डायबिटीज और क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic kidney disease) दोनों ही अपने आप में गंभीर समस्याएं मानी जाती है, जो लोग हमेशा डायलिसिस करवाते हैं, उन्हें डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा होता है। यही वजह है कि आपको अपनी लाइफस्टाइल के साथ-साथ डायट का भी खास ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है। आज हम बात करने जा रहे हैं डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) की। डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) क्यों जरूरी है और इससे डायबिटीज के साथ-साथ क्रॉनिक किडनी डिजीज में आपको कैसे फायदा हो सकता है, आइए जानते हैं। लेकिन उससे पहले जान लेते हैं डायबिटीज से जुड़ी ये खास बातें।
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डायबिटीज (Diabetes) की समस्या ऐसे करती है घर!
डायबिटीज (Diabetes) की दिक्कत तब होती है, जब आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जब भी आप भोजन करते हैं, तो शरीर उसे शुगर में तोड़ देता है और शरीर की कोशिकाएं ऊर्जा के लिए इसका उपयोग करती हैं। इस उपयोग के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करने की जरूरत पड़ती है। जब आप मधुमेह के शिकार होते हैं, तो पैंक्रियाज या तो बेहद कम मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा करती है, या इंसुलिन पैदा करना बंद कर देती है। क्योंकि शरीर इसका प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाता, इसलिए व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाता है। लेकिन डायबटीज की आहट उसके लक्षणों से पहचानी जा सकती है। इसका इसके लिए आपको कुछ लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है।
क्या हैं डायबिटीज के लक्षण? (Symptoms of Diabetes)
डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में शरीर आपको कुछ सिम्टम्स देता है। यह सिम्टम्स यानी कि लक्षण आप को समझने होते हैं। डायबिटीज के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं –
- बार-बार यूरिनेशन होना
- बार-बार प्यास लगना
- बहुत भूख लगना
- अत्यधिक थकान
- धुंधला दिखना
- किसी चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लगना
- लगातार घटता वजन (टाइप1)
- हाथ / पैर में झुनझुनी या दर्द (टाइप 2)
यदि आप इन लक्षणों को महसूस करते हैं, तो आपको जल्द से जल्द अपना ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) मापने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा कुछ ऐसे लक्षण भी हैं, जो जिसके चलते आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन लक्षणों में हैं –
- बहुत ज्यादा उल्टी, मतली, चक्कर या कमजोरी महसूस होना
- बहुत ज्यादा प्यास लगना या बार-बार पेट दर्द के साथ पेशाब होना
- सांस तेज होना या सांस फूलना
ऐसे लक्षण दिखाई देने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर जरूरी टेस्ट करने के बाद आपको डायबिटीज के लिए आवश्यक मेडिसिन प्रिसक्राइब कर सकते हैं। इन दवाइयों की मदद से आप जल्द से जल्द डायबिटीज (Diabetes) को कंट्रोल में ला सकते हैं। यदि समय पर इन समस्याओं का इलाज ना ढूंढा जाए, तो डायबिटीज से जुड़ी अन्य जटिलताएं भी आपके शरीर में घर कर जाती हैं। इन्ही जटिलताओं में से एक है किडनी डिजीज (Kidney disease)।आइए अब जानते हैं डायबिटीज और किडनी डिजीज की तकलीफ एक दूसरे से किस तरह जुड़ी हुई है।
डायबिटीज और डायलिसिस का क्या है संबंध? (Diabetes and dialysis)
जिन लोगों को डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होती है, उनमें से ज्यादातर लोगों को किडनी डिसऑर्डर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। किडनी डिजीज में किडनी में मौजूद रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती है, इसलिए डायबिटीज में किडनी डिजीज होना आम बात मानी जाती है। किडनी के कमजोर हो जाने के कारण वह आसानी से काम नहीं कर पाती और इसकी वजह से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते। जिसके चलते किडनी फेलियर की समस्या भी होती है। इसलिए किडनी डिसऑर्डर (Kidney disorder) से ग्रसित लोगों को अपने ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखना जरूरी माना जाता है। यह मुमकिन तब होता है, जब आप एक प्रॉपर डायट और एक्सरसाइज के शेड्यूल बनाएं। जब आपकी लाइफ स्टाइल बेहतर होती है, तो आपको किडनी डिजीज के साथ डायबिटीज की समस्या में आराम मिलता है। आइए जानते हैं डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) से जुड़ी ये खास बातें।
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डायबिटीज डायलिसिस में डायट : रखें इन बातों का खास ख्याल! (Diet for dialysis patients with diabetes)
डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) का खास रोल माना जाता है। यदि आप डायबिटीज डायलिसिस (Diabetes dialysis) के दौरान खाने से जुड़ी बातों को मानते हैं, तो आपको डायबिटीज के साथ होने वाली किडनी डिजीज में भरपूर फायदा मिल सकता है। डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) से जुड़ी टिप्स इस प्रकार हैं –
डायबिटीज डायलिसिस में डायट : डायटिशियन से सलाह है जरूरी (Diet for dialysis patients with diabetes)
जब आप डायबिटीज (Diabetes) से जुड़ी समस्या को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह आपको डायबिटीज और किडनी डिजीज से जुड़ी हुई दवाइयां देते हैं। उसी प्रकार जब बात आती है डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) की, तो आपको डायटिशियन या नेफ्रोलॉजिस्ट (Dietician or nephrologist) से संपर्क करना चाहिए। डायटिशियन द्वारा बनाई गई डायबिटीज डायलिसिस (Diabetes dialysis) डायट आपके लिए फायदेमंद मानी जाती है। इसलिए हमेशा डॉक्टर से संपर्क करके अपनी डायट निर्धारित करें।
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डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) : तीन मील्स का है महत्व
कहा जाता है कि डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में थोड़े-थोड़े समय में खाना बेहद जरूरी है। इसलिए जब बात हो रही हो डायबिटीज डायलिसिस में डायट की, तो आपको दिन में कम से कम 3 मील्स खाना बेहद जरूरी है। जब आप दिन में 3 मील्स खाते हैं, तो यह आपके ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल बनाए रखता है और ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ने नहीं देता। इसलिए डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) के अंतर्गत तीन मील्स लेना बेहद जरूरी है।
डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) : परहेज को ना करें नजरअंदाज
जैसा कि आप सभी जानते हैं डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में खाने से जुड़ा परहेज बेहद जरूरी माना जाता है। इसलिए ऐसे किसी भी खाद्य पदार्थ से आपको दूर रहना चाहिए, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा दे। खासतौर पर हाय कैलोरी और हेवी खाद्य पदार्थ से आपको दूर रहना चाहिए, जो डायबिटीज और किडनी डिजीज में आपकी परेशानी का कारण बन सकते हैं।
डायबिटीज डायलिसिस में डायट : इन खाद्य पदार्थों को चुनना है जरूरीडायबिटीज डायलिसिस में डायट
डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) के अंतर्गत आपको हमेशा ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करना चाहिए, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रख सके। इसलिए आपको कुछ खास तरह के खाद्य पदार्थों का चयन करना चाहिए, जो लो प्रोसेस्ड फूड हों। इन नॉन प्रोसेस्ड फूड में लो फैट डेयरी प्रोडक्ट, लीन मीट(Lean meat), सब्जियां, फल, अनाज इत्यादि का समावेश होता है। जब आप डायबिटीज डायलिसिस (Diabetes dialysis) की समस्या में डायटिशियन से संपर्क करें, तो अपने डायट में इन चीजों को शामिल करना ना भूलें।
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डायबिटीज डायलिसिस में डायट : लो पोटैशियम फूड का करें चुनाव
आपने अक्सर सुना होगा कि डायबिटीज की समस्या में फाइबर आपकी बेहद मदद कर सकता है। फाइबर खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है, जिसकी वजह से आप सीमित मात्रा में खाना खाते हैं। इसलिए आपको हमेशा डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) के अंतर्गत लो पोटैशियम फूड खाना चाहिए। लो पोटैशियम फूड (Low potassium food) खाने से आपके शरीर में फाइबर का कंटेंट बना रहता है, जो डायबिटीज डायलिसिस (Diabetes dialysis) की स्थिति में आपकी मदद करता है।
डायबिटीज डायलिसिस में डायट : पेय पदार्थों का सेवन करना ना भूलें
चाहे आप हेल्दी हों या आपको डायबिटीज (Diabetes) या किडनी डिजीज के समस्या हो, लिक्विड डायट और लिक्विड कंटेंट आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। आपको एक सही मात्रा में पेय पदार्थ लेने की जरूरत पड़ती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेकर आपको पेय पदार्थों की मात्रा जरूर तय करनी चाहिए। जब डायबिटीज के साथ किडनी डिजीज की समस्या होती है, तो सही मात्रा में पानी और पेय पदार्थ का सेवन करना आपके लिए और भी जरूरी हो जाता है। इसलिए डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) के अंतर्गत आपको पेय पदार्थों पर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है।
इन बातों का ध्यान रखना भी है जरूरी!
यह तो थी डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) की बात। लेकिन डायट के अलावा फिजिकल एक्टिविटी भी आपके लिए बेहद जरूरी मानी जाती है। इसलिए रोजाना आपके लिए एक्सरसाइज, मेडिटेशन (Meditation) और योग (Yoga) करना बेहद जरूरी माना जाता है। जब आप फिजिकल एक्सरसाइज करते हैं, तो आपका ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहता है, जो डायबिटीज डायलिसिस की स्थिति में बेहद जरूरी माना जाता है।
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इसके अलावा जो बात आपको नहीं भूलनी चाहिए, वह है डायबिटीज डायलिसिस (Diabetes dialysis) की स्थिति में दी गई दवाइयां। जब आप डायलिसिस पर होते हैं और साथ ही साथ आपको डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होती है, तो ऐसी स्थिति में रोजाना समय पर दवाई खाना बेहद जरूरी है। डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, ऐसा करने पर आपकी तबीयत पर इसका सीधा असर देखा जा सकता है।
डायबिटीज डायलिसिस में डायट (Diet for dialysis patients with diabetes) जितनी आवश्यक है, उतनी ही जरूरी है आपकी लाइफस्टाइल। लाइफस्टाइल से जुड़ी बातों का ध्यान रखकर आप डायबिटीज और क्रॉनिक किडनी डिजीज की समस्या में आराम पा सकते हैं। इसलिए हमेशा अपना ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रखें और डॉक्टर से संपर्क में बने रहे।
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