एलोपेसिया एरीटा बाल झड़ने संबंधी एक समस्या है। जिसमें गुच्छे में बाल झड़ने लगते हैं। इसलिए इस बीमारी को पैची हेयर डिजीज भी कहते हैं। एलोपेसिया एरीटा ऑटोइम्यून डिजीज है। जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम हेयर फॉलिकल पर अटैक करने लगते हैं, जिससे बाल पैच में झड़ने लगते हैं।
अचानक से आपके सिर, आइब्रो, पलकें, शरीर के अंगों आदि से हेयर लॉस हो सकते हैं। एलोपेसिया एरीटा धीरे-धीरे विकसित होता है और ठीक होने पर कई सालों बाद फिर से हो जाता है। कुछ मामलों में तो पूरी तरह से बाल झड़ जाते हैं। इस स्तिथि को एलोपेसिया यूनिवर्सेलिया कहा जाता है। पहली बात तो झड़े हुए बाल उगते नहीं हैं। अगर उग भी जाए तो भी वापस झड़ जाते हैं। बालों का झड़ना अलग-अलग व्यक्तियों में अलग होता है।
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एलोपेसिया एरीटा के लक्षण क्या है?
एलोपेसिया एरीटा का सबसे प्रमुख लक्षण बालों का झड़ना है। सामान्यतः बाल पैच की तरह जगह-जगह से गुच्छे में गिरने लगते हैं। ये पैच कई सेंटीमीटर के होते हैं। एलोपेसिया एरीटा में आपके सिर, आइब्रो, पलकें, शरीर के अंगों आदि से हेयर लॉस होते हैं। एलोपेसिया एरीटा में सबसे पहले आपके तकीए पर बालों के गुच्छे नजर आते हैं और फिर धीरे-धीरे कर के आपके सिर से पैच के रूप में बाल गिरने लगते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि एलोपेसिया एरीटा होने की भविष्यवाणी पहले से नहीं की जा सकती है। ये किसी भी उम्र में कभी भी हो सकता है।
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पुरुषों में एलोपेसिया एरीटा
एलोपेसिया एरीटा पुरुषों के साथ महिलाओं में भी पाया जाता है। लेकिन इस समस्या से महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा प्रभावित होते हैं। जिन पुरुषों में एलोपेसिया एरीटा के कारण बाल झड़ रहे हैं, उनके परिवार में पहले भी किसी को एलोपेसिया एरीटा की शिकायत जरूर होती है। इसे आसान शब्दों में समझा जा सकता है कि एलोपेसिया एरीटा आनुवंशिक कारणों से भी पुरुषों में पाया जाता है।
पुरुषों में चेहरे के बालों के साथ ही सिर के बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। अगर एलोपेसिया एरीटा की तुलना मेल पैटर्न बाल्डनेस से की जाए तो एलोपेसिया एरीटा में सिर से झुंड में बाल पैच की तरह गिरते हैं। जबकि मेल पैटर्न बाल्डनेस में बाल पहले पतले व कमजोर होते हैं, फिर एक-एक कर के झड़ते हैं।
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महिलाओं में एलोपेसिया एरीटा
कुछ महिलाओं में भी एलोपेसिया एरीटा की समस्या होती है। महिलाओं में एलोपेसिया एरीटा में आईब्रो, पलकों और सिर के बाल झड़ सकते हैं। महिलाओं में जब पैच के रूप में बाल झड़ने शुरू होते हैं। तब वह साफ-साफ दिखाई देने लगता है। महिलाओं में भी पुरुषों की तरह फीमेल पैटर्न हेयर लॉस होता है। जिसमें बाल पहले पतले व कमजोर होते हैं, फिर एक-एक कर के झड़ते हैं।
बच्चों में एलोपेसिया एरीटा
बच्चों में भी एलोपेसिया एरीटा हो सकता है। ज्यादातर लोगों में 30 की उम्र तक हेयर लॉस की समस्या पाई गई है। पेरेंट्स से बच्चे में एलोपेसिया एरीटा आता है, जिस कारण बच्चों के भी बाल झड़ने लगते हैं। बच्चों में एलोपेसिया एरीटा होने पर बच्चे के बाल झड़ने के साथ-साथ उसके नेल्स में भी डिफेक्ट पाया गया है।
नेशनल एलोपेसिया एरीटा फाउंडेशन के अनुसार अगर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में एलोपेसिया एरीटा होता है तो बच्चे में झड़ते बालों को लेकर उतना इमोशनल अटैचमेट नहीं होता है। लेकिन, अगर बच्चा पांच साल से ज्यादा का होता है तो बालों को झड़ता देखकर वह ट्रामा में भी जा सकता है। बालों के झड़ने के कारण अगर आपके बच्चे में तनाव या डिप्रेशन नजर आए तो आप बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
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एलोपेसिया एरीटा कितने प्रकार के होते हैं?
एलोपेसिया एरीटा अपने लक्षणों के आधार पर कई प्रकार के होते हैं :
पैची एलोपेसिया एरीटा
पैची एलोपेसिया एरीटा में सिक्के के आकार के पैचेस के रूप में बाल झड़ने लगते हैं। ये सिर के अलावा शरीर के किसी भी अंग के बालों के साथ हो सकता है।
एलोपेसिया टोटलिस
एलोपेसिया टोटलिस में सिर के सारे बारे झड़ जाते हैं और व्यक्ति पूरी तरह से गंजा हो जाता है।
एलोपेसिया यूनिवर्सेलिस
एलोपेसिया यूनिवर्सेलिस में सिर के अलावा चेहरे, आईब्रो, पलकों, छाती, पीठ और प्यूबिक हेयर तक के बाल झड़ जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि शरीर के सभी अंगों के जब बाल झड़ जाए तो उसे एलोपेसिया यूनिवर्सेलिस कहते हैं।
डिफ्यूज एलोपेसिया एरीटा
डिफ्यूज एलोपेसिया एरीटा ज्यादातर मेल या फीमेल पैटर्न बाल्डनेस में दिखाई देता है। जिसके फलस्वरूप अचानक से बाल पतले हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं। लेकिन डिफ्यूज एलोपेसिया एरीटा में पैच की तरह नहीं, बल्कि एक-एक कर के बाल झड़ते हैं।
ओफियासिस एलोपेसिया
ओफियासिस एलोपेसिया में सिर से बाल पैच के रूप में नहीं बल्कि बैंड यानी कि पट्टी की तरह झड़ना शुरू होते हैं।
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एलोपेसिया एरीटा होने के कारण क्या हैं?
एलोपेसिया एरीटा एक ऑटोइम्यून समस्या है। जिसमें हमारा ही प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) हेयर फॉलिकल्स पर अटैक करने लगता है। जिसके कारण वह कमजोर हो जाते हैं और बाल झड़ने लगते हैं। साथ ही इम्यून सिस्टम बालों को बढ़ने से भी रोकता है। फिलहाल एलोपेसिया एरीटा होने की अभी तक कोई सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है।
एलोपेसिया एरीटा का इलाज क्या है?
एलोपेसिया एरीटा का अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं हैं। लेकिन कुछ इलाज है, जिससे आप बालों के झड़ने की गति को धीमा कर सकते हैं। फिर भी बालों के झड़ने के क्रम को धीमा करने की गारंटी नहीं है।
मेडिकल ट्रीटमेंट्स
ओरल ट्रीटमेंट्स
एलोपेसिया में खाने के लिए दवाएं दी जाती हैं। जैसे- कॉर्टिसोन टैबलेट्स या इम्यूनोसप्प्रेसेंट्स दवाएं (मेथोट्रेक्सेट और साइकलोस्पोराइन) दी जाती है। लेकिन इन दवाओं के कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, लिवर व किडनी का डैमेज होना और लिम्फोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ये दवाएं अपने डॉक्टर के परामर्श पर ही खाएं।
मलहम (Topical agents)
कुछ दवाओं को सिर की त्वचा पर लगाने से भी बाल बढ़ते हैं। जैसे-
- मिनॉक्सीडिल एक ओवर दि काउंटर दवा है। जिसे आप दिन में दो बार सिर की त्वचा, पलकों, और दाढ़ियों पर लगा सकते हैं। ये पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन इसका सकारात्मक परिणाम सामने आने में लगभग एक साल से ज्यादा का वक्त लगता है।
- एन्थ्रालिन मलहम को सिर की त्वचा पर लगाने से बाल फिर से उग सकते हैं।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम (क्लोबेटासोल), फोम, लोशन या मलहम को लगाने से बालों के फॉलिकलमें सूजन और जलन कम होती है।
- टॉपिकल इम्यूनोथेरिपी एक प्रक्रिया है जिसमें केमिकल, जैसे- डाईफेनसाइप्रोन को सिर की त्वचा पर हुए रैशेज पर लगाया जाता है। इसे छह महीने तक लगातार लगाने से नए बाल उग सकते हैं। लेकिन अगर बालों में वृद्धि होने लगे तो भी दवा को लगातार लगाते रहना पड़ेगा।
इंजेक्शन
पैची एलोपेसिया एरीटा के लिए स्टेरॉइड इंजेक्शन लगाना एक बेहतर विकल्प है। जिसमें झड़े हुए बाल फिर से उग सकते हैं। जिस क्षेत्र से बाल झड़ जाते हैं, उस जगह पर ही स्टेरॉइड को छोटे सुई के द्वारा लगाया जाता है। इस ट्रीटमेंट के दो महीने के बाद बाल फिर से उग सकते हैं। लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि जो बाल उगे वह फिर से न झड़े।
लाइट थेरिपी
लाइट थेरिपी को फोटोकीमोथेरिपी भी कहा जाता है। जिसमें सोरालेंस दवाओं के साथ यूवी लाइट से रेडिएशन ट्रीटमेंट की जाती है।
एलोपेसिया एरीटा के घरेलू इलाज
एलोपेसिया एरीटा को कुछ हद तक ठीक करने के लिए निम्न घरेलू इलाज हैं :
- एरोमाथेरिपी
- प्रोबायोटिक्स
- माइक्रोनीडलिंग
- विटामिन (बायोटिन)
- एलोवेरा ड्रिंक पिएं
- प्याज के जूस को सिर की त्वचा पर रगड़ने से
- टी ऑयल, रोजमेरी ऑयल, लेवेंडर ऑयल और पिपरमिंट जैसे इसेंशियल ऑयल को लगाएं
- नारियल तेल, कैस्टर ऑयल, जैतून का तेल और होहोबा ऑयल लगाने पर बालों में वृद्धि हो सकती है।
- पौष्टिक आहारों का सेवन करें।
- सिर की त्वचा का मसाज करने से भी बालों में वृद्धि होगी।
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