वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भारत में डायबिटीज के पेशेंट्स की संख्या 77 मिलियन है और आने वाले सालों में डायबिटीज पेशेंट्स की संख्या बढ़ सकती है। डायबिटीज की समस्या जेनेटिकल कारणों से साथ-साथ अनहेल्दी लाइफ स्टाइल की वजह से भी हो सकती है। वहीं डायबिटीज की समस्या तब और ज्यादा तकलीफदेह हो जाती है जब अन्य हेल्थ कंडिशन भी जुड़ जाए। ऐसी ही समस्या है डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones Relation With Ischemic Heart Disease In Diabetes Patients) से जुड़ी हुई। आज इस आर्टिकल में डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।
- डायबिटीज, इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन क्या है?
- डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन का आपस में क्या तालमेल है?
- ब्लड शुगर लेवल कैसे रखें कंट्रोल?
- कैसे समझें की ब्लड शुगर लेवल कम या ज्यादा हो रहा है?
चलिए अब डायबिटीज, इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन के बारे में रिसर्च रिपोर्ट्स क्या कहती है वह समझने की कोशिश करते हैं।
डायबिटीज (Diabetes) क्या है?
डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल इम्बैलेंस हो जाता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार जब बॉडी आवश्यक मात्रा में इंसुलिन (Insulin) का निर्माण नहीं कर पाता है, तो ऐसी स्थिति में बॉडी सेल्स ठीक तरह से काम नहीं कर पाते हैं। बॉडी में इंसुलिन अगर ठीक तरह से काम ना करे, तो ग्लूकोज का संचार ठीक तरह से नहीं हो पाता है। डायबिटीज की समस्या अलग-अलग तरह की होती है। जैसे टाइप 1 डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज एवं जेस्टेशनल डायबिटीज। डायबिटीज पेशेंट्स में इम्यून पावर कम होने की वजह से अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए यहां डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजी ज और सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones Relation With Ischemic Heart Disease In Diabetes Patients) के बारे में समझेंगे।
और पढ़ें : समझें क्या है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज?
इस्केमिक हार्ट डिजीज (Ischemic Heart Disease) क्या है?
इस्केमिक हार्ट डिजीज को कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Disease) भी कहा जाता है। इस्केमिक हार्ट डिजीज होने पर हार्ट को आवश्यक ब्लड की पूर्ति नहीं नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में मसल्स में ऑक्सिजन (Oxygen) और पोषक तत्वों (Nutrients) की कमी हो जाती है। ये सभी स्थिति हार्ट को ठीक तरह से फंक्शन नहीं करने देते हैं। वहीं डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज की समस्या शारीरिक एवं मानसिक तकलीफों को और ज्यादा बढ़ा देती है। यहां हम आपके साथ डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones Relation With Ischemic Heart Disease In Diabetes Patients) से जुड़ी जानकारी यहां शेयर करेंगे, लेकिन पहले समझलेते हैं सेक्स हॉर्मोन के बारे में।
सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormone) क्या है?
सेक्स हॉर्मोन महिलाओं एवं पुरुषों दोनों में होते हैं। महिलाओं में सेक्स हॉर्मोन ओवरी (Ovary) से रिलीज होता है। पुरुषों में सेक्स हॉर्मोन टेस्टिस (Testes) से रिलीज होते हैं और स्पर्म (Sperm) के प्रॉडक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ये हुई डायबिटीज, इस्केमिक हार्ट डिजीज (Ischemic Heart Disease) और सेक्स हॉर्मोन से जुड़ी जानकारी। चलिए अब डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones Relation With Ischemic Heart Disease In Diabetes Patients) के बारे में समझते हैं।
और पढ़ें : डबल डायबिटीज की समस्या के बारे में जानकारी होना है जरूरी, जानिए क्या रखनी चाहिए सावधानी
डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones Relation With Ischemic Heart Disease In Diabetes Patients) का आपसी तालमेल क्या है?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार सेक्स हॉर्मोन लिपोप्रोटीन में एथेरोजेनिक परिवर्तन एवं ग्लूकोज और इंसुलिन के मेटाबॉलिक चेंजेस से जुड़े हुए हैं। वहीं डायबिटीज, सेक्स हॉर्मोन और डिहाइड्रोएपिअंड्रोस्टेरोन सल्फेट (DHEA-SO4) और इस्केमिक हार्ट डिजीज (IHD) में आपसी संबंध है। रिसर्च के दौरान फ्री टेस्टोस्टेरॉन (Free testosterone) ग्लोब्युलिन (Globulin), एस्टेरॉन (Estrone), एस्ट्राडियोल (Estradiol) और डिहाइड्रोएपिअंड्रोस्टेरोन सल्फेट (DHEA-SO4) आपस में जुड़ने लगते हैं। एनसीबीआई (NCBI) के रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones Relation With Ischemic Heart Disease In Diabetes Patients) में आपसी तालमेल बहुत ज्यादा नहीं है।
रिसर्च रिपोर्ट में तो डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन में बहुत ज्यादा संबंध को दर्शाया नहीं गया है, लेकिन अगर डायबिटीज की समस्या है या डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज (IHD) की समस्या है, तो ऐसी स्थिति हृदय का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
और पढ़ें : पेरीफेरल न्यूरोपैथी में आयुर्वेद : डायबिटीज की इस कॉम्प्लीकेशन्स के लिए आसान उपाय है आयुर्वेद!
डायबिटीज और इस्केमिक हार्ट डिजीज (Ischemic Heart Disease)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) का खतरा बढ़ जाता है। वहीं डायबिटीज मरीजों में इस्केमिक हार्ट डिजीज (Ischemic Heart Disease) की संभावना और ज्यादा रहता ही। इसलिए ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस में रखना बेहद जरूरी है।
डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन: ब्लड शुगर लेवल कैसे रखें कंट्रोल? (How to control Diabetes)
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें-
- इंसुलिन (Insulin)- डॉक्टर ने अगर पेशेंट को इंसुलिन लेने की सलाह दी है, तो डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड इंसुलिन डोज लें। इंसुलिन डोज में लापरवाही ना बरतें। वहीं अगर डॉक्टर ने ब्लड शुगर लेवल बैलेंस में रखने के लिए दवा प्रिस्क्राइब की है, तो दवाओं का सेवन समय-समय पर करें।
- एक्सरसाइज (Workout)- एक्सरसाइज या योगासन का शरीर को स्वस्थ्य रखने में डायबिटीज कंट्रोल करने में अत्यधिक योगासन है। इसलिए नियमित और सही तरीके से एक्सरसाइज या योगासन करें।
- पानी (Water)- शरीर में पानी की कमी भी ब्लड शुगर लेवल को इमबैलेंस करने का काम कर सकती है। इसलिए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज मरीजों को जूस या डायट सोडा का सेवन ना कर ताजे पानी का सेवन करना चाहिए।
- प्रोटीन स्नैक (Protein snacks)- ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने के लिए हाई प्रोटीन फूड (High Protein Food) का सेवन करना चाहिए। हाई प्रोटीन फूड में शुगर की मात्रा कम होती है और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा, जो डायबिटिक पेशेंट्स के लिए लाभकारी हो सकता है।
- डायट (Diet)- डायबिटीज मरीजों को डायबिटिक मील (Diabetes meal) रोजाना फॉलो करना चाहिए।
इन ऊपर बताये पांच टिप्स डायबिटीज पेशेंट्स को जरूर फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) इमबैलेंस होने का खतरा कम हो सकता है और आप हेल्दी रह सकते हैं।
और पढ़ें : टाइप 2 डायबिटीज और आयोडीन डेफिशिएंसी में क्या संबंध है, जानिए यहां एक्सपर्ट से
डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन: कैसे समझें की ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) कम या ज्यादा हो रहा है?
निम्नलिखित स्थितियां लो ब्लड शुगर लेवल की ओर इशारा करती हैं। जैसे:
- हाथ (Shaking) कांपना।
- अत्यधिक पसीना (Sweating) आना।
- नर्वस (Nervousness) होना।
- एंजायटी (Anxiety) महसूस होना।
- इरिटेड (Irritability) होना।
- भ्रम (Confusion) में रहना।
- चक्कर (Dizziness) आना।
- बार-बार भूख (Hunger) लगना।
ब्लड शुगर लेवल लो होने के ऊपर बताये संकेत हो सकते हैं।
और पढ़ें : डायबिटीज और नाइट विजन प्रॉब्लम: डायबिटीज कैसे आंखों पर नेगेटिव प्रभाव डालता है?
हाय ब्लड शुगर लेवल को कैसे समझें?
निम्नलिखित स्थितियां हाय ब्लड शुगर लेवल की ओर इशारा करती हैं। जैसे:
- बिना कारण थकावट (Tired) महसूस करना।
- बार-बार प्यास (Thirsty) लगना।
- धुंधला दिखाई (Blurry vision) देना।
- बार-बार टॉयलेट (Pee) जाना।
ब्लड शुगर लेवल बढ़ने पर ऊपर बताये संकेत हो सकते हैं।
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन से जुड़े सवालों का जवाब तलाश कर रहें थें, तो उम्मीद करते हैं डायबिटीज पेशेंट्स में इस्केमिक हार्ट डिजीज और सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones Relation With Ischemic Heart Disease In Diabetes Patients) के आपसी तालमेल को समझने में सुविधा हुई होगी। वैसे अगर आप या आपके कोई भी करीबी डायबिटिक हैं, तो उन्हें ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस बनाये रखने की सलाह दें, जिससे अन्य बीमारियों से दूर रहने में मदद मिल सकती है।
स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।
[embed-health-tool-bmi]