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क्या लिंक है प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के बीच में? इस तरह से करें इस कंडिशन को मैनेज!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

    क्या लिंक है प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के बीच में? इस तरह से करें इस कंडिशन को मैनेज!

    प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए बेहद खास समय होता है। लेकिन, इस दौरान होने वाली समस्याएं न केवल मां बल्कि गर्भ में शिशु को भी प्रभावित कर सकती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis)। एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक तरह का अर्थराइटिस है, जिसके कारण लोअर बैक पेन होती है। इसके लक्षणों में हिप में दर्द और कमर में अकड़न शामिल है। इस समस्या में दर्द से छुटकारा पाने और फ्लेक्सिबिलिटी को मेंटेन करने का सबसे बेहतरीन तरीका है, एक्सरसाइज करना। हालांकि, इसके साथ ही रोगी को दवाईयों भी दी जा सकती हैं। लेकिन, क्या आप प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis) के बीच के संबंध के बारे में जानते हैं ? आज हम आपको प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis) के बारे में जानकारी देने वाले हैं। लेकिन, पहले जान लेते हैं एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के विषय में।

    एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस क्या है? (Ankylosing Spondylitis)

    एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) एक दुर्लभ प्रकार का अर्थराइटिस है, जो स्पाइन में दर्द और अकड़न का कारण बन सकता है। यह वो स्थिति है जिसकी शुरुआत लोवर बैक से होती है। इसके बाद यह परेशानी आपकी गर्दन में फैल सकती है और इसके कारण शरीर के अन्य भागों के जोड़ डैमेज हो सकते हैं। एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस में एन्काइलॉसिंस (Ankylosis) का अर्थ होता है फ्यूज्ड बोन्स (Fused Bones)  या अन्य हार्ड टिश्यू (Hard Tissue) और स्पॉन्डिलाइटिस का मतलब है स्पाइनल बोन में सूजन (Swelling in the Spinal Bone)। इस स्थिति के गंभीर मामले में इसके कारण रोगी की रीढ़ को हड्डी में कूबड़ भी हो सकता है

    हालांकि, किसी भी व्यक्ति को यह समस्या हो सकती है। लेकिन, महिलाओं की तुलना में यह पुरुषों को अधिक होती है। यही नहीं, इसके लक्षण 17 और 45 की उम्र के बीच के लोगों को अधिक नजर आते हैं। इसके साथ ही इस समस्या का जेनेटिक लिंक भी है। प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis) के बीच में लिंक के बारे में जानने से पहले इसके लक्षणों के बारे में जानना भी जरूरी है।  जानिए, इस समस्या के दौरान कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं?

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    एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण (Symptoms of Ankylosing Spondylitis)

    एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) का सबसे पहला लक्षण है, लगातार दर्द होना। एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) की समस्या सैक्रोइलियक जॉइंट्स (Sacroiliac joints) से शुरू होती है। यह वो जॉइंट्स हैं जहां स्पाइन (Spine) का बेस और पेल्विस (Pelvis) कनेक्ट होते हैं। इस स्थिति में वो जगहें भी प्रभावित हो सकती हैं, जहां टेंडॉन्स और लिगामेंट्स (Tendons and ligaments) बोन्स से अटैच होते हैं। एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के कारण इन जगहों पर भी दर्द और अकड़न हो सकती है:

    अन्य लक्षण (Other Symptoms)

    इसके साथ ही एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) की कंडिशन में अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

    • दर्द जो सुबह या अधिकतर बहुत देर बैठने पर बदतर हो जाता है(Pain)
    • एक रिजिड स्पाइन जो आगे की तरफ झुकती है (Rigid Spine)
    • थकावट (Tiredness)
    • जोड़ों में सूजन (Swelling in joints)
    • गहरी सांस लेने में परेशानी (Trouble taking deep breaths)

    हालांकि, हर व्यक्ति के लिए यह लक्षण अलग हो सकते हैं। यह भी हो सकता है कि कुछ लोगों को यह लक्षण न नजर आएं या इसके अलावा अन्य लक्षण नजर आएं। प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis) एक गंभीर कंडिशन हो सकती है। आइए जानिए क्या हैं इसके कारण और रिस्क-फैक्टर्स?

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    एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण (Causes of Ankylosing Spondylitis)

    शोधकर्ताओं को इस बात की पूरी जानकारी नहीं है कि इस समस्या का विकास किस कारण होता है। लेकिन, मेडलाइनप्लस (MedlinePlus) के अनुसार इसका कारण रोगी के जीन्स हो सकते हैं।  एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) से पीड़ित अधिकतर लोगों में एक जीन होता है एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) से पीड़ित अधिकतर लोगों में एक जीन होता है जिसे HLA – B के नाम से जाना जाता है। यह म्यूटेट होने के बाद HLA-B27 प्रोटीन बनाता है, जो एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के रिस्क को बढ़ा देता है। डॉक्टर्स के अनुसार यह प्रोटीन इम्यून सिस्टम को शरीर में मौजूद एक सामान्य बैक्टीरिया पर अटैक करने के लिए कहता है। HLA-B27 प्रोटीन व्हाइट ब्लड सेल्स में मौजूद होते हैं जो शरीर के इम्यून सिस्टम को खुद के सेल्स और अन्य हानिकारक सब्सटांस में अंदर करने में मदद सकता है। इसके रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:

    • लिंग (Sex): महिलाओं की तुलना में पुरुषों को यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है
    • उम्र (Age): ऐसा माना जाता है कि यह समस्या आमतौर पर टीनएज में शुरू हो जाती है। इसके लक्षण 17 से 45 साल तक के लोगों में अधिक दिखाई देते हैं। अब जानते हैं प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis) के बारे में।

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    प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis)

    जब किसी महिला में एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) का निदान होता है, तो शायद ही उसके दिमाग में यह बात आए कि भविष्य में प्रेग्नेंसी यह बीमारी उसे किस तरह से प्रभावित कर सकती है? लेकिन, यह एक तरह का अर्थराइटिस है, जिसकी अन्य अर्थराइटिस  के प्रकारों जैसे रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis)  या ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) , की तुलना में उन महिलाओं में होने की संभावना अधिक होती है जो गर्भवती हैं। अन्य रयुमाटिक डिजीज जैसे रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) की तुलना में यह समस्या दुर्लभ है।

    हालांकि, पिछले कुछ सालों में की गई नई रिसर्च से इस रोग का प्रेग्नेंसी पर प्रभाव के बारे में पता चला है। इसके बारे में अभी कम स्टडी की गयी है लेकिन फिर भी कुछ हद तक इसके बारे में जानकारी मिल सकती है। अगर आपको एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) की समस्या है, तो प्रेग्नेंसी में इससे जुड़े जोखिमों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। जानिए इसके बारे में विस्तार से।

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    प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के रिस्क्स (Risks of Pregnancy and Ankylosing Spondylitis)

    अर्थराइटिस के कुछ प्रकार जैसे रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) में, इसके कारण गर्भावस्था के दौरान डिजीज एक्टिविटीज कम हो सकती हैं, लेकिन एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) में ऐसा नहीं होता।

    प्रेग्नेंसी से पहले और इस दौरान अधिक डिजीज एक्टिविटी को विभिन्न हार्मफुल इफेक्ट्स के साथ जोड़ा जाता है। अधिक डिजीज एक्टिविटी के कारण फर्टिलिटी कम हो सकती है और इसके कारण गर्भवती मां और शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने का जोखिम अधिक रहता है, जैसे प्रीटर्म लेबर (Preterm birth) या लो बर्थ वेट (Low Birth Weight)।

    यही नहीं, इसके कारण सी-सेक्शन प्रसव का जोखिम भी बढ़ सकता है। हालांकि, इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस से गर्भधारण में भी समस्या होती है। लेकिन, इसके लिए प्रीप्लानिंग और नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह जरूरी है। अब जानते हैं प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis) के उपचार के बारे में।

    प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस

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    प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का उपचार (Treatment of Pregnancy and Ankylosing Spondylitis)

    हालांकि, यह एक बहस का विषय है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कौन सी दवाईयां लेना सुरक्षित है और कौन सी नहीं? मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate) वह ड्रग है, जिसका एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के उपचार में प्रयोग किया जाता है। लेकिन, गर्भावस्था से पहले इसे लेना बंद करना जरूरी है। क्योंकि, इनके कारण फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है और बर्थ डिफेक्ट्स का जोखिम हो सकता है। एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के लिए निर्धारित अधिकतर दवाओं के जोखिम तब समाप्त होते हैं, जब दवा ब्लड स्ट्रीम से बाहर हो जाती है।

    प्रेग्नेंसी के दौरान ली जाने वाली कुछ दवाईयां जोखिम भरी हो सकती हैं। इस जोखिम में प्रीटर्म डिलीवरी शामिल है। अगर किसी महिला को एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) की समस्या है, तो प्रेग्नेंसी में उसे ड्रग्स को लेने से बचना चाहिए। यही नहीं, गर्भावस्था से पहले और दौरान आप जितनी हेल्दी होंगी। आपकी प्रेग्नेंसी भी उतनी ही सुखद और शिशु उतना ही स्वस्थ होगा। अगर इस दौरान आपको हेल्दी रहना है, तो किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह और नियमित जांच बेहद आवश्यक है।

    एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के दौरान ऐसा कोई नियम नहीं है कि महिला को किस दवाई का सेवन करना चाहिए या किस दवाई को नहीं लेना चाहिए। लेकिन, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि यह बीमारी जितनी अधिक हो सके, स्टेबल हो। अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान रेगुलर दवाईयां ले रहे हैं, तो इस दौरान स्टेबल डिजीज एक्टिविटी जरूरी है।

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    एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के अन्य उपचार (Other Treatment of Ankylosing Spondylitis)

    अगर किन्हीं कारणों से एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के उपचार के लिए स्टेरॉयड दिए जाते हैं, तो डॉक्टर इसकी कम डोज देते हैं और उन्हें कम समय के लिए दिया जाता है। ताकि, शिशु के लिए इसका जोखिम कम हो सके। हालांकि, एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) की समस्या के उपचार के लिए यह तरीके अपनाए जा सकते हैं:

    • व्यायाम(Exercise) : नियमित रूप से व्यायाम करने से इस रोग का विकास कम हो सकता है।
    • नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Nonsteroidal anti-inflammatory drugs) : नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स में आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) आदि शामिल है। हालांकि, आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) को प्रेग्नेंसी की अंतिम महीनों में लेना हानिकारक है।
    • डिजीज-मॉडीफीइंग एंटी-रूमेटिक ड्रग्स (Disease-modifying anti-rheumatic drugs): सल्फासलाजिन (Sulfasalazine) जैसी दवाईयां दर्द और जोड़ों की सूजन को कम कर सकती हैं।
    • कॉर्टीकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) : यह इंजेक्टेबल कॉर्टीकोस्टेरॉइड्स जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने में अस्थायी रूप से सहायक हैं। इन दवाईयों को कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना न लें, खासतौर पर गर्भावस्था में।

    यह तो थी प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis) के बारे में जानकारी। अगर आपको एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) की समस्या है, तो गर्भावस्था से पहले ही अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। हालांकि, इस समस्या को मैनेज करने के कुछ अन्य तरीके भी हैं जैसे जीवनशैली में कुछ बदलाव। आइए जानें इनके बारे में:

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    प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को कैसे मैनेज करें? (Management of Ankylosing Spondylitis)

    एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के दौरान होने वाली दर्द और अकड़न से छुटकारा पाने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाएं जा सकते हैं, जैसे:

    • सही और संतुलित आहार का सेवन (Eat Right Food): आप चाहे गर्भवती हों या नहीं, लेकिन इस कंडिशन से बचने के लिए आपको अपने आहार में बदलाव करने चाहिए। तला हुआ, प्रोसेस्ड मीट्स या ऐसा आहार जिसमें फैट और शुगर की मात्रा अधिक हो, सूजन को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। ऐसे में, आपको ऐसे आहार का चुनाव करना चाहिए जो सूजन को दूर करने में प्रभावी हो।
    • हेल्दी वेट को मेंटेन रखें (Maintain Healthy Weight): अगर आपका वजन अधिक है, तो इससे आपके जोड़ों और हड्डियों दोनों पर प्रेशर पड़ सकता है। यह स्थिति आपके लिए हानिकारक हो सकती है।
    • एल्कोहॉल से बचाव (Ignore Alcohol): अधिक शराब पीने से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे गठिया की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में एल्कोहॉल का सेवन कम करें। गर्भावस्था में एल्कोहॉल से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए। स्मोकिंग करने से भी स्पाइनल डैमेज हो सकता ,है ऐसे में इससे भी दूर रहें।

    Quiz: प्रेग्नेंसी के बारे में कितना जानते हैं आप?

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    उम्मीद है कि प्रेग्नेंसी और एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Pregnancy and Ankylosing Spondylitis) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आपको एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या है तो प्रेग्नेंसी के दौरान आपको अपना और भी अधिक ख्याल रखना होगा। इसका अर्थ है कि पर्याप्त नींद लें, शारीरिक गतिविधियों में रूचि लें, न्युट्रिशयस आहार का सेवन करें, तनाव से बचें आदि। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से भी सलाह ली जा सकती है।

    ध्यान रखें, एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) एक लाइफलॉन्ग हेल्थ समस्या है जिसका कोई इलाज नहीं है। दवाईयों, जीवनशैली में बदलाव और व्यायाम से आप इसके लक्षणों को मैनेज कर सकते हैं और एक गुणवत्ता भरी जिंदगी जी सकते हैं। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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