नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन एजिंग (National Institute on Aging) के अनुसार पार्किंसन रोग (Parkinson Disease) एक ब्रेन डिसऑर्डर (Brain disorder) है, जिसके कारण प्रभावित व्यक्ति कंपकंपी, स्टिफनेस और चलने, बैलेंस करने व कोऑर्डिनेशन में समस्या का अनुभव करते हैं। यह समस्या बुजुर्गों को होती है। इसके लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होते हैं और समय के साथ बदतर होते जाते हैं। जैसे ही यह समस्या बढ़ती है, लोग चलने और बात करने में भी समस्या महसूस करते हैं। इसके साथ ही वो मेंटल और बिहेवियर चेंज (Mental and behavior change), स्लीप प्रॉब्लम (Sleep problem), डिप्रेशन (Depression), मेमोरी डिफीकल्टीज (Memory difficulties) और थकावट (Exhaustion) आदि का भी अनुभव कर सकते हैं।
पार्किंसन रोग (Parkinson Disease) महिलाओं और पुरुषों दोनों को हो सकता है। हालांकि, महिलाओं की तुलना में पुरुषों को यह बीमारी अधिक होती है। इस बीमारी का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है रोगी की उम्र। इसके लक्षणों को अधिकतर लोग साठ साल की उम्र के बाद अनुभव करते हैं। लेकिन, बहुत कम मामलों में इससे पहले भी लोग इसके सिम्पटम्स को महसूस कर सकते हैं। डायबिटीज पेशेंट्स में पार्किंसन का खतरा (Risk of Parkinson Disease Onset in Patients With Diabetes) एक जैसा टॉपिक है जिसके बारे में हर किसी को जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि उम्र के बढ़ने के साथ ही इन दोनों रोगों की संभावना भी बढ़ जाती है। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं कि क्या हैं पार्किंसन रोग (Parkinson Disease) के लक्षण?
और पढ़ें: World Parkinson Day: पार्किंसन रोग से लड़ने में मदद कर सकता है योग और एक्यूपंक्चर
पार्किंसन रोग के लक्षण (Symptoms of Parkinson Disease)