ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज यानी मधुमेह का पूरी तरह से ट्रीटमेंट संभव नहीं है। लेकिन, दवाइयों और इंसुलिन के इस्तेमाल से इसे मैनेज किया जा सकता है। इसके साथ ही रोगी के लिए सही आहार का सेवन करना और नियमित व्यायाम भी जरूरी है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के लक्षणों को सामने आने में कई साल लग जाते हैं और कई रोगी को इसका कोई भी सिम्प्टम महसूस नहीं करते हैं। लेकिन, यह एक सीरियस कंडीशन है। ऐसे में तुरंत उपचार और इसके लक्षणों को मैनेज करना जरूरी है। आज हम इस समस्या के लिए प्रयोग होने वाली एक मेडिसिन के बारे में बात करने वाले हैं जिसका नाम है एकरबोस (Acarbose)। जानिए एकरबोस (Acarbose) के फायदों और साइड इफेक्ट्स के बारे में विस्तार से।
एकरबोस क्या है? (Acarbose)
एकरबोस (Acarbose) एक प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन है, जो ओरल टेबलेट के रूप में उपलब्ध है। इसका ब्रैंड नेम है प्रीकोज (Precose)। यह मेडिसिन जेनेरिक वर्जन के रूप में भी उपलब्ध है। लेकिन, कुछ मामलों में यह मेडिसिन ब्रैंड नेम वर्जन के रूप या स्ट्रेंथ में भी उपलब्ध नहीं होती। एकरबोस (Acarbose) को कॉम्बिनेशन थेरेपी के पार्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यानी, इसे अन्य ड्रग्स के साथ भी लिया जा सकता है। इस मेडिसिन का इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज के उपचार के लिए किया जा सकता है। यह दवा उन खास केमिकल्स के एक्शन को कम करती है, जो फ़ूड को ब्रेक डाउन करती है ताकि ब्लड में ग्लूकोज रिलीज हो सके।
फूड डायजेशन को स्लो करने से भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज को बहुत अधिक बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। समय के साथ डायबिटीज के कारण रोगी को कई गंभीर समस्याओं या कॉम्प्लीकेशन्स से गुजरना पड़ता है जैसे हार्ट डिजीज (Heart disease), स्ट्रोक (Stroke), किडनी प्रॉब्लम (Kidney Problem), नर्व डैमेज (Nerve damage) आदि। ऐसे में दवाईयां, इंसुलिन और जीवन में सही बदलाव से इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। इस थेरेपी से हार्ट अटैक स्ट्रोक और अन्य कॉम्प्लीकेशन्स से भी छुटकारा मिलता है। अब जानते हैं कि यह दवा कैसे काम करती है
और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज में विटामिन डी सप्लिमेंट्स के उपयोग से बच सकते हैं इन तकलीफों से
एकरबोस कैसे काम करती है?
एकरबोस (Acarbose) का इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है। सही डायट और व्यायाम के साथ यह दवा ब्लड शुगर (Blood Sugar) को कम करने में मदद करती है। यह मेडिसिन जिस ड्रग की क्लास से संबंध रखती है, उसे अल्फा-ग्लूकोसिडेस इन्हिबिटर्स (alpha-glucosidase inhibitors) कहा जाता है। जैसा की पहले ही बताया गया है कि एकरबोस (Acarbose) कुछ खास एंजाइम्स के एक्शन को स्लो करने का काम करती है, जो फूड को शुगर में ब्रेक डाउन करते हैं। इस मेडिसिन को लेने से पहले आपको कुछ बातों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए, जानते हैं इस बारे में।
और पढ़ें: ओरल हायपोग्लाइसेमिक ड्रग्स: टाइप 2 डायबिटीज के ट्रीटमेंट में हैं उपयोगी, उपयोग का तरीका है आसान
एकरबोस से पहले जरूरी है यह जानकारी
अगर आपको इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (Inflammatory bowel disease) है, तो आपको इस दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डायबिटीज कीटोएसीडोसिस (Diabetic Ketoacidosis) के मरीजों को भी यह दवा नहीं लेनी चाहिए। इसके अलावा आपको निम्नलिखित स्थितियों में भी इसकी सलाह नहीं दी जाती है, अगर आपको:
- इस दवा के कंपोनेंट्स या कोई अन्य एलर्जी हो (Allergy)
- इंटेंस्टाइन में ब्लॉकेज हो (Blockage in intestines)
- कोई डायजेस्टिव डिसॉडर हो (Digestive disorder)
- इंटेंस्टाइनल अल्सर हो (Intestinal ulcer)
- लिवर का सिरोसिस हो (Cirrhosis of the liver)
इस बारे का ध्यान रखें कि यह मेडिसिन आपके लिए सुरक्षित है या नहीं इस बारे में पहले ही डॉक्टर से जान लें। अगर आपको निम्नलिखित समस्याएं हैं तो अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं:
- लिवर डिजीज (Liver disease)
- किडनी डिजीज (Kidney disease)
- बॉवेल या इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (Bowel or intestinal disorder)
- स्टमक डिसऑर्डर (Stomach disorder)
ऐसा माना जाता है कि एकरबोस (Acarbose) का सेवन गर्भावस्था की कंडिशन में सुरक्षित है। लेकिन, अगर आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने का प्लान कर रही हैं, तो इसके बारे में डॉक्टर को अवश्य बताएं। इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है कि यह मेडिसिन ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) के लिए सुरक्षित है या नहीं। लेकिन यह मेडिसिन ब्रेस्ट मिल्क से पास होती है और शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में, अगर आप स्तनपान (Breastfeeding) करा रही हैं, तो आपको इस दवा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दवा को लेते हुए इन बातों को भी करें नोट।
और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज और आयोडीन डेफिशिएंसी में क्या संबंध है, जानिए यहां एक्सपर्ट से
यह भी जानें:
- एकरबोस (Acarbose) की सलाह 18 साल से कम उम्र के लोगों को नहीं दी जाती है। इसलिए, अठारह साल से कम उम्र के लोगों को इसे नहीं देना चाहिए। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
- एकरबोस (Acarbose) को लेने से पहले अपने डॉक्टर को उन दवाइयों के बारे में भी बता दें, जिन्हें आप ले रहे हैं। क्योंकि, कुछ दवाइयां इन मेडिसिन के साथ इंटरेक्ट कर सकती हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- अगर आपकी सर्जरी हुई है जिसमें डेंटल सर्जरी भी शामिल है तो अपने डेंटिस्ट या डॉक्टर को यह अवश्य बताएं कि आप एकरबोस (Acarbose) ले रहे हैं। अब जानिए, एकरबोस (Acarbose) का इस्तेमाल कैसे करें?
एकरबोस का प्रयोग कैसे करना चाहिए?
एकरबोस (Acarbose) एक ओरल मेडिसिन है जिसको केवल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए। आमतौर पर इसे दिन में तीन बार लेने के लिए कहा जाता है। इस मेडिसिन की डोज रोगी की मेडिकल कंडिशन और ट्रीटमेंट के रिस्पांस पर निर्भर करता है। इस दवाई के साइड-इफेक्ट्स के बारे में भी आपको जानकारी होनी जरूरी है। इन दुष्प्रभावों को कम करने के लिए इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए। इसकी पहले लो डोज दी जाती है और उसके बाद डोज बढ़ाई जाती है। इस दवा के अधिकतर लाभों के लिए इस दवा को रेगुलर लेना जरूरी है। इसे लेने के बाद अगर आपकी कंडिशन न सुधरें या बदतर हो जाए, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। आइए, जानिए इसके साइड-इफेक्ट्स के बारे में।
और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज का ट्रीटमेंट आसान बनाती हैं ये दवाएं, ब्लड शुगर को कम करने में करती हैं मदद
एकरबोस के साइड-इफेक्ट्स (Side effects of Acarbose)
डायबिटीज के उपचार के लिए इंसुलिन और अन्य मेडिकेशन्स के साथ कॉम्बिनेशन में एकरबोस (Acarbose) को लेने से ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बहुत अधिक लो हो सकता है। अगर आपको इसका कोई भी लक्षण नजर आए तो ग्लूकोज प्रोडक्ट्स (Glucose products) लें और डॉक्टर से बात करें। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह मेडिसिन टेबल शुगर (Table sugar) और अन्य कॉम्प्लेक्स शुगर (Complex sugar) के ब्रेकडाउन ब्लॉक करती है। ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बहुत अधिक लो होने को हायपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) कहा जाता है। इसके कारण रोगी को निम्नलिखित साइड-इफेक्ट्स नजर आ सकते हैं:
- कंपकंपी (Shakiness)
- चक्कर आना (Dizziness)
- स्वेटिंग (Sweating)
- घबराहट या चिड़चिड़ापन (Nervousness or irritability)
- व्यवहार और मूड में अचानक बदलाव आना (Sudden changes in behavior or mood)
- सिरदर्द (Headache)
- मुंह के आसपास नंबनेस और टिंगलिंग होना (Numbness or tingling around mouth)
- कमजोरी (Weakness)
- त्वचा का पीला होना (Pale skin)
- भूख लगना (Hunger)
अगर हायपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) का उपचार न किया जाए, तो गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं। इस दवा को लेने पर निम्नलिखित साइड-इफेक्ट्स भी नजर आ सकते हैं:
- सिजर्स (Seizures)
- बेहोशी (Loss of consciousness)
और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज एक दूसरे को कर सकती हैं प्रभावित! जानिए कैसे
इसके साथ ही इस दवा को लेने के बाद आपको एलर्जिक रिएक्शन ही और इसके लक्षण नजर आएं, तो ऐसे में भी तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है जैसे हाइव्स ? , सांस लेने में समस्या, चेहरे, होंठों या जीभ में सूजन आदि। इसके साथ ही इसके कुछ अन्य साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे:
- गंभीर कब्ज (Severe constipation)
- गंभीर पेट में दर्द (Severe stomach pain)
- डायरिया (Diarrhea)
- आसानी से नील पड़ना (Easy bruising)
- अनयूजुअल ब्लीडिंग (Unusual bleeding)
- लिवर प्रॉब्लम्स जैसे जी मिचलाना, अपर स्टमक पैन, खुजली, पेट में दर्द, थकावट, डार्क यूरिन, पीलिया आदि (Liver problems)
ऐसा जरूरी नहीं है कि एकरबोस (Acarbose) को लेने के बाद सभी लोग इन साइड-इफेक्ट्स अनुभव करें। लेकिन, अगर आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। ताकि, डॉक्टर इनसे बचने के लिए आपका सही मार्गदर्शन कर सकें।
क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!
यह तो थी एकरबोस (Acarbose) के बारे में जानकारी। इस बात का ध्यान रखें कि बहुत सी ड्रग्स ब्लड शुगर (Blood sugar) को प्रभावित कर सकती हैं और इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में जब भी आप किसी मेडिकेशन को लेना शुरू, बंद करते हैं या उनमें कोई बदलाव करते हैं, तो इससे पहले अपने डॉक्टर से अवश्य बात करें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपनी ब्लड शुगर (Blood sugar) को नियमित रूप से जांचें। इस बात को भी नोट करना बेहद जरूरी है कि एकरबोस (Acarbose) और अन्य दवाइयां आपके उपचार का केवल एक हिस्सा है।
इसके साथ ही टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को मैनेज करने के लिए आप अपने जीवन में हेल्दी बदलाव करें जैसे अपने खानपान का ध्यान रखें, नियमित व्यायाम करें, तनाव से बचें और नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar Level) को जांचें। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-bmi]