़े आसानी से ब्लड से ऑक्सीजन नहीं ले पाते और ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से शरीर के कार्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से आप को जान का खतरा भी हो सकता है। लेकिन जब बात हो रही हो डायबिटीज और निमोनिया की, तो डायबिटीज ((Diabetes) के चलते भी निमोनिया का रिस्क बढ़ सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी लेने से पहले आइए जानते हैं निमोनिया के कुछ प्रकारों के बारे में।
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ये हैं निमोनिया के कुछ प्रकार (Types of pneumonia)
निमोनिया की समस्या कई तरह के जीवाणुओं की वजह से हो सकती है। इन जीवाणुओं में कुछ जीवाणु आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं, वहीं कुछ का इलाज आसानी से किया जा सकता है। निमोनिया (Pneumonia) के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले जीवाणुओं में इनका समावेश होता है –
- वायरल निमोनिया
- बैक्टीरियल निमोनिया
- माइकोप्लाज्मा निमोनिया
- एस्पिरेशन निमोनिया
- फंगल निमोनिया
निमोनिया आमतौर पर बेहद सामान्य समस्या मानी जाती है। यह किसी भी एज ग्रुप के व्यक्ति को परेशान कर सकती है। खास तौर पर बच्चे, अस्थमा और सीओपीडी से ग्रसित लोगों में निमोनिया होने का रिस्क ज्यादा होता है। लेकिन हाल ही में पता चला है कि डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। डायबिटीज और निमोनिया (Pneumonia) दोनों के बीच क्या संबंध है, ये जानने से पहले जानते हैं निमोनिया के लक्षणों के बारे में।
ये हो सकते हैं निमोनिया के लक्षण (Symptoms of Pneumonia)
निमोनिया की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, इसलिए इसके लक्षणों को ध्यान में रखकर आपको जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना चाहिए। यदि समय पर इसका इलाज ना हो, तो यह आपकी जान पर जोखिम खड़ा कर सकता है। निमोनिया (Pneumonia) के लक्षणों में ये लक्षण दिखाई देते हैं –
- खांसी
- बुखार
- ठंड लगना
- सांस लेने में दिक्कत
- खांसते वक्त सीने में दर्द
- सिर दर्द
- थकान
इसके अलावा भी अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। यह लक्षण आम दवाइयों से यदि ठीक ना हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। लंबे समय तक इन लक्षणों से ग्रसित रहने पर आप को निमोनिया होने की संभावना हो जाती है। खास तौर पर डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यदि आप डायबिटीज (Diabetes) की समस्या से ग्रसित हैं, तो आपको इन लक्षणों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। आइए अब जानते हैं निमोनिया (Pneumonia) के रिस्क फैक्टर के बारे में।
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ये हैं निमोनिया के रिस्क फ़ैक्टर्स (Pneumonia risk factors)
निमोनिया की समस्या कई रिस्क फैक्टर की वजह से हो सकती है, जिसमें डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। डायबिटीज के कारण निमोनिया (Pneumonia) के ये रिस्क फ़ैक्टर्स माने जाते हैं –
- स्मोकिंग
- रेस्पिरेट्री इंफेक्शन
- फेफड़ों की समस्या
- अस्थमा
- कमजोर इम्यूनिटी
- एचआईवी या कैंसर
- हार्ट प्रॉब्लम
- डायबिटीज
जैसा कि आपने जाना ये सभी रिस्क फैक्टर निमोनिया का खतरा पैदा कर सकते हैं, साथ ही यदि आप डायबिटीज (Diabetes) के शिकार हैं, तो आप में निमोनिया (Pneumonia) होने का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) एक दूसरे से किस तरह जुड़े हुए हैं, आइए अब जानते हैं इससे जुड़ी जानकारी।
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डायबिटीज और निमोनिया : क्या है दोनों के बीच संबंध?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिसर्च के मुताबिक टाइप टू डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) का सीधा ताल्लुक माना गया है। टाइप टू डायबिटीज (Diabetes) की वजह से व्यक्ति में निमोनिया का रिस्क बढ़ सकता है। डायबिटीज और निमोनिया की स्थिति में व्यक्ति की मौत के चांसेस भी बढ़ जाते हैं। एक पॉपुलेशन बेस्ड स्टडी के मुताबिक 1997 से 2004 के बीच निमोनिया से ग्रसित जो लोग हॉस्पिटलाइज हुए, उन लोगों मे डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों में निमोनिया के लक्षण खास तौर पर दिखाई दिए। डायबिटीज और निमोनिया से ग्रसित लोगों में मोर्टलिटी रेट, आम निमोनिया (Pneumonia) के पेशेंट से ज्यादा दिखाई दिया। हालांकि निमोनिया से मरने वालों में मुख्य फैक्टर डायबिटीज को नहीं माना जा सकता, लेकिन डायबिटीज और निमोनिया के बीच संबंध खास तौर पर देखा गया।
स्टडी के मुताबिक यह साबित हुआ कि टाइप टू डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) से ग्रसित लोगों मौत के चांसेस बढ़े हुए थे। ऐसी स्थिति में यदि व्यक्ति डायबिटीज और निमोनिया दोनों से ग्रसित है, तो उसे खासतौर पर देखभाल की जरूरत पड़ती है। डायबिटीज और निमोनिया के बीच संबंध खास तौर पर देखा गया है, लेकिन यदि आप डायबिटिक हैं, तो निमोनिया (Pneumonia) से आपका किस तरह से बचाव हो सकता है, इसके बारे में जानना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं डायबिटीज और निमोनिया से जुड़े कुछ खास फ़ैक्ट्स।
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ये हैं डायबिटीज और निमोनिया से जुड़े फैक्ट्स (Diabetes and pneumonia facts)
डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) के बीच संबंध देखा गया, इसलिए यदि आप डायबिटीज से ग्रसित हैं और आपकी इम्यूनिटी कम होने की वजह से आप में इंफेक्शन का खतरा ज़्यादा है, तो आपको निमोनिया (Pneumonia) से जुड़ी यह बातें जरूर जानी चाहिए।
डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) के बीच तालुक होने की वजह से ये माना जाता है कि यदि आप डायबिटीज (Diabetes) से ग्रसित हैं, तो आपको हर साल आपको फ्लू शॉट लेने चाहिए। इस बीमारी के होने का मुख्य कारण फ़्लू माना जाता है। लेकिन आपकी शारीरिक स्थिति को समझते हुए डॉक्टर डायबिटीज के साथ फ़्लू शॉट लेने की सलाह आप को दे सकते हैं, इसलिए किसी भी तरह का टीका आपको डॉक्टर की सलाह के बगैर नहीं लेना चाहिए।
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निमोनिया की समस्या अलग-अलग वजहों से हो सकती है। निमोनिया (Pneumonia) बैक्टीरियल, वायरल या फंगल भी हो सकता है। इसलिए अपनी मर्जी से इसका इलाज करना सही नहीं माना जाता। डॉक्टर आपकी जांच करके पहले पता लगाते हैं कि आपको किस तरह का निमोनिया हुआ है। ऐसी स्थिति के बाद आपका सही इलाज किया जाता है। इसलिए डॉक्टर से सलाह करके ही आपको निमोनिया का इलाज करवाना चाहिए।
डायबिटीज और निमोनिया की समस्या में आपको अपने आहार का खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। जैसा कि आप सभी जानते हैं डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में आपका ब्लड शुगर लेवल आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है, इसलिए डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) की स्थिति में आपको पूरे आराम के साथ पौष्टिक आहार लेना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बाद आप अपनी खास डायट का चुनाव कर सकते हैं।
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डायबिटीज और निमोनिया (Pneumonia) एक साथ होने पर आपकी स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए सही समय पर दवा लेकर डॉक्टर से संपर्क में बने रहना आपके लिए जरूरी माना जाता है। डायबिटीज और निमोनिया (Diabetes and pneumonia) दोनों ही गंभीर बीमारियां मानी जाती है। ऐसी स्थिति में आपको लक्षणों को ध्यान में रखते हुए अपनी सेहत के प्रति सजग बने रहना चाहिए। डायबिटीज और निमोनिया की समस्या से निपटने के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेकर सही इलाज की जरूरत पड़ती है।
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