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बायफेसिक आइसोफेन इंसुलिन इंजेक्शन आईपी को स्टोर करने के तरीके
बायफेसिक आइसोफेन इंसुलिन इंजेक्शन आईपी (Biphasic Isophane Insulin Injection IP) को इसके ओरिजनल कंटेनर में ही रखें और हीट व लाइट से सुरक्षित रखें। जब तक रोगी इंजेक्शन के लिए तैयार न हो, कंटेनर में से सिरिंज के माध्यम से इंसुलिन को न निकालें। इसे फ्रीज न करें। अगर यह इंसुलिन जम गई हो तो उसे फेंक दें। अगर आपने इस इंसुलिन को खोला नहीं है, तो इसे रेफ्रिजरेट करें और एक्सपायर होने तक प्रयोग करें। इसे रूम टेम्प्रेचर पर भी स्टोर किया जा सकता है और दी गई सलाह के अनुसार इसका प्रयोग किया जा सकता है।
ओपन इंसुलिन को भी रेफ्रिजरेटर या रूम टेम्प्रेचर में डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्टोर और प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन, प्रयोग किये जा रहे इंजेक्शन पेन को रेफ्रिजरेट न करें। नीडल और सिरिंज को केवल एक ही बार इस्तेमाल करें। इसके बाद इसे अच्छे से डिस्पोज कर दें। बच्चों व जानवरों की पहुंच से इसे दूर रखना बेहद जरूरी है।
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बायफेसिक आइसोफेन इंसुलिन इंजेक्शन आईपी की ओवरडोज लेने पर क्या हो सकता है?
इस इंसुलिन की ओवर डोज लेने से रोगी को गंभीर हायपोग्लाइसीमिया की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों में चक्कर आना, भ्रम, आंखों की रोशनी का धुंधला होना, बोलने में समस्या, मसल्स का कमजोर होना, सीजर और बेहोशी आदि शामिल हैं। ऐसे में इसको कितनी डोज में लेना इसके बारे में आपको पूरा पता होना चाहिए। किसी स्थिति में अगर रोगी इसकी ओवरडोज ले लेता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। इंसुलिन के साथ ब्लड शुगर लो हो सकती है। ऐसे में रोगी को इंसुलिन के बाद कोई भी ऐसा काम करने से बचना चाहिए जिसमें ध्यान लगाने की जरूरत हो।